RE: Samuhik Chudai अदला बदली
जय – देखो, असल में कुछ साल पहले हमारे घर में किसी आत्मा का साया था… हम दोनों काफ़ी परेशान रहे… शुरूवात, कोमल से हुई और मैंने उसकी बातों पर ज़रा भी भरोसा नहीं किया… धीरे धीरे, मुझे एहसास हुआ की वो सच कह रही है… जब हम काफ़ी परेशान हो गये तो किसी अपने और बहुत ख़ास ने राय दी, एक साधु बाबा से मिलने की… वो काफ़ी पहुँचे हुए थे और कई लोगों की समस्या का निवारण किया था… वो हमारे घर आए और उन्होंने बताया की जिस घर में भगवान का अपमान होता है, वहाँ ही ऐसी आत्मा बलवान होती है… उन्होंने मुझे बताया जाने अंजाने ऐसा कुछ हुआ है… वो सही थे, क्यूंकी कई बार कोमल पर विश्वास जमाने के लिए मैंने भगवान की कई झूठी सौगंध खाई थी… कोमल की झूठी कसमो की तो गिनती ही नहीं थी… उन्होंने मुझे बताया की यदि, हम शांति से रहना चाहते हैं तो जो भी मैंने ग़लत किया है वो सब कोमल को सच सच बताना होगा… चाहे सच कितना भी कड़वा क्यूँ ना हो… आख़िर में उन्होंने बताया की बिना कोमल के जाने और उसकी मर्ज़ी के अगर मैंने किसी भी औरत के कामुक अंग को हाथ लगाया तो लगभग 27 दिन में कोमल की मृत्यु हो जाएगी… लेकिन उन्होंने ये भी कहा क्यूंकी जिस पुरुष की ये आत्मा है, वो संभोग करने की लालसा लिए मरा था इसलिए मुझे और कोमल को “थ्री सम” करना चाहिए… शुरू में मुझे ये सब बकवास लगा लेकिन धीरे धीरे उस आदमी की आत्मा बलवान होती गई… फिर, कई बार मैंने उसे बताने की कोशिश की पर हर बार कुछ गड़बड़ कर देता… अब तुम समझ ही गई होगी की मैं बिना कोमल की मर्ज़ी के कुछ नहीं करता… सो एक दिन, मैंने कोमल को एक एक बात सच सच बता दी… शुरू में वो थोड़ा नाराज़ हुई पर क्यूंकी हम शुरू से बिल्कुल “खुला सेक्स” करते थे इसलिए ज़्यादा परेशानी नहीं हुई…
मिनी – पर ये तो बताओ क्या तुम लोगो ने सच में “थ्री सम” किया…
जय – हाँ… मुझे ताजूब है, तुम्हें कोमल ने कुछ नहीं बताया…
मिनी – ऐसी बातें किसी को नहीं बताई जाती… फिर क्या हुआ…
जय – कुछ नहीं… फिर, सब सामान्य हो गया… वक्त रहते, मैं संभल गया नहीं तो बहुत बुरा हो सकता था… कोमल की जान भी जा सकती थी… मिनी बुरा ना मानना, इस तरह तुम्हारी वो लंड की पूजा वाली बात भी मुझे पसंद नहीं आई…
मिनी – मैं माफी चाहती हूँ… उफ्फ !! कितना “रसिक भूत” था, जाते जाते भी मज़ा दे गया… नहीं…
जय – तुम फिर मज़ाक उड़ा रही हो… उस भूत का नाम कमल था… आज भी कोई कमल नाम का आदमी भी मिल जाए तो मैं काँप जाता हूँ… चलो, छोड़ो ये सब… वादा करो, ये बात हम दोनों के बीच रहेगी… कोमल से भी नहीं कहोगी तुम…
मिनी – वादा… पक्का वादा…
जय – मिनी, तुम भी कुछ सीक्रेट बताने वाली थी, बताओ क्या था .?.
मिनी – कुछ नहीं जय… इतना रोमांचक तो नहीं है पर हाँ मुझे किसी यंग लड़के का लंड, मुंह में ले के चूसना है और लंड को मिल्क करना है… ये मेरी फैंटेसी है… पता नहीं, कब पूरी होगी…
जय – हम्म… यंग लड़के का माल ज्यादा निकलेगा और तुम्हें ज़्यादा ख़ुशी मिलेगी… रंगीला को बताया है…
मिनी – नहीं… और तुम भी मत बताना, अभी…
जय – कोई बात नहीं… मैं नहीं बताऊंगा… और क्या पता, कभी फ्यूचर में कोई यंग कपल हमारे इस अरेंज्मेंट में आ जाए… फिर, तुम्हारी भी फैंटेसी पूरी हो जाएगी और मेरी भी…
मिनी – मतलब तुम भी किसी, “यंग लड़की” को चोदना चाहते हो .?.
जय – हाँ… सोचने में क्या बुराई है… वैसे भी हम उम्र से यंग ना हो पर सोच से तो अभी भी यंग हैं…
मिनी – किसी यंग लड़की को सोच कर करते हो, जब कोमल को चोदते हो तो…
जय – हाँ… कभी कभी करता हूँ…
मिनी – किसे .?.
जय – रहने दो बताऊंगा तो तुम भी गुस्सा करोगी .?.
मिनी – मतलब, कोमल को बता चुके और वो गुस्सा भी कर चुकी… नहीं करूँगी, बाबा… बताओ ना… वो प्रॉमिस मुझ पे भी लागू होती है…
जय – मैं “डॉली” (उसकी बेटी) को इमेजिन करता हूँ… मैं अपनी बेटी को चोदने का सोच कर ग़लत करता हूँ… जानता हूँ… डॉली, दिखती भी तो कोमल जैसी ही है…
मिनी – वाव, डॉली… जय, यू नॉटी… पर एक बात बोलूं… इमेजिन करने में कोई बुराई नहीं है… यदि ऐसा इमेजिन करके कोमल के साथ सेक्स करने में और भी ज़्यादा मज़ा आता है तो अच्छी ही बात है ना…
जय – तुमने कभी इमेजिन किया है की राज, तुम्हें चोद रहा है…
मिनी – नहीं, ऐसा तो कभी नहीं सोचा… पर हाँ, कभी कभी इमेजिन करती हूँ की मैं उसका लंड चूस रही हूँ… उसका लंड, मेरे मुंह में है…
जय – वाव, मिनी… तुम सच में मस्त हो… चलो, इमेजिन करने में तो कोई बुराई नहीं है… वैसे तुमने राज का लंड देखा है, बड़ा होने पे…
मिनी – नहीं, बड़ा होने पे नहीं देखा है… पर एक दिन, उसके बेड के नीचे से मेरी पैंटी और ब्रा मिली थी और उसमे उसने काफ़ी मूठ मारा हुआ था…
जय – वाव, राज को देखने से नहीं लगता की वो ऐसे चुप चुप के अपनी मां के पैंटी और ब्रा में मुठ मारता होगा…
मिनी – हाँ, पर मुठ मारना तो नॉर्मल है… हो सकता है, मेरी पैंटी और ब्रा मिल गई होगी उसे और मन कर गया होगा उसका और तुम बताओ, तुमने कभी देखा डॉली को नेकेड बड़ी होने पे… चुचि तो उसकी भी कोमल की जैसी ही होने वाली है…
जय – नहीं, पूरा नेकेड नहीं… पर एक बार अचानक से, वो बाथरूम से बाहर आ गई थी और मैं हॉल में ही था… तो पैंटी और ब्रा में देखा है… हाँ चुचे तो उसके भी मस्त हो रहे हैं… इसलिए तो इमेजिन करने लगा, उसे चोदने का…
मिनी – चलो, ये तुम्हारा और मेरा दूसरा सीक्रेट है… इस के बारे में, किसी से कोई और बात नहीं करेंगे… कोमल से भी नहीं…
जय – अभी मेरा लंड चूस रही थी तो सच बताना, राज को इमेजिन कर रही थी क्या .?.
मिनी – नहीं नहीं… अभी तो ऐसा नहीं है… मुझे तो इतने दिनों बाद कोई दूसरा लंड हाथ में मिला है… किसी और को क्यूँ इमेजिन करूँ… तुम भी ये इमेजिन मत करो अभी की तुम मुझे नहीं डॉली को चोद रहे हो…
हमें पता नहीं चला, बातों बातों में कब 4 बज गये..
5 बजे, हमारा बीच पे जाने का प्लान था इसलिए मैंने जय को बोला – जल्दी से एक सेशन चुदाई का कर लेते हैं… इस बार मुझे चोदो… फिर, बीच पे जाने के लिए रेडी हो जाएँगे…
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