RE: Sex Story मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त
मैं रूम में घुसी तो देखा दोनो शरीफो की तरह दूर-2 खड़े थे. मैने भी जले पे नमक छिडकते हुए कहा.
मे-भाभी आप दोनो यहाँ क्या कर रहे थे.
करू-वो मैं तो रेहान को अपना घर दिखा रही थी.
मैने मन में मुस्कुराते हुए सोचा कि बहाना अच्छा था.
मे-ओके चलो बाहर चाय रेडी है.
फिर हमने चाय पी और ऐसे ही बातें करते रहे फिर लंच भी हो गया और मैने लंच के बाद भाभी को कहा.
मे-भाभी चलो जादू भैया और ताई जी से मिलकर आते हैं.
हम दोनो उधर गई तो ताई जी मुझे देखते ही बोली.
ताई जी-अरे रीतू तू कब आई.
मे-बस आज ही ताई जी.
ताई जी से कुछ देर बातें करने के बाद मैं जादू भैया के रूम में गई तो मुझसे मिलकर वो बहुत खुश हुए .
मैने उनसे पढ़ाई के बारे में थोड़ी बात की और फिर भाभी की तरफ देखते हुए कहा.
मे-भैया आप भाभी का ख़याल रखा करो अब.
भैया ने भाभी की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा.
जादू-बिल्कुल रीतू मैं तो बहुत अच्छे से केर करता हूँ भाभी की. क्यूँ भाभी.
करू हड़बड़ाते हुए .
करू-हां-2 क्यूँ नही.
शाम तक हम वही बैठे बातें करते रहे और फिर अपने घर आए तो भैया और पापा आ चुके थे. मैं उनसे मिली तो वो दोनो मुझे देखकर बहुत खुश हुए . आख़िरकार हमे शाम के 6 बज गये वही और फिर मैने और रेहान ने सब को बाइ बोला और घर की तरफ चल पड़े. हम शहर से निकले ही थे कि बहुत जोरो से बारिश होने लगी. मैने रेहान को कहीं सेफ जगह पे बाइक रोकने को कहा. रेहान ने बाइक एक छोटे से पुराने घर में बाइक रोक दी. जब तक रेहान ने बाइक रोकी तो हम दोनो पूरी तरह से भीग चुके थे.
जब तक रेहान ने बाइक को रोका तब तक हम दोनो भीग चुके थे. हम शहर से बाहर निकल आए थे. रेहान ने बाइक एक पुराने से घर में रोकी थी. घर की हालत काफ़ी ख़स्ता थी देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि वहाँ कोई नही रहता होगा. एक छोटा सा बरामदा था और उसके पीछे एक कमरा और उसके पीछे थोड़ी सी जगह और थी यहाँ पे घास उगी हुई थी. घास वाली जगह के उपर छत नही थी मगर उसके एक तरफ तो कमरा ही था और बाकी तीनो तरफ दीवार की गयी थी. जिसकी वजह से बाहर से अंदर नही देखा जा सकता था. मैं और रेहान बरामदे में जाकर खड़े हो गये मेरा सूट पूरी तरह से भीग चुका था.
मैने परेशान होते हुए कहा.
मे-इस बारिश को भी अभी आना था.
रेहान ने मुस्कुराते हुए कहा.
रेहान-हां भाभी इस बारिश को भी अभी ही आना था.
मे-हम बीच रास्ते फँसे हैं और उपर से तुम हंस-2 कर बात कर रहे हो.
रेहान-अरे भाभी मेरे रोने से क्या बारिश बंद हो जाएगी.
मे-तुम तो चुप ही रहो.
रेहान-वैसे भाभी आपकी करू भाभी बहुत अच्छी हैं.
मे-पता है आज ही पता चला मुझे भी.
रेहान-आज ही वो कैसे.
मे-मैने सब देखा जब अपने रूम में अपनी अच्छाई दिखा रही थी वो.
रेहान-अरे तो आप भी आ जाती ना आपकी अच्छाई भी देख लेता मैं.
मैने उसकी तरफ चेहरा करते हुए कहा.
मे-बकवास मत करो और तुम में सबर नाम की चीज़ है या नही कोई देख लेता तो.
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