RE: Antarvasna sex stories मेरी मस्त दीदी
उधर दीदी बिना हिले डुले हमारी तरफ पीठ किये लेटीं थीं। मैं जानता था कि वह जग रहीं है लेकिन उनकी सूजी और घायल चूत को कम से कम चौबीस घंटे का रेस्ट मिलना बहुत ज़रूरी था। और फिर मेरे लिए रात काटने के लिए सायरा की चूत तो चुदने के लिए तैयार थी ही सो मैंने दीदी को डिस्टर्ब न करना ही मुनासिब समझा।
सायरा अब सीधी होकर किसी नागिन के मानिंद मेरे से चिपकी लेटी थी। जाहिर था कि उसकी चूत की खुजली मेरी जीभ से शाँत नहीं हुई थी और वह अब बिना लंड पिलवाये मानने वाली नहीं थी।
मेरा लंड भी बिना चूतरस पिए कहां शांत होने वाला था सो मैंने बिना ज़्यादा वक़्त गंवाये उसे फ़टाफ़ट चोदने के लिए अपने नीचे दबोच लिया।
"आराम से भैय्या ! मेरी चूत कहीं भागी नहीं जा रही है " सायरा अपनी टाँगे चौड़ी करके मेरी कमर पर लपेटती हुई बोली।
" अब तो बिना चुदे अगर भागना चाहेगी तब भी नहीं भाग पायेगी ……… आज तो तेरी चूत और गांड दोनों में अपना लंड पेलूँगा " मैंने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को कस के मसलते हुए कहा।
" हा…… य , अभी तक यही सुना था कि गांड मरवाने में थोडा दर्द ज़रूर होता है लेकिन मज़ा चूत मरवाने से कम नहीं आता , आज ये भी ट्राई करके देखती हूँ "
" मेरे लंड को तो हर टाइट छेद में अन्दर बाहर होने में मज़ा आता है "
" तो फिर करो ना , टाइम क्यों वेस्ट कर रहे हो … अब बस पेल दो भैय्या……… बहुत दिन से मेरी चूत ऐसे ही किसी लंड की चाहत में तड़प रही थी , आज कहीं वो मौका हाथ लगा है "
" चिंता मत कर , मैं केवल चूतों की प्यास बुझाने के लिए ही लुधियाने आया हूँ "
" क्या मतलब ? किसी और की चूत पर भी निगाह है क्या ?"
" अरे ! लुधियाने आकर तो आँख बंद करके भी कमर हिलाओ तो लंड सीधा चूत से टकराता है , मज़ा आ गया लुधियाने में तो "
" फिलहाल तो इस चूत पर ध्यान लगाओ भैय्या , बहुत कुलबुला रही है "
" तो फिर देर किस बात की , चल बन जा घोड़ी .…… मेरा लंड कब मना कर रहा है "
" हाय हाय कैसा काले नाग सा फुंफकार रहा है.…. म्म म्म uuuu आह "
कह कर सायरा ने मेरे लंड के सुपाडे पर एक पप्पी जड़ दी।
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