RE: College Girl Sex Kahani कुँवारियों का शिकार
कुँवारियों का शिकार--26
गतान्क से आगे..............
मैं मरियम की डीटेल्स अपने पीसी पर देख ही रहा था के वो आ गयी और बोली के मे आइ कम इन सर. मैने कहा के हां मरियम आओ और उसको हाथ के इशारे से टेबल की साइड में मेरे पास आने को कहा. मरियम एक 5’, 30-25-32 नाप की गुड़िया जैसी लड़की थी, बहुत ही नाज़ुक सी नीली आँखों वाली गुड़िया. गोरा रंग ऐसा के हाथ लगे मैला हो जाए. मैने नोट किया था के वो बहुत शर्मीली लड़की थी. मैने उसकी ओर देखा और पूछा के मरियम अब तुम छ्होटी बच्ची नही हो तो क्या हम दोस्त की तरह बात कर सकते हैं? और मैने अपना हाथ उसकी ओर बढ़ा दिया. उसने मुझसे हाथ मिलाया और बोली जी हां कर सकते हैं. मैने कहा के मुझे तुम्हारी पढ़ाई की बहुत फिकर हो रही है क्योंकि तुम्हारे नंबर बढ़ने की बजाए कम होते जा रहे हैं जो की ठीक नही है. तुम मुझे बताओ के इसकी वजह क्या है अगर तुम कुच्छ जानती हो तो. जी मैं तनवी मॅम को बता दी हूँ के मेरा दिल और दिमाग़ दोनो पढ़ाई में नही लग रहे, कुच्छ भी याद नही होता है और इसीलिए मेरे मार्क्स कम आ रहे हैं वो बोली.
मैने पूछा के इसकी वजह क्या है यह भी तो बताओ. वो शरम से लाल हो गयी और बोली के जी मैं कुच्छ भी नही बता सकती हूँ मुझे बहुत शरम लगती है. मैने खड़े होकर उसको अपने पास आने को कहा और उसके पास आने पर उसकी पीठ पर हाथ रख कर सहलाया और उसको बहुत प्यार से कहा के शरमाने से तो काम नही चलेगा मुझे दोस्त माना है तो सॉफ सॉफ बताओ और बिल्कुल भी डरो नही और शरमाओ नही. मेरे छूने पर वो काँप गयी और बोली जी मैने प्रिया और नेहा की पूरी बातें नही सुनी हैं पर जितना मैं सुन पाई हूँ उस से मैं जान गयी हूँ के वो दोनो…… चुद चुकी हैं मैने उसकी बात पूरी की. मरियम ने शरम के मारे अपनी आँखें बंद कर ली और मुझसे लिपट कर मेरी छाती में मुँह छुपा कर बोली जी मेरी फॅमिली एक बहुत ही ओर्थोडोक्ष कन्सर्वेटिव फॅमिली है और मुझे बहुत शरम लगती है सॉफ लफ़्ज़ों में कहने में. मैने कहा के देखो हम दोस्त हैं और दोस्ती में कोई शरम, थॅंक यू या सॉरी नही चलता है. सॉफ सॉफ नही बोलॉगी तो मैं अपनी दोस्त की मदद कैसे कर सकूँगा. वो कांप गयी और बोली के मैं भी वो सब करना चाहती हूँ. मैने कहा के ठीक है अगर वो चाहती है तो उसको भी चोद कर मज़ा देंगे पर एक प्रॉमिस करना होगा. उसने पूछा के क्या? मैने कहा के उसके बाद उसे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना होगा और अगर उसने इंप्रूव्मेंट नही दिखाई तो आगे से मैं उसकी कोई मदद नही करूँगा. जी प्रिया और नेहा भी तो नॉर्मल हो गयी हैं तो मैं भी नॉर्मल हो जाउन्गि इसके बाद. मैने कहा के देखो तुम साफ़ बोलना शुरू कर दो नही तो मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकूँगा. वो बोली के आदत नही है साफ बोलने की धीरे धीरे सीख लूँगी.
मैने उसको टटोलने के लिए कहा के तुम इतनी नाज़ुक और छ्होटी हो मुझे नही लगता के तुम पहली चुदाई का दर्द बर्दाश्त कर सकोगी. वो बोली के मैं छ्होटी नही हूँ लगती हूँ. कैसे, मैने पूछा तो वो थोड़ा सा रुकी और पीछे होकर अपनी शर्ट के बटन खोलने लगी और फिर उसने दोनो पल्ले हटाकर मुझे अपनी चूचियाँ दिखाईं और बोली देखो मेरी चूचियाँ भी हैं क्या अभी भी मैं तुम्हें छ्होटी लगती हूँ? उसकी चुचियाँ छ्होटी ही थीं एक बड़े से नींबू जितनी और उंनपर जड़े हुए हीरे के जैसे उसके गुलाबी निपल्स अनार के बड़े से दाने की तरह चमक रहे थे. मैने हाथ बढ़कर एक को पकड़ा और दूसरे हाथ से मरियम को घुमा के उसकी पीठ अपनी तरफ कर ली. मेरा हाथ उसकी चूची पर काँप रहा था जैसे दबाने पर वो नाज़ुक सी चीज़ टूट ना जाए. मरियम मेरे हाथ के एहसास से काँप रही थी और उसके होंठ भी लराज़ रहे थे. मैने उसकेकाँपते होंठों पर अपने होंठ चिपका दिए और चूसने लगा. वो तेज़ी से कांप उठी और तड़प कर मुझसे लिपट गयी और मुझे अपनी बाहों में कस कर बोली के प्लीज़ मुझे तद्पओ मत और कुच्छ करो. मैने उसको अपने साथ चिपका लिया और उसको पूछा के क्या वो आज स्कूल के बाद रुक सकती है? उसने कहा के रुक तो सकती हूँ पर क्या बहाना करूँगी? तो मैने कहा के तुम्हारे घर फोन करवा देता हूँ तनवी से के तुमको वो स्पेशल क्लास दे रही है क्योंकि तुम दो सब्जेक्ट में बहुत कमज़ोर हो. वो बोली के ठीक है. मैने उसको कहा के अपने कपड़े ठीक करके क्लास में जाए और छुट्टी के बाद तनवी मॅम के पास आ जाए वो उसको बता देगी के क्या करना है. मरियम ने शर्ट के बटन लगाए और शर्ट ठीक करके बोली के मैं आ जाउन्गि और बाहर चली गयी. मैने तनवी को बुलाया और कहा के मारीयम के घर फोन कर्दे और केहदे के पढ़ाई के बाद वो खुद उसको घर छ्चोड़ देगी कोई फिकर ना करें. फोन उसकी बड़ी बहन ने उठाया और तनवी की बात सुन कर बोली के ठीक है पर लड़की का ख़याल रखें और हिफ़ाज़त से घर भिजवा दें. तनवी ने तसल्ली दी और कहा के वो खुद उसको शाम तक घर पहुँचा देगी और फोनकाट दिया.
छुट्टी के बाद तनवी अपने साथ मरियम को लेकर चली गयी और मैं भी घर आ गया. जल्दी से खाना खा कर नौकरों को छुट्टी दी और तनवी को फोन करके कहा के 1स्ट्रीट फ्लोर पर आ जाए मरियम को लेकर. 1स्ट्रीट फ्लोर पर घर का सबसे बड़ा बेडरूम था. मैं ऊपेर पहुँचा और तनवी के साथ मरियम नीचे आ गयी. मैने दरवाज़ा खोल कर उनको अंदर किया और लॉक करके बेडरूम में ले आया. मेरे इशारे पर तनवी ने और मैने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और नंगे हो गये. मरियम हैरान होकर कभी मुझे और कभी तनवी को देख रही थी तो मैने उसको कहा मरियम घबराओ नही तनवी के साथ होने से तुम्हें आसानी होगी वरना पहली चुदाई का दर्द तुम से नही पओगि. यह तुम्हें संभाल लेगी. मरियम को थोड़ी तसल्ली हुई और उसने भी अपने कपड़े उतार दिए. फिर तनवी ने सारे कपड़े ठीक से फोल्ड करके रख दिए और मरियम काहाथ पकड़ कर मेरे पास ले आई. मैने मरियम को अपने साथ चिपका लिया और उसकी पीठ सहलाते हुए उसको कहा के सोच लो अभी भी वक़्त है अगर तुम चाहो तो अभी भी तनवी तुम्हें घर छ्चोड़ आएगी. मरियम ने कहा के नही मैने बहुत सोच समझ कर यह फ़ैसला किया है और मैं आज ज़रूर चुदवाना चाहती हूँ. मैं उसको अपने साथ चिपकाए हुए ही बेड पर बैठ गया और उसको अपनी टाँगों के बीच खड़ा कर लिया. मरियम मेरे लंड को देख कर बोली के तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है यह मेरी छ्होटी सी चूत में कैसे जाएगा. मैं मुस्कुरा दिया और उसको बोला के हरेक चूत जादू की डिबिया होती है. लंड कितना भी मोटा हो वो फैल कर अपने अंदर ले लेती है. मेरा लंड तो कोई खास मोटा नही है. हां पहली बार जब यह तुम्हारी चूत में घुसेगा तब तुम्हें दर्द होगा और वो तुमको सहना पड़ेगा अगर चुदवाना चाहती हो तो. वो बोली के दर्द तो मैं सह लूँगी पर मज़ा भी आएगा ना.
मैने हंसकर कहा के मज़ा तो बहुत आएगा और इतना आएगा के तुम सोच भी नही सकती. वो बोली के फिर देर ना करो जल्दी से मुझे चोद डालो मैं और इंतेज़ार नही कर सकती. मैने कहा के थोड़ा सबर करो ऐसे ही नही चोदा जाता पहले चूत को तैयार करना पड़ता है और जब चूत लंड लेने के लिए तैयार हो जाती है तभी चोदा जा सकता है. और यह पहली ही नही हर बार की चुदाई के लिए ज़रूरी है. फिर मैने उसको कहा के अब तुम बोलो नही और मैं और तनवी जो करते हैं करने दो. और तुम भी अपने हाथों और मुँह का इस्तेमाल करती रहना.
मैने बहुत प्यार से उसस्के पूरे शरीर को सहलाना शुरू कर दिया. वो थी ही इस काबिल. बिल्कुल नाज़ुक सी गुड़िया जैसी के कहीं ज़ोर से झटका भी लग गया तो टूट ना जाए. मैं सोच रहा था के इस गुड़िया का क्या होगा जब लंड इसकी चूत में घुसेगा इसकी चूत को फाड़ कर. फिर मैने यही तय किया के लंड इसको अत्यधिक उत्तेजित अवस्था में पहुँचाकर ही इसकी चूत में डालूँगा ताकि दर्द इसको कम से कम महसूस हो. दर्द का पहला झटका ही होता है जो असहनीया होता है उसके बाद तो दर्द कम होता जाता है. मैने उसकी छ्होटी सी चूची को अपने मुँह में भर लिया और उसको चाटने लगा. उधर तनवी भी पीछे रहने वाली नही थी उसने भी एक चूची पर अपना मुँह रख दिया और चूसने लगी. हमारे हाथ उसके शरीर का जायज़ा ले रहे थे कभी उसकी जांघों के निचले हिस्से पर तो कभी उसकी चिकनी गोल गांद पर फिसल के उसके पेट पर आ जाते और कभी उसकी चूत की परीकार्मा करते पर उसकी चूत को नही छ्छू रहे थे. फिर मैने तनवी से कहा के वो मरियम के ऊपेर के हिस्से को प्यार करे और मैं उसके निचले हिस्से की खबर लेता हूँ. तनवी मुस्कुरा कर बोली के हां यह ठीक रहेगा.
मैं उठकर मरियम के नीचे की ओर आया और उसकी टाँगें सहलाते हुए घुटनों से मोदकर अपने कंधों पर रख ली और दोनो हाथों को उसकी जांघों पर प्यार से फेरने लगा. अपना मुँह मैने उसकी बिना बालों की चूत पर रख दिया और उसकी चूत की दरार पर अपनी जीभ चलाने लगा. मरियम की उत्तेजना क्षण प्रतिक्षण बढ़ती जा रही थी और अब वो बबाड़ाने लगी आआआआआााआअ, हााआआ, ऊऊऊऊओहूऊऊओ, हााआआइईईई, सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सिईईईईईईईईईईईईईईईईईई, उूुुुउउन्ह, हूऊऊऊऊऊऊं, ईईईई क्य्ाआआआअ हूऊऊऊऊ रहाआआआआ हाआआआआई मुऊऊुुुुउुझीईईई, आआआआाआग लगिइिईईईईईईईईईईईईईईई हाआआआआई मेरिइईईईईईईईई चूऊऊऊऊऊथ मीईईईईईईईन. मज़ाआआआआअ भीईीईईईईईईईईईईई बहुउऊुुुुुुुुउउट आआआआअ रहाआआआआ हाआआआ बीई चााआआऐयणिईीईईईईईईईईईईईई भीईीईईईईईईईईईईईई हूऊऊऊऊ रहियीईईईईईईईईईईईईई हाआआआआआआआ. जल्दीीईईईईईईईईईईईईईई कुउुुुुुुउऊच्च करूऊऊऊऊ. मैने उसकी चूत की दोनो फाँकें अपनी उंगलियों की मदद से फैला दीं. उसकी गुलाब की पट्टियों जैसी दोनो पुट्तियाँ फड़फदा रही थीं और उसका चने के आकार का दाना उभर कर स्पष्ट नज़र आ रहा था. मैने उसपर अपनी जीब रखी तो मारयम उच्छलने को हुई पर मेरी और तनवी की मिलीजुली पकड़ के कारण वो ज़्यादा नही उच्छल सकी. फिर मैं अपनी जीभ से उसकी दोनो पुट्तियों को चाटने लगा. वो सीत्कार कर उठी. मरियम की उत्तेजना को देखते हुए मैने तेज़ी से एक टवल उठाकर उसकी छ्होटी सी गांद के नीचे रखा और लूब्रिकेटिंग जेल्ली की शीशी उठाकर अपनी उंगली से उसकी चूत के छल्ले पर लगाई और अपनी उंगली से उसके छल्ले को फैलाने लगा. मुझे दिख रहा था के उसकी चूत का छल्ला ना फैलाया गया तो मेरे लंड को छ्चील देगा. छल्ले पर मेरी उंगली को भी वो नही सह पा रही थी और उसकी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी.
मैने मरियम की छोटी सी चूत में ढेर सारी जेल्ली लगा दी और अपने लंड पर भी अच्छी तरह से जेल्ली रगद्कर उसको चिकना कर दिया. फिर मैने तनवी से कहा के मरियम को संभाले क्योंकि मैं उसकी चूत में लंड घुसाने जा रहा हूँ. तनवी ने कहा के तुम डालो मैं देख रही हूँ. मैने अपना लंड मरियम की चूत के छल्ले से भिड़ा दिया और दबाव डालने लगा. थोड़ा सा दबाव बढ़ने पर मेरे लंड का टोपा मरियम की चूत में घुस गया और वो तड़प गयी. मैने उसको पूछा के दर्द हुआ क्या? थोड़ा सा, उसने कहा. मैने कहा के कोई बात नही अब थोड़ा ज़्यादा होगा जब तुम्हारी कुमारी झिल्ली फाड़ के मेरा लंड तुम्हारी चूत में घुसेगा तो. उसकी उत्तेजना इतनी ज़्यादा थी के वो बोली जो भी होना है होने दो बस जल्दी करो अब मैं और बर्दाश्त नही कर सकती. मैने थोड़ी जेल्ली और हमारे संगम स्थल पर लगाई और फिर मरियम की दोनो जांघों को दबा कर एक ज़ोरदार झटका मारा. तनवी ने अपने मुँह में मरियम की चीख दबा दी वरना जाने कहाँ तक वो सुनाई देती. मरियम की आँखें पलट गयी और वो ज़ोर से छटपटाने की नाकाम कोशिश करने लगी. तनवी ने उसे जकड़ा हुआ था और मरियम कुच्छ नही कर पाई. उसकी कुमारी झिल्ली मेरे लंड की चोट से फॅट चुकी थी और उसमे से बहता खून नीचे पड़े टवल को लाल कर रहा था. उसकी टाँगें ज़ोर से कांप रही थीं. मैने 2 मिनट रुक कर अपने लंड को धीरे धीरे उसकी चूत में थोड़ा सा अंदर बाहर करने लगा. उधर तनवी उसकी चूचियों को चाट और चूस रही थी और साथ ही अपने दोनो हाथों से भी सहला रही थी.
थोड़ी देर में ही मरियम का दर्द कम हो गया और वो चुदाई का मज़ा लेने लगी. जब उसने अपनी गांद हिलानी शुरू की तो मैने अपने लंड को पूरा अंदर करने की कोशिश शुरू कर दी और 10-15 धक्कों में ही मेरा लंड पूरा उसकी चूत में समाने लगा और उसकी बcचेदानि से टकराने लगा और उसकी उत्तेजना में वृद्धि होने लगी, जिसके फलस्वरूप मरियम की आहें फिर से शुरू हो गयी. वो अब नीचे से पूरा ज़ोर लगा कर अपनी गांद उठाती थी और मेरे लंड को उसकी चूत पूरा लील जाती थी. वो फिर बोलने लगी के हाए रे मैं तो पहले के मज़े में ही पागल हो रही थी पर यह चूत में लंड के आने जाने ने तो मुझे मार ही देना है. मुझे समझ ही नही आ रही के मेरे साथ क्या हो रहा है. मैं हवा में तार रही हूँ या फिर आसमान में डूब रही हूँ मुझे पता नही चल रहा. यह कैसा झूला है जो मुझे पता नही कैसे हिलोरे दे रहा है. दोस्त मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदो, मेरी चूत की चटनी बना दो अपने मूसल से. फाड़ दो इसको साली बहुत खुजली होती है इसमे. सारी खुजली मिटा दो इसकी. ज़ोर से करो. पीस दो मुझे और मेरी चूत को. हाआआाआआइईईईई माआआआऐं गइईईईईई, तनवी डीईईईईईईईईई मुऊऊउुझीईईईई पकड़ लूऊऊऊऊऊऊऊऊ. हआाआआइईई अम्मिईी
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई. और इसके साथ ही मरियम का जिस्म अकड़ गया और उसने अपनी गांद पूरी तरह से जितनी उठा सकती थी उठा दी और झाड़ गयी. मैने भी उसकी गांद को अपने हाथों में जाकड़ कर कस्के 8-10 करारे धक्के लगाए और मैं भी झाड़ गया.
क्रमशः......
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