RE: Antarvasna Chudai विवाह
लीना को खुश रखना ज़रूरी है. फिर सब कुछ ठीक ठाक हो जाएगा, कोई लफडा भी नही होगा. वैसे मेरी मा और बहन जिस तरह से बहू के स्वागत को तड़प रही हैं, उससे तो लगता है कि एक बार हमारे घर आ जाए, फिर बेचारी लीना कुछ भी कर ले, इन दोनो सास ननद के आगे बेचारी जल्दी ही घुटने टेक देगी. आख़िर कर भी क्या सकती है बेचारी. पर लड़की सच मे स्वीट है. मैं आज ही रात अच्छा मीठा मौका देखकर मा और दीदी को समझा दून्गा कि बहू को ज़रा प्यार से ... मेरा मतलब है ... मज़ा दें, ज़्यादा कचूमर ना निकालें उसका शुरुआत मे. वैसे कोई प्राब्लम होना नही चाहिए, अगर मेरा अंदाज़ा सही है ... याने लीना भी अपने भाई के साथ .... तो लीना ज़्यादा नाटक नही करेगी, सास ननद के आयेज समर्पण कर देगी.
नीलिमा
(ननद)
लीना बड़ी प्यारी है. उसे पास से देख कर मैने राहत की साँस ली कि वह वैसी ही निकली जैसा मैने सोचा था. बहू चुनने मे कोई ग़लती नही हुई. लीना के उस अनूठे सौन्दर्य और उसकी सेक्स अपील को भी नज़दीक से देख लिया. बहुत दिन बाद ऐसा लगा कि अब फिर हमारी जिंदगी मे कोई नयापन आएगा. लीना मे वह फ्रेशनेस है जो जवानी मे होता है.
लीना को मैने अपनी सहेली के भाई की शादी मे देखा था. फिर मा को दिखाया कि यह बहू कैसी रहेगी. मा को भी एक नज़र मे पसंद आ गयी थी. मुझे पकड़कर बोली थी ओह बेटी, अगर यह अप्सरा हमारे घर मे आ जाए तो ... पर अनिल को भी पूछ लेते हैं. मैं हंस पड़ी थी, ममी को भी कहा था कि कमाल करती हो, अनिल की पसंद नापसंद का अब कोई मतलब है क्या. यह अनिल भी क्या छुपा रुस्तमा निकला, बचपन से साथ हैं पर मैने कभी नही सोचा था कि यह ऐसा ....उस जेसन के साथ क्या क्या करेगा. नही तो बचपन से मैं, अनिल और मामी इतनी मस्ती करते आए हैं, इसने कभी हवा भी नही लगने दी कि यह उस तरफ की भी सोचता है!
मुझे अब भी याद है जब वह छोटा था और मेरे कमरे मे सोता था और मैने ...... और बाद मे ममी की पापा के साथ शादी होने के बाद जब पापा बाहर गये थे और अनिल मेरे बेडरूम का दरवाजा खोल कर अंदर आ गया था कि मैं अकेली होऊन्गी और जब उसने मुझे और ममी को .... क्या सूरत हो गयी थी, जैसे बिजली गिर पड़ी हो. अभी भी हँसी आ जाती है मुझे.
अब आएगा मज़ा, लीना क्या मस्त चीज़ है. आज मैने उसकी साड़ी का आँचल देखने के बहाने हाथ लगा दिया. कितने कसे हुए स्तन हैं इस लड़की के! मेरे जितने बड़े नही हैं पर हैं ठोस. लीना चौंक गयी थी, मेरे हाथ लगाने पर, पर मैने चेहरा ऐसा भोला बना रखा था कि मुझे देखकर फिर निश्चिंत हो गयी. अच्छा हुआ उसे समझ मे नही आया. अभी ठीक समय भी नही है यह, एक बार शादी हो जाने दो, जब घर आएगी तो देख लून्गी मैं उसे.
उसका वाहा छोटा भाई भी बहुत प्यारा है. कितना नाज़ुक है, और एकदम गोरा गोरा. मेरे ख़याल से लीना से भी ज़्यादा गोरा है. अनिल तो बार बार उसी की ओर देख रहा था. ये तो अच्छा हुआ कि अक्षय का ध्यान मेरी ओर था नही तो वह सोचने लगता कि उसके जीजाजी आख़िर अपनी होने वाली पत्नी को छोड़कर अपने साले मे ज़्यादा दिलचस्पी क्यों दिखा रहे हैं.
एक दो बार मामी की ओर भी देख रहा था, लगता है बड़ा रसिक है. पर बाद मे उसका पूरा ध्यान मेरी छाती पर था. अच्छा हुआ की मैने यह तंग कमीज़ पहनी आज. इसमे मैं बहुत सेक्सी लगती हूँ. मेरे अड़तीस डी कप साइज़ के मम्मे जब तन कर कमीज़ से उभरते हैं तो मज़ाल है कि किसी की निगाह मेरे जोबन पर ना जाए! असल मे मैने लीना पर इनका क्या इफेक्ट होता है देखने के लिए पहनी थी पर यहाँ तो उसका छोटा नन्हा मुन्ना भाई जाल मे आ गया! बस मेरी ओर लगातार देख रहा था,
|