RE: Hindi Chudai Kahani मैं और मेरी स्नेहल चाची
इसके बाद के बचे थोड़े से दिन जल्दी जल्दी गुजर गये. जोर शोर से पैकिंग चल रही थी. नीलिमा के तीन सूटकेस थे और चाची का एक. इससे मुझे थोड़ी उम्मीद बंधी कि हो सकता है चाची कुछ दिन के लिये वापस आयेंगी और फ़िर फ़ाइनल वीसा मिलने पर जायेंगी. और मुझे अब यह भी प्रश्न सता रहा था कि अगर चाची जल्दी नहीं वापस आयीं तो मैं कहां रहूंगा. ट्रेनिंग खतम होने को आई थी, गेस्ट हाउस मिलने का सवाल ही नहीं था, गोआ में घर ढूंढा जाये यही एक उपाय था.
बीच बीच में सगे संबंधी आते थे नीलिमा और चाची को मिलने और शुभ यात्रा कहने. उसमें भी काफ़ी समय जाता था, दिन और रातों की उस निरंतर चुदाई पर थोड़ा अंकुश लग गया था.
जाने के दो दिन पहले जब मैं ऑफ़िस से वापस आया तो कंपाउंड में एक कार खड़ी थी. अंदर आया तो ड्राइंग रूम में चाची के साथ एक बड़ी आकर्षक महिला बैठी थीं. एकदम मॉडर्न पहनावा था, पैंट सूट, जैसा प्राइवेट कंपनियों में ऊंचे ओहदे पर कार्यरत मॉडर्न महिलायें कभी कभी पहनती हैं.
मैं ठिठक गया. फ़िर हेलो किया. वे महिला मेरी ओर देखकर मुस्करायीं, उनकी आंखों में काफ़ी फ़्रेन्डली से भाव थे. लगता है मेरे बारे में जानती थीं. चाची ने कहा "अरे लता यह विनय है, मेरा भतीजा. मैंने तुझे बताया ना कि मेरे साथ यहीं गोआ में है. पहले आ नहीं रहा था गोआ, अब गोआ इतना पसंद आ गया कि यहीं की पोस्टिंग ले ली है. और विनय, यह है लता, मेरी बड़ी पुरानी सहेली. तू इसे लता चाची कह सकता है पर यह है इतनी मॉडर्न, लता आंटी कहेगा तो ज्यादा अच्छा होगा"
लता आंटी हंस कर बोलीं "स्नेहल मजाक कर रही है तेरे साथ, तू मुझे कुछ भी कह, सिर्फ़ लता भी कह सकता है"
मैं कुछ देर बैठा और इधर उधर की बातें की. बीच बीच में लता आंटी की ओर देख रहा था. उमर करीब चालीस के आस पास की होगी. हो सकता है कि पैंतालीस हो पर मुझे चालीस लग रही थी. एक बार लगा कि उमर में दस साल फरक होने पर भी चाची के साथ इतनी गहरी मित्रता है, यह जरा बिरले किस्म की घटना है. लता आंटी की पर्सनालिटी बहुत इम्प्रेसिव थी, याने बहुत खूबसूरत तो थी हीं, एकदम मॉडर्न किस्म का पहनावा और चालचलन था. बाल शोल्डर लेंग्थ थे और उनमें एक दो हल्की सफ़ेद लटें थीं, उन लटों की वाजह से न जाने क्यों वे और खूबसूरत लग रही थीं. मेकप हल्का था, होंठों पर बहुत हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक थी. बाद में पता चला कि वे वहीं गोआ में नाइक अंड सन्स माइनिंग कॉर्पोरेशन में एच.आर. डायरेक्टर थीं.
मुझसे बड़े फ़्रेन्डली अंदाज में बोल रही थीं. बीच बीच में मेरी तरफ़ नजर गड़ाकर देखतीं. उनकी उस काली खूबसूरत आंखों को अपने पर जमा देख कर मुझे थोड़ी परेशानी सी हो रही थी क्योंकि धीरे धीरे उनकी सुंदरता का जादू मुझपर चढ़ता जा रहा था और मुझे डर लग रहा था कि कहीं उनकी ओर घूरने ना लग जाऊं.
फ़िर मैं किसी बहाने से वहां से चला आया. लता आंटी बोलीं "इतना बड़ा गार्डन का स्पेस है, यहां तो एक बहुत बड़ा बगीचा लग सकता है" चाची कुछ बोलीं और फ़िर लता आंटी के साथ बाहर बगीचे में घूमने चली गयीं. मैं ऊपर से अपने कमरे की खिड़की से उन्हें बीच बीच में देख रहा था. दोनों कुछ बातें कर रही थीं, चाची बीच बीच में घर की ओर देखकर मुस्करा देती थीं. मैं नहाने चला गया. बाद में जब खिड़की से देखा तो वे शायद वे दोनों वापस अन्दर आकर बैठ गयी थीं क्योंकि लता आंटी की कार अभी वहीं खड़ी थी.
मैं जब फ़िर से नीचे आया, तब वे निकल ही रही थीं. मेरी ओर देखकर आंटी मुस्कराईं और बोली "तुमसे मिल कर अच्छा लगा विनय. सी यू अगेन. अच्छा स्नेहल, मैं चलती हूं."
"ठीक है लता, टाइम याद है ना, जल्दी ही आ जाना. वैसे यहां कोई न कोई तो होगा" चाची ने कहा.
लता आंटी ने जाते जाते कहा "चिंता न करो. और वो मैंने जो कहा, वह जरूर कर लेना मुम्बई में"
"उसकी याद दिलाने की जरूरत नहीं है लता, ऐसी चीज मैं भूलूंगी क्या?’
लता आंटी जब जा रही थीं तो मैं उनके बदन को पीछे से देख रहा था. क्या फ़िगर थी, एकदम मॉडल्स जैसी. लगता है काफ़ी जिम वगैरह जाती होंगी, तभी तो अपने आप को इतना मेन्टेन करके रखा था.
अब तक नीलिमा भी आ गयी थी, कहीं बाहर गयी थी. उसने बस रास्ते में रुक कर लता आंटी से दो मिनिट बातें की और फ़िर उनके जाने के बाद घर में आयी. अंदर आकर उसने मेरी ओर देखा, आंखों में कुछ ऐसे नटखट भाव थे जैसे किसी शैतान बच्चे के कुछ बदमाशी करने के पहले होते हैं. चाची को उसके चेहरे के भाव नहीं दिखाई दिये क्योंकि वे मेरी ओर देख कर मुझसे बोल रही थीं. "विनय बेटे, लता का बंगला बहुत दिन से खाली पड़ा था ना, इसलिये रहने के लिये काफ़ी रिपेयर और साफ़ सफ़ाई करवानी पड़ेगी. वह होटल में रुकने वाली थी पर फ़िर मैंने उसे कहा कि यहां हमारे बंगले में रहो ना, इतना बड़ा बंगला है. और विनय भी है, एक दूसरे को कंपनी रहेगी. वैसे भी दिन में तो ऑफ़िस ही रहेगा दोनों का. वो विमला बाई को कह देंगे कि दिन भर रहा कर और खाना वाना बना दिया कर. तुझे ऑड तो नहीं लगेगा?" फ़िर उन्होंने मेरी ओर देखा.
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