RE: Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला
अब लगभग 9.30 बज चुके थे और निशा को छोड़कर सभी लड़कियाँ किचन में व्यस्त थी योगेश सभी को स्टेशन छोड कर आ चुका था उसका प्रोग्राम खाना खाकर गाँव के लिए निकालने का था रात को माधुरी का बताया हुआ सारा समान वो मार्केट से ला चुका था अभी वो हॉल में बैठा था निर्मल से बातें कर रहा था की तभी निशा भी वहाँ आगाई वो नहा चुकी थी और एक छोटा टॉप और वैसी ही स्कर्ट पहने थी जिसमें से उसकी पूरी जांघें दिखाई दे रही थी और टॉप इतना डीप कट था की उसकी चुचियाँ उससे बाहर आने को हो रही थी वो आकर योगेश के साथ ही बैठ गई और बोली “गुड मॉर्निंग योगेश”
“गुड मॉर्निंग” योगेश ने भी उसे रिप्लाइ किया निशा के वहाँ आते ही निर्मल उठा और बोला “अच्छा भैया आप लोग बातें करो मैं भी जब तक नहा लेता हूँ
“और सुनाओ क्या चल रहा है, बहुत स्मार्ट हो गया है तू तो कोई गर्लफ्रेंड बनाई की नहीं तूने अभी तक” निशा बोली वो शुरू से ही मुहफट थी और किसी से भी और कैसी भी बातें कर लेती थी यहाँ तक की मनीषा से भी
“तुझे पता है की यू क्या बोल रही है, तू मेरे अंकल को तो जानती ही है अगर मैं ऐसा कुछ करूं और उन्हें मालूम पड़ गया तो पता है ना वो मवरा क्या हाल करेंगे इसलिए मैंने कभी इस बारे में सोचा भी नहीं” योगेश बोला
“सो परेशान, इतना स्मार्ट लड़का और कोई ग फ नहीं बहुत नाइंसाफी है” कहते हुए निशा योगेश के गाल को अपने हाथ से गुळेचने लगी इसके लिए उसे योगेश के पास आना पड़ा जिससे उसके बूब्स योगेश की पसलियों से सात गये थे और उनका दबाव योगेश अच्छे से महसूस कर रहा था लेकिन अभी तक उसके मान में निशा के लिए कोई गलत भावना नहीं आई थी और वो निशा की आदते जनता था निशा का बोल्ड बिहेवियर किसी से भी छुपा नहीं था
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“चल चल ज्यादा नाटक मत कर बात तो ऐसे कर रही है जैसे तू अपना बाय्फ्रेंड बना चुकी हो”योगेश चिढ़ते हुए बोला
“तो तुम्हें क्या लगा मुंबई जैसी जगह में मेरे जैसी बेउटयफुल और सेक्सी लड़की का कोई बॉयफ्रेंड नहीं बना होगा अभी तक” निशा बोली
“बेउटयफुल और सेक्सी और वो भी तू, तू पागल तो नहीं हो गई तेरे जैसी भूटनी को कौन अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा” योगेश ने उसे चीढ़या
“क्या कहा भूटनी तुम्हारी इतनी हिम्मत” इतना कह कर निशा योगेश पर झपट पड़ी वो जानती थी की योगेश उसे चिढ़ा रहा है लेकिन मस्ती करने के लिए उसने योगेश के बाल पकड़ लिए और उसका सर इधा उधर घूमने लगी योगेश भी इस मस्ती में उससे हार मानने के मूंड़ में नहीं था चुकी निशा ने उसकी गर्दन नीचे झुका रखी थी जो को निशा के बूब्स के ठीक सामने थी इस लिए जैसे ही योगेश ने ताक़त से अपनी गर्दन ऊपर उठाई वो सीधे निशा के बूब्स से जोरों से टकराई “आहह…” दर्द के मारे निशा के मुंह से कराह निकल गई और उसके हाथ योगेश के बालों से अपने आप ही चुत गये उसकी आंखों में हल्के से आँसू भी आ गये थे उसकी ऐसी हालत देखकर योगेश की मस्ती एक झटके में ही खत्म हो गई “सॉरी निशा ये मैंने जानबूझकर नहीं किया” योगेश बोला और उसने इस शर्म से की अब निशा उसके बारे में क्या सोचेगी अपनी गर्दन नीचे झुका ली
निशा को दर्द तो बहुत हुआ था लेकिन वो योगेश की ऐसी हालत देख कर ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली “कोई बात नहीं इसमें मेरी भी गलती थी” उसकी बात सुनकर योगेश को कुछ राहत मिली और उसने अपनी गर्दन ऊपर उठा ली और निशा से बोला “चल अब बहुत मस्ती हो गई मुझे भी अब गाँव जाना है”
“अरे मैं अभी आई हूँ और तुम मेरे आते ही गाँव जा रहे हो नहीं मिस्टर ऐसा नहीं होता”निशा बोली उसे नहीं पता था की योगेश गाँव क्यों जा रही है तब योगेश ने उसे सारी बात बताई की वो गाँव क्यों जा रही है और उसके साथ माधुरी और टीना भी जा रही है टीना और माधुरी के जाने की बात सुनकर निशा बोली “जब वो दोनों जा रही है तो मैं भी चलती हूँ, मैं भी गाँव घूम कर आ जाऊंगी”
“नहीं निशा अभी तुम्हारा वहाँ जाना ठीक नहीं होगा पहले मैं वहाँ जाकर सब ठीक कर दूं फिर तुम मेरे साथ चलना पता नहीं वहाँ क्या हालत हो शायद वहाँ तो अभी हमारे रहने के लिए रूम भी तैयार नहीं होंगे” योगेश ने उसे समझाया और उसकी बात कुछ हद तक निशा की समझ में भी आगाई और वो बोली “तो ठीक है वादा करो जल्दी ही मुझे वहाँ लेकर चलेंगे”
“ठीक है निशा मैं बस दो तीन दिन बाद में ही तुम्हें वहाँ ले चलूँगा” योगेश बोला
फिर थोड़ी देर बाद सभी लोग खाना कहा चुके थे और योगेश ने सारा समान गाड़ी में रख दिया था अब टीना और माधुरी भी गाड़ी में बैठ चुकी थी फिर योगेश मनीषा और बाकी सब लोगों से विदा लेकर टीना और माधुरी के साथ अपने गाँव की ओर निकल गया………….
दोपहर में लगभग 2 बजे योगेश अपनी दोनों बहनों के साथ गाँव पहुंच गया था वहाँ पहुंचते ही सब से पहले उसने स्यमू काका को बुला कर खेतों में बने हुए मकान की सफाई करवाई मकान ज्यादा बड़ा नहीं था और खपरैल वाला था उसमें एक किचन और दो रूम दूसरे थे एक हॉल भी था साथ ही पक्का लेट-बात भी था कुल मिलकर उन्हें वहाँ कोई परेशानी नहीं होनी थी बस एक बार वहाँ की सफाई उन के हिसाब से हो जाती स्यमू काका दो मजदूरों को भी ले आया था जो उसके साथ सफाई में लगे थे टीना और माधुरी सामने रही कर अपने हिसाब से सब चीज़े सेट करवा रही थी लगभग 2 घंटे बाद सब उनके मान मुताबिक सेट हो चुका था अब तक वो तीनों ही तक गये थे और पसीने की वजह से सभी की इच्छा नहाने की हो रही थी
“योगेश अब तो सब सेट हो चुका है क्यों ना अब नहा लिया जाए, पसीने के मारे तो मेरा बुरा हाल है” माधुरी बोली
“हाँ यार ये चिप चिप तो मुझसे भी नहीं सही जाती मेरी भी इच्छा नहाने की हो रही है” टीना बोली
“ठीक है मैं स्यमू काका से कह कर पानी बुलवता हूँ” कहते हुए योगेश स्यमू को बुलाकर बोला “काका हमें नहाना है पानी बुलवाडो”
“बेटा अभी तो लाइट है नहीं तो मोटर शुरू हो नहीं सकती मुझे मालूम नहीं था की आप लोग आने वाले है वरना मैं पगले ही पानी भरवा कर रखता अब आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा” श्यमू बोला
“लेकिन हमें पसीने ने परेशान कर रखा है बगीर नहाए तो हम ठीक से बैठ भी नहीं सकते है, कोई और उपाए नहीं है क्या” योगेश बोला
“है तो सही लेकिन पता नहीं वो आपको पसंद आएगा भी या नहीं” स्यमू बोला
“तुम बताओ तो सही पसंद ना पसंद बाद में देख लेंगे” योगेश चिढ़ कर बोला
“बेटा वो यहाँ से कुछ दूरी पर एक नदी है जिस में सारे गाँव वाले नहाते है वैसे अब तो वहाँ कोई नहीं होगा क्योंकि लगभग सभी लोग 12 बजे के पहले ही वहाँ से नहा कर आजाते है अगर आप की मर्जी हो तो मैं आपको वहाँ ले जा सकता हूँ,वैसे अगर आप थोड़ा और पैदल चल सके तो वहां से कुछ दूर एक छोटा सा झरना भी है जहाँ बहुत कम लोग जाते है और वहाँ नहाने का अलग ही मजा है” श्यमू बोला
श्यमू काका की बात सुनकर टीना खुशी से चाहक पड़ी “क्या काका इतनी अच्छी बात बताने में भी आपने इतनी देर लगा दी इतना अरसा हो गया है मुझे झरने के नीचे नहाए हुए मैं तो बिलकुल तैयार हूँ वहाँ जाने के लिए तुम दोनों क्या बोलते हो” वो योगेश और माधुरी को देखते हुए बोली
“मैं तो तैयार हूँ क्योंकि मुझे भी झरने के नीचे नहाने में मजा आता है लेकिन माधुरी से पूछ लो” योगेश बोला
“मैं कब मना कर रही हूँ वहाँ जाने से लेकिन हमने ऐसे कपड़े तो लाए ही नहीं है जो वहाँ नहाने के काम आए” माधुरी ने कहा
“तू कपड़ों की चिंता मत कर हम इन्हीं कपड़ों में नहा लेंगे” टीना बोली
“तो ठीक है चलो” योगेश बोला, फिर उन तीनों ने ही अपनी अपनी जरूरत के कपड़े और समान एक बैग में रखा और श्यमू के साथ झरने की ओर निकल पड़े लगभग आधा घंटे के बाद वो उस झरने के पास पहुँच गये थे बहुत सुंदर व्यू था वहाँ का चाटो ओर घने पेड़ ज़मीन पर हरी हरी नरम घास और कल कल करती पानी की आवाज़ वातावर्ण को और भी मधुर बना रही थी झरना ज्यादा बड़ा नहीं था लगभग 12 फुट ऊपर से पानी अपनी मध्यम बढ़ता से नीचे गिर रहा था और नीचे एक बहुत बारे घेरे में जआंटी हो रहा था जिसकी गहराई भी लगभग 5 फुट थी और लंबाई चौड़ाई कोई 40-30 फुट थी जहाँ आराम से टायिरा भी जा सकता था टीना को ये जगह बहुत पसंद आई “योगेश मेरा मान तो ये कर रहा है की जब तक भी हम यहाँ है रोज यही आए नहाने के लिए कितना सुंदर स्थान है ये” वो बोली
“जैसी तुम्हारी मर्जी मैं रोज ही तुम्हें यहाँ ले आया करूँगा” योगेश बोला
“अच्छा बेटा अब मैं चलता हूँ खेतों में ज़रा काम है और भी तुमने रास्ता भी देख लिया है तो नहा कर वापस आजना फिर अभी मुझे तुम्हारे रात के खाने की भी तैयारी करनी है” श्यमू बोला
“ठीक है काका आप जाए हम लो आजाएँगे और आप रात के खाने की चिंता मत करो सिर्फ़ सब्जियो की व्यवस्था कर दो बाकी सारी चीज़े हम साथ ही लाए है और खाना भी ये दोनों ही बना लेगी और हाँ कल सुबह से ही मैं भी आपके साथ ही काम करूँगा” योगेश ने जवाब दिया
“ठीक बेटा जैसी तुम्हारी मर्जी” इतना कह कर श्यमू चला गया
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अभी झरने पर उन लोगों के सिवाय और कोई नहीं था और जैसा श्यमू ने बताया था उसके हिसाब से वहाँ किसी के आने की उम्मीद भी बहुत कम थी योगेश अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ आंडरवेयर में ही पानी के अंदर घुस गया लेकिन लड़कियों के सामने अभी भी कपड़ों की परेशानी थी की वो क्या पहन कर नहाए
“अब बोल हम क्या पहने, वहाँ तो खूब बोल रही थी की कपड़ों का इंतजाम हो जयर्गा अब कर इंतजाम” माधुरी टीना से बोली
टीना तो पहले ही तय कर चुकी थी की उसे क्या करना है यहाँ वो सिर्फ़ योगेश को पटाने के लिए आई थी इसलिए उसने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में की नहाने की सोच रखी थी लेकिन माधुरी जो इतनी जल्दी अपने आप को टीना के सामने एक्सपोज़ नहीं करना चाहती थी उसके सामने बड़ी समस्या थी उसकी बात सुन कर टीना बोली “देख भाई मैं तो ब्रा और पैंटी में ही नहा रही हूँ अगर तेरी मर्जी है तो टब भी मेरे जैसे ही नहा ले”
“क्या पागलों जैसी बातें कर रही योगेश के सामने मैं उन कपड़ों में कैसे नहा सकती हूँ, और क्या तुझे शर्म नहीं आएगी योगेश के सामने ऐसे कपड़ों में नहाने में” मधु बोली
“जो लड़की अपने सगे भाई से चुदाया सकती है उसे अपने कज़िन भाई के सामने इन कपड़ों में कैसे शर्म आसक्ति है, लेकिन हाँ अगर तुझे ब्रा पैंटी में नहाने में शर्म आती है तो तू एक काम कर वहाँ झाड़ियों के पीछे जाकर अपने सारे कपड़े उतार और सिर्फ़ कुरती पहन कर आजा जिससे तुझे योगेश के सामने शर्म भी नहीं आएगी और तू सिर्फ़ कुरती में होने की वजह से अच्छे से नहा भी लेगी” टीना बोली
टीना की बात माधुरी को जाच गई और झाड़ियों के पीछे चली गई लेकिन वो नहीं जानती थी की आगे जिस तरह वो नहाने वाली है उससे योगेश पर क्या फर्क पड़ने वाला है इधर माधुरी के जाते ही टीना ने अपना काम शुरू कर दिया वो के ढीली सी शर्ट और पेंट पहने हुई थी जिसे उतरने में उसे टाइम नहीं लगना था उसने योगेश की ओर देखा जो झरने की नीचे खड़ा अपने सर पर गिरते पानी का मजा ले रहा था और उसका ध्यान टीना की ओर नाशी था “योगेषह…पानी ठंडा है क्या” टीना उसका ध्यान अपनी ओर खिंचते हुए बोली और अपनी शर्ट के बटन जल्दी जल्दी खोलने लगी ताकि योगेश को उसके ब्रा में कैद बूब्स के दर्शन हो जाए उसकी आवाज़ सुनते ही योगेश ने पलट कर जवाब दिया “नहीं पानी ठीक है ज्यादा ठंडा नहीं हाईईईईईई….” टीना की हालत देख कर योगेश की बाकी बात उसके मुंह में ही रही गई क्यों की उसके पलटने तक टीना अपनी शर्ट उतार चुकी थी और उसके बारे बारे गोरे बूब्स उसकी छोटी सी ब्लैक ब्रा में फँसे हुए आज़ाद होने के लिए मचल से रहे थे ये सीन देख कर योगेश भौचक्का रही गया था
“वहाँ मजा तो आ रहा है ना” कहते हुए टीना बगैर योगेश की ओर देखे अपने पेंट की बटन खोलने लगी वो योगेश से नज़र मिला कर उसका ध्यान नहीं भटकना छगती थी अब बटन खोल चूकने के बाद उसके हाथ जीप नीचे कर रहे थे जैसे ही जीप खुली योगेश को टीना की ब्लैक पैंटी के दर्शन हो गये और उसका लंड पूरा टाइट हो गया अब टीना धीरे धीरे अपने टाइट जींस को उतरने लगी जैसे जैसे जींस नीचे आ रहा था योगेश की धड़कने भी बढ़ती जा रही थी अबतक उसका लंड उसके ढीले से आंडरवेयर में बड़ा सा टेंट बना चुका था जो दूर से ही नज़र आ रहा था लेकिन अब योगेश कुछ कर भी नहीं सकता था अब तक टीना का जींस उसके घुटनों तक उतार चुका था लेकिन झुके होने की वजह से योगेश को उसकी चुत का भाग दिखाई नहीं दे रहा था तभी ‘अऔच्च…मर गई रीई….’ की आवाज़ निकलते हुए धम से नीचे गिर गई उसका पेंट अभी भी उसके पैरों में फँसा हुआ था उसे गिरते देख योगेश को होश आया और वो टीना की तरफ लपका लेकिन फिर अपने खड़े लंड का तंबू देखकर आधे रास्ते में ही रुक गया उसे रुकता देख टीना ने फिर आ भारी और बोली “वहाँ खड़ा क्या देख रहा है, यहाँ आकर मुझे उठा ना” टीना की बात सुनकर अब रुकने का तो कोई मतलब ही नहीं था योगेश धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगा वो नहीं चाहता था की तेज चलने से उसका लंड जोरों दे हिले उधर माधुरी भी झाड़ियों के पीछे अपनी सलवार कुरती और ब्रा पैंटी उतार चुकी थी उसने एक बार अपनी चुत पर हाथ फिराया जो की आज पहली बार चुदने वाली थी और फिर अपनी कुरती पहन ली तभी उसे टीना की चीख सुनाई दी तो उसने अपने कपड़े उतहाए और झाड़ियों से बाहर आगाई लेकिन बाहर आते ही जहाँ की तहाँ रुक गई और सामने का नज़ारा देखने लगी अब तक योगेश टीना के पास आ चुका था टीना उसके टेंट का साइज देखकर चौंक गई वो समझ गई की योगेश का लंड उसके भाई राहुल के लंड से बड़ा है और इससे चुदवाने में तो बहुत मजा आएगा वो उसे ही घूरने लगी योगेश समझ गया की टीना क्या घूर रही है इसलिए वो झट से टीना के पीछे गया और उसकी बाहों में हाथ डाल कर उसे ऊपर उठाने लगा लेकिन टीना जानबूझ कर उठने की कोशिश नहीं कर रही थी इसलिए योगेश उसे उठा नहीं पाया
“इतना बड़ा हो गया है फिर भी एक लड़की को नहीं उठा पा रहा है चल पहले मेरा पेंट उतार फिर मुझे उतहाना” टीना बोली उसकी बात सुनकर योगेश झेपते हुए टीना के सामने आ गया और मॅब ही मान अपने लंड को गली बकने लगा की साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है फिर वो टीना के पैरों के सामने नीचे बैठा और टीना का पेंट खींचने लगा तभी टीना ने अपने पैर का एक पाँजा योगेश के लंड से टीका दिया योगेश एकदम से चौंक उठा और उसका हाथ पेंट खिंचते हुए रुक गया “क्या हुआ तू रुक क्यों गया पेंट उतार ना” कहते हुए टीना योगेश का लंड अपने पैर से रगड़ने लगी योगेश समझ रहा था की टीना जानबूझ कर ऐसा कर रही है लेकिन उससे कुछ बोलते भी नहीं बना जैसे तैसे अपना लंड रगद्वाते हुए वो टीना पेंट उतरने लगा उधर माधुरी टीना का सारा तमाशा देख रही थी अभी तक वो चुप थी लेकिन अब उसे लगा की उसे वहाँ जाकर योगेश की हेल्प करनी चाहिए वरना पता नहीं टीना बेचारे योगेश को कितना परेशान करे
“अरे टीना क्या हुआ तुम कैसे गिर गई” माधुरी टीना के पास बैठते हुए बोली यूँ बैठने से उसकी दोनों मोटी गोरी जांघें कुरती के दोनों साइड से बाहर आगाई जिन्हें देखते ही योगेश के लंड ने एक जोरदार झटका मारा जिसे टीना ने अपने पैर पर अच्छे से महसूस किया और उसने योगेश को देखा टीना से नज़रे मिलते ही योगेश ने अपनी गर्दन झुका ली “बता ना क्या हुआ” मधु फिर बोली
“कुछ नहीं बस पेंट उतरते वक्त बैलेन्स बिगड़ गया था और मैं गिर गई” टीना बोली
“कहीं चोट वॉट तो नहीं लगी ना” मधु ने पूछा
“नहीं यार कोई चोट नहीं लगी” टीना बोली
तब तक योगेश टीना का पेंट उसके पैरों से अलग कर चुका था पेंट निकलते ही टीना ने अपनी टाँगे फैला ली जिससे उसकी छोटी सी पैंटी में फाँसी हुई फूली चुत एकदम योगेश के सामने आगाई उसके लंड ने एक झटका और मारा और उसका मुंह खुला का खुला ही रही गया उसकी ऐसी हालत देख कर टीना मुस्कुराते हुए बोली “इतना बड़ा होने के बाद भी तू अभी बच्चा ही है” योगेश उसकी बात नहीं समझ पाया लेकिन माधुरी समझ गई और बोली “पहले नहले फिर फार्म हाउस पहुँच कर इसे भी बड़ा कर देना” टीना भी माधुरी का मतलब समझ गई और माधुरी के साथ ही खड़ी होकर झरने की ओर चल दी योगेश वही बैठे अपनी दोनों बहनों के पिछवाड़ो को घुरे झड़ रहा था टीना की पैंटी में फँसी गांड की मटकं उसके लंड को तर्रए दे रही थी तो माधुरी की भारी गांड जॉन की टाइट कुरती में थिरक रही थी योगेश की गांड में गुदगुदी कर रही थी तभी हवा एक झोंका आया जिससे माधुरी की कुरती पीछे से ऊपर उठ गई और योगेश को जैसे जन्नत के नज़रे हो गये कुरती उठहते ही योगेश को माधुरी की नंगी गांड दिखाई दे गई तभी माधुरी ने पलट कर योगेश को आँख मर दी वो समझ गया की माधुरी भी मूंड़ में है इसीलिए उसने पैंटी नहीं पहनी है अब योगेश की हालत खराब हो चुकी थी वो समझ नहीं परहा था की वो इन दोनों को एक साथ कैसे संभाले एक उसे आँधी लग रही थी और दूसरी तूफान
अब तक दोनों ही लड़कियाँ पानी में घुस चुकी थी ‘चल अब जॉब ही होगा देखा जाएगा’ मान में ऐसा सोच कर सर झटकता हुआ वो भी झरने की ओर चल दिया………..
टीना और माधुरी दोनों ही पानी में उतार चुकी थी लेकिन वो दोनों ही ज़हरे पानी में उतरने की जगह किनारे किनारे से ही झरने की ओर जाने लगी जाहिर था की वो पानी में डुबकी लगाने की बजाए पहले तेज पानी की बौछार अपने शरीर पर लेना चाहती थी उधर योगेश पानी में उतार कर तैरने लगा था
टीना और मनीषा जैसे ही झरने के नीचे पहुँची दोनों ही ठंडे पानी की वजह से झुरजुरी लेने लगी कुछ देर बाद जब दोनों का ही बदन उस पानी को झेलने लायक हुआ तो दोनों ही पानी में मस्ती करने लगी टीना तो पहले ही ब्रा पैंटी में थी तो उनके गीले होने से उसे ज्यादा असर नहीं हुआ लेकिन माधुरी की पतली सी कुरती गीली हो कर उसके बदन से चिपक गैट ही और थोड़ी ऊपर भी उठ गई थी जो अब बड़ी मुश्किल से उसके भारी नितंबों को भी नहीं ढक पा रही थी
“तू योगेश के साथ क्या कर रही थी तब” माधुरी बोली
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