RE: Chodan Kahani तीन देवियाँ
तीन देवियाँ पार्ट -14
गतान्क से आगे..................
इसी लिए उसका मूह खुल गया और मलाई का नेक्स्ट शॉट शालु के मूह मे गिरा और फिर शालु के मूह से भी लंड को खेच के निकाल लिया और बारी बारी दोनो की नंगी चुचिओ पे मलाई की धार मारने लगा. गरम गरम मलाई की मोटो मोटी धारियाँ दोनो की चुचिओ पे पड़ी थी. जैसे ही मेरे लंड से मलाई निकलना बंद हो गयी मैं ने अपने लंड को ऋतु की छोटी सी लाइट ब्राउन निपल पे रगड़ा फिर शालु की गुलाबी निपल पे लंड के सूपदे को रगड़ा और अपनी क्रीम को उन दोनो की चुचिओ पे स्प्रेड कर दिया जैसे डबल रोटी (ब्रेड) पे क्रीम, जाम या क्रीम स्प्रेड की जाती है.
शवर खोल के हम तीनो ने एक साथ ही स्नान किया एक दूसरे को खूब साबुन लगा के रगड़ रगड़ के नहाए. अब शालु की शरम भी ख़तम हो गयी थी. वो भी नंगे ही कंफर्टबल फील कर रही थी. स्नान करने के बाद हम तीनो बाथरूम से बाहर आए और टवल से अपना बदन ड्राइ किया. अब बारिश रुक चुकी थी पर अभी भी बारिश की वजह से ठंड पड़ रही थी पर हमारा कमरा गरम था और मैं भी गरम था अपने सामने दो दो मक्खन जैसी नंगी और चिकनी चिकनी चूतो को देख के मेरा लंड भी गरम हो गया था ऐसा लगता था के आज ओवरटाइम करने को रेडी हो..
अब हम तीनो को कुछ भूक लगने लगी थी तो मैं ने ऋतु से बोला के ऋतु ज़रा नीचे से जा के कुछ खाने को और पीने को जूस या कोक तो ले के आजा मुझे पता था के शालु को कोक इतना पसंद था के अगर वो सोई हुई भी हो और उस से पूछा जाए के शालु कोक पिएगी तो वो बेड से उठ जाएगी और कोक पीक फिर से सो जाएगी यह सुनते ही शालु बोली के मेरे लिए तो कोक ही ला ले ऋतु.
ऋतु नीचे गयी और थोड़े से चॉक्लेट्स, थोड़े से केक, कुछ ड्राइ फ्रूट्स और क्रीम बिस्किट्स और कोक और दूसरे ड्रिंक्स ले के आ गयी और प्रोग्राम के मुताबिक ऋतु ने कोक की बॉटल मे आधी के करीब विस्की मिला दी थी यह सब ले के वो ऊपेर आ गयी और हम तीनो बैठ के खाने और पीने लगे. मेरे लिए तो एप्पल जूस था और ऋतु और शालु ने कोक ही लिया. मैने अपनी उंगली मे चॉक्लेट केक्स के ऊपेर से चॉक्लेट की क्रीम निकाल के ऋतु की दोनो चुचिओ पे लगा दिया और एक चुचि को मूह मे ले के चूसने लगा तो दूसरी चुचि को शालु ने अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. ऋतु ने अपने हाथ मे खूब बोहोत सारी चॉक्लेट क्रीम ले के शालु के पेट और चूत पे मलना शुरू कर दिया तो शालु ने अपनी टाँगें चौड़ी कर के उसको क्रीम लगाने मे सहायता दी. ऐसी ही मस्ती करते करते हम कुछ खाने और पीने लगे. शालूने कोक की बॉटल अपने मूह से लगाई और एक ही घूँट मे आधी से ज़ियादा बॉटल कोक की पी गयी और मूह अजीब सा बनाते हुए बॉटल मूह से निकालते हुए बोली के हे ऋतु यह कैसा कोक है री कही खराब तो नही हो गया कैसा अजीब टेस्ट है इसका कब से फ्रिड्ज मे रखा हुआ है तो उसने बोला के नही दीदी यह तो कल ही लाए है बाज़ार से कोक को तो कुछ भी नही हुआ अछा ही है और मुस्कुराते हुए बोली के हो सकता बाबू के लंड से निकली मलाई खाने से आपका मूह का टेस्ट कुछ चेंज हो गया होगा तो उसने कुछ बोला नही और बॉटल उठा के एक और लंबा घूँट भरा और बोली के कुछ टेस्ट अजीब ज़रूर है पर है बड़ा मज़े दार और देखते ही देखते शालु ने बॉटल को खाली कर दिया उसे क्या पता था के वो कोक और शराब का मिक्स्चर पी रही है.
ऋतु ने पूछा दीदी और लाउ की कोक ? तो शालु बोली के हा प्लीज़ ऋतु एक और बॉटल ले का आजा ना तो ऋतु फिर से नीचे गयी और एक बॉटल मे आधी विस्की मिक्स कर के ऊपेर ले के आगयी. ऋतु के ऊपेर आने तक मे शालु को बेड पे लिटा के उसके चूत पे से चॉक्लेट क्रीम चाटने लगा था और शालु भी अब फुल मस्ती मे आ गयी थी शाएद शराब का नशा चढ़ रहा था जिसकी वजह से वो अब अपनी चूत की चुसाई का भरपूर मज़ा ले रही थी और अपने टाँगें मोड़ के मेरे सर पे हाथ रखे अपनी चूत मे मेरे मूह को घुसा रही थी और रगड़ रही थी और अब वो बोलने लगी थी के आआहह राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज बोहोततत्त माआज़्ज़ाआआआआ आआआआआआअ हह र्र्राअह्ह्ह्हाआ हहाआऐईईईईईई आआआआईईईई और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्
स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ के साथ ही अपनी गंद को बेड से 2 फीट ऊपेर उठा के मेरे मूह मे चूत रगड़ते हुए झड़ने लगी उसकी आँखें बंद हो गयी थी उसकी चूत की पंखाड़िया तो पहले से गुलाभी थी ही और अब अंदर से एक दम से लाल हो गयी थी.
थोड़ी देर के बाद उसने आँखें खोली और देखा के ऋतु ऊपेर आ चुकी है तो वो बेड से उठी पर नीचे फ़राश पे पैर रखते ही लड़-खड़ा गयी और गिरते गिरते बची और बोली के यह मुझे क्या हो रहा है मेरा सर क्यों घूम रहा है तो ऋतु बोली के दीदी तुम इतने टाइम झाड़ चुकी हो ना इसी लिए शाएद वीकनेस महसूस हो रही होगी आओ और कुछ केक और बिस्किट्स खा लो तो शाएद ठीक हो जाओगी तो वो आके बैठ गयी और केक और ड्राइ फ्रूट्स खाने लगी और अब कोक की बॉटल से धीमी धीमी चुस्कियाँ लेती रही और बोली के ऋतु यह कोक का टेस्ट भी वैसा ही है तो ऋतु मुस्कुरदी पर कुछ बोली नही. हम तीनो नंगे ही एक दूसरे के साथ मस्तियाँ कर रहे थे.
अब शालु को शराब का नशा चढ़ रहा था तो वो ऋतु से बोली के हे ऋतु राज ने तुझे भी चोदा क्या तो ऋतु हंस पड़ी और बोली के दीदी अभी तो मैं हंस रही हू पर सुबह जब मुझे चोदा था ना तब मैं बोहोत रोई थी तो शालु ने नशे मे झूमते हुए मेरी तरफ इशारा करते हुए कहा के हा जब इस ने मुझे चोदा था ना तब मुझे भी बोहोत तकलीफ़ हुई थी पर अब चूत के अंदर अछा लग रहा है.
अब शालु शराब के नशे मे एक दम से फ्री बात कर रही थी. ऋतु ने बोला के दीदी राजा बाबू ने आज मेरी गंद भी मारी और मुझे बोहोत दरद हुआ तो शालु बोली के हा हुआ होगा अभी तू छोटी है ना और तेरी गंद भी छोटी है और यह साले का लंड घोड़े जैसा है इसी लिए तुझे दरद हुआ होगा तो ऋतु बोली के दीदी मुझे यकीन है के यह लंड जब तुम्हारी गंद मे घुसे गा तो तुम्हारी भी गंद फॅट जाएगी तो वो नशे मे झूलते हुए अपने सीने को ठोकति हुई बोली के चल हट साली तू क्या समझती है मुझे. मुझे अब कुछ भी दरद नही हो सकता मैं एक टाइम इसी लंड से चुद चुकी हू और मेरी सील टूट चुकी है अब मुझे तकलीफ़ नही होगी तो ऋतु बोली के नही दीदी सच मे तुम्है भी दारद होगा. यह एक ट्रिक थी जिस से शराब के नशे मे धुत्त आदमी सब कुछ करने को और करवाने को रेडी हो जाता है. शालु बोली चल इसी बात पे लगा ले शर्त मुझे कुछ नही होगा तो ऋतु बोली के बोलो दीदी क्या शरत लगओगि तो शालु बोली के मेरी गंद मारने के बाद तू भी अपनी गंद मरवाएगी तो ऋतु बोली के ठीक है दीदी चलो कोई बात नही अब आप आ जाओ बेड पे. इतनी देर मे शालु को नशा चढ़ने लगा था.
शालु नशे मे झूमते हुए खड़ी हो गयी और बेड की तरफ हाथ से इशारा करते हुए बोली चल साले राज किधर है तू भेन्चोद आ जा और मार मेरी गंद मैं भी देखती हू तेरी गंद मे कितना दंम है भेन्चोद चूतिया साला ज़रा लंड बड़ा क्या है नखरे करता है ऋतु की गंद मार के खुश है साला. ऋतु की गंद मार के खुश है साला आजा अब मेरी गंद मार मैं भी देखती हू तेरे लौदे मे कितना दम है साले ज़रा लौदा बड़ा और मोटा है तो बोहोत नखरे दिखा रहा है भेन्चोद पर तुझे क्या मालूम शालु की गंद मे कितना दंम है तेरे जैसे लौदे से शालु डरने वाली नही समझा मादर चोद शालु भी किसी रंडी से कम नही चल आ जा साले क्या समझता है अपने आप को तेरे जैसे दो दो लौदे भी आ जाए तो शालु का कुछ नही बिगाड़ सकते एक चूत मे ले लूँगी और एक गंद मे आराम से डलवा के गंद मर्वाउन्गि चल आ भेन्चोद तेरी भेन को चोदु चल इधर आ साले. वो नशे मे धुत्त थी और गालियाँ निकाल रही थी और कंटिन्यू एक ही बात बोल रही थी और अपनी गंद मारने को बोल रही थी.
ऋतु उसकी ज़ुबान से ऐसे गलियाँ सुन के हैरान रह गयी थी और मुस्कुराते हुए बोली के अछा दीदी ऐसा करते है मैं बेड पे लेट जाती हू और तुम मेरे ऊपेर आ जाओ और हम थोड़ी देर एक दूसरे की चूते चाटेंगे और जब तुम मस्ती मे चूर हो जाओ तो राजा बाबू तुम्हारी गंद भी मार देंगे आज आओ और ऋतु नंगी बेड पे अपने पैर फैला के लेट गयी और साथ ही शालु भी बेड पे चढ़ गयी और ऋतु के साथ डाइरेक्ट 69 की पोज़िशन मे आ गयी. ऋतु नीचे पीठ के बल लेटी थी. शालु उसके बदन के दोनो तरफ घुटने मोड़ के पर्फेक्ट 69 पोज़िशन मे आ गयी. शालु घोड़ी बनी ऋतु के ऊपेर थी. मैं भी की जेल्ली का ट्यूब अपने हाथ मे ले के बेड पे चढ़ गया.
मेरा लंड तो शालु के मूह से ऐसी गालियाँ सुन के और एक और नयी गंद मारने के ख़याल से खुशी मे झूम रहा था और कुछ ज़ियादा ही अकड़ गया था और लोहे जैसा सख़्त हो चुका था और स्प्रिंग की तरह से हिल हिल के शालु के ब्रांड न्यू कुँवारी गंद को सल्यूट कर रहा था और ऐसे पिंक मस्त गंद देख के मेरे लंड के मूह से लार भी टपकने लगी थी. ऋतु अपने हाथो को शालु के चूतदो पे रख के नीचे अपनी ओर खेच के शालु की चिकनी चूत को चूसने लगी और शालु अपना मूह ऋतु की चूत मे घुसा के उसकी चूत को चाटने लगी दोनो मज़े से सिसकारिया ले रहे थे. शालु की खुली हुई टाँगो के बीच मे से उसकी चिकनी चूत की पंखाड़िया किसी नारंगी की फाँक की तरह से फूली लग रही थी जिसमे से रस भी टपक रहा था जिसे ऋतु बड़े मज़े से चाट रही थी. ऐसे ही चाट ते चाटते दोनो मस्तियाँ कर रहे थे और थोड़ी ही देर मे शालु अपने पैर सीधे कर के ऋतु के ऊपेर लेट गयी पर ऋतु के पैर अभी भी घुटनो से मुड़े हुए थे और वो शालु का सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा रही थी और उसी तेज़ी से शालु की चूत को भी चाट रही ही. शालु फुल मस्ती मे आ चुकी थी और उसकी टाइट गोरी गांद का गुलाबी छेद मेरे लंड को अंदर आने की दावत दे रहा था. शालु अपनी गंद उठा उठा के ऋतु के मूह को चोद रही थी और इसी पोज़िशन मे उसके चूतड़ खुल बंद हो रहे थे.
मैने जेल्ली के डिब्बे को बेड पे रख दिया और शालु के पीछे अपने घुटने मोड़ के उसके ऊपेर बैठ के पीछे से ही उसकी खुली चूत मे अपने लंड के सूपदे को रगड़ने लगा और ऋतु अब शालु की चूत और मेरे बॉल्स को अपनी ज़ुबान से चाट रही थी. शालु अपना मूह पीछे मोड़ के मेरे से बोली क्या देखता है साले भेन्चोद मार शालु की गंद चल घुसा दे तेरा मोटा लौदा मेरी गंद मे. मैं सोच रहा था के अभी तो मैं झड़ने
वाला नही हू तो क्यों ना पहले उसको थोड़ी देर पीछे से ही चोदु. मेरे लंड मे से प्री कम निकल रहा था और शालु की गीली चूत मे लग रहा था. शालु की चुचियाँ इतनी मस्त थी के ऐसी पोज़िशन मे लटक भी नही रही थी एक दम से टाइट थी तो मैं अपने हाथ उसके चुचिओ पे रख के दबाने और मसल्ने लगा जिस से वो कुछ और जोश मे आ गयी और अपनी गंद को पीछे धकेला तो मेरे लंड का मोटा सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटक गया. अभी मई धक्का मारने का सोच ही रहा था के शालु ने अपनी गंद को पीछे कर के एक और धक्का मारा तो मेरा तकरीबन आधा लंड उसकी गीली चूत मे घुस्स गया. ऋतु अब मेरे लंड के डंडे को और शालु की चूत दोनो को अपनी ज़ुबान लगा के चाट रही थी. मैने उसकी चुचिओ को पकड़ के और अपने लंड को उसकी चूत से पूरा बाहर निकाल के एक ज़ोर का धक्का मारा तो शालु के मूह से आआआययययययययययईईईईईईई निकल गया और मेरा मूसल लंड उसकी खुली चूत मे पूरे का पूरा जड़ तक अंदर घुस्स गया. मैं शालु के बदन पे लेट गया और अब मैं उसके शोल्डर्स को पकड़ के लंड को उसकी चूत से पूरा बाहर निकाल निकाल के चोद रहा था ऐसे पोज़िशन मे मेरा लंड शालु की टाइट चूत मे पूरे का पूरा अंदर तक घुस्स रहा था. शालु अब मज़े से चुदवा रही थी. शालु नशे मे धुत्त थी और चूत मे लंड का मज़ा और ऋतु की ज़ुबान का मज़ा ले रही थी और आआआअहह ईईईईईहह जैसी आवाज़ें निकाल रही थी. अब मेरे धक्के के साथ साथ शालु भी अपनी गंद आगे पीछे कर के मेरे धक्को की ताल से ताल मिला रही थी और चुदाई का मज़ा ले रही थी.
कमरे मे चुदाई का एक मधुर सुर संगीत बज रहा था. शालु फुल जोश मे आ गयी थी और ऋतु की पूरी चूत को अपने मूह मे ले के काट डाला जिसे से ऋतु ने आआआआआग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और हहाआआआआईईईईईईई दीदी बोल के एक चीख मारी और शालु के सर को अपनी जाँघो मे दबा के पकड़ लिया और हिलते हुए झड़ने लगी. ऋतु की चूत से निकलते जूस को शालु पीती रही और अपनी गंद आगे पीछे कर के डॉगी स्टाइल मे मेरे लंबे मोटे मूसल जैसे तगड़े लंड से मस्त चुदाई का मज़ा लेने लगी. देखते ही देखते उसके धक्के तेज़ होने लगे और बोलने लगी देखा साले भेन्चोद कैसे तेरे मोटे लंड को शालु ने अपनी गंद मे कैसे आराम से ले लिया चल मार गंद मेरी मादर चोद देख अब मुझे भी मज़ा आ रहा है. उसको इतना भी होश नही था के मैं उसकी गंद नही चूत मार रहा हू. आअहह ऐईइस्स्सीई हिी माअरर्र्ररर मेररीई गाआआअंन्दड़ सॅयाययाल्लीयीईयी आआआआआहह फ्फूकककककककक म्म्म्मय्यययी आआआसस्स्स्सस्स य्य्य्य्य्य्युउउउउउउ
ब्ब्ब्बबाअस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्थथत्त्ताआरर्र्र्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड फफफफफफुऊऊुुऊउक्ककककककककककककक म्म्मीईए आआआाआआइईईईईई आआआआहह म्म्म्ममममाआररर्र्र्र्ररर आआआआयययययययईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईई हहिईीईईईईईईईई और एक ज़ोर का बॅकसाइड धक्का मारा और झड़ने लगी. मेरा लंड उसकी चूत मे जड़ तक घुसा हुआ था उसकी बच्चे दानी से टकरा रहा था. शालु झाड़ते ही चली गयी और आआआग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकालती ऋतु के बदन पे अपनी टाँगें पीछे की तरफ लंबी कर के ढेर हो गयी.
अब शालु और ऋतु दोनो अपनी अपनी टाँगें सीधी रखे लेटे थे दोनो झाड़ चुके थे और मस्ती मे दोनो की आँखें बंद हो चुकी थी दोनो गहरी गहरी साँसें ले रहे थे और दोनो के मूह एक दूसरे की चूत के पास रखे हुए थे. उनकी नाक से निकलती गरम गरम साँसें गीली गीली चूतो से टकरा रही थी. शालु के ऐसे कोलॅप्स हो जाने से मेरा लंड भी उसकी चूत से बाहर निकल चुका था. अब मैने पोज़िशन थोड़ी सी चेंज कर के फिर से उसकी चूत के सुराख से अपने लंड का सूपड़ा टीका दिया और मैने भी अपनी टाँगें उसकी टाँगो के दोनो तरफ रख के पीछे कर के एक धक्का मारा और लंड एक बार फिर से आधा शालु की चूत मे अंदर तक घुस गया और लंड को पूरा बाहर निकल के एक और धक्का मारा तो घचक के साथ ही पूरे का पूरा लंड उसकी चूत मे घुस्स गया. शालु तो ऋतु के ऊपेर ऐसे ही पड़ी थी और मेरा लंड उसकी चूत मे घुसा हुआ था अब मैं धीरे धीरे पीछे से ही उसकी चूत मे धक्के मार के चोदने लगा. अब शालु अपने ऑर्गॅज़म से बाहर निकल चुकी थी और बोली के देख साले में ने कितनी आसानी से तेरा लंड अपनी गंद मे ले लिया भेन्चोद ऋतु की गंद मार के खुश हो रहा था तो मैं ने बोला के शालु मेरी जान मेरा लंड तो तुम्हारी चूत मे है गंद मे नही मैं तुम्है चोद रहा हू गंद नही मार रहा हू अभी. गंद तो अब मरूगा मैं तुम्हारी तो वो बोली के भेन्चोद फिर से चूत मे घुसा दिया साले चल चूत से लंड निकाल निकाल और डाल मेरी गंद मे. मैं ने बोला के ठीक है और उसकी गान्ड के सुराख मे की जेल्ली का ट्यूब रख के खूब सारी जेल्ली डाइरेक्ट उसकी गंद मे डाल दिया और थोड़ी उसके गंद के सुराख पे अछी तरह से लगा दिया और उंगली उसकी गंद के अंदर बाहर करने लगा जिस से उसकी गंद के मसल्स कुछ रिलॅक्स होने लगे थे फिर अपने लंड पे ढेर सारी जेल्ली लगा लिया और अपने हाथ से ही लंड के डंडे को पकड़ के उसके गंद के सुराख मे आगे पीछे करने लगा. इतनी देर मे ऋतु और शालु एक बार फिर से मूड मे आ गये थे और दोनो ने एक दूसरे की चूतो को
चाटना और चूसना स्टार्ट कर दिया था इस टाइम शालु के पैर पीछे की ओर स्प्रेड कर के सीधे रखे थे और ऋतु के पैर थोड़े से मुड़े हुए और स्प्रेड किए हुए थे. शालु मस्ती मे बोल रही थी चल साली चूस मेरी चूत को आआहह काअट डाल साली चूत को इस मे आग लगी हुई देखती नही तेरे चाटने के लिए अभी अभी झांतें निकाल के आई हू देख मदेर्चोद कैसी चिकनी है मेरी चूत चल चाट काट डाल साली मेरी चूत को आआआआअहह है आआयईईए ले ले पूरी चूत अपने मूह मे और दांतो से काट डाल भेन्चोद देख मैं कैसे काट ती हू तेरी चूत को और शालु ने फिर से ऋतु की चूत को दांतो से काट डाला तो ऋतु के मूह से चीख निकल गयी ऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई द्ददडिईईयययद्द्द्दडिईईई माररररर ग्गगाआआयययययययईईई तो शालु बोली के साली तेरी मस्त चूत को चूसने और काटने मे बोहोत मज़ा आता है आअहह क्या मस्त चूत है तेरी और इसी तरह की नशे मे गालियाँ निकालती ऋतु की चूत को चाट ती रही दोनो मज़े से एक दूसरे की चूते चाट ते रहे.
मैं शालु के ऊपेर था और शाएद मेरे वेट की वजह से भी उसके पैर नही मूड रहे थे और सीधे ही रखे थे और मैं अपने घुटने मोड़ के उसकी गान्ड से अपने लंड के सूपदे को सटा के आगे पीछे कर रहा था. अभी लंड का सूपड़ा उसकी गंद मे नही घुसा था लैकिन प्रिपेर कर रहा था के उसकी गंद के मसल्स रिलॅक्स हो जाए.
मैं शालु के ऊपेर झुका हुआ था और उसके शोल्डर्स को पकड़ के और उसकी गंद के सुराख पे अपने लंड के सूपदे को रख के एक ही झटका मारा जिस से लंड का सूपड़ा जो कि जेल्ली की वजह से चिकना और स्लिपरी हो गया था अंदर घुस्स गया और शालु किसी मछली की तरह से तड़प के 2-3 फीट आगे की ओर उछल गयी और मेरी तरफ अपना मूह कर के चिल्लाई आआआआआआआआईईईईईईईईईईईईईई क्या कर रहा है बे भेन्चोद तेरी मा का भॉड़सा समझा है क्या आराम से मार गंद मेरी मदर्चोद फ्री की गंद मिली तो भिकारी की तरह से टूट पड़ा साले धीरे से मार साले तेरी भेन की गंद भी ऐसी ही मारी थी क्या. शालु के उछल पड़ने से मेरा लंड भी उसकी गंद मे से बाहर निकल गया था. इतने मे ऋतु ने शालु की चूत पे चुम्मा लिया और अपनी ज़ुबान लगाई तो वो अपनी जगह पे वापस आ गयी और ऋतु के मूह पे अपनी चूत रगड़ रगड़ के चोदने लगी. शालु की चिकनी गंद बड़ी मस्त दिख रही थी उसके गोल गोल चूतड़ पे हाथ फेरने लगा और थोड़ी और जेल्ली उसकी गोरी गंद के गुलाबी छेद मे लगा दी और कुछ और पे लंड पे भी लगा दी और जैसा के मेरी आदत है एक ही झटके मे चूत या
गंद फाड़ने की तो उसी आदत के मुताबिक मैं तय्यार हो गया और चान्स देखने लगा के कब फाडू उसकी गंद और वो चान्स भी जल्दी ही मिल गया.
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कामुक कहानियाँ
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क्रमशः........
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