RE: Chodan Kahani तीन देवियाँ
ऋतु धीरे धीरे अपने बटन्स खोलने लगी और जब सारे बटन्स खुल गये फिर भी अपने हाथ वही रहने दिए और शर्ट नही उतारी तो मैं ने कहा के खुद उतारेगी या मैं उतारू तो वो बोलने लगी राजा बाबू प्लीज़ ऐसे ना करो मुझे लज्जा आती है. मैं सोच मे पड़ गया के मैं खुद ही उसके कपड़े फाड़ डालु या उसको ही उतारने दू. फिर यह डिसाइड किया के वो खुद ही मेरे सामने नंगी होगी और उसको बोला के देख ऋतु अगर तू कपड़े नही उतारेगी तो यहा से चली जा मैं तुझे कुछ नही करूगा तो उसकी आँखो मे एक चमक आ गई शाएद वो खुश हो गई थी फिर मैं ने अपना सेंटेन्स कंप्लीट किया के देख बाद मे अगर किसी ने यह पिक्चर्स देख ली तो मुझे कुछ नही कहना तो वो फिर से डर गई और बोली के ठीक है बाबू खोलती हू. ऋतु ने अपनी शर्ट को अपने हाथ ऊपेर कर के बाहर निकाल दिया. ऋतु शाएद ब्रस्सिएर नही पहनती थी या उसकी छोटी छोटी से चुचिओ के लिए ब्रस्सिएर्स मार्केट मे नही मिलते थे मुझे नही मालूम. उसके मस्त छोटे छोटे कॉनिकल शेप की कड़क चुचियाँ मेरे
सामने थी. चूचियों पे छोटे छोटे से लाइट ब्राउन कलर के निपल्स जो अभी पूरी तरह से बने भी नही थे बड़े मस्त लग रहे थे जिन्है देखते ही मेरे लौदे मे एक नया जोश आ गया और मेरा लंड खुशी और मस्ती में झूमने लगा के आज एक नयी और कुँवारी चूत को चोदना है, नाचने लगा और लहराने लगा पर अपने आप को कंट्रोल मे रखते हुए कहा के चल अब जल्दी से अपनी सलवार उतार तो वो फिर से कहने लगी रहने दो ना बाबू अपनी कमीज़ तो निकाल दी ना अब सलवार को रहने दो ना प्लीएअसीई तो मैं ने फिर से डराया देख तेरी मर्ज़ी बाद मे मुझे कुछ ना कहने तो वो मेरी धमकी को समझ गई और अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी. जैसे ही उसने नाडा खोला उसकी सलवार सरर से नीचे गिर पड़ी और ऋतु ने फॉरन अपने दोनो हाथो से अपनी छोटी सी बेबी चूत को छुपा लिया तो मैं ने कहा चल अब ज़ियादा नखरे मत्त कर और हाथ हटा, मुझे देखने दे तो उसने शरमाते हुए धीरे धीरे अपने हाथ हटा लिए. अब वो मेरे सामने एक दम से नंगी खड़ी थी. उसका साँवले कलर का बदन बड़ा सेक्सी लग रहा था. उसकी चूत पे बोहोत छोटी छोटी मुलायम से झांतो जैसा रूवूवा था शाएद अभी झांट आने नही शुरू हुए थे एक दम से चिकनी मक्खन जैसी ब्रांड न्यू चूत मन कर रहा था के अभी उसकी चूत पे मूह लगाउ और चूसना शुरू कर्दु पर अपने आपको कंट्रोल किया. चूत की पतली पतली पंखाड़िया एक दूसरे से जुड़े हुए थे और चूत उसके जाँघो मे एक लकीर जैसी बन गई थी. वाह क्या बताउ कितनी मस्त जवानी थी ऋतु की.
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कामुक कहानियाँ
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क्रमशः........
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