RE: Indian Sex Kahani प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-4
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा चौथा पार्ट लेकर हाजिर हूँ अब आगे.............................
रश्मि: अपने मुँह का पेस्ट सॉफ करने आई थी….
राज: वो तो तुम किचन के बाहर लगे हुए बेसिन मे भी धो सकती थी….
अब रश्मि के पास कोई जवाब नही था……….उसने घबरा कर बोला…मेने सोचा कि बाथरूम मे धो लू…..
राज: चलो ठीक है…पर जब मेने तुम्हे साबुन लगाने को कहा तो तुम तैयार क्यो हो गयी……उस समय तुम्हारे मन ने क्यो नही रोका…तुम मेरी बहू थी….मेरे छ्होटे भाई की बीबी……………….
अब भी रश्मि के पास कोई जवाब नही दिया………अच्छा छोड़ो……..
जब मेने तुम्हारा किस किया,, तुम्हारे होंठो को चूसा….और याद है तुमने भी चूसा था……मेरे होंठ…पर वह क्या था……है तुम्हारे पास जवाब ….इस स्वाल का???? या फिर मे जाऊ सोने…..
थोड़ी देर रश्मि कुच्छ नही बोली….फिर उसने बोली…..जो कुच्छ भी हुआ इसके लिए सॉरी…मे बहक गयी थी…अब आगे ऐसा नही होगा……आप जाओ सोने….मे भी सोने जा रही हू…………………..
तुम बेशक सोने जाओ……मुझे भी कोई दिलचस्पी नही है तुममे……मे तो तुम्हे समझा रहा था…कि स्त्री और पुरुष के बीच सेक्स के रिस्ते होते रहते है ….चाहे रिस्ते कोई भी हो…..हमारा तुम्हारा रिस्ता हो सकता है…पर डिपेंड तुमपे है…अगर तुम तैयार हो तो ठीक है….और अगर नही ….तो फर्गेट इट…………
रश्मि कुच्छ नही बोली…………………………राज अपने कमरे मे चला आया…और फ्रेश होकर एक ग्लास दूध पिया और सो गया……………………………………………………….
दूसरी तरफ रश्मि की आँखो मे नींद नही थी…वो सोच रही थी कि क्या उसने जो किया …क्या वो सही है????? क्या वाकई सारी ग़लती राज की है….उसकी नही है…
चाहे जो हो मे एक स्त्री हू…मुझे अपने अस्मत बचानी चाहिए…….और फिर राज का क्या गुनाह है…..जिस समय दोनो थे उस समय कोई भी मर्द फिसल सकता है…आधी रात का टाइम, दोनो जवान, और उसपर रश्मि के साड़ी और उसके ब्लाउस के कट….उसके ब्लाउस से दोनो चुचिया आधी से ज़्यादा बाहर आ रही थी जो कि मर्दो को आवाहन कर रही थी कि आओ और पाकड़ो मुझे…….और फिर पेटिकोट की गाँठ उसकी नाभि से काफ़ी नीचे बाँध रखी थी…और उसपर उसकी हेवी गान्ड….किसी भी मनचले को पथ-भ्रस्त कर सकता है…….ये तो राज था जो कि अब तक अपने आप पर कंट्रोल रखे हुए था….अगर कोई और होता तो अब तक रश्मि चुद चुकी होती….यही सोचते हुए रश्मि ने फ़ैसला किया कि सुबह उठते ही उसने राज से माफी माँगेगी…………………..और फिर सोने का प्रयास करने लगी….
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सुबह करीब 5 बजे रश्मि का नींद टूटा…….दूधवाले ने कॉल वेल बजाई थी…रश्मि ने उठकर दूध लिया और फिर किचन मे चली गयी…..फिर उसने सोने चली गयी….तभी उसने अपना मोबाइल चेक किया…दो मेसेज आए हुए थे…एक राज का था और दूसरा उसके हज़्बेंड राजेश का…..राज ने सिर्फ़ इतना कहा: सॉरी फॉर इन दा नाइट…..आंड राजेश ने सॉरी टू नोट अटेंडिंग इवेंट्स.
मेसेज पढ़कर वो मुस्कुरा दी..और फिर किचन मे चाय बनाने चली गयी….अब उसने सोने का विचार छोड़ कर 2 कप चाय बनाने के बाद वो राज के रूम मे आ गयी…..राज सिर्फ़ एक नेकार पहने हुए था उपर से नग्न…पहले तो रश्मि ने उसके पूरे शरीर का मुआईना किया फिर चाय का ट्रे टेबल पर रख दिया और उसे जगाने लगी…तभी वो रुक गयी…क्योंकि उसकी नज़र उसके लंड पर चली गयी….लंड पूरा का पूरा नेकेर से बाहर था…..काला और मोटा….ऐसे लग रहा था कि कोई साउत अफ्रीका के हबसी का लंड हो…..उसके लंड को देखकर रश्मि स्तब्ध रह गयी……वो अनुमान लगाने लगी कि उसका लंड कितना बड़ा होगा……राज बिल्कुल सो रहा था…क्योकि उसके खर्राटे की आवाज़ आ रही थी…….सो रश्मि पूरा का पूरा सुनिस्चित कर ली थी कि राज सो रहा है……………उसने अपने हाथो की उंगली से उसके लंड के सुपाडे को टच किया….लंड की कोमलता का एहसास रश्मि को हुआ…उसे बहुत अच्छा लगा…….दूसरी तरफ शायद राज को भी अच्छा लगा….अब वो पीठ के बल सो रहा था…जिससे उसका लंड छत की ओर हो गया…..लंड ऐसे था मानो कोई गन्ने का पेड़ हो…………………………रश्मि को उसके लंड पर प्यार आ रहा था…..पर वो क्या करे….अगर जगाएगी तो वो अपनी ही नज़र से गिर जाएगी…और फिर राज क्या सोचेगा…..सोचेगा: रात को तो बहुत बड़ी बड़ी बाते कर रही थी…और अब क्या हो गया….सो वो वही बैठ कर उसके पूरे शरीर को देख रही थी…..लंड पर बाल नही थे…..ऐसा लगता था कि राज ने हायर रिमूवर से बाल सॉफ किए थ…..एक दम चिकना…..रश्मि ने झुकर लंड के अग्र भाग को एक बार और टच किया….उसे अच्छा लग रहा था….आज पहली बार जेठ जी के लंड को इतनी नज़दीक से देख रही थी…….अब वो कह रही थी कि इसकी सुगंध कैसी है…..ब्रीफ मे तो काफ़ी अच्छी सुगंध थी…..वो झुक कर उसके लंड के इर्द-गिर्द की सुगंध लेने लगी..तभी रश्मि का गाल लंड से टकरा गया…….राज को एक एरॅक्ट हुआ और फिर नॉर्मल हो गया……रश्मि घबरा गयी…उसे लगा कही ये उठ ना जाए…पर जब राज नॉर्मल हो गया तो उसने पुनः ट्राइ किया….और सावधानी से सूंघने लगी…..लंड की स्मेल काफ़ी अच्छी थी…वो मदहोश हो गयी…..अब वो लंड के अग्र भाग को अपने लिप्स से चूसना चाहती थी…उसने झुक कर उसके अग्र भाग पर एक किस दे दी…इसबार भी राज थोड़ा हिला….और फिर वैसे ही..हो गया….उसे ऐसा लग रहा था कि कोई सपना देख रहा है और रश्मि स्प्ने मे ही उसके लंड को किस कर रही है……………………इस बार रश्मि ने तय कर लिया कि वो सुपाडे को चुसेगी चाहे जो भी हो…..वैसे वो कई बार राजेश के लंड को चूस चुकी थी……पर ये तो राजेशसे भी बड़ा लंड था…………………..और फिर वो झुक कर लंड के सुपाडे को अपने मुँह मे लेने का प्रयास करने लगी…लंड पूरा उसके मुँह मे आ गया और फिर उसे चूसने लगी…उसने अपनी आँखे बंद कर ली और चूसने लगी….दूसरी तरफ राज भी हिल डुल रहा था….कि तभी रश्मि के दाँत लंड पर लग गये…..राज हड़बड़कर उठ गया…रश्मि भी घबरा गयी…और उसने लंड छोड़ दिया और वन्हा से उठ गयी………………….वो भाग जाना चाहती थी….कि राज ने उसका हाथ पकड़ लिया………………………………………………………………………
राज: मेडम….ये क्या हो रहा है…..???
रश्मि: कुच्छ नही……मे तो ऐसे ही
राज: ऐसे ही क्या??? रात मे तो बड़ी बड़ी बाते कर रही थी…अब क्या हुआ…कहाँ गया तुम्हारा जमीर…..अपने पति की पति-ब्रता स्त्री…..बोलो…
रश्मि: सॉरी………
राज ने उसका हाथ छोड़ दिया……
राज: कोई बात नही………ये तो तुम्हारे शरीर की ज़रूरते है…समझो और जो होता है उसे कबूल करो………मे कोई ज़बरदस्ती नही करता…पर तुम कहोगी को तुम्हारा इन्विटेशन ज़रूर स्वीकरूँगा…..
रश्मि: जी मे रात के लिए माफी माँगना चाहती थी….सॉरी…मुझे ऐसा नही करना चाहिए था………शायद आप ठीक है……
राज: नही…ना मे ठीक हू और ना ही तुम ग़लत हो…दोनो अपनी जगह ठीक है……पर कुच्छ ऐसे रिस्ते होते है जिनका कोई नाम नही होता….वो सिर्फ़ दिल के रिस्ते होते है…शरीर के रिस्ते होते है…..लंड और चूत के रिस्ते होते है….पहली बार राज ने रश्मि के आगे लंड और चूत का नाम लिया…..
रश्मि शर्मा गयी…उसके चेहरे पर लाली पड़ गयी…उसने दीवार की तरफ अपना मुँह कर लिया….राज उसके पास चला गया…और उसके बालो को सहलाते हुआ कहा……….तुम्हे खराब तो नही लगा…..रश्मि ने अपनी आँखे बंद कर ली और बोली कुच्छ नही…सिर्फ़ ना मे सिर हिला दिया………………राज ने झुक कर उसके गालो पर एक पप्पी ले ली और उससे सॅट गया…….रश्मि को करेंट सा लगा…क्योकि राज का लंड उसकी गांद मे टच कर रहा था…..उसने अपने हाथ को ले जाकर उसके लंड को अपनी गांद से हटा दिया…………….राज ने उसे अपनी बाँहो मे दबोच लिया और उसकी एक चुचि को अपने हाथो मे लेकर दबाने लगा…रश्मि गरम हो गयी….जिसकी वजह से उसकी चुचिया काफ़ी बड़ी बड़ी हो गयी….निपल तन गयी….रश्मि इस समय एक गाउन पहने हुए थी…जो कि आगे से खुलती थे…राज ने चैन खोल दी और उसकी चुचियो पर टूट पड़ा…रश्मि भी आज सब कुच्छ नौछवर करना चाहती थी…आज जो बाँध दोनो के बीच था वो गिरा देना चाहती थी…रश्मि आगे बढ़कर राज के होंठो को अपने होंठो मे लगा कर चूसने लगी…और अपना जीभ उसके मुँह मे पेल दी…राज को अच्छा लगने लगा…क्योकि आज रश्मि मुँह धो कर आई थी…राज रश्मि के पूरे शरीर को नाप रहा था…क्या चुचिया और गांद थी…एक दम मस्त…..दोनो के बीच कोई डाइलॉग नही हो रहा था…क्योकि दोनो की आँखे बंद थी…दोनो एक दूसरे को रब कर रहे थे…और चूस, किस कर रहे थे…..करीब 10 मीं तक ऐसा हो ता रहा तभी रश्मि का पास पड़े चाय के कप पर ध्यान आया और बोल पड़ी :
रश्मि: अरे चाय लाई थी…मे भूल गयी…. एक दम ठंडी हो गयी होगी
राज: उसकी बातो को सुने वगैर उसके शरीर को किस और चूम रहा था….वो पहले से नंगा तो था ही…..अब उसके शरीर पर नेकेर भी नही था….बिल्कुल नंगा…
रश्मि अपना गाउन खोल चुकी थी…अब सिर्फ़ ब्रा और पॅंटी मे थी…..और खड़े खड़े ही राज को चुस्वा रही थी…..जैसे ही राज ने ब्रा का हुक खोला…तभी दरवाजे पर कॉल वेल बज गयी….रश्मि घबरा गयी….और राज बौखला गया…ये ऐसा वक़्त था जब दोनो अपनी चरम सीमा पर थे….रश्मि ने उसके कमरे से भाग कर अपने आपको ठीक किया …पास पड़े दर्पण मे देखा और ठीक होकर दरवाजा खोला……………………………………………………………………….
दरवाजा खोलते ही देखा कि कमला आ गयी थी….
रश्मि: गुड मॉर्निंग दीदी/…
कमला: अरे वाह…आज तो जल्दी उठ गयी और नहा भी ली
रश्मि: जी…..
कमला: और साहिब ऑफीस गये?
रश्मि: वो सो रहे है…चाय देने गयी थी पर वो सो रहे थे…चाय यू ठंडी हो गयी……..दुबारा लाती हू…अंदर आइए
कमला: अंदर आई और अपने बेडरूम मे चली गयी…बेड पर राज नही था…वो बोली…कहाँ हो….अंदर से आवाज़ आई…..बाथरूम मे ….मुँह मे ब्रश होने का एहसास हो रहा था………
कमला: सीधे किचन मे चली गयी….जहाँ रश्मि चाय और चीनी डाल रही थी…
मेरे लिए मत बनाना…मेरा पेट ठीक नही है….गुड…गुड कर रहा है…..फ्रेश होना है……………….
रश्मि: मेरे बाथरूम मे चली जाओ..और फ्रेश हो लो….कमला चली गयी…
रश्मि ने राहत की सास ली…………….सुक्र है…सिचुयेशन ईज़ अंडर कंट्रोल……नही तो पता नही क्या हो जाता…………………….रश्मि ने सब कुच्छ जानते हुए दिल के हाथो मजबूर होकर राज के साथ ये रिस्ता बनाया…पर अधूरा……………….
खाया पिया कुच्छ नही…………….गिलास तोड़ा 12 आना…………………वाली कहावत हो गयी………………रश्मि शर्मा गयी और मुस्कुरा दी…..
तभी राजेश भी आ गया…………….आते ही रश्मि को कहा….डार्लिंग मेरे लिए भी एक चाय………………………………
रश्मि: अब आए हो….पता है डॉक्टर. नेहा कितना गुस्सा कर रही थी……तुम कैसे आदमी हो..और फिर सेल फोन ऑफ क्यो किए हुए था….आते ही बहुत सारे सवाल पुच्छ दिए
राजेश: अरे बाप रे…..डार्लिंग आहिस्ते….तुम्हारा पति मारा मारा घर आया है उसकी ख़ैरियत पुच्छनी चाहिए….चाय, नाश्ता पुच्छना चाहिए…ये इतने सारे सवाल…???
रश्मि: बिना बताए गायब रहोगे तो ये ही होगा……लो चाय पी लो…और हा अभी बेडरूम मे मत जाना…दीदी नहा रही है………………………
राजेश: फ्रेश होना था या……भैया कहाँ है…
रश्मि: वो भी फ्रेश हो रहे है…
राजेश: यानी दोनो बाथरूम एंगेज….?
रश्मि: जी…फिलहाल तुम चाय पिओ और ये लो अख़बार……………..पढ़ो…मे चली…मुझे कल के लिए असाइनमेंट तैयार करनी है
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