RE: Hindi Chudai Kahani मैं और मेरी स्नेहल चाची
"हां भाभी दिखाओ ना" मैंने कहा. मन में आया कि नीलिमा जिस तरह से कह रही है, जरूर कुछ खास ह्ही होगा.
"मैं थोड़ा गलत बोली, एलबम से तुझे लगेगा कि किसी ने ली हुई हमारी या चाची की प्राइवेट तस्वीरें हैं तो वैसा नहीं है, प्रिन्टेड मेगेज़ीन है, रंगीन फोटो वाली, बहुत ही मस्त अलग से फोटो!" नीलिमा बोली.
"तो दिखाओ ना भाभी." मैं समझ गया कि कैसे फोटो होंगे. "तुम्हारे पास है? जरूर अरुण भैया लाये होंगे. अब इतने दिन क्यों नहीं दिखाया भाभी?" मैंने शिकायत की.
नीलिमा कुछ नहीं बोली. मुझे हाथ से पकड़कर अंदर अपने और चाची के बेडरूम में ले गयीं. वहां चाची की अलमारी खोलकर उनकी बहुत पुरानी साड़ियों के गठ्ठे के नीचे से एक मेगेज़ीन निकाली. "यहां क्यों रखी है ये मेगेज़ीन भाभी, आप की है ना?" मैंने पूछा. "चाची को पता चल गया तो?"
"अरे मूरख, मेरी नहीं है, मुझे यहां मिली एक दिन जब मैं ममी की साड़ियां जमा रही थी कि एकाध मेरे पहनने लायक हैं क्या? उनके पास कुछ बहुत अच्छी साड़ियां हैं, मुझे कह रही थीं कि तुझे चाहिये वे ले जा अपने साथ. उनकी अच्छी साड़ियां सब ऊपर के दराज में हैं. फ़िर मैं ऐसे ही उनकी ये सब पुरानी साड़ियां भी देखने लगी तो एक साड़ी के अंदर फ़ोल्ड की हुई यह मेगेज़ीन थी, छिपा कर रखी हुई" मुझे मेगेज़ीन देकर नीलिमा बोली. खुद अपनी अलमारी खोलकर उसे जमाने में लग गयी पर कनखियों से मेरी ओर देख रही थी. "जरा जल्दी कर, ममी आ जायेंगी तो ..."
मैं वहीं चाची के बिस्तर पर बैठ गया. इम्पोर्टेड प्रिन्टेड मेगेज़ीन थी, याने गोरे विदेशी मॉडल्स थे मॉडल्स या पॉर्न स्टार्स कह लीजिये. मेगेज़ीन के कवर पर एक तस्वीर थी जिसमें तीन औरतें और एक जवान लड़का पूरी ड्रेस में बड़े फ़ॉर्मल अंदाज में बैठे थे. एक अधेड़ पचास के ऊपर की महिला, उसके बाजूमें एक पैंतीस चालीस के आस पास की औरत सोफ़े पर बैठे थे. पीछे एक जवान लड़की और एक जवान लड़का खड़े थे. मुझे मजा आ गया, कोई फ़ैमिली वाली पॉन्डी लगती थी. अधिकतर लोग यही मानकर चलते कि नानी और मां बैठे हैं और जवान पोता पोती पीछे खड़े हैं. या कोई आंटी नीस नेफ़्यू भी समझ सकता था.
अंदर जाकर उनके ऐसे ऐसे फोटो थे कि मेरा दिल धड़कने लगा. शुरुआत तो सादे सेक्स से हुई, पहले जवान लड़का लड़की, फ़िर उसमें शामिल उनकी मां और अंत में नानी. नानी के आने के बाद के फोटो में सब मिलकर ऑर्जी कर रहे थे. पहले नानी को मुख्य पात्र बनाकर चुदाई चल रही थी, उसकी गांड में लड़के का लंड, नानी की चूत चूसती मां और नानी अपनी पोती से किसिंग करते हुए. दो तीन ऐसे फोटो के बाद धीरे धीरे उस लड़के के पीछे सब औरतें मिलकर लगते दिखाये गये थे, एक उसके लंड पर चढ़ कर चोद रही थी, एक उसके मुंह पर बैठी थी और वह लड़की बाजू में एक स्ट्रैप ऑन डिल्डो बांधते हुए अपनी बारी का इंतजार कर रही थी. जल्दी ही बी डी एस एम तरीके के फोटो शुरू हो गये, उस लड़के के हाथ पैर बांध दिये गये, और उसकी तरह तरह से दुर्गति चालू हो गयी.
देख कर मेरी सांस जोर से चलने लगी. कलर में बढ़िया प्रिन्ट वाली इस तरह की विकृत सेक्स वाली मेगेज़ीन मैं पहली बार देख रहा था. लंड कस के खड़ा हो गया पर किसी तरह मैंने सबर रखा क्योंकि नीलिमा भाभी जो अब भी कपड़े जमाने में लगी थी, बीच बीच में कनखियों से मेरे हाल देख रही थी. वह जरूर मेरा मजाक उड़ाती.
पर आखरी दो तीन तस्वीर देखकर मुझसे नहीं रहा गया, ऐसा भी कोई एक दूसरे के साथ कर सकता है, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. एक में वह जवान लड़की अपना महाकाय स्ट्रैप ऑन डिल्डो उस लड़के की गांड में डाल कर उसकी गांड मार रही थी और नानी उसके लंड को बाजू से दांतों में दबाये बैठी थी जैसे खा जाना चाहती हो. बीच वाली औरत जिसे मां कह सकते हैं, बाजू में खड़े होकर अपनी हाई हील सैंडल उससे चटवा रही थी, उसके मुंह में वह हाइ हील डाल कर. आखरी तस्वीर में उस लड़के को नीचे लिटाकर उस जवान लड़की ने अपनी मां की सैंडल की हील उस जवान की गांड में घुसेड़ दी थी. मां अपनी चूत में उसका लंड लिये ऊपर बैठी थी और तमाशा देख रही थी. और नानी उस लड़के के सिर के दोनों और पैर जमाये अपनी बुर उसके मुंह से लगाये मूत रही थी. वह मेगेज़ीन वहीं खतम होती थी पर पीछे के कवर पर भाग एक दो तीन के ऐड थे. मैंने सोचा कि पहले भाग में इतना कुछ है तो न जाने क्या क्या होगा उन भागों में!
मुझसे नहीं रहा गया और मैंने अपना थरथराता लंड पकड़ लिया.
नीलिमा ने मुझे चिढ़ाया "क्या हो गया, पगला गये? कभी देखी नहीं ऐसी तस्वीरें? अरे आज कल के लड़के हो, इन्टरनेट पर इतना कुछ होता है, इतने में बौरा गये?"
मैंने बड़ी मुश्किल से लंड से हाथ हटाया "भाभी ... तुमने देखीं ये वाली? क्या अजीब अजीब चीजें करते हैं लोग"
"अरे सब फ़ेंटसी है, सच में थोड़े कोई ऐसा करता है. अब मजा लेने के लिये देखते हैं लोग."
"पर ये चाची लाईं कहां से? उनको तो इन्टरनेट वगैरह भी लगाते नहीं देखा मैंने"
नीलिमा मेरे हाथ से मेगेज़ीन लेकर फ़िर अपनी जगह छुपाते हुए बोली "अब मुझे दे दे नहीं तो मुठ्ठ मार लेगा और डांट मुझे पड़ेगी ममी के आने के बाद. अब ममी लाई होंगी कहीं से, या बहुत पहले से उनके पास होगी, और कहीं रखी होगी, अभी उन्होंने पुराने सामान में से निकालकर यहां रख दी होगी फ़िर से देखने के लिये, जो भी हो अपने को क्या करना!"
"बाप रे, क्या चीज हैं चाची. तभी इतनी गरम तबियत की हैं शायद!"
"मैंने पहले ही कहा था ना विनय कि ममी बहुत रसिक है. अब बाहर चल और खबरदार, खुद आकर कभी अकेले में यह नहीं देखना, पकड़ा गया तो तुझे भगवान ही बचाये ममी के गुस्से से. उनको अच्छा नहीं लगेगा कि कोई उनकी प्राइवेट अलमारी में ऐसे देखे"
उस रात की सामूहिक चुदाई जरा ज्यादा ही मसालेदार हुई. आज मेरा कंट्रोल जाता रहा, मैं जल्दी झड़ गया क्योंकि बार बार वह मेगेज़ीन याद आ रही थी. डांट भी खानी पड़ी और फ़िर सजा भी मिली, मुझे लिटाकर रखा गया कि खबरदार चुपचाप पड़ा रहूं और बाकी कार्यवाही उन दोनों सास बहू ने मिलकर मुझपर की. वैसे सजा भी प्यार भरी थी, लिटा कर बड़े लाड़ हुए मेरे. बीच बीच में जब चाची का ध्यान दूसरी तरफ़ था, तब नीलिमा मुझे आंख मार कर चिढ़ाते हुए हंसने लगती थी.
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