RE: Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
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मैने ये सब बाते अम्मी को ज़फ़र से मुतनफर करने के लिए की थीं लेकिन अब डर भी रहा था कि कहीं अम्मी ज़फ़र से पूछ ही ना ले
लेकिन अब जो हो सो हो ये सब सोच के उठा और अपी के रूम की तरफ गया देखा कि वहाँ अम्मी और अपी आपिस मे कोई बात कर रही हैं मुझे देखते ही चुप हो गई
अम्मी ने कहा नसीर क्या बात है मैने कहा अम्मी कुछ नही मैं तो वैसे ही आया था
अम्मी ने कहा ठीक है अभी तुम जाओ मैं बाद मे बात करूँगी तुम्हारे साथ
मैं वहाँ से आते हुए ये ही सोच रहा था कि पता नही अम्मी क्या बात करेंगी मेरे साथ और मैं अपने रूम मे आ गया
कुछ देर के बाद नेलु मेरे रूम मे आई और कहा भाई खाना खा लो
मैं उठा और खाना खाने चला गया तो वहाँ अबू भी बैठे थे मुझे देख के बोले यार कुछ दिन जो छुट्टी है गाओं ही चले जाओ
इस से पहले कि मैं कुछ बोलता अम्मी बोल पड़ी और कहा हां बेटा चले जाओ और मुझे आँख मार दी मुझे कुछ भी समझ नही आया लेकिन मैं चुप रहा
फिर अम्मी ने कहा कि नसीर तुम नैइला को भी अपने साथ ही गाओं ले जाओ वहाँ इस का भी दिल लगा रहे गा और आराम भी कर ले गी यहाँ तो सारा दिन घर के कामों मे बिज़ी होती है
अम्मी की बात पे मेरी तो जैसे लॉटरी निकल आई हो इतना खुश हुआ
अबू ने कहा हां ये भी ठीक है तुम लोग सुबह की गाड़ी से ही निकल जाओ
मैने कहा अबू अगर आप कहो तो हम ट्रेन से चले जाएँ अबू ने कहा कोई ज़रूरत नही है ट्रेन वैसे ही लेट हैं यहाँ
लेकिन अम्मी ने कहा ठीक है चले जाओ लेकिन बुकिंग
मैने कहा अम्मी हो जाएगी और खाना खा कर गाँव के लिए 2 बर्थ की बुकिंग करवा ली टिकेट तेज़ गम एक्सप्रेस के मिले बिज्निस क्लास मे और कोई नही थे
मैने वापसी मे अम्मी को बता दिया कि किस गाड़ी की कॉन सी टिकेट मिली हैं अम्मी ने कहा चलो अच्छा है
फिर हम ने रात को आराम किया और अगले दिन तियारी करने लगे दोपहर को अम्मी रूम मे आई और कहा नसीर मैने नैइला से बात कर ली है वो मना नही करे गी
मैं तो अम्मी की बात सुनते ही खुश हो गया लेकिन अम्मी से कहा कि अम्मी किस बात के लिए
तो अम्मी ने कहा नसीर मैं मा हूँ तुम्हारी मैं जानती हूँ कि तुम नैइला के साथ क्या करना चाहते हो इसी लिए मैं उसे तुम्हारे साथ भजे रही हूँ
मैं अम्मी से लिपट गया और उन्हे एक ज़बरदस्त किस की लेकिन अम्मी ने मुझे पीछे कर दिया और कहा नही तुम्हारे अबू भी हैं घर मे
फिर अम्मी ने कहा नसीर ख्याल से नैइला कुँवारी है उसे कोई तकलीफ़ नही होनी चाहिए मैने कहा कि अम्मी आप परेशान ना हों
फिर शाम को हम स्टेशन चले गये और गाड़ी के आने तक वहाँ प्लेटिफॉर्म पे ही बैठे रहे अपी मुझ से आँखे नही मिला रही थी
गाड़ी आई तो हम जा के अपनी सीट पे बैठ गये वहाँ हमारे इलावा और कोई नही था क्योकि 4 का रूम था 2 तो हम थे और 2 नही आए थे अभी
हम दोनो बेहन भाई ने अपना समान सेट किया और बैठ गये
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