RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
टॉमी मा पर पीछे से चढ़ गया. उसका लाल लाल लंड थिरक रहा था.
करीब छः इंच लंबा गाजर जैसा वह लंड बहुत रसीला लग रहा था. एक
क्षण मुझे भी लगा कि इसे चूसने मे क्या मज़ा आएगा.
टॉमी का लंड अब मा के चुतडो पर घिस रहा था. वह उचक उचक कर आगे
खिसकता हुआ मा की बुर मे लंड डालने की कोशिश कर रहा था पर उसका
लंड मा के चुतडो के बीच फँस गया था. "अरे मूरख, गान्ड मार रहा है
या चोद रहा है रे? मंजू देख, इतनी बार चोद चुका पर अब तक ठीक छेद
पहचानना नही सीखा यह नालायक!" मा ने टॉमी को मीठी डाँट
लगाई. वह कम कम करके मा की पीठ चाटने लगा पर फिर से मा के
चुतडो के बीच ही लंड पेलने की कोशिश करने लगा.
मंजू और मा आमने सामने थे. मंजू मा का चुम्मा लेते हुए बोली.
"गान्ड ही मरा लो मालकिन, आपने पहले भी तो मराई है इन दोनों कुत्तों
से, रघु के सामने!"
"अरे नही, आज तो चुदाउन्गि, चूत बहुत खुजला रही है रे. नही चुदाउन्गि तो
ऐसे ही गरम रहेगी और मुझे पागल कर देगी. गान्ड बाद मे मरा लूँगी.
मेरा प्यारा बेटा है ना घरपे, अपनी अम्मा की गान्ड का मतवाला" कहकर
मा ने हाथ पीछे करके टॉमी का अपने नितंबों के बीच फँसा लंड
निकाला और बुर पर रखकर टॉमी को पुचकारने लगी. "ले ले टॉमी बेटे,
अब डाल मा की बुर मे अपना लौडा" और टॉमी ने तुरंत एक धक्के मे उसे मा
की बुर मे आधा गाढ दिया.
"हाय, क्या मस्त लंड है रे तेरा राजा, डाल ना पूरा!" कहकर मा ने अपने
चूतड़ पीछे की ओर धकेली और टॉमी ने एक और धक्के के साथ पूरा लॉडा
मेरी मा की चूत मे उतार दिया. फिर मा से चिपक कर वह मा की कमर को
अगले पंजों से पकड़ कर जीभ निकाल कर हान्फता हुआ मा को चोदने लगा.
"वारी जाउ रे तुझ पर मेरे राजा, क्या चोदता है. चोद राजा चोद, अपनी
कुतिया बना ले मुझे और चोद डाल मेरे भोसड़े को" ऐसे गंदे शब्द प्रयोग
करती हुई मा अपने चूतड़ आगे पीछे करती हुई चुदाने लगी. मंजू
खिसक कर शेरू को पीठ पर लिए लिए मा के और पास आ गयी और उससे जीभ
लड़ाते हुए शेरू से चुदाने लगी. दोनों रंडिया अब चूमा चाटी करते
हुए एक दूसरी की जीभ चुसते हुए मन लगाकर कुत्तों से चुद रही थी. ज़िनी
बेचारी अकेली पड़ गयी थी. वह कूम कूम करती हुई उन दोनों के पास आ गयी
और उनका मूह चाटने लगी.
मेरा अब बुरा हाल था. खून खौल रहा था और लंड ऐसे खड़ा था जैसे लोहे का
बना हो. मैने मचल कर रघु से कहा. "रघु चलो अंदर, मैं अपनी
चुदैल मा के मूह मे लंड पेल देता हू, देखो कैसी पागल हुई जा रही है,
मेरा लंड मूह मे लेकर मस्त हो जाएगी."
रघु ने मुझे रोका. "मुन्ना, जब मा की जानवरों के साथ चुदाई चल रही
हो तो उसमे खलल ना दे बेटे. जब हम इन कुत्ते कुतियों के साथ चुदाई करते
हैं तो भरसक यही कोशिश करते है कि आपस की चुदाई कम से कम करे. पर
कभी कभी सब एक साथ चोदते है तो कौन किसे चोद रहा है इसका भी
ख़याल नही रहता. अब तू भी अंदर चल, मैं तुझे भी मज़ा दिलवाता हू.
मुझे भी नही रहा जा रहा."
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