RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं उनकी हरकतें देख कर मन ही मन मुस्कुरा रही थी. आख़िरकार मैने उन्हे माफ़ करने का फ़ैसला कर ही लिया और आगे बढ़ कर उन्हे कंधों से पकड़ा और खीच कर अपने उपर चढ़ा लिया.
मे-अबकी बार तो माफ़ कर दिया नेक्स्ट टाइम बिस्तर पे सोने भी नही दूँगी नीचे फर्श पे सोना.
करण-तब की तब देखेंगे आज तो मुझे जी भर के अपनी हसीन बीवी को प्यार करने दो.
अब हमारे होंठ जुड़ चुके थे और हमारी जीभ भी एक दूसरे के होंठों के अंदर जाकर सैर करने लगी थी. फिर उन्हो ने करवट ली और मुझे उपर कर लिया. अब वो नीचे बिस्तेर के उपर पीठ के बल लेटे थे और मैं उनकी छाती पे. उनके हाथ अब सरकते हुए नीचे मेरे नितंबो के उपर भी घूमने लगे थे. मैं भी अब पूरी गरम हो चुकी थी और उनकी छाती के उपर अपने उरोज रगड़ रही थी. हमारे हिलने की वजह से मेरे हाथों में पहना चूड़ा और पैरों की पायल आवाज़ कर रही थी और उनका शोर माहौल को और भी रोमॅंटिक बना रहा था. करण के हाथ अब मेरे कमीज़ को उपर की ओर उठाने लगे थे और मैने भी उनका साथ देते हुए थोड़ा सा उपर उठकर कमीज़ को अपने शरीर से अलग कर दिया. अब मेरे उरोज केवल छोटी सी ब्रा में ढके हुए थे. करण ने करवट लेते हुए मुझे फिरसे नीचे कर दिया और मेरे उरोजो को ब्रा से बाहर निकाला और जीभ निकाल कर उन्हे चाटने लगे.
वो मेरे उरोज चूस रहे थे और बुदबुदा रहे थे.
करण-रीत बहुत मस्त हो तुम मैं बहुत खुश हूँ तुम्हे पाकर.
उन्होने मुझे थोड़ा उपर उठने को कहा और हाथ पीछे लेजा कर मेरी ब्रा के हुक भी खोल दिया और ब्रा साइड पे फेंक दी. अब वो ज़ोर-2 से मेरे उरोज मसल रहे थे और उन्हे होंठों में भर कर चूस रहे थे. अब वो थोड़ा नीचे हुए और उनके होंठ पेट से होते हुए मेरी योनि तक पहुँच गये. फिर उन्होने मेरी सलवार का नाडा दाँतों में पकड़ कर बाहर निकाला और उसे मूह में पकड़े ही खींच कर खोल दिया और मेरे नितंबों को थोड़ा उठाते हुए सलवार को खीच कर मेरे घुटनो के पास कर दिया. अब मेरी गोरी-2 जांघे उनकी आँखों के सामने बे-परदा हो गई थी और अब उनकी नज़र मेरी पैंटी के उपर थी. उन्हो ने हाथ बढ़ाए और मेरी पैंटी की इलास्टिक में फन्साते हुए पैंटी को खीच कर उतार दिया और सलवार के पास मेरे घुटनो पे पहुँचा दी. अब उनकी नज़र मेरी योनि के उपर थी और वो अपने होंठों पे जीभ फिरा रहे थे. फिर उन्होने ने धीरे से अपने होंठ मेरी योनि के नज़दीक किए और योनि के होंठों को चूमने लगे. योनि पे होंठ लगते ही मैं कसमसा उठी और मैने कस कर अपनी जांघों को भींच लिया. करण अब थोड़ा और नीचे हुए और मेरी सलवार और पैंटी पकड़ कर मेरे शरीर से अलग कर दी. अब मैं बिल्कुल नंगी उनके नीचे लेटी हुई थी. करण ने अपने कपड़े भी उतार दिए और मैने देखा उनका लिंग पूरा अकड़ कर खड़ा था. करण ने मेरी टाँगें उठाई और अपने कंधे पे रख ली. मैने उन्हे रोकते हुए कहा.
मे-करण प्लीज़ आगे आओ ना.
करण-क्यूँ डार्लिंग.
मे-मुझे आपके उसको किस करनी है.
करण-उसको किसको. पहले नाम बोलो.
मे-उम्म्म आओ ना.
करण-पहले नाम.
मे-अच्छा बाबा आपके लंड पे किस करनी है.
करण-ये हुई ना बात.
और वो मेरी टाँगों को कंधे से उतार मेरे चेहरे के पास आ गये और मैने उनका लिंग अपने हाथ में पकड़ा और अपने होंठ खोलते हुए उसके सुपाडे के उपर एक किस की.
करण-एक और जानेमन.
मैने एक और किस कर दी.
करण-अच्छा अब मूह में लो ना.
मे-नो आज नही. ड्रिंक करने की यही सज़ा है आज.
करण ने अब और ज़िद नही की और फिरसे उसी पोज़िशन में चला गया और अपना लिंग मेरी योनि के छेद पे रखा और एक ही झटके में सारा लिंग अंदर पहुँचा दिया. उनका लिंग जड़ तक मेरी योनि में समा चुका था. अब वो तेज़-2 धक्के देने लगे थे वो पूरा लिंग बाहर निकालते और फिर एक ही झटके के साथ अंदर पहुँचा देते. कमरे में मेरी सिसकियाँ और आहें गूँज़ रही थी. उनके धक्के मारने की वजह से मैं बेड पे उपर नीचे हो रही थी और मेरा चूड़ा और पायल उनके धक्कों के साथ ताल में ताल मिलकर आवाज़ कर रहे थे. मुझे पूरा यकीन था कि ये आवाज़ें रूम से बाहर तक जा रही थी. पायल और चूड़ियों का शोर सुनकर बाहर से आसानी से अंदाज़ा लग सकता था कि अंदर क्या हो रहा है. करण के धक्के अब पूरी स्पीड पकड़ चुके थे और मेरी आहें भी बढ़ती ही जा रही थी. अब करण कहने लगे थे.
करण-आहह डार्लिंग मैं झड़ने वाला हूँ.
मे-आअहह धीरे कर जानू मेरा भी पानी निकल रहा है.
आख़िर कार कमरे में पिछले आधे घंटे से सुनाई दे रही सिसकियाँ और चूड़ीयाँ न्ड पायल के खनकने की आवाज़े थम ही गई और करण निढाल होकर मेरे उपर गिर गये. उनका लिंग मेरी योनि के अंदर अपना गरम-2 प्रेम रस छोड़ने लगा. काफ़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे. अब करवट लेकर मैं उपर आ गई थी और करण नीचे. मैने करण से कहा.
मे-आइ लव यू जानू. मैं बहुत प्यार करती हूँ आपको.
करण-मैं भी जानू....
आइ लव यू 2 डार्लिंग.
|