RE: Hindi Sex kahani मेरे दोस्त की सेक्सी वाइफ़
शाम को मैं करीब ८:३० पर खाना खा करके फ़्री हुआ और रानी के आने का इंतज़ार करने लगा करीब ८:४५ पर अनिल रानी को लेकर आ गया और उसे छोड़कर चला गया और बोला मैं काम निबटाकर जल्दी से आता हूं अगर देर हो जाये तो मेरा इंतज़ार करना घबराना नहीं राजू शरीफ़ आदमी है। रानी ने आज प्रिंटेड बलोउस , लाईट कलर की साड़ी और और अंदर गहरे रंग का ब्लाउज़ पहना था। उससे अंदर के कपड़े का आइडिया मुझे नहीं लग पाया। रानी और मैं फ़िर पेपर तैयार करने में लग गये, पर आज मैं थोड़ा मस्ती के मूड में था तब भी हमारा काम एक घंटे में हो गया। मैं आज बीच में दो तीन बार रानी की कभी जांघ पर तो कभी उसकी कमर पर और कभी उसके ब्लाउज़ के बाहर से उसके बूब्स पर छू रहा था। रानी मुझे रोक देती और कहती अरे पहले काम पूरा करने दो फ़िर अगर मौका मिला तो मैं मना थोड़े ही कर सकती हूं।
जब काम पूरा हो गया तो मैं अब रानी के साथ मस्ती के मूड में था पर कोई सिग्नल रानी ने नहीं दिया तो मैं उसे एम्ब्रस नहीं करना चाहता था। रानी से मैने पूछा आज जब अनिल तुमको छोड़ कर गये तो उसने ये क्यों बोला की राजु शरीफ़ आदमी है। तब रानी बोली कल अनिल मुझसे बोल रहे थे कि राजू बहुत ही बेवकूफ़ है अगर उसे मौका मिलता (किसी की वाइफ़ के साथ अकेले रहने का) तो वह जरूर मौके का फ़ायदा उठाता। फ़िर रानी बोली, जब मैने कहा कि अगर औरत ने गड़बड़ कर दी तो वह बोल रहे थे कि अगर वह किसी औरत को एक्साइट करे तो वह मना कर ही नहीं सकती है। रानी फ़िर बोली इसीलिये मुझे भी उनकी बात सुनकर मरदों की मानसिकता के बारे में पता चल गया और वह कोई गलती नहीं कर रही है और मैं भी ऐसा न करूं। अब मैने कहा ये बात तो ठीक है पर आपको तो मालूम है न मैं भी बड़ा कमीना हूं और आज तो मैं अब तुमको इस समय नहीं छोड़ सकता हूं जब दोनो फ़्री हैं। रानी कुछ ज्यादा नहीं बोली तो मैने कहा पर आज मैं तुमको पूरी तरह से प्यार करना चाहता हूं क्योंकि आज हमारे पास टाइम काफ़ी है।
फ़िर मैं रानी का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर ले आया, और उसे आराम से चूमते हुए उसकी इच्छा जानने की कोशिश करने लगा रानी बोली हां राज आज मैं चाहती हूं कि तुम मुझे ऐसे प्यार करो जैसे अनिल पहले पहले किया करते थे। मैं बोला चलो पहले ऐसा करते हें एक दूसरे के कपड़े उतारते हैं मुझे महाभारत की दरौपदी की तरह अपनी पार्टनर के कपड़े उतारने में बड़ा मज़ा आता है और अगर वह विरोध करे तो और मज़ा आता है। क्या मैं स्टार्ट करूं, रानी बोली नहीं पहले मैं तुम्हारे कपड़े उतारुंगी, अगर मेरे कपड़े पहले उतर गये तो तुम मुझे मौका ही कहां दोगे, मैं मर्दों की आदत जानती हूँ।
मैने कुरता पायजामा पहना था और रानी ने एक झटके मेरे कुरता और बनियान खींचकर मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया और तब तक मैने भी अपना अंडरवियर नीचे कर दिया। रानी ने मेरे लंड को देखकर थोड़ा हैरान सी हुई मैं जानता था कि उसे तो अनिल के लम्बे लंड की आदत थी न और फ़िर मेरा लंड उस समय खड़ा भी नहीं था। फ़िर मैने रानी के साड़ी के पल्लू को खींचना शुरु किया और रानी घूम घूम कर अपनी साड़ी उतारने लगी। जब साड़ी उतर गयी तो मैने रानी को पकड़ कर उसके ब्लाउज़ के हुक एक एक करके खोलकर उसका ब्लाउज़ भी उतार दिया।
उसी समय अनिल का फोन आया तो मैं समझा कि आज तो काम का सत्यानाश हो गया पर अनिल ने पूछा कितना काम बाकी है तो मैने कहा आधे से थोड़ा कम तो अनिल बोला आराम से काम कर लो मुझे अभी एक घंटा और लगेगा मैं ११:०० बजे तक आउंगा। रानी ने कहा ठीक है पर जल्दी की कोशिश करना ज्यादा लेट से सभी परेशान होंगे। अब तो हम और भी रिलेक्स हो गये रानी ने अंदर सफ़ेद ब्रा पहन रखी थी उसकी ब्रा एकदम टाइट थी और उसके बूब्स उसके अंदर कैद हो गये थे। मैने एकदम से रानी को पकड़ कर उसकी टांगों को पेटीकोट सहित अपनी टांगों के बीच फ़ंसाकर उसे जकड़ लिया और फ़िर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जैसे ही उसकी ब्रा से उसके बूब्स आज़ाद हुए ऐसा लगा जैसे कोई धमाका हुआ उसके बूब उछलकर मेरे सामने आ गये।
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