RE: Rishto Mai Chudai खून का असर
उसे इतना मज़ा आ रहा था कि वह उस मज़े को
बयान नही कर सकता था, उसे उसकी मा की चूत से उठती गंध
पागल बना रही थी कुच्छ देर वह अपनी मा की चूत को अपने
बंद होंठो से चूमता रहा दबाता रहा फिर अपना मूह बाहर
निकाल लिया वह कोई रिस्क लेना नही चाहता था, लेकिन उसका मन
अभी भरा नही था और उसने अपना हाथ फिर से अपनी मा की
फूली हुई चूत पर रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा,
कमला की साँसे रुकी हुई थी और फिर एक दम से साँसे छ्चोड़ती
उसकी हालत खराब हो रही थी तभी बिरजू ने अपनी मा के गुदाज
पेट के उपर मूह रख दिया और अपने मूह को अपनी मा के गुदाज
पेट पर दबा दबा कर उसके उठे हुए पेट को महसूस करने
लगा अब वह उपर की ओर बढ़ा और अपनी मा के दूध के उपर
अपना हाथ रख कर अपनी मा के दूध को हल्के हल्के दबाने
लगा, कभी कभी अपनी मा की मोटी मोटी चुचियो को थोड़ा ज़ोर
से दबा देता, कमला को अब बर्दास्त करना मुश्किल हो गया और
उसने नीद का बहाना करते हुए करवट ले ली और बिरजू एक दम
से हट गया लेकिन जल्दी ही उसने फिर से अपनी मा के पैरो को
अपने हाथ मे लेकर दबाने लगा थो डी देर बाद उसने धीरे
धीरे अपनी मा के घाघरे को उसकी गंद की तरफ से उपर उठाना
शुरू कर दिया अब उसका मन अपनी मा की मोटी गंद को देखने
का कर रहा था, उसने बहुत आराम आराम से अपनी मा के घाघरे
को काफ़ी उपर तक सरका दिया जब उसने अपनी मा की मोटी गंद
देखी तो उसका मूह खुला का खुला रह गया क्योकि वह अपनी मा
की गंद की गंद के गोल शेप और उसके उभरे हुए चूतादो के
पाटो को देखकर मस्त हो गया और जब उसकी नज़र अपनी मा के
गंद के छेद पर पड़ी तो वह अपने आप को रोक नही पाया और
अपने दोनो हाथो से अपनी मा की गंद को दबोचने लगा वह
ज़्यादा ज़ोर नही लगा रहा था लेकिन इतना ज़ोर से ज़रूर अपनी मा की
गंद को दबा रहा था कि उसे फुल मज़ा मिल रहा था फिर उसने
धीरे से अपनी मा की गंद के छेद पर हाथ फेरा और नीचे
तक हाथ ले गया तो उसे अपनी मा की चूत की फूली हुई फांको का
मस्त एहसास पागल कर गया. उसने अपने दोनो हाथो से अपनी मा
की मोटी गंद के छेद को फैलाकर उसकी गंद के छेद मे
अपनी नाक लगाकर उसकी गंद की मादक गंध को जब शुंघने
लगा तो कमला उसकी इस हरकत से पागल हो गई उसे लग रहा था कि
अभी अपने बेटे को अपनी बाहो मे कस कर दबोच ले और उसके
मोटे लंड को इतना चूसे की वह उसके मूह मे ही पानी छ्चोड़
दे, कुछ देर बिरजू ने अपनी मा की गंद को सहलाया उसके बाद
बिरजू ने अपना मोटा और काला लंड बाहर निकाला और अपनी मा की
गंद से अपने लंड को चिपका कर उसकी गंद से चिपक कर लेट
गया और धीरे धीरे अपनी मा के मस्ताने चूतादो पर अपना
हाथ फेरता रहा उसे ऐसा लग रहा था कि एक धक्का मारे और
अपना मोटा लंड अपनी मा की मतवाली गंद मे भर दे, लेकिन
वह चुपचाप पड़ा रहा, उधर राजू अपनी बहन की चूत मारने
के बाद उसकी गंद मे सरसो का तेल भर भर कर उसकी गंद मे
अपना लंड पेलने लगा और करीब सुबह 4 बजे तक राजू अपनी
बहन को हर आसन मे चोद्ता रहा, सुबह सुबह कमला जल्दी
उठ गई और उसने जब बिरजू के लंड को देखा जो लूँगी बाहर से
झाँक रहा था तो उससे रहा नही गया उसके लंड के मोटे
सूपदे को कमला ने अपनी मुट्ठी मे भर लिया तभी बिरजू का
लंड कड़क होने लगा तो कमला ने जल्दी से उसका लंड छ्चोड़ा
और बाहर आकर काम धाम मे लग गई,
क्रमशः....................
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