Desi Sex Kahani साइन्स की पढ़ाई या फिर चुदाई
09-04-2017, 04:22 PM,
#45
RE: Desi Sex Kahani साइन्स की पढ़ाई या फिर चुदाई
रिंकू वहाँ से निकल गया।
प्रिया सोच में पड़ गई कि डॉली इतनी जल्दी में क्यों थी.. कहीं चेतन सर के पास तो नहीं जा रही।
प्रिया ने दोबारा फ़ोन लगाया और इस बार भी डॉली ही थी।
डॉली- अरे क्या हुआ यार? मैंने कहा ना दोपहर को बताती हूँ।
प्रिया- ऐसी बात नहीं है.. आज रविवार है तू कहा बिज़ी है ये बता कहीं चुदवाने के लिए चेतन सर के पास तो नहीं जा रही ना?
डॉली- हाँ.. वहीं जा रही हूँ.. तुझे आना है क्या? वहाँ आजा तू भी चुद लेना मेरे साथ..
प्रिया- नहीं यार तू जा.. मैं उनके सामने नहीं जाना चाहती.. वक़्त आएगा तो उनके लौड़े को भी देख लूँगी.. अभी रिंकू ही बहुत है और प्लीज़ तुम भी उनको कुछ मत बताना।
डॉली- ठीक है नहीं बताऊँगी.. अच्छा सुन चाभी तेरे पास है ना.. 11 बजे के बाद तू उस घर में जा सकती है.. शाम को 5 बजे तक वहाँ कोई नहीं रहता.. चाहे तो रिंकू को वहाँ बुला ले.. और मज़ा कर.. मैं भी आ जाऊँगी।
प्रिया- यार आख़िर वहाँ रहता कौन है? ये तो बता मुझे..
डॉली- अरे एक बूढ़ा आदमी रहता है सुबह से शाम तक बाहर रहता है.. इसी लिए बोल रही हूँ उसके आने के पहले निकल जाना।
प्रिया- यार मगर वो है कौन? तेरे पास चाभी कहाँ से आई… ये तो बता?
डॉली- वक़्त आने पर सब बता दूँगी.. चल अब रख.. मुझे रेडी होना है यार..
डॉली ने फ़ोन रख दिया। 
अब वो कपड़े देखने लगी कि आज क्या पहने।
फ़ोन रखने के बाद प्रिया अपने कमरे में चली गई और अपने आप से बड़बड़ाने लगी।
प्रिया- ये डॉली भी ना.. कुछ भी नहीं बताती अपने बारे में.. अब चेतन सर के पास मज़े लेने जा रही है।
बड़बड़ाते हुए उसको कुछ आइडिया आता है और वो जल्दी से नीचे जाती है।
उसकी माँ भी मंदिर से आ गई थीं.. वो उनको बोलती है कि अपनी सहेली के पास जाकर अभी आती हूँ और घर से निकल जाती है।
उधर ललिता ने चेतन को नास्ता करवा दिया और खुद रेडी होकर घर से निकल गई।
डॉली ने आज काली जींस और लाल टी-शर्ट पहनी थी.. बड़ी मस्त लग रही थी। 
अपनी माँ को ‘इम्तिहान की तैयारी करने सहेली के पास जा रही हूँ’ बोलकर वो भी घर से निकल गई।
दोस्तो, आप ध्यान करना सब एक ही वक्त घर से निकल रही हैं। अब तीनों के बारे में एक साथ तो बता नहीं सकती इसलिए एक-एक करके बताती हूँ।
आज बड़ा ट्विस्ट है आप ध्यान दो बस।
डॉली चेतन के घर की ओर जा रही थी और एक मोड़ पर उसने ललिता को दूसरी तरफ जाते हुए देखा उसने आवाज़ भी दी.. मगर ललिता ने नहीं सुनी और रिक्शा रुका कर उसमें बैठ कर चली गई।
डॉली ने भी ना जाने क्या सोच कर दूसरा रिक्शा रुकवाया और ललिता के पीछे चल दी।
वो 15 मिनट तक वो ललिता का पीछा करती रही और अपने आप से बड़बड़ा रही थी कि दीदी कहाँ जा रही हैं.. आज तो रविवार है इनको पता है मैं आऊँगी.. उसके बाद भी जाने कहाँ जा रही हैं।
ललिता का रिक्शा एक घर के पास जाकर रुका तो डॉली ने भी रिक्शा रुकवा लिया।
जब ललिता अन्दर चली गई तो डॉली उस घर के पास जाकर खिड़की से अन्दर झाँकने लगी।
अन्दर एक औरत जो करीब 30 साल के लगभग होगी.. दिखने में भी ठीक-ठाक सी थी.. वो सोफे पर बैठी थी। 
ललिता बिल्कुल उसके पास बैठी बातें कर रही थी.. जो बाहर डॉली को साफ सुनाई दे रही थीं।
ललिता- यार मीना बड़े दिनों बाद मिलना हुआ कभी तू भी मेरे घर पर आ जाया कर। 
मीना- अरे नहीं रे.. वक्त कहाँ मिलता है आने का तुम तो जानती हो मेरा काम ही ऐसा है.. होटल में कहाँ वक्त मिलता है.. रविवार बस को छुट्टी मिलती है। वहाँ साले एक से बढ़कर एक हरामी देखने को मिलते हैं।
ललिता- हरामी कौन? मैं कुछ समझी नहीं यार?
मीना- अरे यार मैंने बताया तो था.. वहाँ ज़्यादातर टूरिस्ट आते हैं। अब जैसे कोई अंग्रेज आया तो उस साले को इंडियन गर्ल चाहिए बस हमारा मैनेजर भड़वा.. मंगवा देता है उस लड़की को सब समझा कर मुझे वहाँ कमरे तक ले जाना पड़ता है और उसके जाने का इंतजाम भी मुझे करना पड़ता है। साला कोई-कोई हरामी तो मुझे ही चोदने के चक्कर में रहता है। तू जानती है मुझे ये सब पसन्द नहीं है।
ललिता- अरे यार जानती हूँ.. तू अपने पति को छोड़कर अलग रहती है वो जानवरों की तरह तुझे चोदता था.. तब से चुदाई से तुझे नफ़रत हो गई है। यार वहाँ तुझे अच्छा नहीं लगता तो.. तू कोई दूसरी नौकरी कर ले ना…
मीना- अरे नहीं यार.. इतने बड़े होटल में स्टाफ की हैड हूँ.. पगार भी अच्छी है। ऐसी नौकरी दूसरी नहीं मिलेगी। 
ललिता- हाँ ये बात तो सही है.. अच्छा ये बता जैसा ट्रिपल एक्स फिल्मों में अंग्रेजों का लौड़ा कितना बड़ा दिखाते हैं.. क्या सच में ऐसा होता है.. तूने कभी देखा है वहाँ किसी का?
मीना- अरे मैं क्यों देखूँगी यार?
ललिता- ओह.. कभी तो मौका मिला होगा.. जैसे तू कमरे में लड़की लेने या वापस लाने गई हो.. नज़र पड़ जाती है यार.. बता ना…
मीना- हाँ कई बार ऐसा हुआ है.. बड़ा तो होता है ये बात मैंने गौर की है.. मगर अफ़्रीकन आदमी का सबसे बड़ा होता है.. अभी कल ही एक काला सांड आया है.. कुत्ता कहीं का…
ललिता- अरे कौन सांड.. क्या हुआ? बता ना यार?
मीना- कल एक अफ़्रीकन आया है.. शैतान जैसा लंबा-चौड़ा.. मैनेजर ने मुझे उससे पूछने भेजा था कि उसको कोई चाहिए क्या? 
तो हरामी ने मुझे ही पकड़ लिया और अपना शॉर्ट्स निकाल कर मुझे लौड़ा दिखा कर बोला कि हाय बेबी लुक माय कॉक यू वांट दिस बिग कॉक… मैं अपना हाथ छुड़ा कर वहाँ से भाग गई और मैनेजर से शिकायत की.. तब उन्होंने उसको समझाया कि ये खुद नहीं चुदेगी.. तुमको लड़की लाकर देगी.. तब हरामी बात को समझा।
ललिता- ओह.. रियली कितना बड़ा होगा उसका?
मीना- अब मैंने कौन सा नाप कर देखा है सोया हुआ भी कोई 7′ का होगा.. ना जाने खड़ा होकर कितना होता होगा?
ललिता- ओह्ह.. रियली यार एक बात तो है लौड़ा जितना बड़ा होता है ना.. उतना ही मज़ा देता है।
मीना- अरे तू भी.. क्या ये लौड़े की बात लेकर बैठ गई.. चल आजा रसोई में नाश्ता बनाते हुए बात करेंगे।
ललिता- अरे नहीं.. नाश्ते की क्या जरूरत है यार बात करते हैं ना…
मीना- अब कोई बहस नहीं.. चल आजा…
दोनों उठकर रसोई में चली जाती हैं।
डॉली भी अब सोचती है यहाँ खड़ी रहने से क्या फायदा।
वो भी रिक्शा पकड़ कर वापस चेतन के घर की ओर चल देती है।
दोस्तो.. आप सोच रहे होंगे.. मैं कहानी को लंबा खींचती जा रही हूँ, नए-नए किरदार सामने आ रहे हैं मगर आपका ऐसा सोचना गलत है..
ये सब कहानी का हिस्सा है जो धीरे-धीरे सामने आ रहा है.. इसका कहानी से गहरा सम्बन्ध है।
ये आपको बाद में पता चल जाएगा.. अभी प्रिया के पास चलते हैं।
प्रिया के मन में शरारत भरा आइडिया आया था कि सर के घर किसी सवाल पूछने के बहाने से जाए और डॉली का प्रोग्राम चौपट कर दे। बस वो चेतन के घर की ओर निकल पड़ी।
उसने हरे रंग का स्कर्ट और गुलाबी टॉप पहना हुआ था.. वो इस ड्रेस में बड़ी सेक्सी लग रही थी।
जब ललिता घर से निकली थी.. तब चेतन अलमारी के ऊपर से कोई सामान निकाल रहा था.. तभी उसकी आँख में कंकर चला गया और उसकी आँख में जलन होने लगी। उसने जल्दी से आई-ड्रॉप आँखों में डाला और बिस्तर पर लेट गया।
तभी प्रिया दरवाजे पर पहुँच गई और दरवाजा खटकाने लगी।
चेतन- दरवाजा खुला है आ जाओ अन्दर.. प्रिया चुपके से अन्दर आ गई। 
चेतन ने टी-शर्ट नहीं पहन रखी थी और नीचे भी बस बिना अंडरवियर के लोवर ही था।
चेतन- आ गई तुम.. आजा अब सवाल मत पूछना कि ऐसे क्यों पड़ा हूँ आँख में कचरा चला गया.. अभी ड्रॉप डाला है.. 5 मिनट रूको आ जाओ मेरे पास बैठ जाओ…
प्रिया कुछ नहीं बोली.. बस धीरे से बिस्तर पे चेतन के पास बैठ गई.. उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोले और डॉली कहाँ है.. वो सोच ही रही थी कि अचानक उसके बदन में 440 वोल्ट का झटका लगा।
चेतन लेटा हुआ था और वो उसके पास बैठी थी। अचानक चेतन ने प्रिया को अपने पास खींच लिया और उसका मुँह लौड़े पर टिका दिया।
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