RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैने उसका जवाब देने की जगह उस आवाज़ को पहचान ने की कोशिश की मगर मैं उस आवाज़ को नही पहचान पाई. उसके हाथ अब मेरे पेट को सहलाने लगे और उसके होंठ मेरी गर्दन और गालो के उपर चुंबन बरसाने लगे. उसने अपने हाथ जैसे ही मेरे कमीज़ के अंदर घुसाकर मेरे नंगे पेट के उपर रखे तो मेरे मूह से एक धीमी सी आह निकल गई. उसने अपने हाथ मेरी पाजामी की तरफ लेजाते हुए कहा.
'लगता है तुम्हारे अंदर बहुत गर्मी है' कहते हुए उसने मेरी पाजामी का नाडा खोल दिया और पाजामी थोड़ी ढीली होकर मेरी कमर से थोड़ा नीचे खिसक गई. उसने फिर से कहा.
'बताओ ना भाभी करण भैया लेते भी है तुम्हारी या नही'
उसके मूह से करण का नाम सुनते ही मैं जैसे नींद से जागी और मुझे याद आया कि मैं तो अब शादी शुदा हूँ और ऐसा करके मैं करण को कितना बड़ा धोखा दे रही हूँ.
इन ख्यालों से बाहर आई तो मुझे महसूस हुआ उसके हाथ मेरी योनि को पैंटी के उपर से मसल रहे थे और मेरी पाजामी उसने मेरी जांघों तक नीचे सरका दी थी. मैं झट से सीधी हुई और उसके हाथों को वहाँ से झटक दिया और उसकी और घूमते हुए एक थप्पड़ उसकी गाल पे जड़ दिया. जैसे ही थप्पड़ उसकी गाल पे पड़ा तो वो जो कोई भी था कुछ कहे सुने बिना ही वहाँ से भाग खड़ा हुआ. उसके जाते ही मैने थोड़ी राहत की साँस ली और अपनी पाजामी को उपर करके नाडा बाँध लिया और नीचे जाने के लिए मूडी तो मुझे याद आया कि मैं तो यहाँ कोमल बेशरम को देखने आई थी. मैने झुक कर फिरसे खिड़की में देखा तो हैरान रह गई. वो दोनो अभी तक चुदाई कर रहे थे. कोमल दीवार के साथ हाथ सटाकर थोड़ा झुक कर खड़ी थी और जॉन पीछे से अपना लिंग तेज़ी से उसकी योनि में अंदर बाहर कर रहा था. मेरे मन में आया कि अगर इस बेशरम को यहाँ नही रोका गया तो पता नही ये आगे क्या-2 गुल खिलाएगी. मैं कुछ सोचकर वहाँ से हटी और स्टोर रूम के दरवाज़े के पास आकर मैने डोर नॉक किया. मगर अंदर से कोई रेस्पॉन्स नही आया. मैने दुबारा नॉक किया और साथ ही धीरे से कहा.
मे-कोमल दरवाज़ा खोल मैं हूँ....तेरी भाभी.
अंदर से डरी-2 सी आवाज़ आई.
कोमल-ब.ब.भाभी आअप....यहाँ..
मे-तू दरवाज़ा खोलती है या मैं नीचे से सबको बुला कर लाउ.
मेरी ये बात सुनते ही कोमल ने झट से दरवाज़ा खोल दिया. मैने अंदर झाँक कर देखा तो वो दोनो अपने कपड़े पहन चुके थे. जॉन बेशरम तो घर से टी-शर्ट और अंडरवेर में ही आया था. उसकी अंडरवेर का उभार अब भी बता रहा था कि अंदर साँप अभी तक मरा नही है. मैने कोमल के कान पकड़ते हुए कहा.
मे-क्या हो रहा था यहाँ.
कोमल-व.व.वो भाभी कुछ नही मैं तो इस से मिलने आई थी बस.
जॉन ने मौका देखकर खिसकना चाहा मगर मैने उसे भी कान से पकड़ लिया और कहा.
मे-क्यूँ बच्चू अब भाग रहे हो एक बात सुनते जाओ अगर दुबारा कभी इस बेशरम के पास फटकते दिखे तो सीधा पहले तुम्हारे घर पे कंप्लेंट करूँगी और बाद में पोलीस के पास.
जॉन-नो भाभी जैसे आप कहोगी वैसा ही होगा.
जॉन डरते-2 बोला.
मैने उसे छोड़ते हुए कहा.
मे-चलो भागो यहाँ से.
जॉन के जाने के बाद कोमल बोली.
कोमल-क्या भाभी आपने तो सारा मज़ा खराब कर दिया.
मैने उसका कान खीचते हुए कहा.
मे-नीचे चल तुझे मज़ा मैं चखाती हूँ.
मैं उसे पकड़ कर अपने रूम में ले आई...
मैं कोमल को लेकर नीचे आ गई और उसे खीचते हुए अपने रूम में ले गई. मैने उसे बिस्तेर पे बिठाया और कहा.
मे-हां तो मेडम क्या चल रहा है ये सब.
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