RE: Samuhik Chudai अदला बदली
हाँ पर अमन का लंड डिल्डो वाले से थोड़ा ज़्यादा मोटा था..
धीरे धीरे उसने आधे से भी ज़्यादा डिल्डो मेरी गाण्ड में डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगा.. फिर, धीरे धीरे उसने पूरा का पूरा डिल्डो मेरे गाण्ड में डाल दिया और मेरी गाण्ड की चुदाई करने लगा..
मिनी – एक काम करो, अमन.. .. डिल्डो से मेरी गाण्ड चोदते रहो और थोड़ा आगे बढ़ के मेरी चूत को चूसो.. ..
फिर उसने मेरी गाण्ड की चुदाई जारी रखी और मेरी चूत को भी चाटने लगा..
इतना बड़ा डिल्डो गाण्ड में हो और कोई चूत चाट रहा हो वो भी बड़े अच्छे ढंग से तो कैसा फील होता है मैं वर्ड में बता नहीं सकती, सबको ये तजुर्बा करना चाहिए.. ..
मैं बेड पे पीठ के बल लेट के अपनी गाण्ड मरवा रही थी और चूत चटवा रही थी..
मिनी – अमन अब मेरी गाण्ड तुम्हारा लंड लेने के लिए तैयार है.. .. बर्दस्त नहीं होता.. .. अब चोद दो मेरी गाण्ड को.. .. फाड़ दो मेरी गाण्ड.. .. बन जाओ बहन के गान्डू.. ..
उनसे पोज़िशन बनाई और मेरे ऊपर आके अपनी लंड को मेरे गाण्ड के छेद के पास रखा..
धक्का लगाया पर लंड अंदर नहीं गया..
फिर से उसने मेरी गाण्ड में कोमलना लगाया और अपने लंड को दागा पर फिर से लंड फिसल के बाहर चला गया..
मैंने देखा तो लगा की लंड थोड़ा ढीला हो गया है, इसलिए सही से जा नहीं पा रहा है..
फिर मैंने उसके लंड को अपने नाज़ुक हाथों से पकड़ा और थोड़ा सा हिलाया..
उसके सुपाड़े को अपने जीभ से चाटने लगी..
हाथों से थोड़ा उसके लंड को मालिश दिया..
उसका लंड फिर से टाइट होने लगा था..
मैंने अपने निप्पल को उसके लंड से चूमा फिर पूरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसके बॉल्स को सहलाने लगी.. उसका लंड अब तैयार लग रहा था.. शायद मेरी पहले वाली पोज़िशन उसके लंड के लिए ठीक नहीं थी..
थोड़ी छोटी लंड होने से वो सही से अंदर नहीं डाल पा रहा था इसलिए मैं इस बार अपने कोहनी के बल लेट गई और और अपने गाण्ड को उठा के ऊपर किया..
डॉगी स्टाइल, जैसा ही था पर मैं ज़्यादा आगे की तरफ ज़्यादा झुक के अपनी गाण्ड को और भी उठा के रखा था ताकि गाण्ड और लंड का पेनेट्रेशन ठीक से हो..
अमन ने फिर से अपनी लंड को मेरी गाण्ड के छेद पर रखा..
मिनी – धीरे धीरे अपने लंड को थोड़ा पकड़ लो और गाइड करो, गाण्ड में डालने के लिए.. ..
फिर उसने भी अपने लंड को थोड़ा पकड़ा और लंड को धीरे धीरे मेरी गाण्ड के अंदर डालने लगा.. इस बार वो भी काफ़ी ध्यान से अपना लंड में गाण्ड में डाल रहा था..
जब तक लंड का पूरा सुपाड़ा मेरी गाण्ड में नहीं गया, उसने हाथ से पकड़ के अपने लंड को गाइड किया..
सुपाड़े के अंदर जाते ही मेरी गाण्ड में गुदगुदी होने लगी..
मैंने अपनी गाण्ड को थोड़ा और फैलाया और अमन ने फिर धीरे से आधा से भी ज़्यादा लंड मेरे गाण्ड में डाल दिया..
फिर मैं अपनी गाण्ड को सिकोड़ने लगी और उसके लंड को अपनी गाण्ड में दबा लिया.. अब उसका लंड मेरी गाण्ड में लॉक हो गया था..
मैंने उसे फिर से धक्का लगाने को बोला..
इस बार अमन ने एक ज़ोर का धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड में गाण्ड में घुसा दिया..
मेरा मुंह खुला का खुला रह गया.. मीठे मीठे दर्द के एहसास से मैं पूरी गरम हो रही थी.. मैंने उसके लंड को अपने गाण्ड में और भी ज़ोर से दबाया..
अमन – मेरा लंड अटक गया है, मिनी दीदी.. .. थोड़ा लूज़ करो.. ..
फिर मैंने लंड को थोड़ा सा ढील दिया..
अमन ने मेरी बड़ी बड़ी गाण्ड को पकड़ा और छेद में लंड पेलने लगा..
इस पोज़िशन में वो काफ़ी आराम से मेरी गाण्ड के छेद की चुदाई कर रहा था और धीरे धीरे अपनी लंड को मेरे गाण्ड से आधा बाहर निकलता और फिर धीरे से धक्के देके पूरा लंड फिर से अंदर डाल देता..
अब उसने अपनी चोदने की स्पीड बधाई और मुझे दम लगा के चोदने लगा..
मैं भी अपनी गाण्ड उसके साथ ही हिला हिला के लंड को अंदर लेने लगी..
मेरे चुचियाँ उस पोज़िशन में इस चुदाई की पोज़िशन में ज़बरदस्त हिल रहे थे..
हर धक्के से साथ मेरी चुचियाँ भी मज़े ले रही थी..
मैंने अपनी एक हाथ से अपनी चूची को मसलना शुरू किया और दूसरी हाथ से अपनी बॉडी को सपोर्ट कर रही थी, ताकि चुदाई में कोई रुकावट ना आए..
अमन – दीदी, पहली बार इतनी आसानी से गाण्ड मार रहा था.. .. आप ने सब कितना सिंपल कर दिया.. .. दीदी आपकी गाण्ड में जादू है.. .. मेरा लंड आपकी गाण्ड को फाड़ने के लिए तड़प रहा है.. ..
मिनी – चोद मेरे भाई, चोद डाल अपनी दीदी को.. .. दीदी की गाण्ड को फाड़ दे अपने मोटे मोटे लंड से.. .. तेरी मां का भोसड़ा.. .. मादर चोद.. ..
मेरी बातों से अमन को और भी जोश आ गया और उसने अपने चोदने की स्पीड और भी बढ़ा दी..
अमन अपनी आँखें बंद कर के मेरी गाण्ड में धक्के लगाने लगा..
एक ही पोज़िशन में मरवा के मेरी कोहनी अब दर्द करने लगी थी..
फिर मैंने कोई दूसरा पोज़िशन ट्राइ करने का सोचा.. रूम में एक आराम कुर्सी थी.. उसकी साइज़ उतनी बड़ी भी नहीं थी..
मैंने अपने गाण्ड को ढीला छोड़ा और अमन के लंड को बाहर निकाला..
फिर मैं आराम कुर्सी में उल्टा हो के पोजीशन लेने लगी..
मेरा सिर नीचे था..
मैंने दोनों हाथों से कुर्सी की सपोर्ट को पकड़ा और अपनी गाण्ड को ऊपर उठा दिया..
दोनों पैरों को फैला के उसे भी कुर्सी की साइड में रख दिया..
पीठ आराम कुर्सी की नीचे वाली पार्ट में टिकी हुई थी, आराम कुर्सी के अंत पे ही और कमर और गाण्ड को कुछ हिस्सा कुर्सी के पूरे पार्ट में था..
गाण्ड को उठाने से फिर से गाण्ड का छेद क्लियर था..
अमन भी कुर्सी के दोनों और पैर कर बीच में आ गया.. अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ के फिर से मेरी गाण्ड के अंदर डालने लगा..
मैंने उसे इस पोज़िशन में धीरे धीरे अपना लंड पेलने के लिए बोला..
फिर, अमन ने भी धीरे धीरे अपने लंड को मेरे गाण्ड के अंदर बाहर करने लगा..
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