RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
विनय जैसे ही रिंकी के ऊपेर आया…रिंकी ने अपनी टाँगे खोल ली. जिससे विनय की टाँगें उसकी जांघों के बीच आ गयी…और उसका तना हुआ लंड उसकी निक्कर मे से रिंकी की सलवार के ऊपेर से उसकी चूत पर जा टकराया..”आह विनय उंह “ रिंकी अपनी सलवार के ऊपेर से ही, विनय के लंड को अपनी चूत पर महसूस करते हुए, सिसक उठी….उसने अपनी टाँगो को कैंची की तरह विनय की कमर पर लपेट लिया…विनय ने भी रिंकी की चूत की आग को और बढ़ा दिया…उसने उसके मम्मों को मसलते हुए, अपने होंटो को उसकी सुरहीदार गर्दन पर लगा दिया….और उसकी गर्दन को चाटने लगा…..रिंकी मस्ती मे फिर से सिसक उठी, उसने विनय के सर के गिर्द घेरा बना कर उसे अपने से और चिपका लिया….
रिंकी: ओह्ह्ह विनय हाआँ खा जा मुझे आ पूरा का पूरा आहह…सीईइ विनय आज मेरी आग बुझा दे….
विनय भी अब पूरी तरह मस्त होकर उसकी चुचियों को मसलते हुए, उसकी गर्दन को चूम रहा था….और रिंकी उसके सर को सहला रही थी…और बार अपनी कमर को ऊपेर की तरफ उठा कर, अपनी चूत को कपड़ों के ऊपेर से ही, विनय के लंड पर दबा रही थी….”ओह्ह्ह विनय आहह और ज़ोर से दबा मेरे मम्मे आह अह्ह्ह्ह…”
फिर विनय उसकी गर्दन को चूमता हुआ नीचे की ओर आने लगा….और उसकी कमीज़ से बाहर झाँक रहे मम्मों के ऊपेरी हिस्से को अपने होंटो मे भर कर चूसने की कॉसिश करने लगा…”आह हां चुस्स अह्ह्ह्ह विनय मेरी जान अह्ह्ह” ये कहते हुए, उसने अपने हाथो को विनय के सर से हटाया, और फिर अपने दोनो हाथों को नीचे लेजा कर अपनी कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर करने लगी….ये देख विनय जो कि अपना सारा वजन रिंकी के ऊपेर डाले लेटा हुआ था. वो अपने घुटनो के बल रिंकी की जाँघो के बीच मे बैठ गया….
रिंकी ने अपनी कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर करते हुए, उतार दिया….और फिर बेड पर बैठते हुए, अपनी ब्रा के हुक्स खोल कर उसे भी जिस्म से अलग कर दिया….ब्रा को अपने बदन से अलग करने के बाद, उसने विनय की ओर देखा, जो उसकी 32 साइज़ की बड़ी-2 चुचियों को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था.
रिंकी: ये तुम्हें बहुत पसन्द है ना ? (रिंकी ने मुस्कुराते हुए विनय की ओर देखते हुए कहा. विनय ने भी हां में सर हिला दिया…)
रिंकी ने जल्दी से अपनी सलवार का नाडा भी खोल दिया और उसने अपनी सलवार उतार कर बेड पर रख दिया….
रिंकी ने फिर से उसे अपने ऊपेर खेंच लाया….और उसके होंटो को चूमते हुए बोली, विनय अब जल्दी कर मैं कब से मरी जा रही हूँ….” विनय एक बार फिर उसकी जाँघो के बीच मे आ गया था….रिंकी ने अपने हाथों को नीचे लेजाते हुए, उसकी निक्कर को पकड़ कर नीचे खेंच दिया….और फिर विनय ने खुद ही, अपनी निक्केर को अपनी टाँगो से निकाल दिया…”
रिंकी: तुझे ये पसंद हैं ना ये ले, जी भर कर खेल इनसे….(रिंकी ने अपनी चुचियों को पकड़ कर नॉकदार बनाते हुए विनय को देखा कर कहा…)
32 साइज़ की मोटी-2 चुचियों को देख, विनय का लंड अब पूरी तरहा तन गया था…जो अब सीधा रिंकी की चूत की फांको के ठीक ऊपेर था…..
रिंकी ने फिर से उसे बाहों मे भरते हुए, उसके सर को अपनी चुचियों पर दबा दिया…”आह विनय चूस इसे अहह” विनय भी पागलो की तरह रिंकी की चुचियों पर टूट पड़ा….और उसकी एक चुचि को मूह मे भर कर उसके अंगूर के दाने के साइज़ की निपल को अपनी ज़ुबान से दबा -2 कर चूसने लगा…. रिंकी ने उसके सर को फिर से सहलाना शुरू कर दिया…..
रिंकी: आह चुस्स्स्स ले आह विनय खा जा मेरे मम्मों को अहह उंह सीईईईई आह हइई माँ ओह हां चुस्स्स्स्स विनय और ज़ोर ज़ोर से से चूस.
रिंकी की आवाज़ मे अब मदहोशी सॉफ झलक रही थी….उसका पूरा बदन उतेजना के कारण कांप रहा था…उसके गाल लाल होकर दिखने लगे…फिर रिंकी को अपनी चूत की फांको पर विनय के लंड का गरम सुपाडा रगड़ ख़ाता हुआ महसूस हुआ. रिंकी एक दम से सिसक उठी….उसने विनय के सर को दोनो हाथों से पकड़ कर ऊपेर उठाया….उसका निपल खींचता हुआ विनय के मूह से पक की आवाज़ से बाहर आ गया….
रिंकी: (मस्ती मे सिसकते हुए) हाईए कितने जालिम हो तुम….
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