Long Sex Kahani सोलहवां सावन
07-06-2018, 02:33 PM,
RE: Long Sex Kahani सोलहवां सावन
गुलबिया और भरौटी के लौंडे 

अब तक 



लेकिन गुलबिया भी उसने पीछे से दबा के मुझे निहुरा दिया , अच्छी तरह , बस ज़रा सा इधर उधर उठने की कोशिश करती तो पक्का चपाक से कीचड़ में गिरती। 


और गुलबिया ने स्कर्ट उठा के सीधे मेरी कमर पे और सबको दावत दे दी ,

" अरे तानी नजदीक से देख ला न। " 

एक रोपनी कर रही लड़की जो मेरी उम्र की ही रही होगी और खूब बढ़ चढ़ के बोल रही थी , पास आई और खनकती आवाज में बोली ,

" एतना मस्त , पूरे गाँव जवार में आग लगावे वाली हौ , हमरे भैय्या क कौन दोष जो सबेरे भिनसारे चांप दिहलें इसको। "
जो औरत गुलबिया को टोक रही थी , और रतजगे में आई थी उसने थोड़ी देर तक मेरे पिछवाड़े हाथ फिराया , और अपने दोनों हाथों से पूरी ताकत से मेरे कटे गोल तरबूजों ऐसे चूतड़ों को फ़ैलाने की पूरी कोशिश की , लेकिन गोलकुंडा का दर्रा ज़रा भी न खुला। एक हाथ प्यार से मारती बोली,

" अभी अभी मरवाई है , एतना मोट मूसल होती है साल्ली , तबहियों , एतना कसा ,.. "

गुलबिया ने और आग लगाई , " तबै तो पूरे गाँव क लौंडन और मरदन क लिए चैलेन्ज है ये , ई केहू क मना नहीं करेगी ,"

एक लड़की बोली, " अरे ई तो हम अपने कान से सुने थे , अभी थोड़ी देर पहिले। "

दूसरी औरत बोली , " अरे एक गाँव क लौंडन सब नंबरी गांड मारने वाले हैं जब ई लौटेंगी न अपने मायके तो ई गांड का भोसड़ा हो जाएगा , पूरा पांच रुपैया वाली रंडी के भोसड़ा की तरह। पोखरा की तरह छपर छपर करीहें सब , एस चाकर होय जाई। "

पहले तो मुझे बड़ा ऐसा वैसा लग रहा था लेकिन अब उनकी बातें सुनने में मजा आ रहा था। सोचा की बोलूं इतनों को देख लिया ,उनका भी देख लुंगी। कामिनी भाभी की कृमउर मंतर पे मुझे पूरा भरोसा था , उन्होंने असीसा था की मैं चाहे दिन रात मरवाऊं , आगे पीछे , न गाभिन होउंगी , न कोई रोग दोष और अगवाड़ा पिछवाड़ा दोनों ऐसे ही कसा रहेगा , जैसा तब जब मैं गाँव में छुई मुई बन के आई थी। 

लेकिन चुप ही रही , तबतक गुलबिया ने मुझे पकड़ के सीधा कर दिया और हम लोग फिर मेंड़ मेड चल पड़े। 

पीछे से कोई बोली भी की कहाँ ले जा रही हो इसे तो गुलबिया ने भद्दी सी गाली देके बात टाल दी। 

जहाँ धान के खेत खत्म होते थे उसके पहले ही गन्ने के खेत शुरू होगये थे और गुलबिया मुझे ले के उसमें धंस गयी। 




आगे 






[attachment=1]ecea9e5fbdac1adca393d709a4e641aa.jpg[/attachment]



जहाँ धान के खेत खत्म होते थे उसके पहले ही गन्ने के खेत शुरू होगये थे और गुलबिया मुझे ले के उसमें धंस गयी। 

दो फायदे थे उसमें , जिस मेंड़ पे हम चल रहे थे वो एकदम सूखी थी और हम दोनों को कोई देखने टोकने वाला नहीं था। 

और अपने टोले के , भरौटी के लौंडो की उसने खुल के तारीफ़ करनी शुरू कर दी ,

केतना मोटा कितना लम्बा , और कैसे गाली दे दे के , खुले में ही , ...वो भी अपने अंदाज में , 

एक पल के लिए तो मैं घबड़ाई , की कही उसका इस गन्ने के खेत में ही तो मेरी फडवाने का प्लान नहीं है , 

लेकिन तब तक मुझे कामिनी भौजी की बाद याद आगई , आगे पीछे क्रीम से सील करते हुए उन्होंने मुझसे तो बोला ही था गुलबिया को भी सहेजा था की कल सुबह तक इसकी चिरैया के मुंह में चारा नहीं जाना चाहिए ,न आगे न पीछे ,ऊँगली की एक पोर तक नहीं। और ये भी बोला था की वो ये बात बसंती और चंपा भाभी को बता दे ठीक से। 


कामिनी भाभी की बात टालने की हिम्मत गुलबिया में भी नहीं थी। फिर अभी तो मुझे हफ्ता दस दिन गाँव में रहना था और मन तो मेरा भी कर रहा था , ... भरौटी के लौंडो का , ... बसंती ने भी बहुत गुन गाया था उनका। 

और ये सोच कर मेरी हिम्मत और बढ़ गयी की कम से कम अभी तो कोई खतरा नहीं है और मैं भी खुल के गुलबिया की बातों का जवाब देने लगी।

गुलबिया बोलती , एक बार भरोटी के लौंडो का लौंडा घोंटगी न तो चूं बोल जायेगी तेरी चुनमुनिया , तो मैं भी हंस के जवाब देती ,

" अरे भौजी ,बाकी गाँव के लौंडो का देख लिया है उनका भी देख लूंगी ,निचोड़ के रख दूंगी साल्लो का। "
" अरे उ सब बाकी लौंडो की तरह नहीं है , ठोंकेंगे पहले बात बाद में करेंगे। एक साथ चार चार चढवाऊंगी , और ऊपर से उ सब गन्ना ,अरहर क खेत नहीं देखते ,जहां पाएंगे उन्ही निहुरा के चोद देंगे। " 
गुलबिया बोली और उस की बातों से एक बार फिर मेरी चुनमुनिया चुनचुनाने लगी थी। 

" चार चार , मेरे मुंह से हलके से निकल गया। 

" और क्या उस से कम में हमार छिनार ननदिया को क्या मजा आयेगा। तीनो छेदो का मजा एकसाथ। और एक हाथ में मुठियाते रहना। जैसे पहला झडेगा , वो पेल देगा। " गुलबिया ने समझाया। 

गन्ने का घना खेत जहाँ हाथ भर आगे का भी न दिख रहा हो , उसी के बीच से गुलबिया मेरा हाथ पकड़े पकडे , और एक से एक मस्त बातें , कभी अपने जवार के लौंडो के बारे में तो कभी अपने मरद के बारे में , और कभी अपने मेरे बारे में , क्या क्या करेगी वो मेरे साथ , ' खिलाने पिलाने ' के बारे में ,


और अचानक हम लोग गन्ने के खेत से बाहर आगये। 

एक खूब ऊँची मेड , और अब गन्ने के खेत साइड में और दूसरी ओर एकदम खुला मैदान , थोड़ी दूर पर एक छोटा सा पोखर ,जिसके किनारे कुछ औरतें कपडे धो रही थीं , थोड़ी दूर पर दस पन्दरह घर सारे कच्चे , कुछ पर झोपड़ी टाइप छत थी और कुछ पर खपड़ैल की. एक कच्चा कुंआ किनारे एक घर के सामने , नीम महुआ के थोड़े से पेड़ ,

हम दोनों मेड पे चल रहे थे।
और तभी वो दिखा ,
Reply


Messages In This Thread
RE: Long Sex Kahani सोलहवां सावन - by sexstories - 07-06-2018, 02:33 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,634,929 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 559,810 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,290,459 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 975,343 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,728,691 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,143,786 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,061,257 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,434,671 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,153,833 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 297,644 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)