RE: Samuhik Chudai अदला बदली
फिर अंकिता ने मेरी ब्रा और पैंटी जिसमे की राज ने अपना माल छोड़ा था उसे चाटने लगी.. अभी भी गीला था अंकिता ने उसे पूरा चाट लिया..
अंकिता – मिनी, मैं भी कभी तुझे अमन का माल टेस्ट करवा दूँगी.. तू ये मत सोच की मैं बस अपना सोच रही हूँ..
मिनी – कैसे..?..
अंकिता – तू बोले तो मैं एक छोटे से डब्बे में पॅक करवा के ला दूँगी..
मिनी – हाँ और बोलॉगी क्या उसे की, मिनी आंटी को तुम्हारा जूस चाहिए.. इस डब्बे में डाल दो..
हम दोनों फिर हंसने लगे.. मुझे मालूम था की अब हम मैं बात कर सकते हैं..
मिनी – मेरी तो चूत गीली हो रही है, दोनों की बात सुन कर..
अंकिता – मेरी भी मिनी, सच में.. अपने बेटे से तो ह्म चुदवा नहीं सकते, पर ऐसा फील होता है ना कभी कभी की कोई यंग लड़का अपनी सारी एनर्जी लगा के लगातार चोदता रहे..
मिनी – अंकिता मत बोले ऐसे, मैं बैठे बैठे पानी छोड़ दूँगी.. तुझे नहीं पता की मैं जवान लंड की कितनी बड़ी प्यासी हूँ.. ये तो राज का सोच के मुझे गुस्सा आ रहा था.. पर अमन का सोच के मेरी चूत गीली हो रही है..
अंकिता – मिनी, शायद हम लोग कुछ कर सकते हैं..
मिनी – जैसे..?..
अंकिता – जैसे की मैं अमन को तुम्हारे पास भेज दूँ, और तुम राज को मेरे पास.. दोनों को जो भी सीखना हो वो सीखा भी देंगे और अपनी अपनी चूत की प्यास भी बुझा लेंगे..
मिनी – ऐसा हो सकता है क्या, अमन और राज रेडी होंगे..
अंकिता – तुझे किसी भी गल से लगता है की वो रेडी नहीं होंगे.. और हमें मानने की ज़रूरत भी नहीं है.. मैं अमन को भेज दूँगी तेरे पास, तू राज को भेज देना.. फिर बात करते करते हम इस टॉपिक पे आ जाएँगे की वो लोग ऐसे क्यूँ करते हैं.. वो खुद ही सब शेयर करेंगे हमें चोदने की चाह में..
मिनी – हाँ वो भी ठीक रहेगा.. शुवर अंकिता..?..
अंकिता – हाँ बाबा, इसी बहाने एक दूसरे के बेटे को चोदना भी सीखा देंगे.. हमें भी जवान लंड का आनंद मिल जाएगा और हम इन्सेस्ट सेक्स करके कोई सीन भी नहीं करेंगे.. मेरे ख़याल से ये पासिबल प्लान है..
मिनी – ठीक है फिर प्लान करते हैं कभी हम..
अंकिता – हाँ मिनी.. काफ़ी वक़्त हो गया.. चल फिर कोमल की घर भी जाना है.. नहीं तो लेट हो जाएँगे..
मिनी – हाँ चल फिर वहीं लंच भी तो करना है..
फिर हम कोमल की घर चले गये..
रूचि पहले से ही वहाँ पहुंची हुई थी.. कोमल ने लिविंग रूम में फुड भी रखा हुआ था.. हम सबने अपने अपने प्लेट्स में खाना लिया और गप्पे मारने लगे..
रूचि – (आस ऑल्वेज़ रेडी तो स्टार्ट) मिनी दी, 2 दिन से रंगीला नहीं तो पक्का आपकी चूत में खूब मलाई होगी आज तो..
मिनी – हाँ पर तुझे कहाँ मेरी मलाई खानी है, तू तो अंकिता की चूत के पीछे पड़ी है..
कोमल – हाँ जब से इसने अंकिता को देखा बस उसकी मलाई खाने के पीछे ही पड़ गई है..
रूचि – नहीं मिनी दी, ऐसा कुछ नहीं आप बोलो तो आपकी चूत मैं ही मारूँगी..
अंकिता – क्यूँ रे रूचि, मैंने तेरे लिए मलाई जो बचा के रखा उसे कौन खाएगा..
कोमल – हहा, फस गई.. रूचि अच्छी बात नहीं, देख तो अंकिता कैसे अपनी चूत को प्लेट में परोसे के तेरे लिए लाई है और तू है की मिनी के पीछे पड़ी है..
रूचि – मैं छोटी हूँ ना दीदी, तो मिनी दी और अंकिता दी दोनों की चूत से मलाई निकालना मेरा ही बनता है.. मुझे तो बस ये लग रहा है की आप क्यूँ नहीं अपनी छोटी बहन को अपना मलाई ऑफर कर रहे हो..
कोमल – हाँ तू ही एक चत्खोर है.. हम सब तो यहाँ झल बजाने आए हैं.. एक को एक ही तरह का मलाई मिलेगा बस..
मिनी – नाइस ट्राइ रूचि.. वैसे कोमल ये सच भी तो बोल रही है.. लास्ट टाइम हम लोग 3-3 बार झड़ गये थे.. क्यूँ ना इस बार चेंज करते रहेंगे..
कोमल – मिनी – तुझे भी मालूम है की हम चारों एक साथ झड़ने वाले हैं नहीं.. फिर मलाई खाने में ब्रेक नहीं चाहिए..
अंकिता – हाँ ठीक ही तो बोल रही है कोमल.. कोई जल्दी जल्दी 2 बार झड़ जाए और दूसरा एक ही बार तो.. ऐसे नहीं होगा..
मिनी – यार तुम लोग बहुत बेसब्र हो रहे हो.. कोई नहीं देख लेंगे..
कोमल – हाँ देख लेंगे.. यदि ऑलमोस्ट एक साथ सब झड़ गये तो चेंज.. वैसे मेरा आज चेंज करने का मन नहीं है.. मैं मेरी जान मिनी की चूत की मलाई सॉफ कर रही हूँ..
मिनी – हाए, मेरी जान.. आई लव यू कोमल..
कोमल – आई लव यू मिनी जान..
रूचि – हाँ मिनी दीदी, आई लव यू टू.. आप जैसा कोई नहीं..
अंकिता – मिनी, आई लव यू टू..
मिनी – मेरे पास एक ही चूत है क्यूँ सब के सब एक साथ पीछे पास गये हो..
कोमल – हाँ और वो भी मेरा है..
रूचि – नहीं मिनी दी, मैं आई लव यू इसलिए बोले रही की ये सब हो रहा है आपकी वजह से.. अंकिता दी को तो आपने ही पटाया ना..
अंकिता – तू क्यूँ मेरे पीछे पड़ी हुई है..
रूचि – कसम से अंकिता दी, आपके लिए तो मैं लंड भी छोड़ दूँ.. क्या माल है दी.. कूट कूट के भरा हुआ है.. गदराया हुआ माल हो आप.. आपकी जब चूतड़ मटकती है ना हाए मेरा दिल रुक सा जाता है..
अंकिता – कितनी बदमाश है ये..
कोमल – इसका बस चले ना तो ये हम सबको एक साथ चोद दे और पानी भी ना माँगे..
रूचि – हाए दीदी ऐसे क्यूँ बोले रही हो.. मैं अंकिता दी की तारीफ़ कर दी इसलिए क्या.. आपने ही दीवाना बनाया उस दिन.. क्या चूत चूसा था आपने मेरा..
कोमल – चल अब हो गया खाना.. ज़्यादा मत खा कोई..
मिनी – सुन ना कोमल, सिगरेट ले के आ, चारों नंगे हो के चलते हैं तेरे प्राइवेट पूल में, वहीं नंगे थोड़ी देर सिगरेट पीते हैं..
रूचि – एक एक बियर भी हो जाए कोमल दी.. मिनी दी का प्लान होता है मस्त..
कोमल – चल पर मुझे तो ज़्यादा मज़ा मिनी के पूल में आता है.. वहाँ कोई ना कोई अजनबी भी होता है.. अजनबी के सामने बिकनी में होने का मज़ा ही कुछ अलग है..
मिनी – हाँ बस, अभी स्ट्रेंजर कहाँ से लाएँ.. चल जल्दी से ला..
फिर कोमल ने सिगरेट और बियर का अरेंज किया.. कभी कभी बियर पीने का भी अपना मज़ा है और लेज़्बीयन सेक्स के वक़्त तो बनता था.. फिर हम सब पूल पे गये.. मैं अपने कपड़े उतारने लगी..
कोमल – रुक मेरी जान.. तू भी मैं उतारती हूँ, तू मुझे नंगी कर दे..
रूचि – हाँ और मैं अंकिता दी को नंगा करती हूँ, अंकिता दी आप मुझे..
फिर हमने एक दूसरे को पूरा नंगा किया..
कोमल और मैं एक दूसरे को किस करने लगे..
कोमल मेरे लोवर लिप्स खाने लगी और मैं कोमल के अप्पर लिप्स को..
फिर दोनों ने एक दूसरे के जीभ को खाना शुरू किया.. कोमल ने हाथों से मेरी गाण्ड को सहलाना भी शुरू किया, हमने एक दूसरे को चूमना कंटिन्यू रखा..
मैं भी उसकी चूत में हाथ फेरने लगी और उसके जीभ और लीप को बारी बारी से खाने लगी..
फिर थोड़ी देर में रूचि वहाँ आ गई. रूचि ने हम दोनों को एक दूसरे से अलग किया और अब रूचि मेरी लिप्स को खाने लगी..
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