RE: Hindi Chudai Kahani मैं और मेरी स्नेहल चाची
नीलिमा ने तो मुझे सताने का जैसे बीड़ा ही उठा लिया था. "वो जाने दे, लता आंटी भी नहीं बोली उस बारे में, बहुत बहुत दूर का रिश्ता होगा, उसका आजकल क्या मतलब है! असल बात यह है कि लता और ममी खास सहेलियां हैं. याने मैं कैसे ममी की खास सहेली बनी थी, वो तो तेरे को मालूम ही है. वैसी खास!!" फ़िर नीलिमा शैतानी से हंसने लगी. अब मुझे समझ में आया कि कल किचन में उसे हंसी क्यों आ रही थी.
"तुमको कैसे मालूम भाभी? चाची ने बताया?" मैंने धड़कते दिल से पूछा.
"ऐसी चीजें बिन बताये ही समझ में आ जाती हैं बच्चे. और ये लता आंटी को अपने घर रहने बुलाने का निर्णय तो बहुत पहले ले लिया था ममीने, मुझे भी नहीं बताया था, कल ही पता चला, बोलीं कि पहले बता कर क्या फायदा, बेचारा विनय फालतू कॉन्शस हो जायेगा. वैसे ममी ने तेरे और लता आंटी के बारे में कुछ नहीं कहा विनय, वह सब मेरे इस शैतान दिमाग की उपज है. पर मुझे लगता है मैं कह रही हूं, वैसा होने का चांस है"
"अच्छा!" मैंने कहा "और वो उनकी भांजी ... वो दीपिका ... वो क्या चक्कर है?"
"ममी ने बताया वो सब सही है कि लता आंटी ने ही उसे पाल पोसकर बड़ा किया है, लता उसकी सगी मौसी है और दीपिका के पेरेंट्स दुबाई में हैं. हां तेरी चाची, हमारी ममी जान ने तुझे यह नहीं बताया होगा कि लता और दीपिका का भी वैसा ही संबंध है जैसा तेरा और चाची का. अनोखा अनूठा प्यार ... प्यार जो उमर, लिंग, स्त्री, पुरुष ... ऐसा कोई भेद नहीं मानता, दो पीढ़ियों के बीच का प्यार !!!"
मैं चुप रहा. समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बोलूं.
मुझे लकवा सा मार गया देखकर नीलिमा ने मेरे बाल सहला कर कहा "सॉरी विनय, मैं भी कुछ ज्यादा ही बक बक करती हूं, लता आंटी के बारे में या दीपिका के बारे में इस तरह मेरा बोलना ठीक नहीं है. यह सब तेरे को फ़ेंटसी जैसा लग रहा होगा ना? अब यह सब किसी ने बताया थोड़े ही है मुझे, मैंने अपना अंदाजा बनाया है ममी के साथ गप्पों में सुनी कुछ बातों से. हो सकता है गलत भी हों" न जाने क्यों मुझे लगा कि यह वह मुझे सिर्फ़ समझाने को कह रही है, यह सोचकर कि वह जरा ज्यादा ही बोल गयी है.
"वे शायद सच में बहुत प्यार करती होंगी अपनी भांजी से, अब एक मौसी भांजी से आगे अगर उनका रिश्ता बढ़ गया है तो उसमें हम क्या कह सकते हैं. अपनी अपनी चॉइस है. और वैसे वो लड़की - दीपिका - भी अच्छी है, मैं एक बार मिली थी उससे. और क्या पता, चाची के मन में यह भी आया होगा कि अगर तुम दोनों की शादी हो जाये तो उनके लिये तो सोने में सुहागा है, उनके सब चाहने वाले उन्हें करीबी रिश्तेदार के रूप में मिल जायेंगे, गोआ में रहने का फैसला तो तूने कर ही लिया है. अब तू ही देख, एक बड़ी फ़ैमिली, एक दूसरे से बहुत बहुत बहुत ... याने बहुत ... प्यार करने वाली, दो सासें और नवविवाहित जोड़ा एक साथ एक बंगले में रह सकते हैं, तुम दोनों भी खुश और वहां वे दोनों सहेलियां भी खुश!"
मैं कोई जवाब दूं उसके पहले चाची नीचे आईं, नहा कर तैयार होकर आई थीं. फ़ाइनल पैकिंग चेक कर रही थीं तभी एक टैक्सी में लता आंटी भी सामान लेकर आ गयीं. तीन चार बड़े सूटकेस थे और एक पैक किया हुआ ब्राउन बॉक्स था. आज उन्होंने एक जीन और सफ़ेद टॉप पहना था. बाल खुले छोड़ दिये थे, मेकप भी बिलकुल नहीं किया था. पैर में नाजुक पट्टे के सफ़ेद हाइ हील सैंडल थे. उस टॉप में से उनके उन्नत उरोजों का उभार साफ़ दिख रहा था, लो कट ब्रा का शेप भी दिख रहा था. टाइट जीन्स में से उनके भरे हुए गोल नितंबों का और पुष्ट स्लिम जांघों का भी आकार दिख रहा था.
मेरी नजर उनपर जैसे टिक गयी थी, लगता था देखता रहूं. उनको भी पता चल गया कि मैं देख रहा हूं, पर बिना कॉन्शस हुए उन्होंने बड़ी अदा से एक झटके से अपने गाल पर उड़ आये बाल पीछे किये. तब मेरे होश ठिकाने आये और मैंने जल्दी से अपनी नजर फ़ेर ली. पर उनको मेरी उस नजर में छुपे आकर्षण और वासना का अंदाजा हो गया होगा. हंस कर वे बोलीं "हेलो विनय, मैंने सोचा कि आज ही चलते हैं स्नेहल के घर, फालतू टाइम बरबाद करने का क्या फायदा! और स्नेहल भी शांति से यूएस जा सकेगी कि उसका लाड़ला भतीजा अकेला बोर नहीं होगा"
"ये अच्छा किया तूने, दीपिका भी दो महने से आ रही है ना?" चाची ने कहा.
"हां, कल ही आई है फ़्रान्स से, घूमने गयी थी. फोटो भेजे हैं, मैंने प्रिन्ट भी कर लिये. वैसे तू भी वहां बंबई में उससे मिल ही ले, उसके कॉलेज की छुट्टी होगी अभी." चाची को एक छोटा फोटो एलबम देती हुई लता आंटी बोलीं.
चाची ने जल्दी जल्दी वह एलबम देखा और नीलिमा को दे दिया "वा, कितनी सुंदर दिखने लगी है अब. और ये स्विमसूट वाला फोटो ... चलो ये अच्छा है कि सादा स्विमसूट ही पहना है नहीं तो मुझे लगा था कि यह लड़की भी बिकिनी विकिनी पहनने लगी है क्या!"
"अरे अब इन मॉडर्न बच्चों का क्या कह सकते हैं स्नेहल. वे मानेंगे थोड़े! उनकी जिंदगी है! उसने असल में टू पीस बिकिनी भी पहनी थी वहां बीच पर, मैंने फोटो प्रिन्ट नहीं किये जानबूझकर"
चाची लता आंटी के साथ अंदर गयीं. जाते जाते मुझे बोलीं "विनय बेटा, बाद में जरा हेल्प कर देना लता आंटी के ये सूटकेस ऊपर लाने में"
"अभी आता हूं चाची" मैंने कहा.
नीलिमा ने एलबम देखा और मेरे हाथ में दे दिया. "देख ... माल है!" आंख मार कर मुझे बोली.
मैं फोटो देखने लगा. दीपिका अच्छी ऊंची पूरी थी. चेहरा साधारण प्लेज़ेन्ट था, याने बहुत सुंदर वगैरह नहीं था पर आकर्षित कर ले ऐसा जरूर था. बाकी फोटो में तो बस उसके एक टूरिस्ट जैसे फोटो थे, अलग अलग ड्रेस में, कभी हंसते, कभी पोज़ बनाकर. आखिरी दो फोटो बीच पर स्विम सूट में थे. सादा वन पीस स्विम सूट था, बिकिनी नहीं थी. पर उस टाइट वन पीस में उसका फ़िगर निखर आया था, कमर कोई बहुत पतली नहीं थी पर कूल्हे चौड़े थे और छाती कम से कम ३६ होगी, स्विम सूट के अंदर से दो आधे नारियलों जैसे उसके कड़क स्तनों का आकार दिख रहा था. जांघें भी कसी हुई मजबूत थीं, लगता है जिम वाली थी और अच्छा स्ट्रॉंग बदन होगा.
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