RE: Samuhik Chudai अदला बदली
जय, किसी तरह से अपने को कंट्रोल कर रहा था और अपनी आँख बंद करके “आ आ” की आवाज़े निकाल रहा था.
फिर मैं उसके बॉल्स को अच्छे से दबाया और लंड को मुंह में लेके आगे पीछे करने लगी.
जय भी अपनी गाण्ड हिला हिला के मेरा साथ दे रहा था.
उसमे भी मेरे मुंह को चोदना शुरू कर दिया था.
अब उसका लंड, पूरी तरीके मेरे के अंदर बाहर हो रहा था.
जय – मिनी, कंट्रोल नहीं हो रहा… मैं नीचे लेट जाता हूँ, तुम भी अपनी चूत मेरे मुंह में रखो…
फिर वो नीचे बीच पे ही लेट गया और मैं “69 के पोज़िशन” में उसके लंड को फिर से चूसने लगी..
वो भी मेरी चूत सलीके से चूसने लगा.
उसकी भी चूसने के स्पीड बहुत अच्छी थी..
मैं भी मज़े से उसका लंड चूस रही थी.
कुछ देर में, उसके लंड ने पानी छोड़ दिया और सारा पानी मैंने गटक लिया.
लंच टाइम के बाद से, आज का सेक्स बड़ा अच्छा था.
मेरी प्यास बुझ गई थी.
फिर जय ने अपना पैंट पहन लिया और मैंने भी अपनी बिकनी ठीक करी.
फिर वापस, हम अपनी कुर्सी की और जाने लगे.
कोमल और रंगीला भी अपना सेशन पूरा कर चुके थे.
वो भी वहाँ आ गये.
सब के सब संतुष्ट थे.
हमने डिसाइड किया की हम फ्रेश हो के डिनर के लिए चलेंगे.
मैं एग्ज़ाइटेड थी की डिनर के बाद फिर से जय के साथ होंगी और एंजाय करेंगे.
उसके बाद हम सब फ्रेश हो के डिनर के लिए गये.
नॉर्मल इंडियन करी.. सब लोग भूखे थे इतने सेक्स के बाद. रात के लिए एनर्जी भी चाहिए थी.
फिर रंगीला ओर जय ने ड्रिंक करने का डिसाइड किया.
हम इंटरेसटेड नहीं थे इसलिए, उन्हें लिमिट में पीने को कह कर मैं और कोमल वॉक पर चले गये.
कुछ देर तक, दोनों साइलेंट मोड पे वॉक करते रहे…
फिर अचानक से, दोनों ने एक साथ बोले “यार हमें और भी कपल्स को लाना होगा इस ग्रूप में, मज़ा आएगा और भी ज़्यादा…”
फिर दोनों, एक साथ हंसने भी लगे.
हम दोनों को पता था की हम इसे कंटिन्यू करना चाहते हैं पर हमारे हज़्बेंड भी राज़ी करने चाहिए.
कोमल और मैं, डिनर के बाद वॉक कर रहे थे.
तभी अचानक से कोमल की नज़र उस बीच वाले लड़के पे पड़ी जिसे हमने मूठ मारने में हेल्प किया था.
वो, अपनी मम्मी पापा के साथ ही था.
वो लोग भी डिनर करके वॉक ही कर रहे थे.
उसकी मम्मी का चेहरा, मुझे कुछ जाना पहचाना लग रहा था.
मैंने कुछ देर ध्यान से देखा.
फिर लगा की शायद वो मेरी स्कूल फ्रेंड अंकिता है, पर कन्फ्यूज़न था.
वो भी मुझे देख के रुक गई थी और पहचानने की कोशिश कर रही थी.
फिर अचानक से उसने पूछा – “मिनी .?..?..
मैंने पूछा – “अंकिता” और फिर, हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगा के अपने स्कूल के दिन याद किए.
उसने हमें अपनी हज़्बेंड दीपक से मिलाया और अपने बेटे से भी हमारा परिचय करवाया.
उसके बेटे का नाम “विनय” था.
विनय की तो हालत ही खराब थी ये देख के की मैं, उसकी मा को जानती हूँ.
वो साइड में, पीछे खड़ा हुआ था.
मैंने भी उन लोगो को मेरी फ़्रेंड कोमल से मिलाया.
वो लोग भी, हाल फिलहाल ही हमारे सिटी में शिफ्ट हुए हैं.
थोड़ी देर, हमने बात की.
मुझे लगा की उन्हें जल्दी से बाइ बोले देती हूँ हज़्बेंड्स के आने से पहले. नहीं तो कन्फ्यूज़न होगा, बाद में की कौन किसका हज़्बेंड है.
मैंने अंकिता से उसका नंबर लिया और फिर हम बाइ बोल के अपने अपने रूम चले गये.
कोमल और मैंने सोचा की मेसेज करके हज़्बेंड्स को बुलाया जाए.
मैंने जय को मेसेज किया की, डिज़र्ट खाना है तो 10 मिनट के अंदर रूम में आ जाओ.. और हाँ अपना लंड हाथ में ले के आना…
कोमल ने भी भी मेरे सामने ही, रंगीला को मेसेज किया की गाण्ड में बहुत खुजली हो रही, तुम्हें जितना ड्रिंक करना है करो अपने लंड को दे के जाओ पहले…
थोड़ी देर में, दोनों आ गये और हम अपने अपने रूम पे चले गये.
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