RE: Antarvasna परदेसी
तान्या ने रोहित को घर में ले जा कर सीधा बाथ टब में बैठा दिया और उसका घाव धोने लगी. रोहित बेहोश ही था. शायद खून ज़्यादा बह जाने के कारण. तान्या ने आंटिसेपटिक ढूँढा और रोहित के घाव को सॉफ करने लगी और उसके बाद अच्छी तरह से पट्टी कर दी. अब रोहित बीच बीच में कुछ बोल रहा था लेकिन तान्या के समझ में नही आ रहा था कि वो बोल क्या रहा है. रोहित का जिस्म बुखार से तप रहा था. तान्या ने उसको एक पेरासीटामोल और एक पेन किल्लर भी दे दी और उसको बिस्तर पे लेटा दिया. तान्या को टेन्षन हो रही थी कि कहीं रोहित को कुछ हो ना जाए. वैसे तो रोहित से उसका कोई लेना देना नहीं था पर अगर उसको कुछ हो जाता है तो वो उम्र भर अपने आप को माफ़ नही कर पाएगी कि एक आदमी उसको बचाते हुए मारा गया. अगर वो पहले ही अपनी पवर से उस गुंडे को रोक लेती तो शायद रोहित नीचे ना कूद ता और अभी तक ठीक होता.
"पानी.. पानी" रोहित ने बुदबुडाया. तान्या झट से उसके लिए पानी ले आई और थोड़ा थोड़ा कर के उसको पिलाने लगी. थोड़ा सा पानी पी के रोहित फिर बेहोश हो गया. तान्या भी बिस्तर पर उसके पास ही लेट गयी और उसे कब नींद आ गयी, उसे पता ही नही चला. थोड़ी देर में उसकी नींद फोन की घंटी से टूटी. रोहित का फोन बज रहा था. उसने फोन निकाला तो देखा बिट्टू का कॉल है. वो सोचने लगी कि फोन उठाया जाए या नहीं कि तभी फोन कट गया. एक पल बाद वापस फोन बजने लग गया बिट्टू के कॉल से. तान्या को लगा कि बिट्टू आराम से नही मानेगा इसलिए उसने फोन उठा ही लिया.
"अबे कहाँ है साले... मुझे वहाँ छोड़ कर खुद रफूचक्कर हो गया... अब दरवाज़ा नही खोल रहा"
"हेलो"
सामने से लड़की की आवाज़ सुनकर बिट्टू चौंक गया. "हाई. मैं बिट्टू बोल रहा हूँ. आप कौन" उसको लगा कि रॉंग नंबर है, पर जब लड़की सामने हो तो फोन क्यूँ रखा जाए.
"रॉंग नंबर" तान्या बोली
"अच्छा ठीक है रॉंग नंबर है तो.. पैसा तो मेरा कट रहा है.. तुम अपना नाम तो बताओ"
"किससे बात करनी है तुम्हें?"
"मेडम अब नंबर आपका लगा है तो आप ही बात कर लो... "
"इतनी रात में तुम्हें कोई काम नही है?"
"काम तो तुम्हें भी नही लग रहा... ऐसे ही टाइम पास कर रही हो.. नाम बता देती तो ठीक होता"
"शट अप." कहके तान्या ने फोन काट दिया.
"यह कैसा नाम है... हेल्लू.. हेलो.... अबे फोन मत काटो यार... " जब सामने से फोन कट गया तो बिट्टू थोड़ा उदास सा हो गया... उसके साथ ही ऐसा क्यूँ होता है... क्या जा रहा था उस लड़की का थोड़ी देर बात करने में.... उसको लगा कि रोहित शायद सो रहा होगा, इसलिए वो भी अपने कमरे में जा कर सो गया.
सुबह जब बिट्टू उठा तो फिर लेट था. गनीमत थी कि वो रात को कपड़े बदले बिना सो गया था... तो वो फटाफट से टाय्लेट गया और मूह धो के, बॅग कंधे पे टाँग कर निकल पड़ा. बदक़िस्मती से जब वो कॉलेज पहुँचा तो क्लास स्टार्ट हो चुकी थी.
"एक्सक्यूस मी मॅम.. मे आइ एंटर?"
"नो यू मे नोट. रोज़ रोज़ लेट आने की आदत है क्या?"
"मॅम वो लूस मोशन लग गये हैं यहाँ के खाने से, इसलिए लेट हो गया" बिट्टू ने झूट बोला और सारी क्लास हंस पड़ी.
"शट अप. तुम्हें सिर्फ़ बहाने बनाना आता है... तुम मेरी क्लास में लेट नहीं घुस सकते. स्टे आउट"
"अर्रे मेडम थोड़ी तो दया करो. टाइम डिफरेन्स देखो इंडिया और कॅनडा का... इतनी जल्दी कैसे कोई आदमी अड्जस्ट हो सकता है?"
"बाकी लोग भी तो हैं... उन्हें तो कोई प्राब्लम नही हुई..."
"मेडम आज के लिए माफ़ कर दो प्ल्ज़"
"नो... स्टे आउट"
"मेडम प्ल्ज़"
"मेरी बात ध्यान से सुनो. इस लेक्चर में या तुम रहोगे, या मैं... जल्दी डिसाइड करो.."
"मेडम एक आइडिया है... आप स्लाइड्स को ऑटो टाइमर पे लगा दो.. मैं बैठ जाता हूँ, आप बाहर से लेक्चर देते रहना" जब बिट्टू ने देखा कि टीचर की आँखें गुस्से में लाल हो रही हैं तो "सॉरी आइ वाज़ जोकिंग.. जा रहा हूँ मैं" कह के वो निकल गया. उसने सोचा कि कॅंटीन में बैठ कर थोड़ा नाश्ता कर लेगा अगली क्लास तक.. वो कॅंटीन जा ही रहा था कि उसको सामने से दिया आती हुई दिखाई दी."हाई दिया क्या हाल चाल है... लेट हो गयी क्या?"
"नहीं.. मेरी क्लास शुरू होने में 10 मिनिट हैं.. क्लास के बाद मिलते हैं"
"आओ कॅंटीन चलते हैं." उसने दिया का हाथ पकड़ के कहा
"बिट्टू मेरी क्लास है. हाथ छोड़ो मेरा.. मुझे जाना है.. तुम क्लास में क्यूँ नही हो"
"अर्रे क्या रखा है ऐसी क्लास में.. उल्टा सीधा पढ़ा रही थी टीचर, उठ के बाहर आ गया मैं"
"मतलब तुम्हें बाहर निकाल दिया गया क्लास से"
"तुम्हारी कसम.. मुझे बाहर नही निकाला क्लास से"
"फिर तुम यहाँ क्या कर रहे हो.."
"मुझे क्लास में घुसने ही नही दिया.. आक्च्युयली टीचर मेरी नालेज से जलती है.. चलो ना कॅंटीन प्ल्ज़... थोड़ा साथ में रहेंगे... पढ़ाइयाँ तो होती रहेंगी" बिट्टू ने दिया को खीचते हुए बोला
"बिट्टू मैं क्लास मिस नही करूँगी. आइ म लीविंग."
"तुम्हारी क्लास 10 मिनिट पहले शुरू हो चुकी है.. मैने ही तुम्हारी फ्रेंड को कल बोला था तुम्हें ग़लत टाइम मेसेज करने को" बिट्टू ने अंधेरे में तीर छोड़ा
"व्हाट!!! तुम ऐसा कैसे कर सकते हो... कितनी इंपॉर्टेंट क्लास है पता है तुम्हें?"
"ना मुझे तो कुछ नही पता... मैं तो एक गवार आदमी हूँ जो अभी क्लास में ही बैठा है... रोने से कोई फ़ायदा नहीं. चलो कॅंटीन". दिया ने बिट्टू की बात का विश्वास कर लिया और दोनो गप्पे मारते हुए कॅंटीन की ओर चल दिए
"बिट्टू... बिट्टू को बुलाओ...." रोहित ने बदहवासी में बोला..
"क्या रोहित.. क्या हुआ..." तान्या की नींद टूटी और वो झट से रोहित के पास हो ली... उसने चेक किया तो रोहित का माथा एकदम गरम था. शायद दवाई ने असर नही किया था
"बिट्टू को यहाँ बुलाओ..."
"अर्रे क्या करेगा वो यहाँ आ कर.. और दिमाग़ खाएगा तुम्हारा. आइ विल मेक श्योर दट यू आर अलराइट" तान्या ने कहा
"बिट्टू को बुलाओ..." रोहित ने एक बार और बोला और बेहोश हो गया. तान्या सोचती रही कि क्या उसे बिट्टू को फोन करके बुलाना चाहिए या खुद ही रोहित की देखभाल करनी चाहिए. अंत में उसने डिसाइड किया कि बिट्टू को बुला ही लेना चाहिए. वो इन्सिडेंट में इन्वॉल्व्ड नही था और शायद आराम से रोहित को हॉस्पिटल ले जाए. यह सोचते ही उसने रोहित का फोन उठाया और बिट्टू को मिला दिया
"हां तो उस दिन रात को हॅपी ने ट्रॅक्टर चुरा लिया..." बिट्टू ने सॅंडविच का एक बड़ा बाइट लिया और दिया को किस्सा सुनाने लगा...तभी उसके फोन की घंटी बज गयी..."हां रोहित"
"दिस ईज़ तान्या.."
"ओह्ह.. कल रात को तुमने फोन उठाया था जब मैने कॉल किया था... तुम और रोहित...."
"रोहित का आक्सिडेंट हो गया है... यह अड्रेस लिखो और जल्दी से यहाँ पर पहुँच जाओ..."
"व्हाट... जल्दी दो अड्रेस. " बिट्टू जल्दी जल्दी अपनी कॉपी में अड्रेस नोट करने लगा और फोन रख दिया. "सॉरी दिया.. मुझे जाना पड़ेगा." उसने दिया को कारण बताना मुनासिब नही समझा.
"व्हाट डू यू मीन जाना पड़ेगा... तुमने मेरी क्लास मिस करवाई और अब तुम मुझे छोड़ के जा रहे हो??"
"मैने झूठ बोला था ऑलराइट... तुम्हारी क्लास शुरू होने में अभी भी 1 मिनिट रहता है... अगर तुम भाग के जाओगी तो पहुँच जाओगी.. मुझे अर्जेंट काम आ गया है... आइ हॅव टू रश..."
"व्हाट अन आस यू आर" दिया ने कहा और अपनी बुक्स उठा के क्लासरूम की तरफ भागी... बिट्टू भी भागते हुए मेन रोड तक पहुँचा और एक टॅक्सी ले कर, तान्या के बताए अड्रेस की तरफ रवाना हो गया
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