RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
उसके बाद विनय अपने मामा और ममता के साथ अपने घर वापिस आ गया….रात को 8 बजे अपने घर पहुचे थी…..मामा जी ने रास्ते मे ढाबे से ही खाना ले लिया था….खाना खा कर सो गये….अगली सुबह जब विनय उठा तो, घर मे कोई नही था….इन बीते दिनो मे विनय ने डर की वजह से ममता से बात करना तो दूर आँख मिला कर देखा तक नही था…सुबह उठ कर वो फ्रेश हुआ, बाहर बरामदे मे आया तो देख घर एक दम सूना था….ममता के रूम का डोर अभी भी बंद था….वो काफ़ी देर तक बाहर डाइनिंग टेबल पर बैठा इंतजार करता रहा….
पर ममता रूम से बाहर नही आई, दरअसल रात को उसके हज़्बेंड का यूके से फोन आया था. इसीलिए वो देर रात तक उसके साथ बात करती रही…..फिर सुबह विनय के मामा ने भी उसे 6 बजे उठा दिया था….उन्हे शॉप पर जाना था…..इसीलिए ममता ने ही सुबह उठ कर उनका नाश्ता और लंच तैयार करके दिया था….घर एक दम सूना पड़ा था….जब काफ़ी देर तक ममता नही उठी तो, विनय खुद ही किचन मे चला गया…..और अपने लिए चाइ बनाने के लिए जैसे ही उसने बर्तन उठाया तो उसे पीछे से ममता की आवाज़ सुनाई दी…..
ममता: विनय क्या कर रहे हो तुम…..?
विनय: (घबरा कर पीछे देखते हुए) वो मैं वो अपने लिए चाइ बना रहा था….
ममता: मुझे नही कह सकते थे…..?
विनय: आप उठी नही थी……
ममता: तो मुझे उठा देते…..जाओ बाहर जाकर बैठो….मैं अभी तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूँ….
विनय: जी…..
ममता: ब्रश कर लिया….
विनय: जी और नहा भी लिया….
ममता: गुड बड़े समझदार हो…..अब तुम बड़े हो गये हो….
ममता ने मुस्कुराते हुए कहा….विनय बिना कुछ बोले बाहर चला गया और डाइनिंग टेबल पर बैठ कर इंतजार करने लगा…..करीब 15 मिनिट बाद, ममता दो प्लेट्स मे सॅंडविच लेकर आई और टेबल पर रख कर फिर किचन मे वापिस चली गयी…..विनय ने एक प्लेट उठा कर सॅंडविच खाना शुरू कर दिया….इतनी में फिर से ममता वापिस आई, उसके हाथ मे ट्रे थी….उसमे एक ग्लास दूध और एक कप चाइ थी…..
ममता ने दूध का ग्लास विनय के सामने रखा और चाइ का कप अपने सामने रख कर बैठ गयी और नाश्ता करने लगी…..विनय दूध के ग्लास को ऐसे देख रहा था….जैसे उसने दूध पहली बार देखा हो….
ममता: क्या हुआ पीओ ना…..?
विनय: दूध चाइ नही बनाई मेरे लिए…..?
ममता: नही दूध पी लो…..
विनय: नही मुझे अच्छा नही लगता……
ममता: (मुस्करा कर अपनी कमीज़ के गले के अंदर हाथ डाल कर अपनी ब्रा के स्ट्रॅप्स को ऊपेर खेंचती है….जिससे उसकी चुचियाँ ऊपेर को उठती है और फिर नीचे हो जाती है…..) मैं तो समझती थी कि, तुम्हे दूध ज़्यादा पसंद है……
विनय ममता की इस हरक़त से एक दम झेंप जाता है….बेचारे की कुछ बोलने की हिम्मत नही होती….विनय ने जल्दी-2 अपना नाश्ता ख़तम करना शुरू कर दिया…और साथ-2 दूध भी पीने लगा….ममता विनय की हालत देख कर मन ही मन मुस्कुरा रही थी….”अर्रे आराम से कही भागे थोड़ा जा रहा है…..” ममता ने फिर से अपनी ब्रा के स्ट्रॅप्स को ऊपर की तरफ खेंचा तो उसकी दोनो चुचियाँ फिर से उछल कर रह गयी……
विनय ममता की बात सुन कर एक दम चोंक सा गया….और हैरानी से ममता की ओर देखने लगा….”दूध का ग्लास कहीं भागा थोड़े ही जा रहा है….आराम से पीओ…” उसने फिर से मुस्कुराते हुए कहा….पर विनय ने फिर से अपने सर को झुका लिया….ममता और विनय दोनो घर में अकेले थे….इसीलिए ममता कुछ ज़्यादा ही खुल कर विनय से बात करने की कोशिस कर रही थी…वो जानती थी कि, विनय अभी बच्चा है….वो किसी भी बात को लेकर बिदक सकता है….इसीलिए उसे हर कदम सोच समझ कर उठाना था…..
पर घर मे विनय को अपने साथ अकेला पाकर उसका मन मचल रहा था….चूत में अजीब सी सरसराहट हो रही थी…..वो धीरे-2 सहजता से बात को आगे बढ़ाना चाहती थी…अभी दोनो ने नाश्ता ख़तम ही किया था कि, डोर बेल बजी…..ममता ने जाकर गेट खोला तो देखा, सामने शीतल खड़ी थी….ना चाहते हुए भी ममता जबरन मुस्कुराइ…..आज पहली बार उसे शीतल का घर आना अच्छा नही लगा था…..”नमस्ते दीदी आइए ना…” ममता ने जबरन मुस्कुराते हुए कहा…..
शीतल के साथ उसके बच्चे पिंकी और अबी भी थे……वो अपने बच्चों को लेकर अंदर आई तो, ममता गेट बंद करने लगी…..”अर्रे गेट बंद मत करो…..मैं तो बच्चों को छोड़ने आई थी…..मैं ज़रा मार्केट जा रही थी…..”
ममता: ओह्ह्ह अच्छा…..
शीतल: और बताओ मँगनी ठीक से हो गयी…
ममता: जी सब बहुत बढ़िया से हो गया…..
शीतल: चलो भगवान का शूकर है…..बधाई हो तुम्हे नयी भाभी आने वाली है घर पर.
ममता: जी आप को भी…..आइए ना थोड़ी देर तो बैठिए…..
शीतल: नही अब मैं चलती हूँ……तुम बच्चों का ध्यान रखना….और हां मेरा शोना विनय कहाँ है…..
ममता: जी वो नाश्ता कर रहा है…..
शीतल: अच्छा ठीक है दोपहर को आकर मिलती हूँ……
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