RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं वॉशरूम में गई और आख़िरकार अपनी पैंटी उतार कर वहीं फेंक दी और वापिस क्लास में आकर बैठ गई. रिसेस के बाद पीरियड फिर से शुरू हो गये और मुश्क़िल से स्कूल का टाइम पूरा हुया और मैं और महक ऑटो पकड़ कर घर आ गये. घर आकर मैने खाना खाया और जाकर अपने रूम में सो गई. अभी मेरी आँख लगी ही थी कि मेरे मोबाइल की घंटी बजी मैने देखा किसी अननोन नंबर. से फोन था. मैने कॉल पिक की तो सामने से आवाज़ आई.
'हेलो रीत तुषार बोल रहा हूँ'
मे- ओह तुषार तुम कैसे हो और आंटी कैसी है अब.
तुषार-सब ठीक हैं रीत ये मेरा नंबर. है सेव कर लेना.
मे-ओके.
तुषार-और बताओ क्या कर रही हो.
मे-कुछ नही सो रही थी.
तुषार-अपने रूम में.
मे-यस.
तुषार-काश मैं तुम्हारे पास होता तो सोने का कितना मज़ा आता.
मे-बच्चू तुम पास होते तो मुझे सोने कहाँ देते.
तुषार-हां ये तो है अब तुम्हारे जैसी मस्त मस्त चीज़ को बिस्तेर में सोने कॉन देगा.
मे-अच्छा अब बहुत हुई मस्ती मुझे सोने दो.
तुषार-ओके डियर. किस ऑन युवर लिप्स. बाइ.
मे-उम्म्म्म बाइ.
मैने फोन कट किया और आँखें बंद करके सोने की कोशिश करने लगी मेरे दिमाग़ आज जो कुछ भी हस वो सब घूमने लगा. मुझे पता ही नही चला कि कब इन ख़यालों में खोई खोई मैं सो गई. शाम को मेरी आँख खुली तो देखा 5 वज रहे थे. खूब जी भर के सोई थी मैं.
मैं उठी और किचन की तरफ चल पड़ी. किचन में मम्मी खड़ी काम कर रही थी. मैने मम्मी को प्यार से पीछे से पकड़ लिया और उनके गालों पे किस करने लगी.
मे-मुंम्म्मय्ययी....
मम्मी-क्या हुआ रीतू आज बड़ा प्यार आ रहा है मम्मी पर.
मे-बस ऐसे ही मम्मी मुझे चाइ दो.
मम्मी ने मुझे चाइ दी और मैं चाइ लेकर फिरसे अपने रूम में आ गई और अपना मोबाइल उठाया तो देखा उसपे करू भाभी की 2 मिस कॉल आई हुई थी.
मैने मोबाइल लिया और छत पे चढ़ कर भाभी को फोन मिलाया.
भाभी फोन उठाते ही भड़क उठी.
करू-ओये रीतू की बच्ची तू समझती क्या है अपने आप को.
मे-क्या हुआ भाभी.
करू-मैने ही तुझे मोबाइल लेकर दिया और तूने मेरा फोन ही नही उठाया.
मे-ओह कमोन भाभी मैं सो रही थी.
करू-किसके नीचे.
मे-क्या कहा आपने.
करू-अरे बुढ़ू मेरा मतलब पंखे के नीचे सो रही थी क्या.
मे-ओह अच्छा अच्छा मैने सोचा....
करू-क्या सोचा तूने चालू लड़की.
मे-ओह भाभी अब इतनी खिचाई भी मत करो.
करू-अच्छा चल ये बता तूने मम्मी पापा से बात की या नही.
मैने जान बुझ कर अंजान बनते हुए कहा.
मे-कोन्सि बात भाभी.
करू-ओये मुझसे मार खाएगी तू मोबाइल लेकर आराम से घर में बैठ गई मेरी और चिलकोज़ू की शादी कोन करवाएगा.
मे-आप लोगो का मॅटर है आप ही जानो.
करू-ओये रीतू अगर तू मेरे सामने होती ना तो तुझे पटक पटक के मारती अब मैं.
मे-हाहहहाहा.
करू-अब हँस क्या रही है तू.
मे-भाभी मैं तो मज़ाक कर रही थी. आप थोड़ा सबर तो करो मैं चलाती हूँ कोई चक्कर.
करू-ओके ओके जल्दी कर स्वीतू अब सबर नही हो रहा मुझसे.
मे-भाभी एक बात बताओ भैया ने आपके साथ 'वो' किया है.
करू- 'वो' क्या.
मे-वोही जो लड़का और लड़की अकेले में करते हैं.
करू-एक लगाउन्गी गाल पे. तू तो बहुत आगे निकल चुकी है. हॅरी को बताना पड़ेगा.
मे-नो नो भाभी चिलकोज़ू को मत बताना प्लेज.
करू-ओके मगर ये चिलकोज़ू कहने की हिम्मत कैसे हुई तेरी.
मे-क्यूँ भाभी.
करू-हॅरी को सिर्फ़ मैं चिलकोज़ू बुला सकती हूँ कोई और नही समझी.
मे-जी भाभी.
करू-अच्छा अब जी जी मत कर हमारा काम कर जल्दी से.
मे-श्योर भाभी.
करू-अच्छा ओके. बाइ.
मे-बाइ.
फोन कट होते ही मैने सोचा 'ओह गॉड ये भाभी भी पूरी जंगली बिल्ली हैं'
मैने नीचे आकर थोड़ी देर टीवी देखा और फिर सब खाने के लिए बैठ गये. मैने सोचा अब बात करने का अच्छा मौका है.
मे-मम्मी मुझे आपसे कुछ बात करनी थी.
मम्मी-बोल बच्चे क्या बात है.
मे-मम्मी मैं क्या कहती हूँ कि भैया की शादी कर देनी चाहिए अब.
मेरे इस सिक्सर से भैया एकदम क्लीन बोल्ड हो गये.
पापा-सही कहा रीतू तूने क्या कहती हो गुरमीत(मम्मी).
मम्मी-जी बात तो रीत की सही है मुझसे अब काम नही होता.
पापा-क्यूँ हॅरी क्या कहता है तू.
हॅरी-जी पापा जैसा आप कहे.
मे-देखो देखो कैसे शरमा रहे हैं भैया.
हॅरी-ओये रीतू तू चुप करती है या नही.
मे-भैया सोच लो अगर मैं चुप हो गई तो आप तो गये काम से.
मम्मी-चुप करो तुम दोनो. अजी मैं कहती हूँ कि हॅरी के लिए कोई अच्छी सी लड़की ढुंढ़ो आप.
मे-मम्मी मैं जानती हूँ एक अच्छी लड़की को.
पापा-कॉन है वो बेटा.
मम्मी-हां हां बता कॉन है.
मे-बता दूं भैया.
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