RE: Rishto Mai Chudai खून का असर
"खून का असर"--5
गतान्क से आगे........................
अंदर जाकर रमेश शीला को बाँहो मे भर लेता है, इधर यार राजू हमारी बहन की मोटी गंद कितनी मस्त है यार मेरा तो पूरा लंड उसकी गंद फाड़ने के लिए मरा जा रहा है, बिरजू यार 4 महीने मे ही चुदवा चुदवा कर कैसी मस्त हो गई है साली इसको एक बार पूरी नंगी देखने का मन हो रहा है, तभी यार कही हमारा जीजा अंदर जाकर हमारी बहन को चोद तो नही रहा है चल अंदर झाँक कर देखते है और दोनो दरवाजे के पास की दरार से अंदर देखने लगते है, और उनका अंदाज़ा सही होता है उसका जीजा उनकी बहन की चोली खोल कर उसके मोटे मोटे चुचे को पकड़ कर दोनो हाथो से कस कस कर मसल रहा था दोनो भाई अपनी बहन की गदराई चुचि देख कर अपना लंड सहलाने लगे तभी रमेश ने शीला के घाघरे का नाडा खोल कर उसे नीचे गिरा दिया और शीला पूरी नंगी हो गई अपनी बहन की फूली हुई चूत और गदराई गंद देखकर दोनो भाई के होश उड़ गये उन्हे यकीन नही हो रहा था कि उनकी बहन घाघरे चोली के अंदर इतनी गदराई और गोरी है दोनो भाई उसकी मस्त बुर और गंद को सूंघने और चाटने के लिए तड़पने लगे
तभी रमेश ने शीला की दोनो टाँगो को फैलाकर उसकी फूली हुई बुर को चाटना शुरू कर दिया और शीला तड़पने लगी इधर दोनो भाई अपने अपने लंड को मसल मसल कर अपनी बहन की नंगी जवानी का लुफ्त उठा रहे थे तभी रमेश ने अपना लंड निकाल कर शीला की चूत मे डाल दिया और शीला आह आह कर के सीसीयाने लगी रमेश तेज तेज उसकी चूत मे धक्के मार रहा था और एक तेज झटके के साथ रमेश का लावा शीला की चूत मे फुट पड़ा रमेश ज़्यादा नशे मे होने के कारण ज़्यादा लंबी पारी खेल नही सका और शीला तड़पति रह गई और फिर रमेश सो गया, अब दोनो भाई अपनी अपनी जगह पर आकर बैठ गये और दोनो ने फिर शराब का गिलास उठाकर पीना शुरू कर दिया उनका लंड अपनी बहन को नंगी देख कर तना हुआ था, और दोनो मन ही मन सोच रहे थे कि चूत हमे क्यो नही मिल पा रही है तभी राजू ने कहा यार बिरजू मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया है बिरजू वह क्या राजू यार अभी शीला काफ़ी गरम है और हमारा जीजा उसे लगता है प्यासी ही छ्चोड़ कर झाड़ गया है यह बड़ा ही अच्छा मोका है अपनी बहन को चोदने का, वह अभी बाते कर ही रहे थे कि अचानक शीला के कमरे का दरवाजा खुला और वह बाहर आ गई,
आज शायद दोनो भाइयो की किस्मत भी उन पर मेहरबान थी, शीला अपना घाघरा चोली पहन चुकी थी और वह अपने भाइयो जो कि चटाई बिच्छा कर शराब पी रहे थे, अरे भैया अभी तक सोए नही और कब तक पीओगे, और शीला उनके पास आकर बैठ गई, राजू अरे शीला नींद ही नही आ रही थी और फिर अभी भी काफ़ी दारू बची है सो हमने सोचा इसे ख़तम करके ही सोते है, पर तू क्यो नही सोई अभी तक और जीजा जी सो गये क्या, शीला हाँ भैया वो तो कब के सो गये है, तभी अचानक शीला की नज़र दोनो की लूँगी मे बने तंबू पर पड़ी तो उसके रोंगटे खड़े हो गये क्यो कि दोनो के लंड अपनी बहन को देख कर ऐसे खड़े हो गये थे जैसे अभी उसकी चूत मे घुस जाना चाहते हो शीला पहले से ही गरम थी और अपने भाइयो का मोटे लंड के एहसास ने उसकी चूत को फिर से पानी पानी कर दिया था, तभी बिरजू ने घाघरे के उपर से अपनी बहन की गदराई जाँघ पर हाथ फेरते हुए, शीला तू खुस तो है ना यहाँ, शीला हाँ भैया मैं खुस हू लेकिन मुझे आप दोनो की याद बहुत सताती है, और मुझे अपने बचपन के दिन बहुत याद आते है जब आप दोनो मुझे अपनी गोद मे बैठा कर प्यार किया करते थे, बिरजू ने अपनी बहन की नंगी कमर मे हाथ डाल कर अपनी और खिचते हुए अरे पगली तू फिकर क्यो करती है और तू जब भी अपने दोनो भाइयो को याद करेगी तेरे भाई तुझसे मिलने चले आया करेंगे, शीला ओह भैया कहते हुए अपने भाई के गले लग गई, तब बिरजू ने उसे अपनी ओर खींच कर उसके मोटे-मोटे दूध को अपनी छाती से कस कर दबा दिया और शीला के मूह से एक हल्की सी आह निकल गई, तब बिरजू ने चुपके से राजू की ओर आँख मार दी तब राजू ने अपनी बहन शीला के मोटे चूतादो को अपनी और दबोचते हुए उससे कहा मेरी प्यारी बहना जितना तुम हमे याद करती हो ना उससे कही ज़्यादा हम तुम्हे याद कर कर के मतलब तुम्हे याद करते थे
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