Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
07-04-2018, 01:08 PM,
#46
RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 51-57
“कौन संभालेंगा मतलब योगेश करेगा आपके सब काम अब वो बच्चा नहीं रहा वो सब काम ठीक से कर लेगा और यदि आप उसे अभी से नहीं सिखाएँगे तो वो कब सीखेगा आप उसे अपने काम के बारे में समझा दीजिए मुझे उम्मीद है की योगेश सब ठीक से कर लेगा और अब मुझे कुछ नहीं सुनना है आपको हमारे साथ चलना ही है” नीरज ने जैसे आख़िरी फैसला सुनाया
राजेश ने नीरज की बातों पर गौर किया तो उसे उसकी बात सही लगी आख़िर योगेश ने ही आगे सब संभालना था और अगर उसे अभी से सब कुछ नहीं सिखाया गया तो वो आगे कैसे सब काम करेगा ये सोच कर राजेश ने भी गोआ जाने का फैसला कर लिया और बोला “तुम ठीक कहते हो नीरज योगेश को अभी से ही सब सीखना होगा, ठीक है हम दोनों भी तुम्हारे साथ गोआ चल रहे है लेकिन जाना कब है”
राजेश की बात सुनकर नीरज बहुत खुश होते हुए बोला “थेन्क यू भैया, कल सवेरे ही निकलना है 8 बजे”
“तो ठीक है, योगेश तुम खाना कहा कर मेरे रूम में चलो मैं तुम्हें सब समझता हूँ” राजेश बोले और फिर सभी खाना खाने में व्यस्त हो गये थे योगेश को ये बहुत सुनहरा मौका लगा माधुरी के साथ समय बिताने के लिए क्योंकि वो जनता था की गाँव में उसके अंकल का खाना वहीं के मजदूर बनाते थे और उसे उनके हाथ का खाना अच्छा नहीं लगता था इसलिए वो माधुरी को खाना बनाने के बहाने अपने साथ ले जा सकता था उसे ये आइडिया बहुत अच्छा लगा अब तो मनीषा भी उसे माधुरी को साथ ले जाने से नहीं रोक सकती थी उधर मनीषा ये सोचकर परेशान हो गई थी की योगेश को गाँव जाना पड़ रहा है अब उसकी और टीना की प्लॅनिंग का क्या होगा
कुछ देर बाद सभी लोग खाना खाकर फ्री हो गये थे और कुछ देर बातें करने के बाद अपने अपने रूम में चले गये थे योगेश अपने अंकल के रूम में था और उनसे खेतों के काम के बारे में समझ रहा था मनीषा और टीना दोनों ही अपने रूम में आकर बेड पर लेती हुई थी तब मनीषा टीना से बोली “यार टीना अपनी प्लॅनिंग की तो बंद बज गई योगेश को तो गाँव जाना पड़ रहा है ऐसे में अपना काम कैसे होगा”
“तो क्या योगेश अब कुछ दिन गाँव में ही रहेगा घर नहीं आएगा” टीना बोली
“कुछ पक्का नहीं है शायद एक दो दिन में आता रहे वो भी रात में लेकिन उससे क्या होगा इतने से वक्त में तो अपना काम नहीं हो सकता ना” मनीषा मायूस होते हुए बोली
“अरे यार मनीषा तू उदास मत हो मैं कोई ना कोई रास्ता निकलती हूँ इस प्राब्लम से बचने का अब ज़रा मुझे सोचने दे” टीना ने उसे दिलासा दी लेकिन वो खुद भी समझ नहीं पा रही थी वो अब क्या करे अगर योगेश पास ही होता तो वो उसे दो दिन में ही तैयार कर लेती लेकिन अब वो क्या करे वो सोचने लगी
उधर योगेश को भी बहुत टाइम लगा अपने अंकल से काम समझने में क्योंकि भले ही वो बहुत बार उनके साथ खेतों में गया था लेकिन उसने सामने रही कर कभी भी काम नहीं करवाया था लेकिन उसे उम्मीद थी की श्यमू काका (उसके अंकल का गाँव वाला नौकर) के साथ मिल कर वो काम कर ही लेगा दोपहर के लगभग 3 बजे उसके अंकल ने उसे छोडा तो वो सीधे अपने रूम में ना जाकर माधुरी के रूम में चला गया बाकी सारे ही अपने अपने रूम में सो रहे थे उसने माधुरी के रूम के दरवाजा को ढकाया तो वो खुल गया माधुरी सोई नहीं थी उसके मान में यही बात चल रही थी की कुछ भी हो योगेश उसके पास जरूर आएगा और उसके मान की बात सच साबित हुई योगेश दरवाजा भिड़ा कर बेड पर लेती हुई माधुरी के पास जाकर बैठ गया चूँकि वैसे भी हमेशा ही जब वो दोनों घर पर होते तो एक दूसरे के रूम में ही होते थे तो किसी के कुछ बोलने का सवाल ही नहीं उठता था योगेश को आया देखकर माधुरी ने उसे एक स्वीट सी स्माइल दी और अपनी आंखें बंद कर ली योगेश ने भी रिप्लाइ किया और मधु की आंखें बंद होते ही उसने झुक कर अपने होंठ उसके होठों से जोड़ दिए और माधुरी को किस करने लगा माधुरी भी योगेश के बाल सहलाते हुए उसका साथ देने लगी थोड़ी देर किस करने के बाद माधुरी ने योगेश को अपने से अलग किया और बोली “बहुत हो गया योगेश अब बंद करो कहीं कोई आ गया तो बखेड़ा मच जाएगा” और उठकर बैठ गई योगेश भी समझता था की मधु सही कह रही है इस लिए उसने भी जिद नहीं की और बेड से उठ कर कुर्सी पर बैठ गया
“तो अब तो तू गाँव चला जाएगा फिर हम कैसे मिलेंगे” माधुरी ने पूछा
“तुम चिंता मत करो दीदी मैंने कहा था ना की मैं कोई ना कोई रास्ता ढूंढ. लूँगा लेकिन लगता है की चाचा तो अपने लिए भगवान बन कर आ गये है उन्होंने तो सारी प्राब्लम ही खत्म कर दी” योगेश बोला
“वो कैसे” माधुरी सीधे होते हुए बोली
“तुम्हें तो पता ही है की मुझे गाँव में मजदूरों के हाथ का बनाया खाना अच्छा नहीं लगता इसलिए अंकल से बोलकर मैं तुम्हें भी अपने साथ ले चलूँगा फिर तो समझो जब तक गाँव में रहेंगे अपना हर दिन दशहरा और रात दीवाली होगी” योगेश ने बताया
“सच” योगेश की बात सुनकर माधुरी से उछाल पड़ी और उसने झट से योगेश की एक किस लेली
“हाँ दीदी मैं सच कह रहा हूँ” योगेश बोला
“लेकिन अगर अंकल मुझे भेजने के लिए नहीं मैंने तो, या फिर उन्होंने तुम्हारे साथ मनीषा को भेज दिया तो” माधुरी ने अपनी चिंता जताई क्योंकि उसके अंकल को उसके और योगेश के बारे में वो खुद ही ट्रेन में बता चुकी थी इसलिए उसे डार्ट हां की शायद अंकल नहीं मानेंगे
“तुम ये सब मुझ पर छोड दो अंकल को मैं मना लूँगा” योगेश बोला फिर थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद योगेश अपने रूम में आ गया
शाम को लगभग 5 बजे फिर सभी लोग चाय के लिए हॉल में इकतारा थे ज्योति अभी तक चिंतित थी की पूजा ने अभी तक उससे बात क्यों नहीं की और उसके मान में क्या चल रहा है एक दो बार उसकी नज़र पूजा से मिली भी तो पूजा ने उसकी ओर देख कर मुस्करा दिया था उधर योगेश सोच रहा था की वो अपने अंकल से माधुरी को गाँव ले जाने के बारे में बात कैसे शुरू करे तभी नीरज चाचा योगेश से बोले “तो योगेश तुम ने भैया से सब समझ लिया है ना, कोई परेशानी तो नहीं होगी तुम्हें”
“जी चाचा सब कुछ समझ लिया है और काम में तो कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन एक ही प्राब्लम है की मुझे गाँव का खाना अच्छा नहीं लगता उन मजदूरों को ढंग का खाना बनाना ही नहीं आता” योगेश ने भी मौका देख कर चौका लगा दिया
“अब यार ये प्राब्लम तो तुम्हें ही सॉल्व करनी होगी इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता अगर इसका कोई हाल है तो बताओ मुझे मैं कोशिश करता हूँ तुम्हारी मदद करने की” चाचा बोले
“चाचाजी एक हाल तो है जो मैंने सोचा है लेकिन पता नहीं अंकल मानेंगे या नहीं” योगेश बोला
“क्यों नहीं मानेंगे पहले तुम बताओ तो सही” चाचा बोले
“वो क्या है ना की मैं सोच रहा हूँ की मैं अपने साथ माधुरी दीदी को भी गाँव ले जा लू अगर दीदी वहाँ मुझे खाना बना के दे देंगी तो मेरी प्राब्लम ही खत्म हो जाएगी” योगेश बोला
योगेश के मुंह से माधुरी का नाम सुनते ही अंकल के कोन खड़े हो गये वो समझ गये की अब योगेश गांड के बाद माधुरी की चुत भी मारना चाहता है इसीलिए उसने माधुरी का नाम लिया है अपने साथ चलने के लिए वैसे तो ये राजेश के फायदे की ही बात थी लेकिन उसने सोचा की क्यों ना माधुरी से अभी ही कबुलवा लिया जाए और बोला “इसमें ना मानने वाली क्या बात है, तुम ले जॅलो माधुरी को लेकिन पहले माधुरी को वादा करना होगा की वो मेरे साथ भी गाँव जा करेगी खाना बनाना क्योंकि मैं भी मान मर कर ही वहाँ का खाना खाता हूँ, क्यों माधुरी मेरे साथ भी चला करोगी ना गाँव”
माधुरी समझ गई की अंकल अब उसे बगैर चोदे मानने वाले नहीं है ठीक है एक बार योगेश उसकी सील तोड़ दे बाद में अंकल ने कर भी लिया तो क्या फर्क पड़ता है ये सोच कर बोली “अंकल इसमें वादा करने वाली क्या बात है आप करेंगे तो मैं क्यों नहीं चलूंगी”
“ये हुई ना बात, योेश तो बेकार ही परेशान हो रहा था की भैया मानेंगे या नहीं, चलो भाई योगेश अब तुम माधुरी को अपने साथ ले जा सकते हो ठीक” नीरज चाचा बोले
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 51
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 52
योगेश ने हाँ में गर्दन हिला दी और मुस्कुराते हुए माधुरी को देखा तो माधुरी ने शर्म से अपनी नज़रे झुका ली योगेश के साथ जाने की बात सुनते ही उसकी चुत में सुरसुरी सी होने लगी थी उधर पूजा और योगिता ये सब सुनकर एक दूसरे की ओर देख कर मुस्करा रही थी और मनीषा तो जल कर रख हो गई थी ‘साली कुतिया हमेशा ही योगेश से चिपकी रहती है’ दिल में ऐसा सोच कर उसने टीना की ओर देखा लेकिन टीना अपनी ही सोचो में गुम थी वो भी इस मौके का फायदा उतहाना चाहती थी क्योंकि उसे पता था की यहाँ भीड़ भाड़ में उसे योगेश को तैयार करने में वक्त लगेगा जब की वहाँ सिर्फ़ माधुरी ही होगी जिससे उसे कोई प्राब्लम नहीं थी क्योंकि वो उसके सामने ही उसके भाई से गांड मरवा चुकी थी इसलिए टीना इतना सोचकर झट से बोली “फुफज़ई क्या मैं भी इन दोनों के साथ गाँव चली जाओ मुझे भी वहाँ गये बहुत दिन हो गये है”
“बेटा तुम वहाँ जाकर क्या करोगी बेकार ही बोर हो जाओगी वहाँ” राजेश बोला वो नहीं चाहता था की योगेश और मधु के प्रोग्राम में कोई दखल हो
“नहीं फुफज़ई मैं बिलकुल भी बोर नहीं होंगी और फिर माधुरी और योगेश भी तो मेरे साथ होंगे ना वहाँ” टीना बोली
“लेकिन बेटी….” राजेश इतना ही कह पाया था की नीरज ने उसकी बात काट दी “जाने दो ना भैया जब बच्ची की इतना इच्छा है तो क्यों रोकते हो उसे”
“लेकिन…” राजेश फिर बोला
“अंकल जाने दीजिए ना उसे भी मैं उसे बोर नहीं होने दूँगी” माधुरी बोली
माधुरी के बोलने के बाद तो कुछ बच्चा ही नहीं था राजेश समझ गया की माधुरी टीना को संभाल लेगी “ठीक लेकिन तुम दोनों ने टीना का ख्याल रखना” राजेश बोला
“जी अंकल हम दोनों इसका पूरा ख्याल रखेंगे” योगेश मारे हुए स्वर में बोला वो टीना के साथ जाने के कारण ज़रा भी खुश नहीं था लेकिन माधुरी के भी हाँ कहने के कारण उसे थोड़ी तसल्ली थी
थोड़ी देर बाद सभी अपने अपने काम में लग गये थे……..रात को खाना खाने के बाद अंकल आंटी और चाचा चाची हॉल में बैठे हुए थे जबकि पूजा माधुरी और योगिता सफाई में लगी हुई थी योगेश अपने रूम में आ गया था और टीना और मनीषा भी अपने रूम में थी चाचा के बच्चे निशा और निर्मल ट्रेन लेट होने की वजह से अभी भी घर नहीं पहुंचे थे लेकिन आने वाले घंटे भर में वो कभी भी घर पहुँच सकते थे
टीना बाथरूम से फ्रेश होकर आचुकी थी और अपनी सोचो में गुम थी की अब उसे आगे क्या करना है उसे सोच में डूबे देख मनीषा से रहा नहीं गया तो वो बोल पड़ी “क्या सोच रही है टीना, और तूने योगेश के साथ गाँव जाने के लिए क्यों बोला”
“तू पूरी पागल है योगेश गाँव में रहेगा और मैं यहाँ तो क्या घंटा उखाड़ लूँगी मैं उसका हाँ वहाँ रहकर जरूर मैं कुछ कर सकती हूँ और वही मैं सोच रही हूँ की अब मुझे आगे क्या करना है” टीना बोली
“लेकिन यार वहाँ माधुरी भी तो होगी तू उसका इलाजज़ कैसे करेगी कुछ सोचा है तूने उसके बारे में” मनीषा ने अपनी चिंता व्यक्त की
“तू माधुरी को भूल जॉ ओ अब मेरा सर दर्द है लेकिन योगेश को कैसे तैयार करना है उसी लाइन पर मुझे सर खपाना है” टीना बोली उसे पता था की चूँकि माधुरी खुद उसके सामने राहुल के साथ सेक्स कर चुकी है तो वो उसे योगेश के साथ भी सेक्स करने से नहीं रोकेगी लेकिन टीना माधुरी और योगेश के संबंधों के बारे में नहीं जानती थी वरना उसे योगेश को कैसे पटाया जाए इस बारे में कुछ भी सोचना नहीं पड़ता था. अब मनीषा भी चुप हो गैट ही और टीना अपनी सोचो में गुम थी.
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उधर योगेश अभी भी टीना के अपने साथ जाने से परेशान था और उसे हैरत भी हो रही थी की माधुरी कैसे मान गई टीना को साथ ले जाने के लिए क्योंकि ये तो पक्का था की टीना ने गाँव में हमेशा ही माधुरी से चिपके रहना था फिर रेज़ में उन्हें चुदाई का मौका कहाँ मिल पाएगा ‘माधुरी से इस बारे में बात करनी ही पड़ेगी’ ये सोचकर योगेश ने माधुरी के रूम में झाँक कर देखा तो माधुरी वहाँ नहीं थी इसलिए योगेश भी नीचे आ गया अंकल लोग अभी भी हॉल में बैठे थे और अपनी बातों में मग्न थे योगेश सीधे किचन में पहुंचा वहाँ पूजा और योगिता ही थी उसे माधुरी कहीं भी नज़र नहीं आई “मधु दीदी कहाँ है” उसने पूछा
“क्या भैया ये भी कुछ बात हुई वैसे ही मधु दीदी तुम्हारे साथ ही जा रही है और फिर भी तुम उनके बारे में ही पूछ रहे हो कभी कभी हमें भी याद कर लिया करो” पूजा बोली
“ये अच्छी बात नहीं है भैया आख़िर हम भी आपकी बहने ही है और हमारा भी आप पर पूरा हक है फिर आप हमें अपने साथ क्यों नहीं ले जा रहे है” योहिता ने भी पूजा के सुर में सुर मिलाया
योगेश को पता था की उन दोनों की ही बहुत खुज़ला रही है और इसमें उन दोनों की कोई गलती नहीं है आख़िर उन्हें लंड का चस्का लगाया भी उसी ने था “अरे यार मधु बहुत दीनों से मिली नहीं थी इसी लिए उसे साथ लेकर जा रही हूँ और वैसे भी मुझे गाँव में बहुत दिन रुकना पड़ेगा तो दो दिन बाद उन्हें छोड दूँगा और तुम दोनों को ले जा लूँगा अब तो ठीक है ना, चलो बताओ मधु कहाँ है” वो बोला
“किसे याद आ रही है मेरी” मधु किचन में आते हुए बोली योगेश उसके आने का डाइरेक्षन देख कर समझ गया था की वो बाथरूम से आ रही थी
“आपके प्यारे भाई को आपकी बहुत याद आ रही है दीदी पूरा घर ही सर पर उठा लिया है इन्होंने आपको यहाँ ना पकड़” पूजा योगेश को चिढ़ते हुए बोली
“तू अपना मुंह बंद रख छोटी जब देखो पाटर पाटर और योगेश तुझसे बड़ा है छोटा नहीं, समझी हाँ योगेश बोल क्या काम है मुझसे” माधुरी बोली
“दीदी हमें गाँव जाना है तो मैं सोच रहा था की जरूरी समान की लिस्ट बना लेते थे ताकि सुबह निकलते वक्त देर ना हो” योगेश बोला
“अरे हाँ यार मैं तो भूल ही गई थी, चलो ये काम भी निपत लेते है पूजा मैं योगेश के साथ जा रही होंठ तुम लोग यहाँ का काम कर लेना” कह कर माधुरी योगेश के साथ ऊपर अपने रूम में आगाई रूम में एंटर होते ही योगेश बोल उठा “तुमने टीना को साथ लेजना कैसे मंजूर कर लिया अब हम वहाँ कैसे कुछ कर पाएँगे उसके वहाँ होते”
“तुम उसकी चिंता मत करो उसके रहते हम और भी अच्छी तरह से एंजाय करेंगे” योगेश बोला
“मैं कुछ समझा नहीं दीदी” योगेश बोला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 52 ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 53
“ये एक राज की बात है जो मैं तुम्हें गाँव पहुँच कर ही बताऊंगी लेकिन एक बात तुम्हें अभी ही बताती हूँ सोचो अगर गाँव जाने के बाद तुम्हें मेरे साथ साथ टीना भी चोदने को मिले तो कैसा रहेगा” माधुरी ने योगेश को झटका सा दिया
“क्या….टििईन्न्णाआ…को चोदने का मौकाअ…..मधु ये तुम क्या कह रही हो, मज़ाक तो नहीं कर रही मेरे साथ” योगेश मुंह फाड़े बोला
“मैं पक्का तो नहीं कह सकती लेकिन हाँ वहाँ ये मौका तुझे मिल सकता है इसलिए चिंता छोड और टीना को चोदने के बारे में सोच, और भी पेन पेपर निकल समान की लिस्ट बनाना है” योगेश की हालत के मजे लेती माधुरी बोली
योगेश अभी तक ईस्तब्ध था की माधुरी जो बोल रही है वो कैसे हो सकता है टीना उससे चुदवाने को राज़ी कैसे होगी लेकिन सच में अगर ऐसा हो जाए तो मजा आजाएगा यही सोचते हुए उसने पेन और पेपर निकाला और माधुरी के साथ लिस्ट बनाने लग गया
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‘टिंग – तोंग’ दूर बेल बजते ही राजेश उठा और दरवाजा खोलने के लिए आगे तरफ गया “लगता है निशा और निर्मल आ गये है” वो बोला दरवाजा खुलते ही उसे दोनों दिखाई दिए राजेश ने उन्हें देखते ही उन्हें अंदर आने के लिए जगह दी और बोला “आओ बच्चों आओ, बहुत लेट हो गयी तुम्हारी ट्रेन कोई परेशानी तो नहीं हुई ना सफ़र में”
“नहीं तौजी कोई परेशानी नहीं हुई” कहकर निर्मल ने राजेश के पौर छुए और मोनिका के पैर छूने आगे तरफ गया
“और निशा बेटी क्या हाल चल है तुम्हारे सब ठीक तो है ना” राजेश प्यार से निशा के सर पर हाथ फेरते हुए बोला
“जी तौजी सब ठीक है” निशा ने जवाब दिया
दूर बेल की आवाज़ सुनकर सभी बच्चे हॉल में आचुके थे वो सभी समझ गये थे की उनके चाचा के बच्चे आचुके है है अब ज़रा निशा और निर्मल से आपका इंट्रो करवा दूं निशा 20 साल की एक मस्त अल्हड़ लड़की थी और मुंबई जैसे शहर में रहने के कारण स्वभाव से बोल्ड भी बहुत थी ऊपर से भगवान ने उसे बनाया भी फुर्सत में था गोरा रंग 5.7 की हाइट गहरी नीली आंखें 36-26-36 का परफेक्ट फिगर सब कुछ तो दिया था भगवान ने उसे और वो खुद भी जानती थी की वो कितना गजब का माल है वो जानती थी की जॉब ही लड़का उसे एक बार देख ले वो उसका दीवाना हुए बगैर नहीं रही सकता था हलकी खुले विचारों की होने के बाद भी उसने आज तक अपनी वर्जिनिटी नहीं खोई थी हाँ उसने बॉयफ्रेंड बहुत बनाए थे लेकिन कभी भी किसी को भी एक हद से आगे नहीं बढ़ने दिया था वहीं निर्मल भी बहुत स्मार्ट और हॅंडसम था 6 फिट के लगभग की हाइट पर गोरा रंग और अपनी बहन के जैसी नीली आंखों के साथ सुन्दर चेहरा किसी को भी मोहित कर सकता था लेकिन वो अपनी बहन के मुकाबले एकदम विपरीत स्वभाव का था ओ बहुत शर्मीला किस्म था और लड़कियों से दूर ही भागता था यही कारण था की बहुत सी लड़कियों के प्रपोज़ करने बाद भी वो इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया की वो किसी लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बना सके वो तो बस अपने मोबाइल पर पॉर्न क्लिप्स देखकर और नेट पर अडल्ट स्टोरी पढ़कर अपना हाथ जगन्नाथ करते हुए ही टाइम गुजर रहा था लेकिन हर लड़के की तरह उसकी भी इच्छा होती थी किसी लड़की के साथ सेक्स करने की लेकिन वो अपने शर्मीलेपान की आगे मजबूर था
सभी बच्चे नीचे आकर निशा और निर्मल से मिलने लगे चूँकि उन्हें मिले हुए तीन साल हो चुके थे इसलिए मिलने में उत्साह भी बहुत था इन तीन सालों में सभी काफी बदल चुके थे खास टूर पर योगेश,योगिता,पूजा,निशा और निर्मल जो पहले तो बच्चों की तरह ही दिखते थे लेकिन अब फूल जवान हो चुके थे और उनके बदन भी अब पूरी तेरह से भर चुके थे बाकी तो सब ठीक ठाक ही थे लेकिन पूजा की नज़रे निर्मल और निशा की नज़रे योगेश पर जम चुकी थी वो दोनों ही उन्हें बहनों की नज़र से नहीं देख रही थी
कुछ देर बाद निशा और निर्मल खाना कहा चुके थे और सन एके लिए निशा माधुरी के रूम में और निर्मल योगेश के रूम में जा चुका था वैसे ही कल सुबह उनके आंटी अंकल को गोआ के लिए निकलना था सो रात को उन्हें जल्दी ही सोना था…….
सुबह सभी लोग जल्दी उठ गये और अपनी अपनी तैयारियों में लग गये थे टीना माधुरी और योगेश को गाँव जाने की तैयारी करनी थी उन लोगों के आंटी अंकल को गोआ जाने की पूजा मनीषा और माधुरी किचन में बिज़ी थी जबकि निशा और निर्मल अभी भी सोए हुए थे लगभग 8 बजे तक सब लोग तैयार हो चुके थे अपनी अपनी मंजिल पर जाने के लिए लेकिन पहले योगेश को स्टेशन जाना था अंकल वग़ैरह को छोडने के लिए और फिर वापसी में मार्केट से समान भी लेना था गाँव जाने के लिए थोड़ी देर बाद अंकल आंटी चाचा चाची सभी बच्चों से विदा लेकर गाड़ी में बैठ गये और योगेश उन्हें छोडने चला गया निशा और निर्मल अभी तक भी सोए हुए ही थे इसलिए मनीषा ने पूजा को उन्हें जगाने के लिए भेजा पूजा सीधे योगेश के रूम में गई जहाँ निर्मल सो रहा था उसने एक पतली सी टी-शर्ट और एक ढीला सा लोवर पहना हुआ था सुबह का वक्त होने से उसका उसका लंड फुल टाइट था जिससे लोवर में एक बड़ा सा टेंट बना हुआ था पूजा उसके खड़े लंड को देखकर हैरत में पड़ गई 18 साल के लड़के का लंड इतना बड़ा हो सकता है ये उसने सोचा ही नहीं था निर्मल के लंड का साइज महसूस कर के पूजा की चुत में गुदगुदी सी होने लगी थी ‘योगेश भैया से थोड़ा ही छोटा होगा’ उसने मान में सोचा और निर्मल को पुकारा “निर्मल आइये निर्मल” लेकिन निर्मल पर इसका कोई असर नहीं हुआ वो वैसे ही पड़ा रहा अपनी आवाज़ का असर ना होते देख पूजा ने उसे हिला कर उतहाने की कोशिश की लेकिन फिर भी निर्मल नहीं उठा तो पूजा के मान में शैतानी आगाई उसने बेड पर बैठते हुए निर्मल का लंड पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे मसलने लगी निर्मल जैसे सपने में था पूजा के लंड पकड़ते ही उसके चेहरे पर एक मीठी सी मुस्कान आगाई थी पूजा भी अब उसके मजे लेने लगी और अपने हाथ की बढ़ता थोड़ी बढ़ने लगी थी उधर निर्मल नींद में ही कसमासते हुए मस्त हुआ जा रही था पूजा ये भी भूल गई थी की अगर निर्मल जगह गया तो क्या होगा और भी उसकी चुत भी गीली होने लगी थी उस पर मस्ती चढ़ती ही जा रही थी इसी मस्ती में उसे पता ही नहीं चला की कब उसने निर्मल के लंड को बहुत ज़ोर से मसल दिया था उसके ऐसा करते ही निर्मल एक ज़ोर की ‘आहह…’ निकलते हुए जगह गया और झट से उठकर बैठ गया उसके जागते ही पूजा भी हड़बड़ा गई और बेड से खड़ी होकर हकलाते हुए बोली “क्क्यय्याअ..क्यों..कुम्भकरण क्क्की तरह सोता है तू कब से जगा रही हूँ जगह ही नहीं रहा है, चल अब उठ और नीचे चल योगेश भैया लोगों को गाँव जाना है चल कर उनसे मिल ले” और रूम से बाहर जाने लगी “पापा, आंटी गये क्या” निर्मल ने पूछा
“हाँ योगेश भैया उन्हें छोडने ही गये है तू जल्दी से नीचे आजा” पूजा ने बगैर उसे देखे जवाब दिया
“तू चल मैं फ्रेश होकर आता हूँ” निर्मल के इतना कहने से पहले ही पूजा रूम से निकल गैट ही निर्मल अब अपने लंड में हुए दर्द के बारे में सोचने लगा की उसे एकाएक ही इतना तेज दर्द कैसे हुआ उसने अपने लोवर को नीचे खिसकाया और अपने नंगे लंड को देखा जो पूजा के मसलने से एकदम लाल हो चुका था ‘तो क्या पूजा मेरे लंड को मसल रही थी’ उसने सोचा लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है वो तो उसकी बहन है वो ऐसा नहीं कर सकती लेकिन मेरे जागते ही वो कैसे हड़बड़ा के खड़ी हो गैट ही और बातें भी कैसे हकलाते हुए कर रही थी जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो और बाद में उसने मुझसे नज़रे मिला के बात भी नहीं की और कैसे बात पूरी होने के पहले ही चली गई अपनी इन सारी सोचो से निर्मल ने यही मतलब निकाला की सच में ही पूजा उसका लंड पकड़े हुई थी इसका मतलब था की उसके दिल में निर्मल के लिए कुछ गलत भावना थी जो की किसी बहन के दिल में अपने भाई के लिए हो ही नहीं सकती तो अब मुझे क्या करना चाहिए वो सोचने लगा लेकिन इस बार उसके दिमाग ने उसका साथ नहीं दिया और उसने फैसला किया की मौका आने पर वो इस बारे में पूजा को टोकेगा जरूर इतना सोच कर वो बॅयात रूम में घुस गया
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