RE: Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
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करुणा रेहान के जाने के बाद दूध लेकर आई और रीत को पकड़ा दिया.
करुणा-और बताओ रीत दीदी मज़ा आया या नही.
रीत-करू यार तुम भी ना कूटी के साथ रहकर बहुत शैतान हो गई है.
प्राची-क्या क्या क्या क्या मेरे साथ रहकर. अरे रीत दीदी मैने तो करुणा दीदी को कुछ नही सिखाया.
नीतू-रीत दीदी आपने बिल्कुल सही कहा ये दोनो बहुत शैतान हैं.
प्राची-वाह वाह क्या बात है चालू लड़की तू तो रीत दीदी का साथ देगी ही. रीत दीदी की तरह सब कुछ खुलवा जो चुकी है तू.
रीत-जिस दिन तू खुलवाकर आएगी ना उस्दिन पूछूंगी तुझ से.
प्राची-ऐसा दिन कभी नही आएगा.
नीतू-आएगी मेरी जान थोड़ा सबर कर.
करुणा-सब को अपने जैसा मत समझ नीतू की बच्ची मैं और कूटी तेरे और रीत की तरह बेशरम नही हैं.
रीत-करू अब अपनी बक बक बंद कर प्लीज़ जिस दिन हॅरी जीजू ने तुम्हारी गर्मी निकाली उस दिन बात करूँगी तुझ से.
करुणा-मेरा हॅरी आपके रेहान की तरह बेरहम नही है. वो प्यार करता है मुझ से.
रीत-तेरा क्या मतलब है कि रेहान मुझ से प्यार नही करता.
करुणा-बिल्कुल भी नही.
रीत थोड़ा रूखे स्वर में.
रीत-क्या मतलब तुम्हारा.
करुणा थोड़ी सीरीयस होते हुए.
करुणा-दीदी सच बताऊ तो मुझे नही लगता कि रेहान आपको प्यार करता है उसे सिर्फ़ आपके जिस्म से प्यार है.
रीत थोडा गुस्से होकर.
रीत-अपनी बकवास बंद कर.
करुणा को रीत की बात बुरी तो लगी मगर वो नॉर्मल होकर बोली.
करुणा-दीदी आप मानो या ना मानो रेहान की नज़र आपके साथ साथ मेरे उपर भी है.
प्राची-रीत दीदी करू दीदी सही कह रही हैं रेहान मुझे भी बहुत बुरी नज़र से देखता है.
रीत गुस्से से भड़क ती हुई.
रीत-तुम दोनो अपनी बकवास बंद करोगी. तुम दोनो रेहान पे बेवजह इल्ज़ाम लगा रही हो क्योंकि तुम दोनो जलती हो मुझ से.
रीत की इस बात पे प्राची और करुणा को भी गुस्सा आ गया.
प्राची-दीदी हम क्यू जलेंगी आपसे हम तो इस लिए बता रही हैं क्योंकि आपकी फिकर है हमे आपने बहुत ग़लत इंसान को चुना है इस से कहीं अच्छे तो मेरे भैया थे.
रीत-रेहान ग़लत इंसान है तो क्या तुम्हारा भाई सन्नी तो बहुत दूध से धुला है.
प्राची भी पूरी भड़क उठी थी.
प्राची-दूध से धुला बेशक ना हो पर इस रेहान से तो बहुत अच्छा है.
रीत-रेहान ने तुम्हारे भाई की तरह मुझ से ज़बरदस्ती की कोशिश नही की.
प्राची-मैं मानती हूँ कि वो उनकी ग़लती थी उनका प्यार का इज़हार ग़लत था. और अगर सुन ना ही चाहती हो तो सुनो आपके रेहान ने भी मुझसे ज़बरदस्ती की कोशिश की थी वो मैं ही पागल थी जो अब तक आप से बात छुपाती रही.
रीत-तू क्या समझती है कि मैं तेरी इन झूठी बातों पे विश्वास करूँगी.
करुणा-रीत तुम समझ क्यो नही रही हो रेहान सचमुच बहुत ग़लत है आज उसने जाते वक़्त किचन में मेरे साथ भी ज़बरदस्ती की कोशिश की.
रीत-तुम सब एक जैसी हो पहले अपने अंदर झाँक कर देखो फिर मुझे और रेहान को कुछ कहना.
और रीत वहाँ से उठकर दूसरे रूम में चली गई जो की बेड रूम था उसने अंदर से दरवाज़ा लॉक किया और बेड पे जाकर लेट गई और रोने लगी.
नीतू बेचारी चुप चाप उनकी बातें सुन रही थी और हैरान थी. रीत के जाते ही प्राची भी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. करुणा न्ड नीतू ने उसे संभाला और उसे चुप करने लगी. प्राची रोती रोती कहने लगी.
प्राची-करू दीदी क्या हो गया है रीत दीदी को वो समझ क्यूँ नही रही.
करुणा-मेरी स्वीटी प्लीज़ चुप कर ना वो अभी गुस्से में है जब उसका गुस्सा ठंडा हो जाएगा तो देखना वो खुद तुम्हारे पास आएगी.
प्राची-दीदी मुझे दुख तो इस बात का है कि दीदी ने मेरी बात पे विश्वास नही किया. क्या उस रेहान की अहमियत ज़्यादा हो गई है अब दीदी की जिंदगी में हम उनकी कुछ नही लगती क्या.
नीतू-कूटी प्लीज़ चुप कर ना तू तो हमसे ज़्यादा जानती है रीत दीदी को तुम्हे पता है ना कि वो दिल की बुरी नही हैं.
करुणा-बिल्कुल सही कहा नीतू ने देखना कूटी वो जलद ही अपनी ग़लती मानती हुई वापिस तुम्हारे पास आएगी.
प्राची का रोनो चुप ही नही हो रहा था.
प्राची-दीदी मुझे तो यकीन ही नही हो रहा कि रीत दीदी ने मुझे इतना कुछ कहा.
करुणा-अब प्लीज़ चुप भी कर ना कूटी देखना एक ना एक दिन उस रीत की बच्ची की अकल ज़रूर ठिकाने आ जाएगी.
नीतू-बिल्कुल देखना उस कमिने की असलियत जल्द ही दीदी के सामने आ जाएगी.
प्राची अब उसी बेड पे लेट गई और करुणा ने उसके सर पे हाथ फेरा और नीतू को साथ लेकर किचन में जाकर खाना बनाने लगी. करुणा और नीतू ने खाना रेडी किया और कूटी को उठाकर खाना खिलाया. अब बारी रीत को जाकर खाना देने की थी. मगर रीत ने अंदर से कुण्डी लगा रखी थी. करुणा ने नीतू को प्लेट में खाना पकड़ा दिया और नीतू खाना लेकर जिस रूम में रीत सो रही थी उस रूम की तरफ जाने लगी.
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