RE: XXX Hindi Kahani किस्मत का फेर
झड़ने के बाद निढाल होकर वो आँचल के बदन पर लेट गया । आँचल अपनी जबरदस्त चुदाई से थककर गहरी गहरी सांसे ले रही थी । वो थकान से चूर हो चुकी थी । ऐसा जबरदस्त सेक्स उसके साथ पहले कभी किसी ने नहीं किया था । उसको इतनी कामतृप्ति पहली बार मिली थी ।
थोड़ी देर बाद अजनबी उठा और अपने कपडे ढूंढकर पहनने लगा ।
“थैंक्स " आँचल ने धीरे से कहा , वो मुस्कुराया और कमरे से बाहर चला गया ।
थकान से आँचल ने अपनी आँखें बंद कर ली और बेड पर लेटी रही । आँचल का हिलने का मन ही नहीं हो रहा था , उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था । उसके बदन से पसीने और चूतरस की मिली जुली गंध आ रही थी । लेकिन वो ज्यादा देर वहां नहीं रुकना चाहती थी क्योंकि किसी भी समय रिया वहां आ सकती थी । वो नहीं चाहती थी कि रिया उसको ऐसी हालत में देखे और परेशान हो ।
पूरी जान लगाकर वो बेड से उठी और अपने कपडे ढूंढने लगी । उसको अपनी ब्रा और ड्रेस , बेड के पास ही पड़े मिल गए पर पैंटी नहीं मिली । ब्रा और ड्रेस पहनकर उसने अँधेरे में ही हाथों से फर्श पर टटोला और थोड़ा आगे उसे अपनी पैंटी भी पड़ी मिल गयी जिसे अजनबी ने उतारकर फ़ेंक दिया था । अपनी बुरी तरह से थक चुकी टांगों पर उसने पैंटी ऊपर खींची और बिना लाइट ऑन किये हुए ही लड़खड़ाते पैरों से उस अँधेरे कमरे से बाहर आ गयी।
कमरे से थोड़ी दूरी पर रिया एक लड़के से बातों में मशगूल थी ।
आँचल ने रिया की तरफ देखा और एक कमज़ोर मुस्कराहट उसके थके हुए चेहरे पर आयी ।
रिया उसकी तरफ देखकर मुस्कुरायी “ अरे मेरी प्यारी छिनाल , मैं तो इंतज़ार करते करते थक गयी ।
मैंने तो सोचा तुम उसको छोड़नेवाली ही नहीं हो रात भर ।”
आँचल हंसी और उस लड़के की तरफ देखकर रिया से आँखों ही आँखों में पूछा ।
“ अरे ये मेरा दोस्त है अब मज़ा करने की मेरी बारी है " और जोर से हँसते हुए रिया उस लड़के को कमरे में धकेलने लगी ,
फिर आँचल को आँख मारते हुए बोली “ तुम मेरा इंतज़ार मत करना , मुझे थोड़ा समय लगेगा यहाँ ।"
सीढ़ियों से नीचे उतरते समय आँचल सोच रही थी कि क्या कभी फिर से उस अजनबी से उसका सामना होगा
और अगर ऐसा हुआ भी तो क्या वो फिर से उसके साथ सेक्स करना चाहेगी ?
उधर समीर अनजान लड़की के साथ अच्छी चुदाई से खुश होकर बियर पीने के लिए रुक जाता है
और फिर घर की तरफ जाने के लिए निकल पड़ता है ।
वहीँ गेट पर उसको आँचल दिखाई दे जाती है , उसको पता नहीं था कि आँचल भी पार्टी में आयी है ।
" आँचल " उसने पीछे से आवाज़ दी ।
आँचल चौंककर पीछे मुड़ी और अपने छोटे भाई समीर को वहां खड़े देखकर हैरान हो गयी ।
समीर और आँचल की उम्र में सिर्फ डेढ़ साल का अंतर था , इसलिए समीर उसको दीदी न कहकर आँचल ही कहता था ।
वैसे भी लम्बा चौड़ा गठीला जिस्म होने से समीर उससे बड़ा लगता था ।
दोनों भाई बहन किराये के फ्लैट में रहते थे । समीर को आँचल के पास आये हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था ।
आँचल ने अभी अपने फ्रेंड्स को समीर से नहीं मिलवाया था , इसलिए इस शहर में उन्हें भाई बहन के रूप में कोई नहीं जानता था ।
अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद आँचल ने अपने दूसरे फ्रेंड्स से भी मिलना जुलना कम कर दिया था और ज्यादातर वक़्त
वो अपने कमरे में ही गुजारती थी । समीर के आ जाने से उसका अकेलापन भी थोड़ा कम हो गया था ।
पार्टी में आने से पहले जब समीर घर गया था तो वहां उसको आँचल नहीं मिली थी ।
लेकिन आँचल का लिखा हुआ एक नोट मिला था । जिसमें उसने लिखा था कि वो आज देर से घर आएगी इसलिए समीर डिनर पर
उसका इंतज़ार न करे । आँचल को मालूम नहीं था कि किसी ने समीर को भी उसी पार्टी में invite किया है । समीर भी बाद में उसी पार्टी में चला आया ।
“अरे समीर तुम ! तुम यहाँ !!! ” आँचल को मालूम था कि समीर को यहाँ ज्यादा लोग नहीं जानते तो फिर वो पार्टी में कैसे आया ?
उसे किसने बुलाया ? ऐसे ही सवाल उसके मन में आये ।
“अरे मुझे एक दोस्त ने invite किया था यहाँ , पर वो मुझे कहीं दिखा ही नहीं ” उसने अपनी थकी हुई सी लग रही बहन की तरफ देखकर कहा ।
“मैं अपनी दोस्त की गाड़ी में आयी थी , लेकिन वो अभी नहीं आ रही है । मैं घर जा रही हूँ , तुम लो पार्टी के मज़े । "
“ बहुत हो गयी पार्टी , अब मैं भी घर ही जा रहा हूँ ” समीर बोला और उसके चेहरे की तरफ ध्यान से देखने लगा ।
आँचल ने उसको घूरते हुए पाया तो भौंहें चढ़ाते हुए बोली “क्या हुआ ? क्या देख रहे हो ? ”
“ कुछ नहीं “ समीर मुस्कुराया और कार पार्किंग की तरफ बढ़ गया ।
“तो तुमने पार्टी का मज़ा लिया ? ” कार में बैठकर आँचल बोली ।
“हाँ मज़ा तो आया मुझे पार्टी में , और तुम्हें ?” गाड़ी स्टार्ट करते हुए समीर बोला ।
“ मुझे भी ” आँचल बोली और फिर मुस्कुराते हुए उन मादक पलों की याद में खो गयी ।
लम्बे समय बाद अपनी बहन को खुश देखकर समीर भी मन ही मन खुश हुआ , उसने महसूस किया था कि ब्रेकअप के बाद से आँचल थोड़ा उदास रहती थी । पर वो उसकी उदासी दूर करने के लिए कुछ नहीं कर सकता था , क्योंकि वो उसका भाई था , उसके बॉयफ्रेंड की जगह वो कैसे भर सकता था ।
“हाँ , तुम्हारा चेहरा बता रहा है । किसी लड़के के साथ थीं ना तुम ?”
समीर मुस्कुराते हुए आँचल की तरफ देखकर बोला ।
आँचल कुछ नहीं बोली और सामने की तरफ देखते रहकर सिर्फ मंद मंद मुस्कुरा दी ।
“ लाओ मैं तुम्हारा चेहरा साफ़ कर दूँ “ समीर एक टिश्यू पेपर निकालकर आँचल की ओर झुककर उसके चेहरे के एक कोने पर लगा हुआ
सफ़ेद चिपचिपा सा कुछ , पोंछ देता है ।
आँचल भौंचक्की सी , कभी समीर के हाथ को , कभी टिश्यू पेपर को देखती रह गयी ।
“ shit …” आँचल ने धीरे से कहा ।
अजनबी ने उसके मुंह में अपना वीर्य भर दिया था । जो मुंह से बाहर निकलकर उसके चेहरे पर इधर उधर लग गया था ।
मुंह साफ़ करने के बावजूद शायद कहीं पर थोड़ा सा चिपका रह गया था ।
आँचल बुरी तरह झेंप गयी । उसने समीर की तरफ से नज़रें मोड़ ली और कार से बाहर की तरफ देखने लगी ।
हालाँकि दोनों ही बहुत आधुनिक ओर खुले विचारों के थे और हम उम्र होने की वजह से दोनों की आपस में बहुत पटती थी ।
दोनों के अपने अपने बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड रह चुके थे । दोनों की अपनी अपनी सेक्स लाइफ थी औऱ दोनों एक दूसरे की प्राइवेसी की रेस्पेक्ट करते थे ….लेकिन फिर भी....... ये वाक़्या तो आँचल को शर्मिंदा कर गया ।
घर पहुँचने तक दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला ।
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