RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं उठ कर भैया के पास गई और उनके गले में बाहें डालते हुए कहा.
मे-ऐसा क्यूँ बोलते हो भैया. आपको पता तो है मैं कितना प्यार करती हूँ आपसे.
हॅरी-रीतू में तुम्हारी बात नही कर रहा था मैं तो(भाभी की तरफ इशारा करते हुए) किसी और की बात कर रहा था.
भैया की बात सुनते ही भाभी वहाँ से उठ कर चली गई. भाभी के जाने के बाद मैने कहा.
मे-भैया बात क्या है.
हॅरी-कैसी बात.
मे-भाभी आपसे नाराज़ हैं क्या.
हॅरी-नही तो.
मे-झूठ मत बोलो.
हॅरी-मैं क्यूँ झूठ बोलूँगा यार.
मे-अच्छा तो मैं भाभी से पूछ लेती हूँ.
मैं वहाँ से उठ कर भाभी के रूम में गयी मगर वो वहाँ नही थी. मैं अपने रूम में गई तो देखा भाभी मेरे बेड पे बैठी थी. मैने उनके पास बैठते हुए कहा.
मे-भाभी बात क्या है.
करू-कैसी बात.
मे-मुझे लगता है आप दोनो में झगड़ा हुआ है.
करू-नही रीतू कोई बात नही है. तू छोड़ ये बता करण ने क्या कहा.
मे-अच्छा तो मेरे सर पर हाथ रख के कहो कि कोई बात नही है.
करू-रीतू हर बात पे कसम देना अच्छी बात नही होती.
मे-मुझे नही पता आप बात बताओ मुझे.
करू-कुछ नही यार थोड़ा बहुत मन-मुटाव तो चलता रहता है.
मे-लगता नही की थोड़ा मन-मुटाव है.
भाभी कुछ नही बोली और उदास सा चेहरा लेकर बैठ गयी.
मे-भाभी बोलो ना.
फिर आचनक भाभी मेरे गले लग कर रोने लगी.
भाभी को ऐसे रोते देख मैं बहुत परेशान हो गई मैने भाभी को संभाला और कहा.
मे-भाभी प्लीज़ बताओ मुझे बात क्या है और प्लीज़ रोना बंद करो.
करू-रीतू तेरे भैया ने मेरे उपर हाथ उठाया.
मे-क्याआअ?????
करू-हां रीतू.
मे-उनकी ये मज़ाल. पर बात क्या हुई.
करू-रीतू एक छोटी सी बात के लिए उन्होने मुझे थप्पड़ मार दिया.
और भाभी फिरसे रोने लगी.
मे-बात तो बताओ.
भाभी ने अपने आप को संभाला और कहा.
करू-मैने सिर्फ़ ये कहा था कि मैं अभी बच्चा चाहती हूँ और तेरे भैया अभी बच्चा नही चाहते बस यही बात थी इसी बात को लेकर हमारा झगड़ा बढ़ता गया और फिर....
मे-फिर क्या.
करू-फिर हॅरी ने मुझे थप्पड़ मार दिया.
मैं बेड से उठी और भाभी का हाथ पकड़ कर उन्हे उठाते हुए कहा.
मे-चलो मेरे साथ.
करू-कहाँ.
मे-चुप चाप चलो मेरे साथ.
मैं भाभी को लेकर बाहर आई तो भैया वहाँ नही थे शायद अपने रूम में चले गये थे.
मैं और भाभी भैया के रूम में गई और देखा भैया बेड पे टेक लगाकर उदास से बैठे थे.
मे-भैया आपने भाभी के उपर हाथ उठाया. शरम नही आती आपको. चलो अब माफी माँगो भाभी से.
हॅरी-मैं क्यूँ मांगू माफी मैने कुछ ग़लत नही किया.
मे-क्या कहा. दिमाग़ तो ठीक है आपका भाभी की हालत देखी आपने.
हॅरी-तू इसकी ज़्यादा चमचागिरी मत कर समझी.\
भैया के मूह से ये बात सुन कर मैं हक्की-बक्की रह गई आज तक कभी भैया ने मेरे साथ ऐसे बात नही की थी.
करू भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा.
करू-रीतू चल यहाँ से.
मे-आप रूको भाभी. भैया मुझे यकीन नही हो रहा आप ऐसी बातें कर रहे हो.
हॅरी-मेरा दिमाग़ मत खाओ जाओ यहाँ से.
भाभी भैया की ये बात सुनकर वहाँ से चली गई. मैं भैया के पास गई और कहा.
मे-भैया आप को हुआ क्या है आप तो ऐसे नही थे. कुछ भी हो आपको भाभी से माफी माँगनी पड़ेगी.
हॅरी-ऐसा कभी नही होगा.
मैने गुस्से से भैया को देखा और गुस्से से कहा.
मे-ओके तो आज के बाद मैं आपसे बात नही करूँगी.
मैं पैर पटकती हुई रूम से निकल गई और अपने रूम में वापिस आई तो देखा भाभी मेरे बेड पे उल्टी लेटी थी और रो रही थी. मैं भी भाभी के पास जाकर लेट गई और उन्हे चुप कराने लगी.
मे-भाभी आप रोना बंद करो प्लीज़. देखना भैया तो भागते हुए आएँगे आप से माफी माँगने. मैं उन्हे अच्छी तरह से जानती हूँ.
करू-अब मुझे उनके पास नही जाना है.
मे-अच्छा आप मेरे साथ सो जाना बस. देखते हैं मेरी इस पताका भाभी से कितने दिन दूर रह पाते हैं भैया.
भाभी मेरी बात सुनकर हँसने लगी.
मे-यस ऐसे ही मुस्कुराती रहा करो आप. अब देखना मेरा कमाल. भैया तो नाक रगडेंगे आपके सामने.
करू-वो कैसे रीतू.
मे-बस आपको वो करना होगा जो मैं कहूँगी.
करू-मगर करना क्या होगा.
मे-तो सुनो.
मैने भाभी के कान में अपना प्लान बताया.
करू-ना बाबा मुझसे नही होगा ये सब.
मे-भाभी प्लीज़ मज़ा आएगा देखना भैया कैसे दुम हिलाएँगे आपके सामने.
भाभी ने कुछ देर सोचने के बाद कहा.
करू-ओके तो मैं रेडी हूँ मगर.......
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