RE: non veg story प्यासे दिन और प्यासी रातें
अब मुझे भी घर जाना था, मैंने कपड़े पहने, बिस्तर पर लेटी पायल को चुम्बन किया और राज से नीचे दरवाजा खोलने को कहा और दबे पाँव नीचे आ गया।
अगले दिन 11 बजे पायल का फोन आया, एक लम्बे किस के बाद उसने मुझे थैंक्स बोला।
मैंने उससे पूछा कि वो इतनी खूबसूरत है और राज भी बहुत सेक्सी है… फिर मुझे बीच में क्यों घुसा लिया?
पायल ने बताया कि पता नहीं क्यों पर मैं उसे बहुत अच्छा लगता हूँ। सेक्स के दौरान पायल और राज ने पाया कि अगर वो किसी तीसरे का नाम लेते हैं तो उन्हें सेक्स में ज्यादा मजा आता है।
राज उस दौरान पायल की चचेरी बहन जो पायल की ही हमउम्र और गठीले बदन की है, का नाम लेता था और पायल मेरा नाम लेती थी।
पायल ने बताया कि उसकी चचेरी बहन कोमल तो फिलहाल पायल की पकड़ में नहीं आ रही थी राज के लिए, हालाँकि पायल और कोमल आपस में बहुत खुले हुए हैं और एडल्ट जोक्स खूब शेयर करतें हैं और एक दो बार एक बिस्तर पर दोनों ने एक दूसरे के मम्मे दबाये और चूत में उंगली की है। पर यह कहने की कि कोमल राज से चुदा ले, अभी तक पायल की हिम्मत नहीं हो पाई है।
हाँ पर जब पायल मेरा नाम लेती थी तो राज की चोदने की स्पीड बढ़ जाती थी और पिछले दिनों एक बार राज ने पायल से पूछ ही लिया था कि अगर वो मुझसे पायल को चुदा दे तो क्या पायल कोमल को राज से चुदने के लिए मना लेगी।
इस पर पायल ने राज को कहा था कि वादा तो नहीं है पर अगले महीने कोमल 2-3 दिनों के लिए यहाँ आएगी, उस दौरान पायल पूरी कोशिश करेगी कि कोमल राज से चुद जाए।
पायल के बर्थडे वाले दिन जब मैं अचानक वापस आ गया तो पायल बहुत घबरा गई थी कि चुदाई भी हुई नहीं और बात भी खुल गई कि पायल मुझमें इंटरेस्ट रखती है।
तब उसने राज को कहा था कि बस एक बार राज मुझे घर बुला लाये, बाकी पायल खुद सम्भाल लेगी।
पायल ने मुझसे पूछा- सच बताना तुम्हें कैसा लगा?
मैंने कहा- मुझे तो अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि पायल जितनी प्यारी और ख़ूबसूरत लड़की मेरे साथ बिस्तर पर थी, वो भी अपने पति की मौजूदगी में!
पायल ने कहा कि उसे मेरे बात करने का और सलीके में रहने का स्टाइल बहुत पसंद था, पर अब उसे मेरा सेक्स करने का स्टाइल भी बहुत पसंद है।
उसने मेरे लंड का नाम ‘चैम्प’ रखा और मैंने उसकी चूत का नाम ‘परी’ रखा।
हमने अपने सेक्स का नाम ‘मस्ती’ रखा।
कुल मिलकर हमारे बीच अब एक नया रिश्ता जुड़ चुका था जिसमें रेखा और राज कहीं नहीं थे।
पायल बोली कि मर्द कुछ भी बोले पर शक्की बहुत होता है। पायल ने बताया कि राज को आज सुबह लग रहा था कि कहीं पायल मुझसे जुड़ तो नहीं गई है इसलिए अब वो मुझे फोन राज से छिप कर करेगी, रोज ठीक 11 बजे, क्योंकि 11 बजे राज दुकान जाता है और अगले एक घंटा उसे फुर्सत नहीं मिलती।
इसलिए पायल ने राज से कह रखा है कि अगर 11 से 12 के बीच पायल का फोन व्यस्त आये तो राज समझ ले कि पायल या तो अपने मायके वालों से बात कर रही है या अपनी सहेलियों से!
इसलिए इस बीच पायल मुझे किया करेगी, वो भी लैंडलाइन पर…
सच बेवफाई और प्यार बहुत शातिर बना देता है।
मैं और पायल अब रोज 11 से 12 अपनी ‘मस्ती’ की बातों में डूबने लगे।
एक दिन राज ने मुझे कहा कि कल वो और पायल सूरजकुंड मेला देखने जा रहें हैं।
उसने मुझसे कहा साथ चलने के लिए!
हालाँकि में उस दिन दिल्ली जा भी रहा था, पर मैंने उनके साथ जाने को मना कर दिया, कहा- जाओ और मस्ती कर के आओ!
शाम को पायल भाभी का फोन आया और उसने मुझे साथ चलने के लिए दवाब दिया।
आखिर मैंने उससे इस बात के लिए बोल दिया- ठीक है, मैं दोपहर को सूरजकुंड पहुँच जाऊँगा।
अगले दिन मैं अपना काम निपटा कर दोपहर एक बजे करीब मेले में पहुँचा।
मुझे पायल और राज मिल गए, पायल ने जीन्स और टॉप पहना था।
हम लोगों ने रेस्टोरेंट में खाना खाया।
पायल बोली- मुझे तो नींद आ रही है!
और ऐसा कहते उसने मेरी ओर राज से छुपा कर आँख मारी।
मैं समझ गया कि वह चुदासी हो रही है, मैंने उससे धीरे से कहा कि होटल में कमरा लेना पड़ेगा और दो हजार से कम का कमरा मिलेगा नहीं, क्यों दो तीन घंटों के लिए पैसा बर्बाद करती हो।
मगर उसे और राज को तो चुदाई सूझ रही थी। वहीं कॉटेज भी थीं जिनका किराया एक हज़ार रूपये था, जो शायद चुदाई के ही काम आती होंगी।
खैर, हम लोग एक कॉटेज में गए।
मैंने उन्हें एकांत देने के मूड से कहा- तुम लोग आराम कर लो, मैं घूम कर आता हूँ।
तब राज बोला- पहले हम बाथटब में नहा कर आते हैं, फिर बैठ कर गप्पें मारेंगे।
एक्स्ट्रा कपड़े तो लाये नहीं थे इसलिए उन दोनों ने अपने कपड़े कमरे में ही उतार कर तौलिये लपेट लिए थे।
तौलिये में पायल का चिकना और संगमरमरी बदन क़यामत ढा रहा था, गोरी चिकनी उँगलियों पर उसने लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी।
सच मेरा चैम्प तो जीन्स फाड़ कर बाहर आने को तैयार था मगर समय की मजबूरी थी, बिना राज से न्यौता मिले मैं कुछ नहीं कर सकता था।
मेरा खड़ा करके पायल और राज नहाने चले गए।
अंदर से उनके चूमने, चिपटने की आवाज आ रही थी, मैं अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने की सोच ही रहा था कि पायल तौलिया लपेट कर बाहर आई और मुझे एक चुम्मी देकर कान में फुसफुसा कर बोली- अभी राज नखरे कर रहा है, शायद आज चुदाई न हो!
सही बात यह थी कि राज इस बात से डर गया था कि कहीं पायल उसके हाथ से निकल कर मुझसे प्यार न कर बैठे!
अब राज को कौन समझाए कि जिस बात से वो डर रहा है, वो तो हो चुका…
अब पायल बीवी तो सिर्फ उसकी है पर माशूका मेरी है।
मेरी माशूका की चूत में बाथटब में नहाकर आग लगी हुई थी, जो शायद उसका पति नहाते समय न बुझा पाया हो, या फिर वो अपने आशिक के लंड की प्यासी हो रही हो!
तभी राज भी तौलिया लपेट कर बाहर आ गया।
पायल ने बड़े स्टाइल से मुझसे आँख मारकर कहा- तुम प्लीज बाहर चले जाओ जिससे मैं कपड़े बदल सकूँ।
मैं दरवाजे से निकला ही था कि पायल ने अपना तौलिया हटा दिया और राज का भी तौलिया खींच दिया।
पायल ने ये सब क्यों किया?
सुनिए उसी की जुबानी:
रंगीला के लंड के लिए में बहुत बैचैन हूँ, पर राज से कह नहीं सकती।
और राज डर रहा है कि कहीं मैं रंगीला के लंड की दीवानी न हो जाऊँ।
राज को क्या मालूम कि मैं राज से बहुत प्यार करती हूँ पर रंगीला की दीवानी हो गई हूँ, उसका बात करने का, कपड़े पहनने का, चोदने का, होठों पर चूसने का अंदाज़ अलग है।
मैंने सोचा कि कुछ ऐसा करूँ जिससे राज को लगे कि मैं सिर्फ उससे नजदीकी चाहती हूँ और मैं उसे यह विश्वास दिला दूँ कि कोमल की चूत उसे दिलाने के लिए मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूँ।
मैं ऐसा करती हूँ कि रंगीला को बाहर भेज देती हूँ तो राज को लगेगा कि मैं रंगीला की मौजूदगी में मजे नहीं ले पा रही हूँ, इसलिए मैंने रंगीला को आँख मारकर बाहर भेज दिया ताकि उसे बुरा न लगे।
और उसके जाते ही खुद भी नंगी हो गई और राज को भी नंगा कर दिया।
जब दो बदन नंगे हों तो आग तो लग ही जानी है…
राज ने मुझे अपने नंगे बदन से चिपटा लिया।
मैंने अब उससे एक झूठ बोला- तुम्हारे लिए एक खुशखबरी है, कोमल अगले हफ्ते आ रही है और वो बजाये दो तीन दिन के चार पांच दिन रुकेगी और मैंने उससे कुछ सेक्सी नाईट ड्रेस लाने को कहा है। मेरा पूरा प्रयास होगा कि पहले या दूसरे दिन ही हम तीनों बिस्तर पर एक साथ हों!
राज यह सुनते ही बेकाबू हो गया और मुझे बेतहाशा चूमने लगा।
अब मैंने अपना आखिरी तीर मारा, मैंने राज से पूछा- राज सच बतओ तुम रंगीला को लेकर मुझसे डर रहे हो न?
राज चुप रहा।
मैंने उसके होठों पर एक जोरदार चुम्मी लेकर कहा- इसमें कोई शक नहीं कि मुझे रंगीला के साथ बहुत मजा आया, पर वो सब कुछ राज और मेरे संबंधों की कीमत पर नहीं!
मैंने राज को यह विश्वास दिलाया कि मेरे लिए जो राज है वो कोई दूसरा हो ही नहीं सकता।
और अगर राज को पसंद नहीं तो मैं रंगीला से कोई नजदीकी नहीं चाहती!
बस इतना सुनते ही राज ने मुझे कस के भींच लिया और बोला- जानू, बस मुझे यही सुनना था! अब मुझे कोई डर नहीं… मेरी जान को कोई चीज ख़ुशी दे रही है तो अब मुझे इसमें कोई एतराज नहीं होगा!
राज बोला- अब मुझे यकीन है कि रंगीला की वजह से उसके और पायल के सबंधों पर कोई दिक्कत नहीं आएगी।
राज ने मुझसे यह भी कहा कि अब वो मुझ और रंगीला पर कोई शक नहीं करेगा, मैं जब चाहे रंगीला को घर बुला सकती हूँ या फोन पर बात कर सकती हूँ।
राज बहुत खुश था और उससे ज्यादा मैं खुश थी।
मैंने राज से कहा- अब कपड़े पहन लो, बेचारा रंगीला बाहर खड़ा है।
राज ने तौलिया लपेटा और मैंने भी केवल तौलिया ही लपेट लिया।
राज ने इण्टरकॉम पर पनीर पकोड़े और चिल्ड बियर का आर्डर दिया और रंगीला को बुलाने बाहर गया।
अब रंगीला बताएगा कि क्या हुआ आगे!
मुझे पायल ने बाहर भेज तो दिया पर मैं बाहर क्या करता, बाहर एक हट में स्नैक्स शॉप थी… मैं उस पर जाकर खड़ा हो गया और चिप्स और कोल्ड ड्रिंक ले ली।
मुझे पायल पर यकीन था कि वो कुछ भी करके मुझे अन्दर बुलाएगी और हम सब मस्ती करेंगे।
|