RE: Chodan Kahani तीन देवियाँ
ऋतु जब ऊपेर आई तो कमरा अछा ख़ासा डार्क था वो समझी शाएद हम सो गये तो उसने धीरे से पुकारा दीदी !!!! तो अनु ने कहा आ जा ऋतु इधर आ जा. मैं और अनु दोनो पीठ के बल सीधे ऐसे लेटे थे के हम दोनो के बीच मे थोड़ी जगह थी और हमारी टाँगें भी थोड़ी थोड़ी खुली हुई थी. ऋतु जब कमरे मे अंदर आई तो कमरे मे अंधेरा था कुछ नज़र नही आ रहा था. अनु ने ऋतु से कहा के आ जा और हम दोनो के बीचे मे बैठ के हमारी दोनो की टाँगो को दबा. ऋतु थोड़ी देर दूर मे खड़ी रही उसे कुछ दिखाई नही दे रहा था थोड़ी देर के बाद उसकी आँखें अंधेरे मे अड्जस्ट हो गई और वो अंधेर मे देखने के काबिल हो गई तो बेड की ओर बढ़ी और बेड के ऊपेर आ गयी और हमारे टाँगो के बीच मे घुटने मोड़ के बैठ गयी. अनु ने कहा के ऐसे ही बैठ के दोनो की टाँगो को दोनो हाथो से दबाओ और मसाज करो. ऋतु ने अपना एक हाथ मेरी टांग पे रखा दूसरा हाथ अनु की टांग पे रखा और अपने छोटे छोटे हाथो से दबाना शुरू किया तो अनु ने कहा ऊपेर तक दबा तो ऋतु थोड़ा और ऊपेर की ओर खिसक गयी और हम दोनो के ऑलमोस्ट सेंटर मे बैठ गयी और दोनो हाथो से दोनो के थाइस पे हाथ रख दिया और दबाने लगी. अभी तक ऋतु को पता नही चला था के हम नंगे लेटे है. अनु ने कहा ऋतु, शॉल के अंदर हाथ डाल के आराम से मसाज करो तो ऋतु ने दोनो की टाँगो पे से शॉल हटा के अपना हाथ हमारी थाइस पे रखा और एक दम से घबरा के अपना हाथ हटा लिया तो अनु हस्ते हुए पूछने लगी के क्या हुआ तो ऋतु बोली के दीदी आप ने सलवार नही पहनी क्या तो मैं ने कहा के अरे ऋतु इतनी गर्मी तो पड़ रही है ऐसे मे क्या सलवार और क्या कमीज़ चल तू दबाना शुरू कर तो उसने फिर से हमारे नंगे थाइस पे अपने हाथ रख दिए और दबाना शुरू कर दिया तो मैं ने बोला के और थोड़ा ऊपेर तक दबा ना तो वो
अपने हाथ और ऊपेर तक ले गयी और ऑलमोस्ट जाँघो तक उसके हाथ लगने लगे तो ऋतु फिर चोंक गयी और बोली के दीदी आप ने चड्डी भी नही पहनी क्या तो हम दोनो हस्ने लगे और बोले के यहा कोई मरद तो नही है और लड़कियाँ एक दूसरे से ना कुछ छुपाटी है और ना ही शरमाती तू भी तो लड़की है हम से कभी नही शर्मा ना समझ गयी ना. चल अब ऐसे ही ऊपेर तक दबा. प्लॅनिंग के मुताबिक हम दोनो ने अपने हाथो से उसके दोनो हाथो को पकड़ लिया औ अपने थाइस पे अंदर तक खेच लिया और जैसे ही ऋतु का हाथ हमारी नंगी चूतो पे पड़ा तो ऋतु ने कहा छी दीदी आप चड्डी पहेन लो ना प्लीज़ मुझे शरम आ रही है और अंधेरे मे ही उसने अपनी आँखें बंद कर ली तो हम दोनो फिर से हंस दिए और बोले के अभी तो तुझे बताया था के लड़कियाँ दूसरी लड़कियों से नही शरमाते है तो तू क्यों शर्मा रही है और फिर उसके दोनो हाथो को पकड़ के अपनी चूतो पे रख के अपनी थाइस को टाइट पकड़ लिया जिस से उसके हाथ हमारी चूतो पे लगे रहे. मैं ने ऋतु से बोला के चल अब यहा दबा तो उसने कहा ची दीदी कैसी बातें कर रही हो इसे भी कोई दबा ते है तो मैं ने कहा हा तुझे नही पता के इसको दबाने से कितना मज़ा आता है तो उसने शरम से अपनी गर्दन झुका ली. उसके हाथ अभी भी हमारी जाँघो मे दबे हुए थे और फिर हम दोनो ने उसके हाथ को पकड़ के अपनी चूतो पे आगे पीछे कर के मसलना शुरू कर दिया और बोला के ऐसे कर और ऐसे ही मसाज कर तो ऋतु कुछ बोली नही और जैसा हम ने बोला था वैसा ही अपने हाथो से हमारी चूतो का मसाज करने लगी.
मैं ने कहा ऋतु तुझे गर्मी नही लग रही तो उसने बोला का हा दीदी बोहोत गर्मी लग रही है और यहा तो फॅन भी नही चल रहा है तो मैं ने बोला के चल तू भी अपने कपड़े उतार दे तो उसने बोला के नही दीदी रहने दो कोई बात नही तो मैं ने फिर थोडा सा कड़क आवाज़ मे बोला के चल ऋतु जैसा मैं कह रही हू वैसा ही कर तो शाएद वो डर गयी और उसने शरमाते हुए अपनी शर्ट उतार दी तो मैं ने कहा के चल हम दोनो ने भी सलवार नही पहनी है तो तू कैसे पहेन सकती है चल उतार इसे भी और अपने हाथ बढ़ा के उसकी सलवार का नाडा खोल दिया तो वो अपनी जगह से थोड़ा सा उठी और अपनी सलवार को निकाल दिया. अब ऋतु भी हमारे बीच मे नंगी बैठी थी और फिर से हमारे थाइस को दबाने लगी तो मैं ने कहा के ऋतु जैसा अभी तुझे बताया था वैसे ही मसाज कर तो उसने कुछ नही कहा और सिर्फ़ थाइस को ही मसाज करती रही तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपनी चूत पे रख दिया तो उसने फॉरन ही अपना दूसरा हाथ भी अनु की चूत पे रख दिया और अपने छोटे छोटे हाथो की हथेली से हमारी चिकनी चूतो को सहलाने लगी तो मैं ने और अनु ने अपने अपने हाथ उसके मुड़े हुए थाइस पे रख दिए और उसके पतले पतले थाइस
को मसाज करने लगे और पूछा के कैसा लग रहा है तो ऋतु बोली के बोहोत अछा लग रहा है तो हम ने बोला के हमै भी बोहोत मज़ा आ रहा है. और ऐसे ही सहलाते सहलाते हम ने भी उसकी चूत पे हाथ रखा तो वो घबरा के खड़ी हो गयी तो अनु हंस के बोली के चल बैठ और जैसा हम बोलते है वैसा ही कर. अब पोज़िशन ऐसी थी के ऋतु घुटने मोड़ के हमारे बीच मे बैठी थी और कभी कभी अपनी गंद बेड से उठा के घुटनो के बल हो जाती थी और उसके दोनो हाथ हमारी चूतो पे थे और वो अपने दोनो हाथो की हथेलिओं से हम दोनो की चूतो का एक साथ मसाज कर रही थी हम्दोनो को उसके छोटे छोटे हाथ के स्पर्श से बोहोत ही मज़ा आने लगा था और हम ने उसका हाथ अपनी जाँघो से टाइट पकड़ लिया और झड़ने लगे. जैसे ही हमारी चूत का रस्स उसके हाथ से लगा तो उसने अपने हाथ खेच लिया और बोली के दीदी तुम्हारा पिशाब निकल रहा है जा के बाथरूम मे कर लो तो हम दोनो फिर से हंस दिए और बोला के अरे पगली यह पिशाब नही है यह तो हरमा रस है जो मसाज करने से निकलता है तो उसने कुछ बोला नही शाएद उसकी कुछ भी समझ मे नही आया. हमारे हाथ उसकी थाइस को सहलाते सहलाते उसकी चूत को भी टच कर रहे थे तो उसने भी अपनी टाँगें थोड़ी सी खोल दी शाएद उसको भी अब मज़ा आने लगा था.
हम ने ऋतु को पकड़ के हमारे बीच मे लिटा लिया और उसकी छोटी छोटी छातियाँ मसल्ने लगे और किस करके उसके निपल्स जो अभी पूरी तरह से बाहर भी नही आए थे उनको अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया और अपने हाथ से उसकी छोटी सी मक्खन जैसी चिकनी चूत का मसाज करने लगे तो ऋतु के मूह से फॉरन ही सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआअहह जैसे आवाज़ें निकाल ने लगी और उसने अपनी टाँगें बोहोत चौड़ी कर ली और घुटने मोड़ के पूरी टाँगें खोल दी और अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को हमारी उंगलिओ से रगड़ने लगी. मैं ने पूछा कैसा लग रहा है ऋतु तो वो बोली के बोहोत अछा लग रहा है दीदी मुझे बोहोत मज़ा आ रहा है. मैं और अनु दोनो करवट से लेटे थे उसकी छोटे से चुचिओ के उभार को चूस रहे थे और उसकी चूत के दाने को उंगली से मसल रहे थे. थोड़ी ही देर मे ऋतु ने भी अपनी टाँगें बोहोत ज़ोर से बंद करली और हमारे हाथो को अपने जाँघो मे दबा के पकड़ लिया उसका बदन अकड़ गया था और फिर धीरे धीरे वो गहरी गहरी साँसें लेती हुई अपनी टाइट ग्रिप को लूस कर दिया और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी आवाज़ें निकालती हुई गहरी साँसें लेने लगी उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और उसकी कच्ची कुँवारी छोटी सी बेबी चूत मे से जूस निकलने लगा जिसे मैं ने अनु ने चाट लिया वाह क्या बताउ
कितना मीठा उसकी कुँवारी चूत का पहला जूस मज़ा ही आगेया उसका जूस चाटने मे..
अनु जो ऋतु की चूत को चाटने के लिए उतावली हो रही थी, अपने दोनो हाथ उसकी बगल मे डाल के उसको अपने नंगे बदन के ऊपेर खेच लिया और अपनी चुचिओ पे उसको बिठा लिया तो ऋतु भी अपने घुटने मोडके अनु के सीने पे बैठ गयी.
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क्रमशः........
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