RE: Chodan Kahani तीन देवियाँ
तीन देवियाँ पार्ट -7
गतान्क से आगे..................
अब मैं और सहन नही कर सकता था मेरा लंड बुरी तरह से अकड़ गया था और उसकी छोटी सी कंवारी चूत को चोदना चाहता था. मैं ने ऋतु को अब 69 पोज़िशन से पलटा लिया. अब वो मेरी जाँघो पे जॉकी की तरह से बैठी हुई थी उसकी चूत झड़ने से और मेरे थूक से बोहोत ही गीली हो चुकी थी. मेरा लंड अकड़ के मेरे पेट पे पड़ा हुआ था. ऋतु मेरे लंड पे ऐसे बैठी थी जिस से उसकी चूत की पंखाड़िया मेरे लंड के डंडे पे थी और वो आगे पीछे फिसल रही थी. उसकी छोटी सी चूत बोहोत ही गीली हो गई थी और लंड मे से तो प्री कम बोहोत निकल रहा था. लंड के डंडे पे उसकी गरम चूत लगने से मैं और मेरा मूसल लंड पागल हो रहा था. ऐसे ही फिसलते फिसलते ऋतु की गंद थोड़ा सा ऊपेर उठी और मेरा लंड पेट से थोड़ा सा ऊपेर उठा और उसकी चूत के सुराखमे अटक गया. ऋतु इतने जोश मे थी के उसे पता नही चला के लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटका हुआ है और जब वो फिसल के पीछे हटी तो लंड का चिकना सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे थोडा सा अंदर घुस्स गया तो
वो एक दम से चौंक पड़ी, उसका बदन टाइट हो गया और वो आगे निकलने की कोशिश करने लगी पर मैं ने उसको शोल्डर्स से पकड़ा हुआ था तो वो बाहर नही निकाल सकी और लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे ही अटका रहा. अब मैं अपनी गंद उठा उठा के धीरे धीरे सूपदे को चूत के सुराख मे आगे पीछे करने लगा. गीली चूत और चिकना प्रेकुं निकालता हुआ लंड का सूपड़ा ऐसे ही धक्के मारने से सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अंदर घुस्स गया और ऋतु का मूह दरद के मारे खुल गया और उसके मूह से ऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईइ निकल गया. वो ऐसे ही रुक गई कोई मूव्मेंट नही की मैने ऋतु को फिर से झुका लिया और उसकी चुचिओ को चूसने लगा. उसकी चुचियाँ बोहोत ही सेंसेटिवे थी जैसे ही मैं चूसने लगा उसका बदन रिलॅक्स होने लगा. उसने मेरे सर को पकड़ा हुआ था और फिर से वो थोडा थोड़ा आगे पीछे होने लगी और पीछे पुश करते हुए चूत के सुराख को लंड के सूपदे पे धकेलने लगी. उसके चूत के मसल्स थोडा सा रिलॅक्स होने लगे और मेरा लंड का सूपड़ा पूरा अंदर घुस्स गया और ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीी
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्म्म्ममममममाआआआआआआआ कहते हुए वो अपनी चूत को मेरे लंड से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी पर मैं ने निकालने नही दिया और सूपदे को उसकी चूत से सुराख मे ही दबाए ही रखा जिस से उसकी चूत थोड़ी ही देर मे वो अड्जस्ट हो गई.
मैं वासना की आग मे जलने लगा था और जोश मे दीवाना हो गया था मेरा सारा बदन बोहोत गरम हो गया था और अब मेरे ऊपेर ऋतु को चोदने का भूत सवार हो गया था. अब मैने पोज़िशन चेंज कर के ऋतु को पीठ के बल नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया. मेरे पैर स्ट्रेट थे और पीछे बेड से टीके हुए थे और ऋतु ने अपने पैर मेरी कमर से लपेट लिए थे. मैं ने लंड के और बॉल्स के बीच वाले भाग पे थोड़ा प्रेशर डाला तो प्री कम का एक मोटा ड्रॉप लंड के सुराख से निकल ले उसकी चूत मे गिरा जिस से उसकी चूत और चिकनी हो गई. फिर झुक के उसकी चुचिओ को चूसने लगा लंड का सूपड़ा तो चूत के सुराख मे टीका दिया था. जैसा के मैं पहले ही बता चुका हू के मुझे एक ही झटके मे कुँवारी चूत को फाड़ने का मज़ा आता है और ऐसे चूत फाड़ के चोदने का मज़ा कुछ और ही है तो अब मैं और मेरा लंड उसकी छोटी नाज़ुक कुँवारी टाइट मक्खन जैसी चिकनी चूत को फाड़ने के लिए तय्यार हो गया था. मैने ने लंड को दबा दबा के प्रेकुं को उसकी चूत मे गिराया और उसकी चूत के अंदर ऊपेर से नीचे फिराया ता के चूत कुछ और गीली और स्लूप्पेरी हो जाए और ऋतु को कुछ मज़ा भी आए तो लंड को वैसे ही चूत के सुराख मे अटका रहने दिया और दोनो हाथ उसके बगल से निकाल के शोल्डर्स को
टाइट पकड़ लिया. मैं बिना क्रीम लगाए एक ही झटके से उसकी चूत फाड़ने की तय्यारी कर चुका था तभी ऋतु ने याद दिलाया के बाबू पहले वो क्रीम तो लगा लो ना नही तो यह तुम्हारा इतना बड़ा और मोटा लोहे जैसा सख़्त मेरे अंदर जाएगा तो बोहोत दरद होगा मैं सहन नही कर पाउन्गी और अगर तुम्हारी मलाई मेरे अंदर गिर गई और मैं प्रेग्नेंट हो गई तो मैं तो किसी को मूह दिखाने के काबिल नही रहूगी तो मैं ने कहा तू फिकर ना कर अभी लगा लेता हू पहले ऐसे ही मज़ा लुगा तो वो खामोश हो गई पर उसकी आँखो से दया की भीक टपक रही थी उसे क्या पता था के आज उसकी छोटी सी कुँवारी टाइट चूत कैसे फटने वाली है
उसकी चूत तो अछी ख़ासी गीली हो चुकी थी और मेरा प्री कुम्म लगने से चिकनी और स्लिपरी भी हो गई थी. लंड को थोड़ा सा प्रेशर दिया तो उसकी छोटी सी चूत का सुराख कुछ खुल गया और लंड का सूपड़ा थोड़ा सा अंदर घुस्स गया उसका मूह तकलीफ़ से खुल गया और वो मुझ से लिपट गई. मैं थोड़ी देर तक लंड के चिकने सूपदे को ऐसे ही अंदर बाहर अंदर बाहर करता रहा जिस से उसकी चूत का सुराख रिलॅक्स हो गया और उसके ग्रिप मेरे ऊपेर थोड़ी रिलॅक्स हो गई. ऐसे ही थोड़ा थोड़ा प्रेशर देते देते लंड का सूपड़ा ऑलमोस्ट चूत के सुराख मे समा गया और मेरे ऊपेर उसकी ग्रिप हर धक्के से टाइट हो रही थी. लंड के सूपदे को चूत के अंदर ही टिकाए मैं उसके मूह मे ज़बान डाल के किस करने लगा टंग सकिंग किस कर रहे थे जिस से वो और जोश मे आ गई और उसका बदन रिलॅक्स होने लगा. अब फिर मैने लंड को चूत से बाहर खेच के अंदर करने लगा ऐसे ही 10-12 टाइम अंदर बाहर करते करते जब देखा के ऋतु एक दम से रिलॅक्स हो गई है और मज़ा ले रही है तो लंड को पूरा बाहर खेच के एक फुल पवरफुल धक्का मारा तो घच की आवाज़ के साथ ही मेरा मूसल लोहे जैसा सख़्त लंड आधे से ज़ियादा उसकी छूट को फाड़ के अंदर घुस्स चुका था और उसकी नाज़ुक बेबी चूत की सील टूट चुकी थी. उसकी चूत मे से भारी क्वांटिटी मे खून निकल ने लगा और उसका मूह पूरे का पूरा खुल चुका था उसकी आँखें सॉकेट मे ऊपेर को चढ़ गई थी और वो बड़ी भयानक आवाज़ से चिल्लईईए आआआआआ म्म्म्ममममाआआआआआ म्म्म्ममाआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगाआआयययययईईईईईईईई और पहले तो वो मुझ से बोहोत ज़ोर से लिपट गई और मुझ को बोहोत टाइट पकड़ लिया और उसकी आँखो से आँसू निकल के बेड पे गिरने लगे और उसके हाथ और पैर मेरे बदन से निकल के नीचे बेड पे गिर गये जैसे कोई छिपकली (वॉल लिज़र्ड) दीवार से नीचे गिर जाती है और उसके हाथ पैर भी ऐसे ही गिर गये जैसे उसके बदन से प्राण निकल गए हो. मैं अपना लंड उसकी फटी चूत मे ही रखे रखे उसके ऊपेर ऐसे ही लेटा रहा. ऋतु की साँसें बड़ी तेज़ी से
चल रही थी उसके हाथ पैर ढीले पड़ गये थे बदन पूरा ठंडा हो गया था आँखें बंद थी वो मेरे नीचे ऐसे पड़ी थी जैसे कोई डेड बॉडी पड़ी हो और मैं अपने स्टाइल मे आइ मीन के एक ही पवरफुल झटके मे एक और नयी कुँवारी चूत को फाड़ चुक्का था. मैं दो टाइम ऑलरेडी झाड़ चुका था इसी लिए अभी झड़ने मे काफ़ी टाइम था. ऋतु की छोटी सी चूत को बोहोत देर तक मस्त चोदने का इरादा था. मेरी आँखों मे एक चमक आ गयी थी के आज मैं ने एक और छोटी सी कुँवारी चूत को एक ही झटके से जो मेरी फॅवुरेट शॉट है ऐसे ही एक शॉट से फाड़ डाली थी और वो अब मेरे नीचे एक डेड बॉडी की तरह से पड़ी थी. एक कुँवारी चूत की सील तोड़ने का सोचते ही मेरे लंड मे खुशी की लहर दौड़ गई और वो चूत के अंदर ही खुशी से फूलने लगा और फिर मैं ऋतु को ने धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया पर देखा के वो तो हरकत ही नही कर रही है तो मैं थोड़ा सा घबरा गया पर इतना तो यकीन था के घर मे हम दोनो के सिवा और कोई नही है और कोई आने वाला भी नही था क्यों के बारिश बोहोत ही तेज़ी से पड़ रही थी और ऐसी बारिश मे किसे के आने की उम्मीद नही थी.
लंड को थोड़ी देर के लिए ऋतु की चूत के अंदर ही रखे वेट करता रहा और उसकी चूचियों को मूह मे ले के चूसने लगा के शाएद उसके बदन मे गर्मी आएगी पर ऐसा नही हुआ तो मैं ने अपना लंड उसकी फटी चूत मे से बाहर खेच के निकाल लिया और फिर जैसे ही मेरा मूसल लंड उसकी चूत से बाहर निकला तो उसकी फटी चूत से ढेर सारा खून निकल के बेड पे गिरने लगा. मैं इतना बोहोत खून देख के थोड़ी देर के लिए सच मे घबरा गया, उसको चोदना बंद कर दिया और उसको अपने हाथो मे उठा के बाथरूम मे ले गया. ऐसे सिचुयेशन मे मुझे गीता की चुदाई याद आ गई वो भी तो इसी तरह से बेहोश हो गई थी और उसको भी मैं ऐसे ही उठा के बाथरूम मे ले गया था ( दोस्तो गीता की चुदाई के बारे मे पढ़ना हो तो मेरी कहानी “कच्ची कली” पढ़िए ). मैं ऋतु को उठा के बाथरूम मे आ गया और शवर खोल के उसको नीचे खड़ा कर के पकड़ लिया. ठंडे पानी का शवर पड़ने से उसका बदन काँपने लगा और उसकी आँखें खुल गई वो होश मे आ गयी और वो मुझे ऐसी निगाहो से देखने लगी जैसे उसकी कुछ समझ मे नही आ रहा हो के उसको क्या हुआ है और वो कहा है. थोड़ी देर के बाद जब उसकी आँखें पूरी तरह से खुल गई और पूरी तरह से होश आ गया तो उसको पता लगा के उसकी कुँवारी चूत अब फॅट चुकी है तो उसकी आँखों मे फिर से आँसू आ गये और वो रोने लगी. मुझे भी ऋतु के ऊपेर दया आ गई के अभी उसकी उमर ही क्या थी हार्ड्ली 14 साल की होगी इतनी छोटी सी उमर मे ही उसकी कुँवारी चूत को फाड़ डाला था मैं ने और वो भी इतने मोटे
और तगड़े लंड से और बड़ी बे-दरदी से पर क्या करू मुझे कुँवारी चूत को ऐसे ही स्टाइल मे फाड़ने मे मज़ा आता है ( कोई लड़की ऐसे ही अपनी कुँवारी चूत को फदवाना चाहती हो तो मुझे मैल करे सीक्रेसी ईज़ गॅरेंटीड ).
मैं ने ऋतु की चूत पे लगा और अपने लंड पे लगे खून को पानी से धो के सॉफ किया. उसकी चूत से खून निकलना अब बंद हो गया था तो मैं ने शवर थोड़ी देर के लिए बंद कर दिया और ऋतु को अपनी बाँहो मे ले लिया और उसको प्यार करने लगा ऋतु रो रही थी और मैं उसको अपनी बाँहो मे ले के उसको तसल्ली दे के समझा रहा था के चुप हो जा मेरी ऋतु रानी अब तुझे कुछ नही होगा जो होना था सो हो चुका बॅस अब तू किसी बात की फिकर ना कर और यह दरद तो अभी थोड़ी ही देर मे ख़तम हो जाएगा फिर इसके बाद तुझे मज़ा ही मज़ा आएगा और तू अपने आप को लकी समझेगी के इतनी छोटी उमर मे तेरी सील टूट गयी और तू भर पूर चुदाई का मज़ा ले रही है. हम खड़े हुए थे और हमारे नंगे बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे. उसकी छोटी छोटी चुचियाँ मेरे बदन से चिपकी हुई थी. उसकी हाइट छोटी होने से मेरा लंड उसके नाभि से लग रहा था. मैने झुक के उसके चीक्स पे किस किया उसके नेक पे किस किया, उसके फोर्हेड पे किस किया, उसकी आँखों पे किस किया और फिर उसके लिप्स पे अपने लिप्स रख के किस किया तो उसका मूह ऑटोमॅटिकली खुद ही खुल गया और अपनी ज़ुबान उसके मूह मे घुसेड दी और देखते ही देखते हम टंग सकिंग किस करने लगे और ऋतु के बदन मे गर्मी चढ़ने लगी. ऋतु को चलने मे मुश्किल हो रही थी तो मैं उसको अपने हाथो मे ही उठा के बाथरूम से बाहर ले आया और टवल से अछी तरह से उसके बदन को ड्राइ किया. उसको अपने बेड पे बिठा दिया और खुद नीचे किचन मे जा के गरमा गरम कॉफी बना के ले आया और हम दोनो कॉफी पीने लगे. ऐसी बारिश मे और ठंडे मौसम मे कॉफी पीने का मज़ा कुछ और ही है. कॉफी पीते पीते ही उसके नंगे थाइस पे मसाज करने लगा तो ऋतु ने कहा क्या बाबू अभी जी नही भरा क्या इतना बड़ा मोटा मेरी छोटी सी चूत के अंदर घुसा के मेरी चूत को फाड़ डाला फिर अभी और क्या कर रहे हो. आख़िर इरादा क्या है तुम्हारा बाबू तो मैं ने हंस के कहा अभी तो सिर्फ़ आधा ही अंदर डाला है अभी तो पूरा अंदर जाएगा जब ही तो तुम्है और मुझे मज़ा आएगा तो वो दोनो हाथो से अपने कान पकड़ते हुए बोली के भगवान के लिए मुझे माफ़ करो बाबू मुझे नही लेना ऐसा मज़ा तो मैं ने कहा के अनु और शालु के साथ तो बड़े मज़े लेती है अब क्या हुआ तुझे तो बोली के बाबू उस्मै दरद तो नही होता ना मज़ा ही मज़ा आता है तो मैं ने कहा के हा लंड से चुदने का मज़ा कुछ और ही है और इस मे बॅस एक ही टाइम दरद होता है बाद मे सारी ज़िंदगी मज़ा ही मज़ा आएगा तो उसने फिर कहा के नही बाबू मुझे नही लेना है ऐसा मज़ा
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