RE: Antarvasna sex stories मेरी मस्त दीदी
ऊपर आकर मैंने ताश की गड्डी बेड पर फेंकी और जानबूझ कर अपने बदन पर सिर्फ तीन कपड़े यानी बनियान , अंडरवीयर व लुंगी ही रहने दिए और बोला , " देखो ! आज हम लोग रमी तो खेलेंगे लेकिन ठीक वैसे ही जैसे मैं अपने हॉस्टल में फ्रेंड्स के साथ खेलता हूँ "
" क्या मतलब ?" दीदी ने पूछा
" जो भी हारेगा उसे अपने शरीर से एक कपडा उतरना पड़ेगा " मैंने ज़बाब दिया " और जिसके शरीर पर सबसे पहले कपडे ख़तम होंगे उसे बाकी तीनो के दो दो आदेश मानने होंगे "
" दिमाग तो ठीक है तेरा , तू अपनी बहनों को नंगी करना चाहता है " दीदी ने उन दोनों के सामने अपने को कच्ची कुंवारी कली की तरह पेश करते हुए कहा
" अरे दीदी ! ये ज़रूरी तो नहीं कि हम ही हारे , हार तो ये ज़नाब भी सकते हैं। …………. फिर हम तीनो मिल कर इन्हें नंगा करके छत पर घुमांयेंगे " सायरा ने दीदी को समझाया
दीदी बेमन से चुप रहीं और सायरा ने उछल कर पत्ते बांटने शुरू कर दिए। परन्तु वो नासमझ एक बात भूल रहीं थीं कि चाहे खरबूजा छुरी पर गिरे या छुरी खरबूजे पर , कटना खरबूजे को ही है।
पहली चाल में मैं जानबूझ कर हार गया और मैंने अपनी बनियान उतार कर एक तरफ रख दी। उसके बाद तो हद हो गयी , तीन चाल लगातार रजिया हारती चली गयी और उसकी चुन्नी और हेरम पहले ही उतर चुकी थी अब सिर्फ वह ब्रा पेंटी और टॉप पहने थी जिनमे से वह किसी को भी उतारने को तैयार नहीं थी। तभी सायरा ने आगे बढ़ कर ज़बरन उसका टॉप उतार दिया। उसने शरमा कर अपनी ब्रा में कसी रसीली चूचियों को अपनी बांहों से ढँक लिया।
" अरे ! इसमे इतना शरमा क्यों रही है ? कोई बाहर का तो है नहीं , सब अपने ही तो है " मैंने उसे समझाते हुए कहा
ज़बकि मैं चाह रहा था कि दीदी हार जाएँ क्योंकि वह सबसे बड़ी हैं। उनके नंगा होने के बाद फिर मुझे बाकी इन दोनों को नंगा करने में वक़्त नहीं लगना था।
तभी सायरा बोली " यार ! इस गेम के साथ एक एक चाय और होती तो मज़ा आ जाता "
" मैं बना के लाती हूँ " कह कर रजिया फटाक से उठ कर खडी हो गयी और अपने कपडे पहिनने लगी।
उसका सिर्फ ब्रा और पेंटी में गोरा गोरा बदन देख कर मेरा लंड तो गनगना उठा।
" नो नो ! जो जिस कंडीशन में है वैसा ही रहेगा , कोई चीटिंग नहीं चलेगी। ……. चाय मैं बना के लाता हूँ " मैंने कहा
रज़िया मन मसोस कर वैसी ही चुपचाप बेड पर आकर बैठ गयी। मैं भी उसी कंडीशन में नीचे चाय बनाने चल दिया।
मामू कहीं जाग न जाएँ इसलिए मैं बिना कोई आवाज़ किये बहुत धीरे से किचिन की तरफ जा रहा था तभी मुझे मामू के कमरे से कुछ हल्की हल्की आवाजे आतीं सुनाई पडीं।
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