Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया
07-26-2018, 02:17 PM,
#4
RE: Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया
मर्दों की दुनिया पार्ट--4



गतांक से आगे........................

"सुमित तुम्हे कहीं ग़लत फहमी हुई है, में सच कहती हूँ कि

शादी पर में कुँवारी थी, फिर चूत की झिल्ली की कोई अहमियत

थोड़े ही है, झिल्ली तो किसी भी वजह से फट सकती है." मेने कहा.

"हो सकता हो कि तुम सही कह रही हो... लेकिन चाहे जो हो जाए चूत

एक दम कसी हुई रहती है... तुम्हारी चूत जैसी ढीली ढाली नही

हो जाती." सुमित ने कहा.

"अमित में भी सच कह रही हूँ में भी कुँवारी थी शादी के

समय, याद है तुम्हे जब तुमने मेरी चूत मे पहली बार लंड

घूसाया था तो दर्द के मारे मे कितना चिल्लाई थी?" अनु भी अपने

बचाव मे बोली.

"हां मेरी जान वो बात में कैसे भूल सकता हूँ, में तो बस यही

कहना चाहूँगा कि तुम अदाकारा अच्छी हो पर इतनी बड़ी भी नही की

मुझे बेवकूफ़ बना सको." अमित ने उसकी ओर देखते हुए कहा.

मेने देखा कि घबराहट के मारे अनु के माथे पर पसीना आ रहा

था, में भगवान से प्रार्थना करने लगी कि कहीं अनु अपना संतुलन

ना खो बैठे जिस तरह उसने हमारी दीदी के सामने खो दिया था जब

दीदी ने इल्ज़ाम लगाया था हम पर की हमने जीजा लोगों से चुदवाया

है.

"सुमित प्लीज़ विश्वास करो में कुँवारी थी...." मेने फिर से अपनी

बात दोहराई.

"तुम दोनो हमारी बात ध्यान से सुनो... हम दोनो बेवकूफ़ नही है.."

सुमित ने कहा, शादी से पहले हमने कई लड़कियों को चोदा है और

उसमे से कई कुँवारी लड़कियाँ भी थी इसलिए हमे मालूम है कि

कुँवारी लड़की को चोदने मे कैसा महसूस होता है."

"हां कुँवारी लेकिन की चूत कफी कसी हुई होती है तुम्हारी चूत

जैसी ढीली नही. इसका मतलब है कि तुम दोनो ने शादी से पहले

काफ़ी चुदवाया है, सही कह रहा हूँ ना भाई." अमित ने कहा.

"हां तुम सही कह रहे हो." सुमित ने कहा, "इसलिए अच्छा होगा कि

तुम दोनो हमे सब कुछ सच सच बता दो."

अनु तो डर के मारे रोने लगी. मुझे लगा कि अनु कुछ कहने जा रही

है इसलिए मेने उसे रोकने की कोशिश की.."अनु प्लीज़ कुछ मत...."

लेकिन अनु ने मेरी बात सुनी नही.

"सूमी में आज के दिन से डर रही थी." आँसू तार तार उसकी आँखों

से बह रहे थे, "मुझे मालूम था कि एक दिन इन्हे पता चल जाएगा

कि हम दोनो कुँवारी नही है और शादी से पहले चुद चुकी है."

"अछी लड़की हो." कहकर अमित ने पानी जेब से उमाल निकाल कर अनु को

पकड़ा दिया, "अब हमे सॉफ सॉफ बताओ कि तुम्हारी कुँवारी चूत किसने

फाडी और तुमने शादी से पहले किस किससे चुदवाया था.'

अनु उन दोनो को सब कुछ बताने जा ही रही थी कि मेने उसे बीच मे

ही टोक दिया कि पता नही कि मौजदा हालात मे वो क्या क्या बक जाए.

"अनु मुझे बताने दो," कहकर में अमित और सुमित को सब कुछ बताने

लगी शुरू से, सिर्फ़ छुट्टियों में जो हमने दीदी के साथ किया था वो

नही बताया.

"अच्छा तो हमारे जीजा लोगो ने तुम्हारी चूत फाड़ने का मज़ा लिया

है" सुमित ने पूछा.

हम दोनो ने अपनी गर्दन हां मे हिला दी.

"उन्होने तुम्हारी गांद भी मारी होगी?" अमित ने पूछा.

हमने फिर हाँ मे गर्दन हिला दी.

"तुम दोनो ने उनका लॉडा भी चूसा होगा? अमित ने फिर पूछा.

हमने फिर हां कह दिया.

"अच्छा है कि तुम दोनो ने हमे सब कुछ सच सच बता दिया."

"जब हमने तुम्हे बता ही दिया है तो फिर इतना क्यों बात को बढ़ा

रहे हो? अनु ने पूछा. "हमने तो तुम दोनो से कुछ भी नही कहा कि

तुम दोनो ने शादी से पहले इतनी लड़कियों को चोदा है इस विषय

पर."

"मेर रानी... तुम ये भूल रही हो कि ये मर्दों की दुनिया है...."

अमित ने हंसते हुए कहा, "हां अगर तुम जानना चाहो तो हम तुम्हे

बता सकते है, लेकिन लिस्ट ज़रा लंबी है इसलिए टाइम लगेगा

बताने मे."

"नही रहने दो.. हमे कोई इंटेरेस्ट नही है." मेने कहा, "अब जब कि

तुम दोनो सच्चाई जान ही चुके हो तो तुम दोनो का क्या इरादा है?"

"हां हमे पहले ये बताओ क्या अब तुम दनो हमे तलाक़ देना चाहते हो?"

अनु थोड़ा नर्वस होते हुए बोली.

"अभी हम कुछ कह नही सकते, हम दोनो इस विषय पर बात करके तुम

दोनो को खाने पर जब हम घर आएँगे तब बता देंगे."

"सूमी मुझे माफ़ कर देना," अनु ज़ोर ज़ोर से रोते हुए बोली, "पता नही

मुझे क्या हो जाता है."

मेने उसे अपने गले से लगा लिया और उसे कुछ देर तक रोने दिया.

"अनु मेरी बेहन प्लीज़ रोयो मत ये तुम्हारी ग़लती नही थी," मेने

उसे सांत्वना देते हुए कहा, "अगर मेने धोके से उस दिन तुम्हारी

चूत नही फदवाई होती तो कम से कम आज तुम तो कुँवारी होती."

"ओह्ह्ह्ह सूमी," फिर हम दोनो एक दूसरे की बाहों मे कुछ देर तक रोते

रहे.

"ये हमारा समाज अच्छा नही है," अचानक अनु ने अपने आप को मुझसे

अलग करते हुए कहा, "एक मर्द शादी से पहले चाहे हज़ार लड़कियों

कोचोदे उन्हे कोई कुछ नही कहता, लेकिन अगर लड़की शादी से पहले

किसी से चुदवा ले तो उसका जीना हराम कर देते है."

"ये जिंदगी है अनु, "मेने उससे कहा, "जैसे अमित ने कहा कि ये

मर्दों की दुनिया है, यहाँ मर्द नियम बनाता है और औरतों को उन्हे

निभाना पड़ता है.

"सूमी अब हम क्या करेंगे?" अनु ने पूछा, "अगर हमारे मा पिता को

पता चल गया तो वो तो हमे जान से ही मार देंगे."

"चिंता मत करो जो होगा अच्छा ही होगा," मेने जवाब दिया, "पहले

हमे ये तो पता चले कि वो दोनो अब करना क्या चाहते है?"

"सूमी मुझे बहोत खुशी है कि तुम मेरे साथ हो? अनु मुझे गले

लगाते हुए बोली.

"सहेलियाँ होती ही इसलिए है?" मेने भी उसे गले लगा लिया.

दोपहर को खाने के वक़्त अमित और सुमित घर पर आए. बिना किसी से

कोई बात किए हम सभी ने साथ खाना खाया. खाना खाने के बाद अनु

अपने आप को रोक ना सकी, "तो क्या सोचा है तुम दोनो ने?" अनु ने अमित

से पूछा.

"यही की फिलहाल तो हम तुम दोनो को तलाक़ नही देंगे." अमित ने हंसते

हुए कहा.

"शुक्र है भगवान का." अनु एक गहरी साँस लेते हुए बोली.

"अभी हमारी बात ख़तम नही हुई है.' अमित ना कहा. "हम तलाक़

तभी नही देंगे जब तुम दोनो हमारी दो शर्तें पूरी कर दोगे?"

"कैसी शर्तें?" मेने पूछा.

"पहली शर्त तो ये है कि हम दोनो तुम दोनो की बहनो को चोदेन्गे."

अमित ना कहा.

"क्या कहा? आप हमारी बहनो को चोदना चाहते हो?" मेने चौंकते हुए

कहा.

"क्या हम ऐसा नही कर सकते? अरे जब तुम्हारे जीजा लोग हमारी

बीवियों को चोद सकते है तो क्या हम उनकी बीवियों को नही चोद

सकते?" अमित ने कहा.

"और दूसरी शर्त क्या है? मेने पूछा.

"दूसरी शर्त के बारे मे में तुम दोनो को समझाता हूँ," सुमित ने

कहा, "हमारे समाज में जब किसी लड़के की शादी होती है तो उसे

उमीद होती है कि सुहागरात की रात उसे कुँवारी चूत चढ़ने को

मिलेगी, लेकिन ऐसा हमारे साथ तो हुआ नही, हमने चूत चोदि लेकिन

चुदी चुदाई. तुम दोनो की चूत तो पहले ही हमारे आदरणिया जीजा

लोग फाड़ चुके थे, इसलिए हमारी दूसरी शर्त ये है उन्हे हम दोनो

के लिए किसी कुँवारी चूत का इंतेज़ाम करना होगा."

"अब ये तो कोई शर्त नही हुई," मेने जवाब दिया, "पहली बात तो वो

कुँवारी चूत का इंतज़ाम कहाँ से करेंगे, और अगर कोई लड़की उनकी

नज़र मे होगी भी तो वो उसे तय्यार कैसे करेंगे?"

"में तुम्हारी बात को समझता हूँ," सुमित ने कहा, "लेकिन ये उनकी

समस्या है, और इसका हल भी उन्हे ही ढूंदना पड़ेगा."

"अमित कुछ तो समझदारी की बात करो? जीजाजी तुम्हारी पसंद की

कुँवारी चूत कहाँ से ढूंढ़ेंगे? अनु ने कहा.

"हमारी कोई ख़ास पसंद नही है. वो कोई भी हो सकती है, कोई

रिश्तेदार, सहेली कोई भी, या फिर घर की कोई नौकरानी पर हां

उसकी चूत एक दम सील पॅक होनी चाहिए." अमित ने हंसते हुए कहा.

अमित का ये कहना था कि नौकरणीयाँ भी चलेंगी मेरे दीमाग मे

तुरंत एक ख़याल आया, "अगर में तुम दोनो के लिए कुँवारी चूत का

इंतेज़ाम कर दूँ तो? मेने पूछा.

"चाहे कोई भी इंतेज़ाम करे, हमे क्या फरक पड़ता है, बस हमारा तो

बदला पूरा होना चाहिए, हाथ के बदले हाथ आँख के बदले आँख और

चूत के बदले चूत " अमित ने कहा.

"अगर ऐसी बात है तो तुम दोनो मोना और रीमा को चोद दो, उनकी

चूत भी अभी तक कुँवारी है." मेने खुश होते हुए कहा.

हा! हा! हा! दोनो जोरों से हँसने लगे.

तुम ये कहना चाहती हो कि हम मोना और रीमा की चूत चोदे और तुम

ये समझती हो कि उनकी चूत कोरी है." अमित और सुमित दोनो हंसते

हुए बोले.

"हां में यही कहना चाहती हूँ, मुझे पक्का विश्वास है कि दोनो

की चूत एक दम कोरी है." अनु थोड़ा चिंतित स्वर मे बोली.

"मेरी जान तुमसे शादी होने के कई महीने पहले हम दोनो उनकी

कुँवारी चूत फाड़ चुके है." सुमित हंसते हुए बोला.

"हो नही सकता? में तुम्हारी बात पर विश्वास नही करती." मेने

कहा.

"अगर विश्वास ना हो तो तुम खुद उन्ही से पूछ लो? वो भी यही

कहेंगी." अमित अभी भी हंस रहा था.

"में अभी पूछती हूँ." मेने कहा.

"ठीक है देवियों तुम दोनो उनसे पूछते रहना और हम चले ऑफीस

हमे काम है." सुमित ने कहा, "हां एक और बात जब तक हमारी

शर्तें पूरी नही होती हम अलग अलग कमरे मे सोएंगे, तुम दोनो

मेरे कमरे मे सोवोगि, और में और

अमित उसके कमरे मे."

"तुम दोनो ऐसा नही कर सकते, अब ये तो ज़्यादती है." अनु लगभग

चिल्लाते हुए बोली.

"अगर तुम दोनो हमारे साथ नही सोवोगे तो फिर रात मे चोदोगे

किसे?" मेने पूछा.

"किसी कोक्या मोना और रीमा है ना चोदने के लिए." सुमित मुस्कुराते हुए

बोला.

"हमारी नौकरानियों को चोदोगे, क्या हमारी इज़्ज़त की कोई परवाह नही

है?" अनु ने शिकायत करते हुए कहा.

"अब क्या करें इन सबके ज़िम्मेदार तुम लोग हो?" कहकर वो दोनो ऑफीस

चले गये.

"हे भगवान वो दोनो हरामजादिया दीखने मे तो कितनी मासूम और

भोली लगती है." अनु ने गुस्से मे कहा, "मुझे तो विश्वास नही हो

रहा है कि हमारी पीठ पीछे वो दोनो हमारे पति से चुदवायेन्गी."

"अनु हमारे पतियों को दोष देने से पहले उन दोनो से पूछ तो लें?"

मैने अनु से कहा.

"सूमी मेरे मन मे एक बात आई है." अनु मेरे कान मे धीरे से

बोली, "अगर ये दोनो कुतिया हमारे पति को खुश कर सकती हैं तो

क्यों ना हम भी उनके साथ मज़ा करें?"

"तुम्हारा मतलब है कि उनसे अपनी चूत चूस्वएँ?" मेने पूछा.

"और क्या कर सकते है, जब तक हमारे पति देव की शर्तें पूरी नही

होती हमे तो बिना लंड के रहना पड़ेगा ना... तो क्यों ना उनकी जीब का

ही मज़ा उठाया जाए." अनु ने कहा.

"और अगर उन दोनो ने मना कर दिया तो? मेने कहा.

"एक तो वो मना करेंगी ही नही... और अगर किया तो हम उन्हे धमका

देंगे कि हम मम्मीजी से कह देंगे कि इन्होने हमारा हुकुम नही

माना."" अनु ने कहा.

"हां वो दोनो मम्मीजी से पहले से ही काफ़ी डरती हैं, और ये डर

उन्हे मजबूर करेगा वो सब करने के लिए जो हम कहेंगे." मेने

कहा.

"साथ ही हम अपने पुराने सपने को पूरा करेने की कोशिश करेंगे....

याद है शादी के पहले वो फूटबाल वाली बात." अनु ने ताली

बजाते हुए कहा.

"अनु तुम्हारा जवाब नही." मेने उसे गले लगाते हुए कहा.

"चलो पहले पता कर लेते हैं कि हमारे पति सच बोल रहे हैं कि

नही." अनु ने कहा.

"हां चलो हम उनसे हमारे कमरे मे ले जाकर पूछेंगे." मैने कहा.

"हां लेकिन पहले मुझे अपना नाइट गाउन पहन लेने दो जिससे अगर सब

कुछ हमारी सोच अनुसार हुआ तो मुझे चूत चोस्वाने मे आसानी होगी,"

अनु ने कहा, "में तो कहूँगी तुम भी कपड़े बदल लो."

"हां ये सही रहेगा," मेने भी खुश होते हुए कहा, "थोड़ी देर मे

मेरे कमरे मे मिलेंगे." कहकर में अपने कमरे की ओर बढ़ गयी

कपड़े बदलने के लिए.

"हां सूमी में आती हूँ.... लगता है हमे भी साथ साथ सोने की

आदत डालनी होगी," अनु ने कहा.

जब हम दोनो मेरे कमरे मे मिले तो मेने मोना और रीमा को अपने

कमरे मे बुलाया.

"हम दोनो तुम दोनो से कुछ पूछना चाहते हैं और हमे सच सच

जवाब चाहिए उसका." मेने कहा.

"दीदी हम वादा करते हैं कि सच सच जवाब देंगे." दोनो ने साथ

साथ कहा.

"क्या तुम दोनो कुँवारी हो? मेने पूछा.

थोड़ी देर तक दोनो हम दोनो के चेहरे की तरफ देखती रही फिर मोना

ने कहा, "नही दीदी हम कुँवारी नही हैं."

"तुम्हारी चूत किसने फाडी?" अनु ने पूछा.

"छोटे मालिकों ने" रीमा ने शरमाते हुए कहा.

"तुम्हारा मतलब है सुमित और अमित ने?" मेने पूछा.

दोनो ने अपनी गर्दन हां मे हिला दी.

"कब फाडी तुम दोनो की चूत" मेने अपनी जारी रखते हुए पूछा.

"आज से करीब आठ महीने पहले." मोना ने जवाब दिया.

"क्या उन दोनो ने तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती की थी," अनु ने पूछा.

"नही छोटे मालिक ने ऐसा कुछ नही किया था," रीमा ने तुरंत

कहा, "ये तो हमारी किस्मत थी कि बस हो गया."

"इसका क्या मतलब हुआ, हमे सब शुरू से बताओ की ये सब कैसे हुआ?"

मेने पूछा.

"दीदी बड़ी लंबी कहानी है." मोना ने कहा.

"कोई बात नही, बहोत समय है हमारे पास सब शुरू से बताओ?" अनु

ने कहा.

"दीदी शायद आपको मालूम होगा कि में और रीमा चचेरी बेहन है.

में रीमा से दो दिन बड़ी हूँ." मोना अपनी कहानी सुनाने

लगी, "हमारे विरोध करने के बावजूद हमारे पिताजी हमारे 18 वे

जनमदिन पर हमे बड़े मालिक के पास ले गये. उस दिन बड़े मालिक,

मालकिन, और चाचू कमरे मे मौजूद थे."

मेरे पिताजी भानु ने मालिक से कहा, "मालिक ये मेरी बेटी मोना है,

और ये दूसरी शामऊ की बेटी है."

"आज दोनो पूरे 18 की हो गयी हैं," शामऊ... रीमा की पिता ने कहा.

"मुबारक हो! बड़े मालिक ने कहा फिर चाचू की तरफ घूमते हुए

बोले, "चाचू हमारे मॅनेजर से कहो कि इन दोनो को कोई बढ़ियाँ सा

उपहार दे दें."

"नही मालिक," मेरे पिताजी ने कहा, "हम इन्हे कोई उपहार की लालच

मे यहाँ नही लाए है."

"फिर यहाँ क्यों आए हो? मालकिन ने कहा, "सीधे सीधे कहो और

हमारा समय मत बर्बाद करो?"

"जी मालकिन" शामऊ ने कहा, "ये हमारी हाथ जोड़ कर आपसे प्रार्थना

है की आप इन दोनो को अपनी सेवा मे ले लें."

मालिक हँसने लगे, "में मानता हूँ कि ये दोनो बहोत प्यारी हैं

लेकिन मेरे पास पहले से ही कई नौकरणीयाँ है मेरी देखभाल के

लिए."

"मालिक ये दोनो आपको बहोत सुख देंगी... .में सच कहता हूँ आज

तक किसी मर्द ने इन्हे छुआ तक नही है. इनकी मा मुझसे कहती है

कि इनका बदन इनके चेहरे से भी प्यारा है." मेरे पिताजी ने कहा.

"हां मालिक आप अपनी आँखों से देख ले," फिर शामऊ चाचा ने

हमारी ओर घूमते हुए कहा, "तुम दोनो अपने कपड़े उतार कर मालिक

को ज़रा अपना प्यारा बदन तो दीखाओ."

हम दोनो इस बात के लिए तय्यार नही थे, लेकिन बड़ों की आग्या तो

माननी ही थी इसलिए हम अपने ब्लाउस के बटन खोलने लगे.

"नही नही कपड़े उतारने की ज़रूरत नही है," तभी मालिक ने

कहा, "शामऊ मुझे तुम्हारी बात पर विश्वास है."

"शक्रिया मालिक, जो आपने हमे सेवा का मौका दिया." मेरे पिताजी

मुस्कुराते हुए बोले.

"पर मेने ये नही कहा कि में इन्हे अपनी सेवा मे रख लूँगा."

मालिक ने कहा.

"प्लीज़ मालिक ना मत कहिएगा, हम बड़ी उमीद लेकर आपके पास आए

थे... अगर आप ना करेंगे तो हमारा दिल टूट जाएगा." कहकर

पिताजी और शामऊ चाचू दोनो मालिक के कदमों मे गिर पड़े.

"भानु और शामऊ मेरी बात ध्यान से सुनो... में पहले ही तुमसे कह

चुका हूँ...." मालिक कहने जा रहे थे लेकिन मालकिन ने उन्हे बीच

मे टोक दिया.

वो कहने लगी, "शमशेर इनका दिल मत तोडो और लड़कियो को अपनी सेवा

के मे रख लो. इनके शरीर से मज़ा लेने के बाद तुम दोनो को खेतों

मे काम करने के लिए भेज देना या फिर इन्हे किसी और के पास भेज

देना."

"हां ये ठीक रहेगा," मालिक ने कहा.

"हां मालिक ये दोनो आपकी जागीर है, जो आपका दिल करे इनके साथ

करें." पिताजी खुश होते हुए बोले, "आप इनके साथ मज़े करें, इन्हे

मारिए या इनकी चॅम्डी उधेड़ दें ये कुछ नही कहेंगी.. जो आपकी

मर्ज़ी हो सो करें."

"ठीक है, आज से ये दोनो लड़कियाँ मेरी सेवा मे रहेंगी." मालिक ने

कहा.

"शुक्रिया मालिक, बहोत बड़ा एहसान कर दिया अपने हम पर." शामऊ

चाचा मालिक के कदमो मे झुकते हुए बोले.

"क्या कहते हो चाचू" है ना दोनो बहोत प्यारी." मालिक ने हमारे

बदन को घूरते हुए कहा.

"तो भैया आपने क्या सोचा फिर इन दोनो के बारे मे?" चाचू ने बड़े

मालिक से पूछा.

"में भी वही सोच रहा हूँ." मालिक सोचने लगे, थोड़ी देर सोचने

के बाद बोले, "चाचू अगर आप इन्हे रखना चाहें तो रख सकते

हैं."

"भैया मेरे कहने का मतलब ये नही था." चाचू ने जवाब दिया.

"चाचू अगर मेरी याददाश्त सही है तो इन दोनो की मा की कुँवारी

चूत तुमने ही फाडी थी," मालिक अपनी आँखे मटकाते हुए बोले, "अब

तुम इन दोनो की भी कुँवारी चूत फाड़ दो फिर मा और बेटी दोनो को

साथ साथ चोदना बहोत मज़ा आएगा."

"हां आप सही कह रहे हैं लेकिन अब मेरी उमर नही रही कुँवारी

लड़कियों की चूत फाड़ने की, इनके लिए तो कोई जवान लड़के होने

चाहिए," चाचू ने कहा. "भैया ऐसा क्यों नही करते इन्हे अपने

दोनो जुड़वाँ बच्चो को दे दीजिए, अब वो बड़े हो गये हैं और उन्हे

भी पर्सनल नौकरानी चाहिए."

"सुझाव तो तुम्हारा बहोत अच्छा है, में भी यही सोच रहा था."

मालिक ने कहा, "मोना सुमित के पास जाएगी और रीमा अमित के पास.

शांति तुम आज से इन दोनो लड़कियों की ज़िम्मेदारी संभालॉगी जब तक

कि हमारे बच्चे वापस नही आ जाते. ध्यान रहे ये दोनो लड़कियाँ

कोई शैतानी ना करे? मालिक ने मालकिन से कहा.
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RE: Free Hindi Sex Kahani मर्दों की दुनिया - by sexstories - 07-26-2018, 02:17 PM

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