RE: Antarvasna परदेसी
4) तान्या
"1 मिलियन यूएसडी ?? यू मस्ट बी जोकिंग. 10 मिलियन से कम में मैं काम नही करूँगी" तान्या गुस्से में बोली
"10 मिलियन बहुत ज़्यादा है" आदमी बोला
"तो फिर ढूँढ लो किसी को जो तुम्हारा काम 1 मिलियन में करे. मैने पहले ही बोला था, काम तुम्हारा, दाम मेरा. इतना बड़ा काम है, आइ विल नोट कॉंप्रमाइज़ ऑन मनी"
"मुझे सोचना पड़ेगा"
"तो सोच लो. पूरे 5 मिनिट हैं तुम्हारे पास. फिर कभी मुलाक़ात नही होगी" कहते हुए तान्या उठी और बाल्कनी में जा कर सिगरेट पीने लगी.
आदम को सोचने की कोई ज़रूरत नही थी. उसको पता था कि तान्या से अच्छी लड़की नही मिलेगी उसको यह चोरी करने के लिए. ऐसी चोरियाँ करने में वो माहिर थी और जिस चीज़ की चोरी कर रही थी, उसका दाम तो वैसे भी बिलियन्स में था. रह रह के आदम एक ही बात सोच रहा था कि एक ऐसी लड़की कैसे चोरियों में पड़ गयी. उसको देख कर कोई नही कह सकता था कि वो एक चोर है. देखने में वो किसी मॉडेल से कम नही लगती थी. पतली, लंबी, बड़ी बड़ी आँखें, लंबे काले बाल और चाल तो ऐसी के चौराहे पर पूरा ट्रॅफिक रुकवा दे. शायद इस दुनिया की लड़कियों को कोई नही समझ सकता था. जो लड़की आराम से मॉडेलिंग कर के या किसी अमीर आदमी की ट्रोफी वाइफ बन के अपनी सारी उमर गुज़ार सकती थी, वो चोरियाँ कर रही है. लेकिन आदम को अपने काम से मतलब था, लड़की की हिस्टरी-जियोग्रफी से नही. जब तान्या वापस आई तो उसने झट से बोल दिया "ठीक है तान्या. 10 मिलियन इट ईज़. 1 मिलियन अभी और बाकी 9 मिलियन काम होने के बाद"
"मंज़ूर है. कोई धोखाधड़ी करने की कोशिश करी तो याद रखना, पाताल से ढूँढ लाउन्गी और ऐसी हालत करूँगी कि तुम रोज़ दुआ करोगे कि मौत आ जाए, लेकिन मौत भी नखरे दिखाएगी और आएगी नही"
"मेरी ज़बान है तान्या. तुम मेरा काम करो और मैं तुम्हें पैसे दूँगा. चोरों की ईमानदारी पे कभी शक नही करना चाहिए"
"हां हां. फिल्मी बातें बंद करो और बॅंक का ब्लू प्रिंट निकालो. कोई प्लान बनाना पड़ेगा अगर तुम्हारे पास पहले से प्लान नही है तो."
"मेरे पास कोई प्लान नही है. यह रहे ब्लूप्रिंट. अच्छी तरह से देख लो और जैसा तुम्हें ठीक लगे वैसा प्लान बनाओ" कहते हुए आदम ने ब्लू प्रिंट निकाल के टेबल पर रख दिए.
तान्या काफ़ी देर तक उन ब्लूप्रिंट्स को स्टडी करती रही और कुछ सोचती रही. प्लान तो उसने 2 मिनिट में ही बना लिया था, पर जब पार्टी 10 मिलियन दे रही है तो उसको लगना भी चाहिए कि मेहनत बहुत हो रही है. आख़िर तान्या की इमेज का सवाल था.
"आदम हम कल ही चोरी करेंगे" थोड़ी देर में वो बोली.
"कल? पर कल सॅटर्डे है. बहुत भीड़ रहेगी बॅंक में"
"इसी लिए तो कह रही हूँ. अब प्लान सुन और जैसा मैं कहती हूँ वैसे ही करना. नहीं तो हम दोनो की जान ज़ोख़िम में पड़ जाएगी. मैं तो किसी तरह निकल लूँगी. तुम्हारा नहीं कह सकती" और तान्या अपना सारा प्लान उसे बताने लगी.
अगले दिन सुबह तान्या आदमी को बॅंक के बाहर मिली. उसने बुरखा पहन के अपने आप को कवर किया हुआ था.
"आओ, अंदर चलते हैं. भूले तो नहीं ना प्लान? लॉकर नंबर याद है?"
"बिल्कुल याद है. 4 से शुरू होने वाला लॉकर चाहिए"
"गुड. चलो अब अंदर." दोनो हाथ में हाथ डालकर बॅंक में दाखिल हो गये. एंट्रेन्स पे सेक्यूरिटी चेक हुआ, लेकिन उनके पास ऐसा कुछ भी नही था जो पकड़ा जाता. आदम अभी भी सोच रहा था कि पता नही कैसे तान्या वो पेपर्स अंदर से निकलेगी
"आइ वान्ट आ सेफ्टी डेपॉज़िट लॉकर" आदमी ने काउंटर पे जा के कहा.
"सर वी डू नोट गिव लॉकर्स टू पीपल हू डू नोट हॅव आन अकाउंट वित अस"
" मेरा अकाउंट हैं यहाँ पर. आइ आम अन ओल्ड कस्टमर"
"ओह्ह सॉरी सर. फिर आप यह फॉर्म भर दीजिए आंड वी विल डू दा नीडफुल" उसने एक फॉर्म आदमी के आगे कर दिया. कोने में जा कर आदमी वो फॉर्म भरने लग गया. उसने वो सारी जाली डीटेल्स उस में डाल दी जो उसने यहाँ अकाउंट खोलते वक़्त दी थी.
"हियर यू गो मेडम."
"थॅंक यू सर. मैं ज़रा वेरिफाइ कर लूँ, फिर आपको लॉकर दिखा देंगे"
"मेडम एक रिक्वेस्ट है. लॉकर नंबर 4 से शुरू होना चाहिए. दट ईज़ माइ लकी नंबर"
"मैं देखती हूँ कि क्या कर सकती हूँ सर" कहते हुए वो वेरिफिकेशन करने लग गयी आंड 2 मिनिट बाद बोली, "सर हो गया. आपका लॉकर नंबर 4035 है. यह रही चाबी. थे सेक्यूरिटी पर्सन विल गाइड यू देयर."
"मॅम आपके पास 4 से शुरू होने वाला कोई 3 डिजिट्स का लॉकर नही है? आइ आम वेरी सूपरस्टिशस. प्लीज़ हेल्प मी."
"ह्म... ओके .. फिर आपको 454 दे देती हूँ. विल तट बी ऑलराइट?"
"पर्फेक्ट है मेडम. थॅंक्स. प्लीज़ मुझे लॉकर दिखा दीजिए. आओ बेगम. समान रख दो उसमें" कहते हुए उसने फिर से तान्या का हाथ पकड़ा और उसे ले कर लॉकर्स की तरफ चल पड़ा. उसके दिल की धड़कनें बहुत तेज़ हो रही थी. बस यहीं तक का प्लान उसको पता था. उसका काम भी यहीं ख़तम हो रहा था. आगे जो भी करना है, तान्या को ही करना था.
"आइए मॅम, इस तरफ है" सेक्यूरिटी वाला उनके आगे आगे चलने लगा. उसने अंदर जा कर उनको लॉकर दिखाया.
"डार्लिंग, य डोंट यू वाइ आउटसाइड. मैं आती हूँ सब रख कर" तान्या बोली
"ओके. श्योर" आदमी अचरज में पड़ गया. कैसे करेगी वो अब और कहीं उसको धोखा तो नहीं देगी?
"और आप भी यहा खड़े घूरते ही रहेंगे या बाहर जा कर वेट करेंगे?" उसने सेक्यूरिटी गार्ड से पूछा.
"जी मेडम. मैं बाहर वेट करता हूँ." सकपका कर सेक्यूरिटी वाला बोला
अब रूम में तान्या अकेली थी. जो लॉकर से उसको डॉक्युमेंट्स चुराने थे, वो साथ वाले कमरे में था. उस कमरे का दरवाज़ा लोहे के गेट से बंद था जिसपे सेन्सर लगे हुए थे. अगर उसको खोलने की कोशिश करी जाती तो अलार्म बज उठता. चारों ओर कैमरे लगे हुए थे जो हर एक चलकदमी को रेकॉर्ड कर रहे थे. सबसे अच्छी बात यही थी कि एक बार में बस एक ही पर्सन अलोड था लॉकर्स में, तो और कोई नही था आस पास. तान्या ने अपना आल्लोटेड लॉकर खोला और अपने साथ लाया बॅग उसमें रख दिया. अब बारी थी कॅमरा की. नॉर्मल किसी के लिए कॅमरास को काबू करना मुश्किल होता, लेकिन तान्या के लिए नहीं.
उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया और अपनी आखें गढ़ा दी कॅमरा पे. कॅमरा खुद ब खुद डिसकनेक्ट हो गया. फिर तान्या दो कदम पीछे हुई और अपने दिमाग़ में साथ वाले रूम को देखने लगी. उसके और रूम के बीच में सिर्फ़ एक दीवार थी इस साइड पर जो दोनो तरफ से लॉकर्स से घिरी हुई थी. आँखें बंद करके तान्या धीरे धीरे चलना शुरू हुई और धीरे धीरे पहले लॉकर, फिर दीवार और फिर दूसरी तरफ के लॉकर्स के थ्रू हो गयी. उसने काफ़ी पहले अपनी एबिलिटीस को पहचान लिया था और उनको कंट्रोल करना सीख लिया था. अब वो 'उस' लॉकर के पास पहुँची पहले उसने अपने दिमाग़ की शक्ति से उसको खोलने की कोशिश करी पर ताला तोड़ना कॉंप्लिकेटेड था. तो उसनेस्टील के थ्रू हाथ डाल के अंदर का काग़ज़ पक्कड़ लिया. अब वो धीरे धीरे अपना हाथ वापस खीचने लगी. हाथ तो वापस आ रहा था पर पेपर लोहे के थ्रू नही हो पा रहा था. तान्या ने ओर ज़ोर से कॉन्सेंट्रेट किया और उस सेफ्टी बॉक्स में बड़ा सा छेद कर दिया. उसने वो पेपर उस में से निकाला और वापस उस होल को सील कर दिया. इतना करने से वो बहुत थक चुकी थी. उसको पूरा यकीन नही था कि वो वापस दीवार के थ्रू जंप मार पाएगी या नहीं, लेकिन उसको वो तो करना ही था. उसने फिर 2 कदम पीछे लिए और और इस बार जल्दी से जंप मार के पार हो गयी. इतने एक्शेरशन से उसकी हालत खराब हो गयी थी और वो निढाल हो कर ज़मीन पर गिर गयी.
"उठो तान्या, उठो"
उसको होश आया तो देखा कि आदमी और सेक्यूरिटी वाला उसको घूर रहे हैं और वो ज़मीन पर पड़ी हुई है
"क्या हुआ मेडम... आप ठीक तो हैं"
"मुझे चक्कर आ गया था, चलो जल्दी से यहाँ से चलते हैं. मेरी तबीयत ठीक नही है. लॉकर का काम भी हो गया है" उसने किसी तरह से उठते हुए आदमी को बोला. आदमी उसको सहारा दे कर कार की तरफ ले आया
"काम हो गया"
"हां हो गया. मेरी तबीयत सच में खराब है . तुम पैसे लाए हो?"
"हां कार में पड़े हैं"
"गुड. कॅन यू ड्रॉप मी टू एरपोर्ट?"
"यॅ श्योर"
दोनो जा कर कार में बैठ गये. तान्या पीछे लेट गयी और पैसों से भरे बॅग को अपने पास रख लिया. अभी वो थोड़ी ही दूर गये थे के आदम ने कार रोक दी. तभी 2 काली गाड़ियाँ भी आ के आदमी की कार के ऑपोसिट रुक गयी जिनमे से 6 लोग गन्स ले कर निकले. "गेट आउट तान्या"
तान्या उठी और उसके समझ में कुछ नही आया. उसकी एनर्जी अभी तक वापस नही आई थी. उसने बॅग पकड़ा और बाहर निकल गयी
"पेपर्स दो तान्या"
"कौन है यह लोग उसने अपने साथी से पूछा?"
"मेरे साथी हैं. पेपर्स दो, यह 9 मिलियन भी दो और चलती बनो अब, नहीं तो तुम्हें यहीं मार के गाढ देंगे हम. तुम क्या सोचती हो कि मेरे से बारगेन कर लोगि? कभी नहीं. मैने एक मिलियन बोला तो बस एक मिलियन ही, ना कम ना ज़्यादा"
"तुम मुझे डबल क्रॉस कर रहे हो ?" हँसते हुए तान्या ने बोला
"हसो मत और पेपर्स और पैसे इधर दो" कहते हुए आदमी ने हाथ आगे बढ़ाया. लेकिन वो जानता नहीं था कि पंगा किस से ले रहा है. तान्या इतनी आराम से हारने वालों में से नही थी.
तान्या ने अपने हाथ का एक इशारा किया और आदमी के कंधे में ज़ोर से दर्द होना शुरू हो गया."मैने बोला था ना , ऐसी हालत करूँगी, के मौत भी नही मिलेगी तुम्हें"
"शूट हर .. शूट हर.. खड़े हुए क्या देख रहे हो" आदम के ऐसा कहते ही 6 आदमियों ने अपनी बंदूक तान कर तान्या पर गोलियाँ चलाना शुरू कर दिया.
तान्या ने अपनी आँखें बंद कर दी और दोनो हाथ अपनी छाती से सटा लिए. धड़ल्ले से उसपर चलती गोलियाँ, जैसे किसी अदृश्य दीवार से टकराकर रुक रही थी. फिर उसने अपनी आखें खोली जिनमें गुस्सा सॉफ झलक रहा था
"अब जब तुमने इतना देख लिया है तो मैं तुम्हें ज़िंदा नही छोड़ सकती. आइ आम सॉरी" कह कर तान्या ने अपने हाथ धीरे धीरे उपर करने लगी. उसके हाथ उपर करने के साथ ही वो सातों आदमी धीरे धीरे हवा में उठने लगे. फिर हाथ के एक इशारे से उसने उन सातों को खीच के कारो पे मार दिया. वो सभी निढाल हो कर वहीं पस्त हो गये. फिर तान्या धीरे धीरे मेन रोड की तरफ चलती गयी. अभी वो 5 मिनिट दूर ही गयी थी कि उसको एक टॅक्सी मिल गयी. वो उसमें बैठी और एरपोर्ट के लिए रवाना हो गयी. टॅक्सी में बैठ कर जब वो थोड़ा दूर पहुँचे, तब उसने अपनी दिमागी शक्ति से उन तीनो गाड़ियों में आग लगा दी. वो आज तक इसी लिए बची हुई थी क्यूंकी उसको कोई अच्छी तरह से नही जानता था. एरपोर्ट तक जाते हुए वो सोचने लगी कि अपने 10 मिलियन कैसे खर्च करेगी और जो डॉक्युमेंट्स उसने चुराए हैं, वो किसको बेचेगी
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