RE: Village Sex Kahani गाँव मे मस्ती
मैं बोला. "मा, मुझे पहले ही बताना था. इतने दिन तुम लोग मज़ा कर रहे हो
मेरे बिना"
मा मुझे चूम कर बोली. "नही मेरे लाल, अब तू भी हमारे साथ आना इन
जानवरों से संभोग करने. रघु बेटे, अब मुन्ना को भी ले आया कर, उसे
सब सिखा दे. मैने सोचा कि तू छोटा है इन कुकर्मों के लिए, पर तू तो बड़ा
छुपा रुस्तम निकला. अब ये तीन कुत्ते कम पड़ेंगे. कम से कम तीन चार और
लगेंगे. तुझे मालूम है कि मुझे और मंजू को शेरू और टॉमी से एक साथ
चुदाने मे कितना मज़ा आता है. पर तीनों छेद एक साथ नहीं चुदते
हमारे. गान्ड और चूत चुदाये तो मूह रह जाता है. मूह मे लंड लो तो
गान्ड या चूत प्यासी रह जाती है. और मैं और मंजू एक साथ यह नही कर
पाते. एक को राह देखनी पड़ती है. और तुम लोगों का भी तो सोचना है."
"आप चिंता ना करो मालकिन, मैं अगले हफ्ते जाकर दो बड़े कुत्ते और एक कुतिया
और खरीद लाता हू. एक दो छोटे वाले खूबसूरत लॅप डॉग लाउन्गा. उन्हे
चूसने मे बड़ा मज़ा आएगा, चाकलेट जैसा."
"अब बाहर चलो, ज़रा मोती से भी इश्क कर ले. वो बेचारा फिर मस्त होकर तड़प
रहा होगा. मुझे मालूम है कि तू जंगल मे उसके साथ मज़ा करके आया है.
पर वो तो अरबी घोड़ा है, दिन मे चार पाँच बार भी झाड़ा दो तो भी लंड तैयार
रहता है उसका." मंजू बोली.
"अभी चलते हैं अम्मा, आज तो एक बार ही झड़ाया है. पर एक एक बार इन
कुत्तों को और चूस ले. अभी इनके लंड मे जान बाकी है. मुन्ना को भी स्वाद
दिखाना है. तब तक आप दोनों उस कुतिया के साथ मज़ा कर लो. वैसे अब और
मत रूको, मोती से चुद लो, बहुत मज़ा आएगा घोड़े का मूसल पेट मे ले कर"
रघु की बात मानकर मा और मंजू ज़िनी को लेकर बिस्तर पर लेट गयी और उससे
चिपट कर शुरू हो गयी. मा ने ज़िनी की जीभ चूसना शुरू कर दिया और मंजू
कुतिया की चूत पर टूट पड़ी.
"आओ मुन्ना, अब हम मस्त खेल खेलते हैं. एक साथ गान्ड भी मारेंगे इन
कुत्तों की और चूसेंगे भी. मैं अब टॉमी को लेता हू, तू शेरू को ले लेना. ले
शेरू की गान्ड मे क्रीम लगा" रघु बोला.
मैने डरते डरते उंगली पर क्रीम लेकर शेरू की गान्ड मे उंगली डाली, कि
कही वह भोंक कर काट ना खाए. पर वे दोनों कुत्ते महा चुदैल थे.
शेरू प्यार से शांत खड़ा होकर अपनी गान्ड मे क्रीम लगवाता रहा. शेरू
की गान्ड बड़ी मुलायम थी. ढीली भी थी. लगता है रघु ने उसकी कई बार
मारी थी.
उधर रघु अब टॉमी की गान्ड मे क्रीम चुपड कर उसे अपनी बाहों मे
लेकर बैठ गया और उठा कर उसकी गान्ड पर अपना लॉडा जमाकर कुत्ते को
नीचे दबाकर उसकी गान्ड मे लंड घुसेड़ते हुए अपनी गोद मे बिठा लिया.
टॉमी एक दो बार छटपताया पर एकाध दबी कू कू के सिवाय उसने
कुछ नही किया. उसे गोद मे लेकर रघु कुर्सी पर बैठ गया. मुझे बोला. "एक
मिनिट इधर आ मुन्ना और मेरे सामने नीचे बैठ. देख क्या माल है!
चुसेगा?"
टॉमी ने गर्व से अपने चारों पैर फैला दिए जैसे मुझे अपना बदन
दिखा रहा हो. उसका पेट भी मस्त चिकना था पर मेरा सारा ध्यान उसके
लंड पर था. लंड फिर खड़ा होकर थिरक रहा था. लाल लंड मे गुलाबी नसें
बड़ी प्यारी लग रही थी. बिलकुल किसी रसीले गाजर जैसा लग रहा था. एक बात
और थी, उनका सुपाड़ा नही था, लंड सामने से पतले और नुकीले थे,
मैने उसे हाथ मे ले लिया और दबाकर देखा. बड़ा गुदाज लंड था. नरम
और चिकना भी था. मैने अब धीरे धीरे टॉमी की मूठ मारना शुरू की
तो वह मस्ती से हल्के स्वर मे कीकियाने लगा.
रघु बोला. "अरे शरमाता क्या है? मूह मे ले कर देख! मज़ा आ जाएगा! हम
तीनों तो कब से इस माल पर ताव मार रहे है."
मैने मूह खोला और जीभ से टॉमी के लंड को कुलफी जैसे चाटा. टॉमी को
बहुत अच्छा अच्छा लगा, वह दुम हिलाने लगा. लंड मतवाला थोड़ा खारा
स्वाद था. लंड गीला भी था. रघु ने समझाया "अरे मुन्ना, कुत्तों के लंड
हमेशा उनकी चमड़ी के अंदर छुपे रहते हैं. इसलिए जब बाहर निकलते
हैं तो मस्त रसीले गीले होते है."
मैने आख़िर टॉमी का लंड मूह मे लिया और चूसने लगा. टॉमी का शेरू से
थोड़ा बड़ा था, करीब साढ़े छः-साथ इंच लंबा और एक इंच मोटा था पर
मुझे कोई कठिनाई नही हुई, जहाँ मैं रघु का पूरा केला लेकर चुसता था,
वह यह तो मानों गाजर था.
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