RE: Antarvasna परदेसी
2) दिया
"दिया एक पेग तो पी ले. इतना डरती क्यूँ है"
"बात डरने की नही है. मुझे नही पीनी, तो मैं नही पिउन्गी. तुको पीना है तो पीयो, मैने मना किया है क्या"
"हां हां मेडम.. आप क्यूँ पीने लगी.. आपकी तो शान के खिलाफ है ना पीना. इतने अमीर बाप की बेटी, नॉर्मल लोगों के साथ पीते देखी जाएगी तो शान घट जाएगी ना"
"शट अप प्रिया. तुम जानती हो ऐसा कुछ नही है. तुम्हें पीना है तो पीयो, नहीं तो चलते हैं यहाँ से. मुझे यह जगह अच्छी नही लग रही"
"अच्छी नही लग रही !!! मेडम यह शहेर का बेस्ट डिस्को है. यह जगह अच्छी नही लग रही तो कौन सी जगह अच्छी लगेगी? लड़के देखो कितने क्यूट क्यूट घूम रहे हैं आस पास." प्रिया ने अपनी ड्रिंक से एक घूट लेते हुए बोला
"लड़के लड़के लड़के.. तुझे और कुछ सूझता भी है इन चीज़ों के अलावा? कितने लड़के फसाएगी? 2 बॉय फ्रेंड्स तो तेरे पहले से ही हैं"
"अर्रे मुझे कौन सा सब से शादी करनी है. लड़के पैसों की तरह होते हैं मेडम. जितने ज़्यादा होते हैं, उतनी ही ऐश होती है"
"चल अब फिलॉसोफी झाड़नी बंद कर और जल्दी से ड्रिंक पी. मुझे लेट हो रहा है"
"लेट हो रहा है? हॉस्टिल जा के करना क्या है? सोना है क्या इतनी जल्दी? कितनी बोरिंग है तू. रुक जा थोड़ी और देर. कल वैसे भी छुट्टी है. एंजाय कर ना यार."
दिया और प्रिया की दोस्ती को एक साल हो गया था. दोनो का रूम हॉस्टिल में एक ही था. जब वो पहली बार मिले थे तो दिया को लगा था कि उनकी दोस्ती कभी नही हो सकती. प्रिया एकदम नकचाढ़ि, हाज़िर जवाब और बिंदास लड़की थी. वो अपना सारा समान यहाँ वहाँ फेंक के रखती थी. एक तरह से देखा जाए तो वो दिया के बिल्कुल उलट थी. दिया की आदत थी कि सबसे तहज़ीब से बात करती और अपनी सारी चीज़ें संभाल के रखती. प्रिया इस बात से उसकी बहुत खिल्ली उड़ाती और हर समय उसको बिंदास रहने की सलाह देती. दोनो की दोस्ती हुई थी जब दिया को बुखार चढ़ गया था और प्रिया ने उसकी बहुत अच्छी तरह से देखभाल करी थी. उस दिन के बाद से दोनो दो जिस्म और एक जान बन गये. हर जगह साथ आते-जाते. देखने मैं भी दोनो बहुत सुंदर थी. एक तरफ जहाँ प्रिया हर किसी से फ्लर्ट करती और हर 10-15 दिन में बॉय फ्रेंड बदल देती, वहीं दिया अभी तक 'मिस्टर. राइट' को ढूँढ रही थी. पिछले महीने उसे लगा था कि उसको उसका राजकुमार मिल गया है और वो राज के साथ बहुत घुल मिल गयी थी. लेकिन लड़कों की फ़ितरत से अंजान, वो जान भी ना पाई कि राज उससे सिर्फ़ सेक्स चाहता था. एक बार वो उससे मिल गया, तो वो गधे के सर पे सींग की तरह गायब हो गया. उस हादसे के बाद, यह पहली बार था जब दिया बाहर आई थी.
"क्या सोचने लग गयी दिया?"
"कुछ नहीं यार"
"देख वो सामने से कितने हॅंडसम लड़के आ रहे हैं, चल उनके साथ फ्लर्ट करते हैं. मज़ा आएगा"
"तू कर. मुझे नहीं करना"
"कैसी है यार तू. चल आ जा डॅन्स करते हैं थोड़ा. अब यह मत कहना कि तुझे नहीं करना वरना यह ड्रिंक का ग्लास उठा के तेरे सर पे मारूँगी. अक्कल भी ठिकाने आ जाएगी और दारू भी चख लेगी" प्रिया के बोलने के तरीके से सॉफ लग रहा था कि दारू उसपे असर दिखाना शुरू कर दी है. लेकिन दिया जानती थी कि वो अपने आप को संभाल सकती है क्यूंकी यह उसके लिए नयी बात नही हैं.
"चल चलते हैं" दिया ने प्रिया का हाथ पकड़ा और डॅन्स फ्लोर पर चल दी
डॅन्स फ्लोर एकदम खचाखच भरा था. इंसानो में एक अजीब से बात होती है के जो भीड़ लोकल बस/ट्रेन में उन्हे अजीब सी लगती है, उसी भीड़ में डॅन्सेफ्लॉर पे उन्हे इंटिमेसी लगती है. दोनो बहुत एग्ज़ाइटेड हो कर फ्लोर पे पहुँचे और नाचने लगे. दो खूबसूरत लड़कियों को अकेला नाचते देख, काफ़ी लड़के जल्द ही आस-पास इकट्ठे हो गये और उनके साथ डॅन्स करने लग गये. प्रिया बहुत एग्ज़ाइटेड हो रही थी और रह रह कर किसी किसी से चिपक के डॅन्स कर रही थी. थोड़ी देर बाद दिया थोड़ा थक गयी और जा के बैठ गयी और डॅन्सेफ्लॉर की तरफ देखने लग गयी. प्रिया का जलवा अब ज़ोरों पर था. वो अपनी छाती और नितंब हिला हिला के डॅन्स कर रही थी. कभी किसी से चिपकती तो कभी किसी से. तभी उसने देखा कि प्रिया के आगे और पीछे एक एक लड़का खड़ा हो गया है. आगे वाला लड़का उसे किस करने लगा और पीछे वाला उसके नितंबों पे हाथ फेरने लगा. प्रिया भी बड़े जोश के साथ आगे वाले को किस करने लगी और अपने कूल्हे हिला हिला कर पीछे वाले पे रगड़ने लगी. उसकी उत्तेजना छप्पर फाड़ रही थी.
धीरे धीरे आगे वाले लड़के ने उसका पैर उठाया और उसकी जांघों पे हाथ फेरने लगा. थोड़ी देर ऐसा चलता रहा और फिर पीछे वाले ने उसके कान में कुछ बुद्बुदाया और तीनो एक कोने में बने कमरे में चले गये. दिया को डर लगने लगा कि कुछ अनर्थ ना हो जाए और वो उनके पीछे पीछे हो ली. जब वो वहाँ पहुँची तो अंदर का नज़ारा देख के हैरान रह गयी. दरवाज़ा खुला हुआ था और अंदर काफ़ी लोग संभोग कर रहे थे. प्रिया सोफे पे बैठी हुई थी एक लड़के के साथ. लड़के का हाथ उसकी मिनी स्कर्ट के अंदर था और वो बेतहाशा उसके होठों को चूम रहा था. प्रिया भी आहें भर रही थी. तभी लड़के ने अपना हाथ उसके स्कर्ट में से निकाला. उसकी उंगलियाँ बिल्कुल गीली थी. वो उंगलियाँ उसने प्रिया के होठों पे रख दी और प्रिया उनको चाटने लगी. धीरे धीरे उससने प्रिया का टॉप उतार दिया. प्रिया के निपल्स एकदम टाइट खड़े थे. थोड़ी देर उन्हें निहार के, उस लड़के ने उन्हें चूसना चालू कर दिया. प्रिया के मूह से आहों के सिवा कुछ नहीं निकल रहा था. थोड़ी देर में प्रिया का स्कर्ट भी उतार दिया. अब प्रिया सोफे पे सिर्फ़ अपनी चड्डी में बैठी थी जो कुछ ही पलों में उतर गयी. प्रिया की चूत एकदम गीली थी और उसकी हरकतों से सॉफ लग रहा था के वो उत्तेजना के सातवे आसमान पर है. दिया को पता था कि एक अच्छा दोस्त होने के कारण उसको यह सब रोकना चाहिए, पर वो जानती थी कि प्रिया के लिए यह सब नॉर्मल है और वो उसी पे भड़केगी. इसलिए वो चुप चाप बाहर खड़ी नज़ारा देखती रही.
अब वो लड़का धीरे धीरे प्रिया के टाँगों के बीच घुस गया और उसको चाटने लगा. कभी हॉरिज़ॉंटेली तो कभी वर्टिकली वो अपनी जीभ टेक्सी सी घुमा रहा था और प्रिया के शरीर में अजीब हरकतें हो रही थी. धीरे धीरे उस लड़के ने अपना लंड बाहर निकाला और प्रिया को पूरी तरह से सोफे पे लिटा दिया. फिर उसने अपना लंड उसके होठों के पास रखा और प्रिया ने झट से उसका सुपाडा मूह में ले लिया. धीरे धीरे प्रिया ने उसका पूरा लंड अपने मूह में ले लिया और और वो उसको अंदर बाहर करने लगा. प्रिया एक हाथ से उसके लंड को पकड़े हुए थी और दूसरे से अपनी चूत से खेल रही थी. तभी अंदर बना एक और दरवाज़ा खुला और उसमें से एक लड़का लड़की बाहर निकले. प्रिया को पकड़ के उस लड़के ने झट से उस कमरे में एंट्री ले ली. तब दिया ने देखा कि जो दूसरा लड़का उनके साथ आया था, वो भी पीछे पीछे चल रहा था अपने मोबाइल के साथ. दिया समझ गयी कि वो वीडियो शूटिंग कर रहा है और यह समझते ही उसकी सिट्टी पीटी गुम हो गयी.
वो फटाफट से अंदर घुसी और उस कमरे में दाखिल हुई. प्रिया किसी रंडी की तरह उस लड़के का लंड चूस रही थी और दूसरा लड़का साइड में खड़ा वीडियो निकाल रहा था.
"क्या कर रहे हो तुम. बंद करो यह सब" दिया उस आदमी की तरफ बढ़ी और फोन झपटने की कोशिश करी. पर वो ज़्यादा फुर्तीला निकला और अपना हाथ पीछे कर लिया. दिया अपना बॅलेन्स नही रख पाई और फिसल के उसकी बाहों में चली गयी
"अर्रे वाह. आज तो एक टिकेट पे दो-दो मूवी बनेंगी. आ जा मेरी बुलबुल" कहते हुए उस लड़के ने उसको एक चुम्मि दे दी
"डोर हटो मेरे से. छोड़ो मुझे" दिया ने उसकी ग्रिप से निकलने की कोशिश करी पर निकल ना पाई. उसको एहसास हुआ जैसे उसकी बाह में एक निडिल घुस रही है पर वो उस आदमी की पक्कड़ में इतनी बुरी तरह उलझी हुई थी कि अपना सिर भी नही हिला पा रही थी. . धीरे धीरे उसको अपने अंदर कुछ इंजेक्ट होता महसूस हुआ और वो बेहोश हो गयी.
जब उसे होश आया तो उसने पाया कि वो अपनी कार के पीछे वाली सीट पर लेटी हुई है. उसके कपड़े नदारद थे. और टाँगों के बीच में बहुत दर्द हो रहा था. तभी उसे प्रिया के चीखने की आवाज़ सुनाई दी. वो किसी तरह से कार से बाहर निकली तो उसने देखा कि वोही दोनो लड़के एक साथ मिल के प्रिया को चोद रहे हैं. एक लड़का नीचे लेटा हुआ था और प्रिया उसके उपर थी. दूसरे ने प्रिया को झुका दिया था और उसकी गान्ड मार रहा था. दिया का माथा बहुत घूम रहा था और उसे कुछ ज़्यादा समझ में नही आ रहा था. वोही हाल शायद प्रिया का भी था. तभी एक लड़के की नज़र दिया पर पड़ी और वो प्रिया की गान्ड छोड़ कर दिया की तरफ बढ़ने लगा. वो उसके पास आया और अपने होठों से उसके होठों को दबा दिया. डर के मारे दिया काँपने लग गयी थी. उसको पता चल गया था कि उसका रेप हुआ है और अभी शायद और होगा. तभी उस लड़के ने दिया की एक टाँग उठानी चाही.
"छोड़ दो मुझे प्लीज़" कहते हुए दिया उसके सामने गिडगिडाने लगी
"अभी नही मेरी जान. थोड़ी देर और बस. फिर तुम्हें छोड़ देंगे" कहते हुए उस आदमी ने अपना लंड एक झटके के साथ दिया की चूत के अंदर घुसा दिया.
"अयाया" करके दिया ज़ोर से चिल्लाई और अपने दोनो हाथ उस आदमी की छाती पे मारे. जैसे ही दिया के हाथों ने उस आदमी से कॉंटॅक्ट किया, चिर्र्र की आवाज़ के साथ एक झटका लगा दोनो को और वो आदमी दूर जा गिरा. दिया का दिमाग़ एकदम क्लियर हो गया. उसको ऐसा लगा जैसे किसी ने उसको बिजली का झटका दे दिया हो. अपने साथी की हालत देख दूसरे आदमी ने प्रिया को अपने उपर से उतार फेका और दिया की तरफ बढ़ा
"क्या किया रे तूने उसके साथ?"
"देखो मेरे पास मत आना"
"बहुत दम है तेरे में? मैं भी तो देखूं ज़रा" कहते हुए उस आदमी ने दिया पे झपट्टा मारा. जैसे ही उस ने दिया को छुआ, उसको भी ज़ोर से एक बिजली का झटका लगा और वो भी दूर जा गिरा.
दिया की समझ में कुछ नही आ रहा था. उसने फटाफट कार में से अपने और प्रिया के कपड़े निकाले, खुद पहने और उसको पहनाए और कार लेकर वहाँ से चंपत हो गयी
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