RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
शीतल और उसका पति जो अभी खाना खा कर बेड पर लेटे ही थे कि, वो बाहर से आ रही गेट ठोकने की आवाज़ सुन कर एक दम से चोंक गये…..”ये साला कॉन पागल आ गया है इस समय….” शीतल के पति ने झुंझलाते हुए कहा….और बेड से नीचे उतर कर रूम का डोर खोल कर बाहर चला गया….बाहर अजय अभी भी गेट को ज़ोर- 2 से नॉक कर रहा था…शीतल भी बेड से उठ कर बाहर आ गयी…जैसे ही शीतल के पति ने गेट खोला तो, अजय दानदनाते हुए अंदर आ घुसा…..
अजय को इस हालत मे देख कर दोनो घबरा गये…..”क्या हुआ भैया आप इस समय और ये हाथ में हॉकी किस लिए…”
अजय ने गुस्से से थरथराते शीतल की तरफ देखा और उसे धक्का देकर पीछे हटाते हुए बोला….”कहाँ है वो हराम का पिल्ला….आज उसे मैं जिंदा नही छोड़ूँगा…” जैसे ही अजय आगे बढ़ने लगा तो, शीतल ने आगे आकर उसका रास्ता रोक लिया….”भैया हुआ क्या…बताओ तो सही….आप किसकी बात कर रहे हो…?” शीतल ने घबराते हुए कहा….
अजय: उसी हराम के पिल्ले की. जिसे मैं अपने घर में पिछले एक साल से रख रहा हूँ. उसे पढ़ा रहा लिखा रहा हूँ….विनय कहाँ है…
शीतल: क्या किया है विनय ने…..बच्चा है वो अगर उससे कोई ग़लती हो गयी है तो, उसे जान से मार देने की सोची भी कैसे आप ने….आपकी बेहन की आख़िरी निशानी है वो….
अजय: नही वो हरामज़ादा मेरी बेहन की औलाद हो ही नही सकता…
शीतल: पर उसने क्या किया है….?
इतने मे पीछे से किरण भी उनके घर में दाखिल हुई….किरण का पूरा चेहरा खून से सना हुआ था…जिसे देख शीतल और उसका पति दोनो घबरा गये….जैसे ही किरण उनके घर मे दाखिल हुई, वो लड़खड़ा कर नीचे गिर गयी….शीतल और उसका पति दोनो उसको उठाने के लिए उसकी तरफ दौड़े तो, अजय मोका देखते हुए अंदर की ओर भाग निकाला…”मेरी फिकर ना करो दीदी….उन्हे रोको….नही तो विनय को आहह….मैं ठीक हूँ….”
शीतल और उसके पति को जैसे ही इस बात का अहसास हुआ कि, विनय की जान ख़तरे मैं है…दोनो अजय के पीछे दौड़े…उधर विनय बाहर शोर सुन कर रूम के डोर तक आ चुका था….तभी उसकी नज़र हाथ मे हॉकी स्टिक पकड़े अपने मामा पर पड़ी, जिसे देख कर वो एक दम से घबरा गया….अजय ने आव देखा ना ताव और विनय को हॉकी से मारने के लिए जैसे स्टिक उठाई…शीतल के पति ने उसे पीछे से आकर धक्का देकर गिरा दिया….अजय बुरी तरह फर्श पर गिरा….
अजय: तुम पीछे हट जाओ….बीच मे आने की कॉसिश की तो, मैं किसी रिश्ते की परवाह नही करूँगा….
विनोद: सुन ओये साले ये मेरा घर है….अगर तुम्हे किसी रिश्ते की परवाह नही तो, मैं भी तुम्हारी परवाह नही करूँगा….विनय को हाथ लगा कर तो दिखा….
अजय ये सुन कर गुस्से से बोखला उठा…और उसने हॉकी उठाई और फिर से विनय की तरफ लपका….विनोद बीच मे क़ूद पड़ा और विनय को बचाने की कॉसिश करने लगा…गुस्से मे बोखलाए अजय ने विनोद के पेट पर लात दे मारी….वो दर्द से कराहता हुआ, फर्श पर जा गिरा….अजय विनय की तरफ पलटा और अपनी हाथ मे पकड़ी हॉकी को पूरे ज़ोर से घुमा दिया….पर शीतल बीच मे आ गये….हॉकी शीतल के सर पर लगी..और उसका सर फॅट गया…ये देख अजय एक दम सुन्न पड़ गया…
उधर विनोद गुस्से से पागल हो गया…उसने उठते ही अजय पर मुक्को और घूँसो की बारिश कर दी….जैसे ही अजय के हाथ से हॉकी स्टिक गिरी…विनोद ने हॉकी स्टिक उठाते हुए एक के बाद एक कई बार उसकी टाँगो पर वार किया….अजय लड़खड़ा कर नीचे गिर गया….उसकी पिंदलियाँ बुरी तरह से घायल हो गयी….विनोद ने तुरंत पोलीस को फोन किया और थोड़ी देर बाद पोलीस आई और अजय और शीतल को हॉस्पिटल में लेकर चली गयी……
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