RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
मा बेटे मिलकर मुझे बारी बारी से चूमते हुए प्यार करने लगे कभी मंजू मेरा चुम्मा लेती कभी रघू बीच मे वी आपस मे चूमा चाटी करने लगते रघू मंजू के मम्मे भी मसल रहा था मैं मंजू की चूत और रघू के लंड के पीछे लगा था मौका मिलते ही मंजू की बुर मे उंगली करता और फिर रघू का लंड पकडकर हिलाने लगता आज वह ज़्यादा ही मोटा और कड़ा लग रहा था
मैने जब रघू से कहा तो वह हँसने लगा "हाँ मुन्ना, एक दिन से ज़्यादा हो गया झडकर कल तुझे चुसवाने के बाद से मैं झडा नहीं हूँ बहुत मज़ा आ रहा है, मस्त खड़ा है साला जान बुझ कर ऐसा किया है मैने, आज के ख़ास मौके का पूरा मज़ा तभी आएगा जब लंड कस कर तन्नाया हुआ हो"
मेरा लंड अब तक इतना सनसनाने लगा था कि मैं और ना सह सका यह भी नहीं पूछा कि वह किस ख़ास मौके की बात कर रहा है "मंजू बाई, गान्ड मारने दो ना कल की तरह"
मा बेटे की नज़रें मिलीं और आपस मे कुछ इशारे हुए फिर मंजू बोली "मेरी गान्ड तो तूने दो बार मारी कल और भी मार लेना आज एक और गान्ड मार ले, मस्त मोटी ताजी और जानदार है टाइट भी है"
"किसकी अम्मा?" मैने उत्सुकता से पूछा "मा की?"
"नहीं रे राजा, तेरी मा अभी हाथ भी नहीं लगाने देगी मैं बात कर रही हूँ मेरे इस जवान बेटे की, रघू की इसे भी चुदने की इच्छा होती है पर और कोई मर्द तो है ही नहीं मैं उंगली से या गाजर से कभी कभी इसकी गान्ड चोद देती हूँ पर अब तेरा मस्त लंड है, मार ले इसकी"
रघू बिस्तर पर ओँधा लेटते हुए बोला "हाँ मुन्ना, मार ले मेरी आज तुझे भी मज़ा आएगा" और अपने चूतड इधर उधर हिलाने लगा जैसे रंडियाँ करती हैं
मैं चुप था पर लंड रघू के वह मासल पुष्ट चूतड देखकर उछलने लगा था बड़े बड़े तरबूज जैसे चूतड एकदम चिकने थे मैने उनपर हाथ फिराना शुरू किया एकदमा ठोस नितंब थे
मेरे चेहरे पर के भाव देखकर मंजू बोली "मुझे मालूम था तुझे पसंद आएगी मेरे बेटे की गान्ड ले मख्खन लगा ले इसकी गान्ड के छेद मे मैं तेरे लंड पर चुपड देती हूँ"
मैने उंगली पर मख्खन लेकर रघू की गान्ड के छेद मे चुपडा उंगली अंदर डाली तो पता चला क्या मस्त कसा छेद है मेरी उंगली को उसका छल्ला कस कर पकड़े हुए था
"आहह हाइईईईईईईईईईईईईईईईईई मज़ा आ गया मुन्ना, दो उंगली डाल दे मेरी जान" रघू मस्ती मे बोला मैने दो उंगली से खूब देर मख्खन चुपडा फिर मुझसे ना रहा गया और मैने मुँह मे लेकर उंगलियाँ चाट डालीं इतना ही नहीं झुक कर रघू के चूतड चूम लिए
मंजू खिलखिला पडी "यह हुई बात, असली चोदू है मेरा मुन्ना गान्ड का स्वाद लेने से घबराता नहीं है पर शैतान, कल तूने मेरी गान्ड नहीं चुसी अबकी बार मारने के पहले मेरी गान्ड चूसना पडेगी तभी मरवाउंगी"
रघू उतावला हो रहा था "अब चढ जा मुन्ना डाल ले जल्दी से"
मैने रघू पर चढकर अपना लंड उसकी गान्ड मे पेल दिया सटाक से सुपाडा अंदर हो गया बहुत टाइट छेद था सिसक कर मैने पूरा ज़ोर लगाया और पक्क से जड तक लंड रघू के चूतडो के बीच उतार दिया
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