RE: Samuhik Chudai अदला बदली
तभी अचानक से, जय उठा और मुझे पकड़ के मुझे नीचे कर दिया.
मेरी टाँगे फैलाई, चूत को ज़ोर ज़ोर से थप थपाया और अपना लंड घुसेड दिया.
अब धक्के खाने की बारी मेरी थी.
उसे देख के लग रहा था की वो काफ़ी थक गया है, पर मेरी बुर को चोदने में, उसने वो थकान नहीं दिखाई.
काफ़ी स्पीड से वो मेरी चूत को धक्के दे रहा था. मेरी भी चूत की हालत खराब हो रही थी.
अब बस जल्दी से दोनों पानी छोड़ दें यही सोच रही थी.
वो मेरी बुर को “चूत चूत चूत”बोले के फाड़ रहा था.
फिर उसने पास पड़ा हुआ वाइब्रटर उठाया और मेरी गाण्ड में डाल दिया और चूत को वैसे ही चोदता रहा.
गाण्ड और चूत में एक साथ ज़ोर दार चुदाई से मैं पूरी तरह गरम हो गई थी.
कुछ ही देर में जय ने अपने लंड का पानी छोड़ दिया और साथ ही मैं भी फिर से झड़ गई.
फिर दोनों चित होके लेट गये.
मैं इतनी थकि हुई थी की अभी ये भी मन नहीं किया की चूत से रस निकल के पी जाऊं.
दोनों बस ऊपर देख के गहरी साँसे ले रहे थे.
फिर जय ही थोड़ा उठा और वाइन ग्लास ले के आया और मेरी चूत के पास जा के मिक्स्ड रस को ग्लास में इक्कठा किया और मुझे पीने को दिया.
मैं भी उसे धन्यवाद बोल के फिर से रस गटक गई.
लास्ट के थोड़े स्पर्म को अपने मुंह में ले के मैं जय की और गई और उसे किस करते हुए, उसके मुंह में दे दिया.
वो भी चटकारे लेते हुए वो रस पी गया और हम थोड़ी देर और तक किस करते रहे.
हमारी बेडशीट काफ़ी गंदी हो गई थी. थके हुए हालत में बस हमने बेडशीट हटाई और ऐसे ही सो गये.
कोई हमारे रूम में आ जाता तो उसे लगता दो जानवर प्यार कर रहे थे.
हाँलाकि मैंने कुछ ऐसा नहीं किया जो मैं रंगीला के साथ नहीं करती हूँ पर फिर भी जय की स्टॅमिना रंगीला से ज्यादा मस्त थी और मैं पूरे दिन के चुदाई से संतुष्ट थी.
हम दोनों, नंगे ही सो गये.
जब आँख खुली तो सुबेह के सात बज रहे थे.
मैंने जय को उठाया और फ्रेश होने को बोला.
8 बजे तक हम सब फ्रेश हो के ब्रेकफास्ट पे जाने वाले थे और फिर चेक आउट करके घर जाना था.
जब हम रेडी हुए तो मैंने मोबाइल चेक करा तो देखा रंगीला का मेसेज है की वो ऑलरेडी ब्रेकफास्ट टेबल पे हैं, वहीं मिले.
फिर जल्दी से हम भी ब्रेकफास्ट के लिए निकल गये.
रंगीला और कोमल भी काफ़ी थके हुए लग रहे थे.
रंगीला कभी एक्सट्रा स्पीड में नहीं चोदता पर काफ़ी लंबे देर तक चोदता रहता है तो शायद वो लोग ज़्यादा रात तक चुदाई कर रहे होंगे इसलिए हम चारों थके हुए ही नज़र आ रहे थे.
सबने कॉफी पी पहले और रंगीला ने सबके लिए ऑरेंज जूस अलग से ऑर्डर किया.
काफ़ी देर तक हम टेबल पे धीरे धीरे आराम करते हुए ब्रेकफास्ट कर रहे थे.
रंगीला – जैसा की प्रॉमिस किया गया था की कोई किसी से कल क्या हुआ नहीं पूछेगा और ना बताएगा… अब आगे हमें ये कंटिन्यू करना है या नहीं इसके लिए ये लो 4 चिट हैं… सब अपनी अपनी चाय्स लिखो… यदि किसी एक का भी मन नहीं है कंटिन्यू करने का तो हम इसे भूल जाएगा और आगे से कभी नहीं करेंगे और यदि सबका मन है कंटिन्यू करने का तो फिर नेक्स्ट आउटिंग प्लान किया जाएगा… कोई कुछ सजेस्ट करना चाहता है तो वो भी लिख दे…
फिर हम सबने चिट पे अपनी चाय्सस लिखी.
फिर रंगीला ने सबकी चिट पढ़नी शुरू की –
चिट 1 – (कोमल) हाँ कंटिन्यू करते हैं और इसे और भी एग्ज़ाइटिंग बनाने की प्लानिंग करते हैं…
चिट 2 – (जय) हाँ प्लीज़ कंटिन्यू करो… हमें इसकी काफ़ी ज़रूरत है…
चिट 3 – (रंगीला) हाँ ये कंटिन्यू होना चाहिए और कभी प्लानिंग करते हैं जहाँ न्यूड बीच हो…
चिट 4 – (मिनी) हाँ कंटिन्यू करते हैं, और इस ग्रूप में और भी लोगो को शामिल करने की कोशिश करते हैं…
हम चारों काफ़ी खुश थे की सब इसे कंटिन्यू करना चाहते हैं.. सब अपनी तरफ से कोशिश करेंगे की अपने खास दोस्तों से पूछ के ग्रूप की साइज़ बड़ाई जाए..
तभी मैंने सामने से देखा अंकिता, दीपक और विनय आ रहे थे.
मैंने उन्हें रंगीला से मिलाया और जय से भी.
रंगीला को बताया की ये मेरी स्कूल दोस्त है… अभी नयी नयी हमारी सिटी में आई है और दीवाली हॉलिडे मानने ये भी यहीं रुकी हुई है…
हमने उन्हें भी टेबल शेयर करने बोला और फिर इधर उधर की गप्पे करते हुए हमने ब्रेकफास्ट किया.
विनय काफ़ी डरा डरा लग रहा था.
मैंने उसे स्माइल दी और इशारा किया डरना की बात नहीं है, एंजाय…
स्कूल में अंकिता सबसे सुंदर लड़कियों में थी..
कल विनय जब बता रहा था की उसकी मम्मी के चुचियाँ मेरे से और कोमल से भी भी ज़्यादा बड़ी हैं.. वो झूठ नहीं बोले रहा था..
अंकिता सारी पहनी हुई थी. उसके बूब्स सच में काफ़ी बड़े थे.
ब्लाउज उसके बूब्स को शायद रोक नहीं पा रहा था.
बूब्स का काफ़ी हिस्सा ब्लाउज के बाहर आ रहा था.
मैंने देखा की रंगीला और जय भी उसकी बूब्स को निहार रहे हैं..
क्यूँ की हमारी प्लानिंग थी जल्दी चेक आउट करके घर जाने की इसलिए हम उन्हें बाइ बोले के अपने रूम जाने लगे.
मैंने अंकिता को बोला की घर पहुँच कर फोन करे..
फिर हम लोग ने होटेल से चेक आउट कराया और अपने अपने घर चल पड़े.
सेक्स से पूरा एक दिन काफ़ी मस्त रहा.
अब कार में, मैं रंगीला के साथ ही बैठी थी.
अब हम नॉर्मल कपल थे और जैसी बात हुई थी हमने बीते दिन की बात भी नहीं करी.
जय और कोमल ने हमें घर पे ड्रॉप किया और बाइ करके अपने घर चले गये.
मैंने रंगीला को बस ट्रिप के लिए धन्यवाद बोला और अपने रूम में चले गये.
मुझे रंगीला पे बड़ा प्यार आ रहा था.
मैंने उसे इशारा किया की मुझे उसका लंड चाहिए.
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