RE: Samuhik Chudai अदला बदली
मिनी – बेटा, ऐसे ही पहले राज को बोलना की वो गाण्ड की छेद को खोले और फिर उसके बाद अपना लंड पेले..
अब देख मैं डिल्डो को पूरा बाहर निकालती हूँ, और फिर डालने की कोशिश करूँगी.. इस बार पहले से कम मुश्किल होगी..
मैंने फिर डिल्डो को पूरा बाहर निकाला और फिर से उसे गाण्ड के छेद में डालने लगी..
थोड़ा प्रेशर लगाया और डिल्डो फिर से आधा से ज़्यादा गाण्ड के अंदर चला गया..
मिनी – अब यदि मैं और प्रेशर दूँ तो ये और भी अंदर जा सकता है.. पर ऐसे ही तुम दोनों को पहले ये छेद रेडी करना होगा तभी लंड आसानी से अंदर जाएगा..
डॉली – समझ गई आंटी.. नेक्स्ट टाइम ट्राइ करूँगी..
मिनी – चल ठीक है.. और बता क्या चल रहा है..
डॉली – सब ठीक है आंटी जी.. आप अपनी पर्स में ये सब हमेशा रखते हो..
मिनी – नहीं बेटा, यहाँ आ रही थी ना इसलिए.. जहाँ भी सेक्स होने के प्रोबब्लिटी है ये सब टाय्स लोशन ले लेती हूँ..
डॉली – मम्मी और रूचि दी कौन सा टॉय इस्तेमाल कर रहे थे..
मिनी – वो, अच्छा ये देख ये वाला.. इसके दोनों एंड में लंड ही होता है.. बालस्स नहीं होते.. दोनों एंड में लड़कियाँ अपनी अपनी चूत डाल सकती है और फिर जैसे हम किसी लंड को राइड करते हैं ना इसे भी राइड कर सकते हैं..
डॉली – इंटरेस्टिंग ना आंटी..
मिनी – ट्राइ करना है तुम्हें..
डॉली – मम्मी को मत बताना..
मिनी – अरे नहीं..
मैंने अपनी स्कर्ट और पैंटी निकाली और डॉली के पास आ गई..
डिल्डो को पकड़ा और उसका एक एंड अपनी चूत में डाल लिया, दूसरे एंड को मैंने हाथ से पकड़ डॉली की चूत की और गाइड किया..
मिनी – जब सुपाड़ा अंदर चला जाए तो तू आगे के और आके डिल्डो को और भी अपने अंदर ले लेना..
फिर मैंने थोड़ा प्रेशर दिया और डिल्डो के दूसरे एंड का सुपाड़ा डॉली की चूत के अंदर चला गया..
डॉली ने भी आगे बढ़ के लंड को और भी अंदर लिया, मैंने भी आगे आ के डिल्डो को और भी अंदर ले लिया..
मिनी – अब इसी पोजीशन में तुम भी राइड करो इसे मैं भी करती हूँ.. एक साथ थोड़ा पीछे चलो और फिर एक ही साथ फिर से डिल्डो को अंदर लेंगे..
फिर मैंने और डॉली ने डिल्डो को राइड करना एंजाय किया..
हम दोनों काफ़ी गरम चुके थे..
मैंने फिर डॉली को अपने पास लिया और उसके लिप्स पे अपने लिप्स को रख के उसे किस करने लगी..
फिर पोज़िशन में वापस जा के हम डिल्डो राइड करने लगे..
मैं अपनी उंगली अब डॉली की क्लिट पे रख के उसे डबल मज़ा देने लगी..
डॉली ने भी मुझे फॉलो किया..
थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गये.. मैंने डिल्डो को अपनी चूत से निकाला डॉली को बेड पे लेटाया और 69 के पोज़िशन में डॉली के ऊपर जा के उसके चूत को चूसने लगी और उसकी चूत को पूरा चाट लिया.. डॉली ने भी मुझे फॉलो किया मेरी चूत से सारा रस चूस लिया..
डॉली – आंटी, आप बेस्ट मदर इन लो होंगी..
मिनी – तुम भी बेस्ट डॉटर इन लो बनोगी बेटा..
डॉली – मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगता है.. आप के साथ मैं ओपन्ली बात कर सकती हूँ, कुछ भी कर सकती हूँ..
मिनी – मेरे पास ऑल्वेज़ तुम्हारे लिए टाइम है बेटा.. चलो अब बाहर नहीं तो कोमल पता नहीं क्या क्या सोचेगी..
फिर मैं और डॉली दोनों बाहर गये, कोमल और रूचि दोनों अभी तक कोमल के बेडरूम में ही थे.. डॉली कॉफ़ी बना के लाई और हम बैठ के बातें करने लगें..
डॉली – आंटी धन्यवाद फॉर टाय्स आंड लोशन..
मिनी – अरे धन्यवाद कैसा, तू कोई पराई है क्या ..?..
डॉली – मम्मी और रूचि दी इतने देर तक क्या कर रही हैं ..?..?..
मिनी – कुछ नहीं, कोमल रूचि की सारी तड़प आज मिटा देगी.. रूचि को रियली लेज़्बीयन सेक्स बहुत ज़्यादा पसंद है..
डॉली – मुझे भी अच्छा लगा था जब आपने और मम्मी ने मुझे उस दिन गाइड किया था, और आज भी अच्छा लगा आपके साथ..
मिनी – अच्छा लगना भी चाहिए बेटा, पर लंड लंड होता है.. लंड के जगह ये टाय्स नहीं ले सकते..
डॉली – हाँ आंटी, आंटी आपने राज का लंड देखा है ..?..?..?..
मिनी – नहीं..
डॉली – पर आंटी थिंक की आपने और मम्मी ने राज को भी गाइड किया होगा.. वो अचानक से इतना एक्सपर्ट कैसे बन गया..
मिनी – नहीं रे, मैंने नहीं कोमल ने गाइड किया था..
डॉली – वाव, इसका मतलब मेरी मम्मी ने अपने होने वाले बेटे इन लॉ से चुदाई करवा ली है, और मैंने अपने होने वाले मम्मी इन लॉ से..
मिनी – नहीं बेटा ऐसा नहीं सोचते, हम दोनों ने बस ऐसा इसलिए किया ताकि तुम दोनों सेक्स को अच्छे से एंजाय कर सको..
डॉली – आंटी, आपको पता है राज का लंड इस डिल्डो से भी बड़ा है..
मिनी – तब तो तुम लकी हो डॉली.. बिग्गर इस ऑल्वेज़ बेटर..
डॉली – हाँ आंटी, राज का लंड इतना बड़ा है तो रंगीला अंकल का लंड भी बड़ा होगा..
मिनी – हाँ, रंगीला का लंड भी काफ़ी अच्छा साइज़ का है..
डॉली – आपका कभी मन नहीं करता राज का लंड अपनी चूत में लेने का..
मिनी – बेटा वो ठीक नहीं है ना, मैं मानती हूँ की सेक्स मस्त होता है पर अपने बेटे का लंड चूत में लेना वो ठीक नहीं है..
डॉली – पर आपका मन करता है ना आंटी..
मिनी – हाँ वो तो करता है कभी कभी..
डॉली – ऐसा क्यूँ होता है की चुदाई के लिए एक लंड काफ़ी नहीं लगता..
मिनी – एक ही खाना ख़ाके लोग बोर हो जाते हैं ना वैसे ही लंड भी एक ही अंदर ले के कभी कभी बोरिंग होती है..
डॉली – आंटी, प्रॉमिस आप कभी राज के साथ सेक्स कर भी लो मुझे कोई प्राब्लम नहीं है..
मिनी – नहीं बेटा, ये अलग बात है की कभी कभी मैं एक जवान लंड की चाह रखती हूँ.. पर ऐसा कभी नहीं होगा की मैं राज का लंड ही अपने चूत में ले लूँ..
डॉली – किसी और जवान लंड का तो ले ही सकती हैं..
मिनी – हाँ उसमे कोई प्राब्लम नहीं है..
डॉली – आंटी एक बात पूछूँ, बुरा मत मानीएगा..
मिनी – हाँ बोलो..
डॉली – मेरा मन करता है की कोई एक्सपीरियेन्स्ड लंड मेरी चूत को चोदे..
मिनी – किसका लंड ..?..?..
डॉली – मैंने एक बार देखा था की मम्मी पापा को ब्लो जोब दे रही थी.. तब से मेरा मन पापा के लंड को याद करता रहता है..
मिनी – पर बेटा, अपने पापा से सेक्स करना भी ग़लत होगा..
डॉली – मालूम है आंटी, पर क्या रंगीला अंकल ..?..?..?..
मिनी – श..
डॉली – सॉरी आंटी आपको बुरा लगा तो..
मिनी – नहीं बुरा नहीं लगा, सोचो तो नॉर्मल है बेटियों को पापा जैसा हज़्बेंड चाहिए होता है, क्यूँ की पापा से लड़कियों का रीलेशन स्पेशल होता है.. हो सकता है इसलिए तुम जय से चुदवाना चाहती हो.. पर मैं कभी तुम्हें नहीं बोलूँगी की तुम्हें ऐसा करना चाहिए.. रही बात की तुम राज के पापा से चुदना चाहती हो.. देखती हूँ मैं कुछ पाऊं तो..
डॉली – धन्यवाद आंटी, आप सच में बहुत अंडरस्टैंडिंग हो..
तब तक रूचि और कोमल भी बेडरूम से वापस आ गये..
डॉली हमें बाइ बोल के अपने रूम चली गई..
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