RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं समझ तो गई थी कि वो कॉन्सा लेक्चर लगा रही है मगर मैने उस से ज़्यादा बात करना ज़रूरी नही समझा क्यूंकी रेहान मेरे पास ही बैठा था.
इंतेज़ार करते-2 15मिनट हो चुके थे मगर कोमल अभी तक नही आई थी और अब तो वो कॉल भी पिक नही कर रही थी. हम दोनो परेशान हो गये थे उसका इंतेज़ार करते-2. रेहान मेरी तरफ देखता हुआ बोला.
रेहान-भाभी मैं अंदर जाकर देखता हूँ.
मे-रूको-2 तुम बैठो मैं देखकर आती हूँ.
और मैं गाड़ी से बाहर निकल कर कॉलेज के गेट की तरफ चल पड़ी. रेहान को मैने इस लिए रोका था क्यूंकी अगर वो कोमल को अंदर किसी के साथ देख लेता तो वहीं झगड़ा कर बैठता.
मैं कॉलेज में गई तो मुझे कुछ समझ नही आया कि मैं कहाँ जाकर ढूंढू उसे. अचानक मुझे पीछे से अपने कंधे पे एक हाथ महसूस हुआ. ये किसका हाथ है ये जान ने के लिए जब मैं पीछे मूडी तो मेरा मूह उस शक्श का चेहरा देखकर खुला का खुला रह गया. मेरे चेहरे पे हैरानी और खुशी के मिले-जुले भाव प्रगट हो गये.
मे-व्हाट आ प्लेसेंट सर्प्राइज़...
ये कहते हुए मैं उसके गले जा मिली और उसने भी मुझे अपनी बाहों में जाकड़ लिया.
ये शख्स कोई और नही आकाश था.(आकाश को तो आप जानते ही हो
जब मुझे एहसास हुआ की मैं आकाश की बाहों में खुले आसमान के नीचे खड़ी हूँ तो मैं झट से आकाश से दूर हो गई और अपनी नज़रें झुकाते हुए कहा.
मे-सॉरी आकाश.
आकाश-सॉरी तो मुझे कहना चाहिए रीत.
मे-बस छोड़ो अब ये बात तुम ये बताओ तुम यहाँ कैसे.
आकाश-मैं यहाँ स्टूडेंट हूँ.
मे-सच में.
आकाश-बिल्कुल.
मे-यहाँ तो मेरी ननद भी बी.कॉम कर रही है.
आकाश-मैं भी तो बी.कॉम ही कर रहा हूँ क्या नाम है उसका.
मे-कोमल.
आकाश-ओह अच्छा-2 तो कोमल मेडम आपकी ननद है.
मे-तुम जानते हो उसे.
आकाश-उसे कॉन नही जानता.
मे-क्या मतलब.
आकाश-अरे अब वो कॉलेज के प्रेसीडेंट की गर्ल-फ़्रेंड है तो सब जानते है उसे.
मैने आकाश को छेड़ने के मूड में कहा.
मे-वैसे तुम्हारे रहते हुए कोई और प्रेसीडेंट कैसे हो सकता है.
आकाश-अरे यार ऐसी बात नही है. वो अपना ख़ास दोस्त है पवन और मैं भी कॉलेज का वाइस-प्रेसीडेंट हूँ.
फिर मुझे याद आया कि मैं तो कोमल को ढूँडने आई थी.
मे-आकाश तुम्हे पता है अभी कोमल कहाँ होगी.
आकाश-यहाँ पवन होगा वहीं कोमल होगी चलो मुझे पता है वो कहाँ होंगे.
मैं आकाश के साथ चल पड़ी. चलते-2 मुझे आकाश पूछता रहा कि करण खुश तो रखता है ना तुम्हे और मैं उसकी बातों का जवाब देती रही.
एक रूम के पास पहुँचकर आकाश बोला.
आकाश-रीत अपनी ननद और नंदोई जी का लाइव शो देखना चाहोगी.
मे-क्या मतलब मैं समझी नही.
आकाश-आओ मेरे साथ मैं दिखाता हूँ तुम्हे कुछ.
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