RE: Kamukta Kahani मैं और मेरी बहू
"में किचन मे जाकर कॉफी बनाता हूँ." कमरे से जाते हुए राज ने कहा.
में भी बिस्तर से उठी और बाथरूम मे घुस नहाने लगी. कपड़े पहन मे बाहर आई तो मेरा मन किया क्यों ना देखा जाए की सुबह सुबह सब क्या कर रहे है. किसी ने भी अपने कमरे का दरवाज़ा बंद नही किया था इसलिए देखना और सुनना आसान था. मेने बबिता के कमरे मे झाँक कर देखा और मेने जैसा सोचा था वैसे ही रवि उसे चोद रहा था.
"ऑश हीए भाआगवान राआवी और नहिी अब मुझमईए टकककत नहिी है रुक्क्क जाआओ." बबिता सिसक रही थी.
जैसे मुझे उमीद थी रवि बाथरूम मे पिशाब कर के आया और अपना लंड बबिता के मुँह के सामने कर दिया. मुझे पता था कि वो ज़्यादा देर नही रुक पयाएगा और उसके लंड ने बबिता के मुँह को भर दिया. हर बार की तरह रवि के लंड ने इतना पानी छोड़ा की बबिता उसे निगल ना पाई और वो पानी बबिता की तोड़ी से होता हुआ उसकी चुचियों पर गिर रहा था.
रवि ने अपने लंड को उसके मुँह से बाहर निकाला और उसके चेहरे से वापस सब वीर्य को लगा उसके मुँह मे फिर से लंड घुसा दिया. बबिता उस वीर्य को अपनी जीब से चाटने लगी.
मेने उन दोनो को वहीं छोड़ा और रश्मि के कमरे के बाहर आ गयी. रश्मि घोड़ी बनी हुई थी और प्रशांत पीछे से उसकी गांद मार रहा था.
"ओह आआआअ राअष्मम्मी मीराअ एक बाअर फिर्र चूओत रहा है." प्रशांत बड़बड़ा रहा था.
"हाां चूओद आपना सारा पानी मेर्र्री गांद मे ऑश हाअ कितना गरम प्ाअनी हाऐी तुम्हारा." रश्मि सिसक रही थी.
मुझे विश्वास नही हो रहा था कि मेरे घर मे चुदाई का ऐसा खुला दौर भी कभी चलेगा. मैं किचन मे आई और नाश्ता और कॉफी बनाने मे राज की मदद करने लगी. हम दोनो बाकी सब के आने का इंतेज़ार करने लगे.
नाश्ते के टेबल पर हम प्रशांत और बबिता के आने वाले साप्ताह के बारे मे बात करने लगे. प्रशांत ने कहा कि वो आज रात अपने घर चला जाएगा और दूसरे दिन ऑफीस मे छुट्टी की अप्लिकेशन देकर सन्नी उनके बेटे के साथ कल शाम तक वापस आ जाएगा.
प्रशांत मुस्कुराते हुए रश्मि की ओर देख रहा था, "और पूरे हफ्ते तुम्हारी गांद मारने को मिल जाएगी."
रश्मि टेबल से खड़ी हुई और अपनी गंद उसके सामने नाचते हुए बोली, "कल से क्यों अभी से हर समय मार सकते हो."
रश्मि की ये अदा देख सब हँसने लगे. हम सबने नाश्ता ख़तम किया. हम टेबल सॉफ कर रहे थे कि देखा रश्मि और प्रशांत वापस कमरे मे चले गये थे. शायद जाने से पहले वो रश्मि की गंद एक बार और मारना चाहता था, मेने सोचा.
थोड़ी देर बाद प्रशांत अपने काम से चला गया. में और बबिता ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ बातें करने लगे. राज रश्मि और रवि घूमने के लिए बाहर गये हुए थे. करीब तीन घंटे बाद वो वापा आए और हमारे पास बैठ गये.
बबिता हमे अपने बेटे सन्नी के बारे मे बताने लगी. वो बता रही थी कि सन्नी एक अजीब ही लड़का है. इस जवानी मे भी कॉलेज मे उसकी कोई लड़की दोस्त नही है. ना ही वो दोस्तों के साथ बाहर जाता है ना ही उसने आज तक कोई गर्लफ्रेंड बनाई थी. जब भी वो उससे इस विषय पर बात करती थी तो वो हमेशा ये कह कर टाल देता था कि उसे पढ़ाई से ही फ़ुर्सत नही मिलती है.
"शायद उसे लड़को मे दिलचस्पी हो!" रश्मि ने पूछा.
"रश्मि तुम्हारा दिमाग़ खराब हो गया है." में उसपर चिल्ला पड़ी.
तभी बबिता बोली, "प्रीति ऐसा हो सकता है, कई बार मेरे भी मन मे यही विचार आया है."
"बबिता तुम चिंता क्यों कर रही हो." रवि ने कहा, "इस साप्ताह वो यहाँ आ ही रहा है हम सब को पता चल जाएगा कि उसकी दिलचस्पी किस चीज़ मे है."
"अगर वो गन्दू हुआ तो हम उसे लड़कियों को चोदना भी सिखा देंगे." राज ने हंसते हुए कहा."
"इस काम के लिए तो में ही काफ़ी हूँ, में उसे ऐसी चुदाई की शिक्षा दूँगी कि वो कभी भूल नही पाएगा." रश्मि मुस्कुराते हुए बोली.
राज खड़ा हुआ और अपना प्लान बताने लगा, "सन्नी सोमवार की रात को प्रशांत के साथ आ रहा है. मंगलवार को जब प्रशांत काम पर चला जाएगा तब तुम तीनो औरतों शॉपिंग के लिए चले जाना और सन्नी को मेरे और रवि के साथ छोड़ देना. इस दौरान में उससे खुल जाउन्गा और पटा लूँगा कि उसे क्या पसंद है."
"जब हमे उसकी पसंद पता चल जजयगी तो आगे उस हिसाब से पेश आएँगे." रवि ने कहा.
बबिता को राज का सुझाव पसंद आया और वो मान गयी. वो ये जानना चाहती थी कि कहीं उसका बेटा गान्डू तो नही है. उसे विश्वास था कि राज और रवि, अगर सन्नी को लड़कों मे दिलचस्पी हुई तो उसकी सोच को बदल उसे लड़कियों की तरफ आकर्षित कर देंगे.
उस रात हम सब खाने के लिए बाहर गये. रात के खाने के बाद हम सब नाइट ड्रेस पहन हॉल मे इकट्ठा हो गये. जब सोने का समय आया तो सब मेरे कमरे मे इकट्ठा हो गये. बबिता हमारी मेहमान थी इसलिए उसकी पसंद पहले थी कि वो रात किसके साथ गुज़ारे.
हम सब कपड़े उतार कर नंगे हो गये. पहले मैं अपना सिर बबिता की जांघों मे गुसा उसकी चूत चूसने लगी, वहीं रश्मि उसकी चुचियों को चूस रही थी. जब बबिता पूरी तरह गरमा गयी तो रवि उसकी टाँगो के बीच आ गया और अपना मूसल लंड उसकी चूत मे घुसा दिया.
रवि उसे इतनी जोरों से चोद रहा था कि बबिता कम से कम तीन चार बार झड़ी होगी. रवि ने भी उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया. पूरी रात हम पाँचो जोड़े बदल बदल कर चुदाई करते रहे. फिर आख़िर तक कर सब गहरी नींद मे सो गये.
सोमवार सन्नी का आगमन
सोमवार की सुबह मेरी आँख खुली तो मेने पाया कि रश्मि मेरी चूत चूस रही है. जैसे ही मेरा पानी छूटा मेने उसके चेहरे को प्यार से सहलाया, "ऑश रश्मि तुम कितनी आछी हो कितने प्यारे तरीके से तुमने मुझे नींद से जगाया है."
"राज अभी तक सो रहा है, तो मेने सोचा क्यों ना तुम्हे इस तरीके से जगाया जाए. क्या तुम अपनी जीब का कमाल दिखाने को तय्यार हो?" रश्मि ने मुझ से पूछा.
में मुस्कुरई और उसकी टाँगो के बीच आ गयी. में उसकी चूत को चाटने और चूसने लगी. उसकी चूत का स्वाद हर बार की तरह स्वादिष्ट था. उसे भी झड़ने में ज़्यादा देर नही लगी. उसकी चूत के रस ने मेरे चेहरे को पूरी तरह भर दिया.
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