RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
करण-आहाआ डार्लिंग आज का दिन कैसे कटेगा.
मे-कट जाएगा. अच्छा मुझे अभी काम है फिर बात करूँगी. बाइ.
कारण-बाइ. कल पक्का ना.
मे-पक्का काजू.
मैने बात ख़तम की और जादू भैया के घर के अंदर चली गयी.
मे-भैयाआअ...... जादू भैया......
ताई जी मेरी आवाज़ सुनकर किचन से बाहर आई और मुझे देखते हुए कहा.
ताई जी-अरे वाह मेरी रीत तू. बड़े दिन बाद आई हो.
मे-बस ताई जी पढ़ाई में बिज़ी हूँ.
ताई जी-जब से तेरी गुलनाज़ दीदी गयी है तू तो यहाँ आना ही भूल गई.
मे-ऐसा क्यूँ बोल रही हो ताई जी मैं आज आ तो गयी.
ताई जी ने मुझे हग करते हुए कहा.
ताई जी-हमे मिलती रहा कर अब तू ही तो मेरी गुलनाज़ है.
मे-जी ताई मैं आती रहूंगी अच्छा जावेद भैया कहाँ हैं.
ताई जी-यही होगा अपने रूम में या उपर छत पे होगा.
मैं भैया के रूम में गयी बट वो वहाँ नही थे. मैं उपर छत पे चली गयी लेकिन भैया वहाँ भी नही थे. मैं नीचे आने के लिए मूडी तो मेरे कानो में एक लड़की की आवाज़ सुनाई दी.
लड़की-छोड़ो ना प्लीज़.
मैने देखा वो आवाज़ उपर बने स्टोर रूम में से आई थी. ये वोही स्टोर रूम था यहाँ मैने आकाश को पहली बार दी थी.
मैं धीरे-2 स्टोर रूम की तरफ बढ़ने लगी. अंदर से आने वाली आवाज़ अब तेज़ होती जा रही थी. मैने दरवाज़े के पास पहुँच कर अपना कान लगाकर सुन ने की कोशिश की तो अंदर की बातें मुझे सॉफ सुनाई देने लगी.
लड़की की आवाज़ मेने पहचान ली थी वो दीपा थी और अगर दीपा अंदर थी तो इसका मतलब उसके साथ जावेद भैया थे. मैं अब अंदर का दृश्य देखने के लिए बेचैन हो गई लेकिन मुझे अंदर देखने की कोई जगह दिखाई ना दी. मैं पास वाली विंडो के पास गई तो वहाँ भी मुझे निराशा ही हाथ लगी क्योंकि वो भी अंदर से बंद थी. मुझे विंडो के बीच की दरार दिखाई दी तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैने कोई जंग जीत ली हो. मैने अपनी आँख वहाँ पे लगाई और अंदर देखने की कोशिश करने लगी. अंदर का नज़ारा देखते ही मेरा पूरा शरीर गरमा गया क्योंकि अंदर बिस्तेर पे दीपा और जावेद भैया सेक्स कर रहे थे.
दीपा बिस्तेर के उपर पीठ के बल लेटी हुई थी और बिल्कुल नंगी थी और जावेद भैया ने अपनी टी-शर्ट उतार रखी थी और पॅंट को थोड़ा नीचे कर रखा था और उन्होने दीपा के घुटनो को उसके कंधो तक मोड़ रखा था और अपना लिंग उसकी योनि में तेज़-2 पेल रहे थे. मैने देखा जावेद भैया का लिंग बहुत बड़ा था लेकिन अगले ही पल मुझे खुद पे शर्म आई कि मैं ये क्या देख रही हूँ. मैने अपनी नज़र उनके लिंग से हटा कर दीपा के फेस पे कर ली. अंदर का नज़ारा देख कर मुझे वो दिन याद आ गया जिस दिन आकाश मुझे इसी स्टोर रूम में और इसी बिस्तेर के उपर और इसी पोज़िशन में चोद रहा था. कितनी अजीब बात थी मुझे इसी जगह पे दीपा के भाई ने चोदा था और दीपा को मेरा भाई चोद रहा था. मैं वहाँ से हटी और वापिस सीडीयों के पास आ गई. मैने ज़ोर से भैया को आवाज़ लगाई और झट से नीचे उतर गई. मेरी आवाज़ भैया तक पहुँच चुकी थी और मेरे नीचे आने के 2मिनट बाद ही भैया नीचे आ गये और मुझे देखते ही बोले.
ज़वेद-वाह स्वीतू आज ग़लती से हमारे घर कैसे आ गई तुम.
मे-क्या कहा. ये घर सिर्फ़ आपका नही है मेरा भी है.
जावेद-अरे हां बिल्कुल आपका भी है जी मगर आप आती तो कभी है नही.
मे-भैया आप छोड़ो ये सब बातें चलो मेरे साथ.
जावेद-कहाँ.
मे-उधर अपने दूसरे घर.
जावेद-ओके चल.
हम दोनो हमारे घर आ गये और मैने जावेद भैया को सारी बात बता दी कि कैसे भाभी और भैया के बीच झगड़ा हुआ और भैया ने भाभी के उपर हाथ उठाया और अब भैया को सबक सिखाने में हमे उनकी हेल्प चाहिए.
जावेद भैया हेल्प के लिए तैयार हो गये. मैं और जावेद भैया मेरे रूम में पहुँच गये. भाभी वहीं बिस्तेर पे बैठी थी उन्होने नाइटी खोल कर सलवार कमीज़ पहन लिया था. भैया को देखते ही भाभी बोली.
करू-देवर जी कैसे हो आप.
जावेद-मैं ठीक हूँ भाभी.
करू-कभी अपनी भाभी को भी याद कर लिया करो.
जावेद-कैसी बात करती हो भाभी आप तो हर पल मेरे ख़यालों में घूमती रहती हो.
भाभी आँखें निकालती हुई बोली.
करू-क्या मतलब.
जावेद-म.म.मेरा मतलब भाभी आप हो ही इतनी अच्छी की आपका नाम तो हम सब के मूह पे ही रहता है.
मे-ओये जादू भैया भाभी पे लाइन मारना छोड़ो और काम की बात सुनो.
फिर मैं भाभी और जावेद भैया को पूरा प्लान समझाने लगी. फिर मैं हॅरी भैया को देखने के लिए बाहर आई तो वो अपने रूम की तरफ तेज़ी से जा रहे थे. मैने मन में सोचा कही भैया ने हमारी बातें सुन तो नही ली.
फिर मैने सोचा जो होगा देखा जाएगा और मैं वापिस भाभी के पास आ गई और उन्हे ड्रेस चेंज करने के लिए कहा. मैने भाभी को एक टाइट सी ब्लू टी-शर्ट और एक शॉर्ट वाइट स्कर्ट दी वो टी-शर्ट और स्कर्ट मेरी थी लेकिन अब भाभी उसे पहन ने वाली थी. भाभी वॉशरूम में गई और चेंज करके बाहर आ गई. भाभी पूरी हॉट लग रही थी उस ड्रेस में. टी-शर्ट उनके जिस्म से चिपकी हुई थी और स्कर्ट तो जांघों के भी उपर तक थी. उनकी गोरी-2 जंघें देखकर बूढ़ा भी अपना लिंग हिलाने लगे. मैने जावेद भैया की तरफ देखा वो एक टक भाभी को घूर रहे थे. उनकी नज़र भाभी की गोरी-2 जांघों पे ही अटकी हुई थी. मैने देखा भैया का लिंग भी उनकी पॅंट के अंदर तन गया था और उनकी पॅंट का टेंट बना दिया था.
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