RE: Hindi Sex Story बदले की आग
बदले की आग (भाग - (12)
आज मेरा बाद'ला काफ़ी हद तक पूरा हो गया था . मैं कामिनी की चाची रागिनी को उस'की दोनों बेटियों मधु और रूचि के साम'ने चोद चुका था. साथ ही उस'की बेटियों को भी उन'की मा के साम'ने चोद चुका था. परंतु अभी असली गुनाह'गार, कौशल बाकी था. मैने तीनों को घर से चलता किया और दूसरे दिन ठीक सुबह 10 बजे घर आ जाने का उन तीनों को कह दिया. तीनों आप'नी चुदी हुई चूत लेके वापस चली गई. मैं आप'ने काम में जुट गया.
मैने उन दोनों दोस्तों को फोन किया जिन'को मैने इस काम के लिए पह'ले ही तैयार कर रखा था. उन्हें सारा प्लान सम'झा दिया. मेरे दोस्त मेरे प्लान से बहुत खुश थे और वे जैसे मैं चाह'ता था उसे कर'ने के लिए पुर तैयार थे. होते भी क्यों ना उन्हें तो एक मस्त मा आप'नी दो जवान बेटियों के साथ चोद'ने के लिए मुफ़्त में मिल रही थी. कामिनी को उस'की मौसी के घर से वापस आने में अभी भी 6 दिन और बाकी थे और इन 6 दिनों में मैं घर में खुल के उस'के चाचा के पुर परिवार से मान चाहा बदला ले सकता था.
दूसरे दिन सुबह ठीक 10 बजे रागिनिजी आप'नी दोनों बेटियों के साथ मेरे घर पाहूंछ गई. मैने उन्हें लेके बैठक में आ गया. मैं जाके सोफे पे बैठ गया और तीनों को पूरी नंगी हो जाने के लिए कहा. साथ ही उन्हें हिदायत दे दी की यदि फिल्म वापस लेनी है तो बिना सवाल जबाब किए जैसे मैं कहूँ वैसे ही कर'ती जाएँ. तीनों उठी और आप'ने कप'रे एक एक कर'के खोल'ना शुरू किया. कुच्छ ही देर में तीनों मेरे साम'ने मोतेर्जात नंगी थी.
मैने मधु को आप'ने पास बुलाया वह अपनी मेरे पास आई. मैने उसे अपनी गोद मैं बिताया और उस'की चूचियाँ से खेल'ने लगा जब'की उस'की मा और बहन दोनों हमें देख रही थी. मैने रूचि से कहा की,
रूचि चलो हमें कॉफी बना के पिलाओ वह अपनी जगह से उठि और रसोई मैं चली गयी. जब'की मैं मधु के स्तन की अब छूसा कर रहा था. वह सिसक रही थी. चाची सोफे मैं बैठी हुई हमें देख रही थी. मैने मधु के टाँगें खोली और उस'की चूत पर हाथ फेर'ने लगा अब चाची अपनी जगह से उठि और हमारी टाँगों के पास आ गयी. मेरी अंगुल को अपनी छोटि बेटि की चूत में जाता देख रही थी. चाची को गरम होने मैं एक पल भी नहीं लगा वह फॉरन अपनी चूत को अंगुल कर'ने लगी. जब'की मधु मज़े मैं सिसक रही थी. मैने मधु की टाँगों को और खोला और चाची से कहा की,
चलो रन्डी आओ मेरे लौऱे को और साथ ही आप'नी बेटी की चूत को चूसो. वह तो जैसे इसी के लिए बैठी थी. मेरे कहा'ने की देर थी की वह फॉरन ही हमारी टाँगों मैं चली आई और मेरा लंड जो की मधु की चूत पर था, उसे हाथों मैं ले कर छूसा चालू कर दी. साथ ही वह अपनी ज़ुबान मधु की चूत पर भी चला रही थी. जिस के कारण मधु मज़े मैं आ गयी और मैं भी.
चाची क्या लौऱे को चूस'ती हो और चूसो. अहः... मधु देख अपनी रन्डी मा को कैसे छूसा कर रही है.. उ.... ओह और मधु नीचे अपनी मा को मेरे लौऱे की छूसा कर'ते हुए देखती रही. मैं बहुत ही मज़े मैं आ गया था. जिस के कारण मैं उसे रन्डी और कुट्टिया के नामों से पुकार रहा था. जब'की उस'की छोटि बेटी मेरी गोद मैं थी. फिर मैने मधु से कहा की,
अपनी मा के मूँ'ह को अपनी चूत पर रखो तुम्हें भी अपनी रन्डी मा की जीभ का मज़ा मिले. मधु'ने अपनी मा को सिर के बालों से पकऱ कर अपनी चूत पर उस'का मूँ'ह दबाना शुरू कर दिया. जैसे ही उस'की मा की जीभ उस'की चूत में गयी. उस'ने सिस'कारी ली..
माआ. और चूसो. विशाल अब तुम देखो मेरी मा मेरी चूत चाट रही है और उसी दौरान रूचि कॉफी की ट्रे ले कर बैठक मैं आई जब उस'ने अपनी मा को मधु की चूत चूस'ते हुए देखा तो उस'ने ट्रे तबले पर रख दी. हमें देख'ने लगी. मैने रूचि को भी ग़मे मैं शामिल किया. उसे आप'ने पास बुलाया और उसे कहा की,
चलो तुम मेरी रागिनी रानी की चूत को खूब चूसो और वह वहीं पे बैठ गयी. अपनी मा की चूत को चूस'ना चालू किया जिस'से उस'ने मधु की चूत से मूँ'ह हटाय और एक ज़ोर दार कामुक सिस'कारी डियी.
रूचि. उ.... ओह और फिर आप'ने काम मैं लग गयी. मैं तीनो को देख रहा था. मेरा लंड पूरा ताना हुआ था. कुच्छ 5 मिनिट के बाद ही दर'वाजा खुला और मेरे दोस्त कौशल को पाक'रे हुए अंदर आ गये. उसे कुत्ते की तरह घसीट'ते हुए बैठक मैं ला रहे थे. एक दोस्त ने उस'को घसीट'ते हुए उस'से कहा,
चल बे सेयेल यहाँ तक तो आ गया है अब चाँद कदमों के फ़ासले पर तेरा बाप तेरा इंत'ज़ार कर रहा है.
लेकिन यह तो विशाल का घर है. तुम मुझे पकऱ के यहाँ क्यों लाए हो.
चल बे सेयेल बहुत बोलता है. मुझे मेरे दोस्तों की आवाज़ आई और साथ ही एक'ने उसे इतनी ज़ोर का धक्का दिया की सीधा बैठक मैं आ के गिरा जबकि चाची और मधु और रूचि'ने आवाज़ें सुन'ते ही एक दूसरे को छोऱ के दर'वाजे पर नज़रें की हुई थी.. जैसे ही कौशल बैठक मैं गिरा तीनों'ने एक दूसरे को देखा फिर मुझे और फिर उन'की नज़रें कौशल पर गयी. अब चारो एक दूसरे को देख रहे थे. जब'की मेरे दोस्त दरवाज़े मैं खऱे उन्हें देख रहे थे. तब एक झट्के से कौशल अपनी जगह से उठा और उसे अब भी अपनी आँखों पर ऐट'बार नहीं आ रहा था. उस'की मा और बऱी बहन मेरे कदमों मैं नंगी बैठी थी और छोटि बहन मेरी गोदीई मैं बैठी थी. फिर उस'ने मुझे देखा, जब वह झट'का से बाहर निकला.
तो वह गुस्से मैं मेरी तरफ बढ लेकिन मुझ तक पाहूंछ'ने से पहले ही मेरे दोस्तों'ने उसे काबू कर लिया था. जब वह मेरी तरफ बढ तो मधु मेरी गोद से उतार कर भाग जाना चाह'ती थी. मैने उसे पकऱ के अपनी गोद मैं बिताया, वह फिर बैठ गयी. अब कौशल मुझे और अपनी मा और बहनों को गाली पे गाली दे रहा था.
साली रन्डियोन तुम तीनो यह क्या कर रही हो? मैं तुम सब को मार दूँगा. मेरे एक दोस्त'ने उसे पकऱ कर उस'के सारे कप'रे उतार दिए और उसे उसी'के कप'रों से सोफे पर बाँध दिया. वह अब नंगा बँधा था. हिल भी नहीं सक'ता था. मैने आप'ने दोस्तों को कहा की,
तुम ज़रा बाहर जाओ 5 मिनिट के लिए मैं ज़रा कौशल को ठंडा करूँ और दोनों बाहर चले गये. मैने कौशल से कहा,
क्यों बेटा क्या हाल हैं?
तुम मुझे क्यों पकऱ के लाए हो?
बताता हून. तेरी मा भी पुच्छ रही थी की मैने यह सब क्यों किया तो बेटा तुम'ने जो कामिनी के साथ किया था ना यह उस'का जवाब है. साले तुम उस'के भाई होके आप'नी रन्डी बहनों की मदद से उसे नींद की गोलियाँ खिलाके बार'बाद कर चुके हो.
क्या तुम्हें कैसे पता चला जो मैने कामिनी के साथ किया था. इस मैं मेरे घर वालों का क्या कसूर है.
बेटा बताता हून. फिर मैने उसे जो कुच्छ मैने उस दिन देखा और सुना था सब बता दिया. क्योंकि उस'के घर वालों ने भी किसी ना किसी तरह उस'का साथ दिया था इस'लिए यह भी मेरे बदले का निशाना बने. फिर कौशल'ने कहा की,
अब तुम क्या चाह'ते हो? मैने कहा की सबर करो तुम्हें सब पता चल जाएगा और मैने मधु को कहा की,
चलो भाई के पास जाओ और उस'के आन्डोन को हाथ मैं ले कर इतनी ज़ोर से दबाओ के मुझे उस'की दर्द भारी चीखें सुनाई दें. मधु कभी मुझे देख रही थी तो कभी मा और बहन को और कभी भाई को. मैने मधु से कहा की,
साली रन्डी की औलाद मैने तुम से क्या कहा है? चलो जल्दी करो वह दर'ते दर'ते कौशल के पास गयी.. कौशल उसे धाम'कियाँ दे रहा था की,
वह उसे मार देगा अगर उस'ने मेरा कहा माना तो पर मधु मेरी गुलाम हो चुकी थी. उस'ने आप'ने भाई के आन्डोन को हाथ मैं लिया और साथ ही हम सब को देखा और फिर उस'ने ज़ोर लगाया. जैसा जैसे वह ज़ोर लगा रही थी वैसे वैसे ही कौशल की चीखें निकल रही थी. फिर उस'ने उस'के आन्डोन को हाथों से छोऱ दिया. कौशल की आँखों मैं आँसू थे. वह दर्द के मारे चिल्ला रहा था. मैने मधु को वापिस अपनी गोद मैं बिता दिया. उस'के होठों को चूम लिया... फिर मैने कौशल से कहा की,
बेटा कैसा लग रहा है. तुम्हें ऐसा सबक दूँगा की तुम सारी ज़िंद'गी फिर किसी लऱ'की का बलात्कार नहीं कर सकोगे. मैने चाची से कहा की,
चलो रागिनी जानू मेरा लॉरा चूसो, तुम्हारा बैट भी तो देखे अपनी मा को छूसा कर'ते हुए. चल रन्डी बन जा फिर से वह मेरे लौऱे को हाथों मैं पाक'रा और फिर आप'ना मूँ'ह खोल के मेरा पूरा लंड ले लिया और किसी जन्म से भूखी औरत की तरह मेरा लंड चूस'ने लगी. मैने दोस्तों को आवाज़ दी. वह अंदर आए. मैने उन्हें कहा की,
तुम्हारा इनाम मधु और रूचि है, चलो मज़े करो. वह तो जैसे मेरे कह'ने का इंत'ज़ार कर रहे थे. दोनों ने कप'रे उतार'ने मैं एक पल भी नहीं लगाया. मैं तो आप को आप'ने दोस्तों के नाम बताना भूल गया. एक का नाम मुन्ना और दूसरे का नाम गजजू, तो गजजू और मुन्ना अब नंगे खऱे थे लेकिन जब हम सब की नज़रें मुन्ना के लौऱे पर गयी तो हम सब उस'के लंड को देख'ते ही रहे और मुझे अपना 9.5' ळौऱे को देख कर भी जलन हो रही थी. साले का आड़'मी का लंड था की वाक़ई घोरे का लंड, 10.5" से कम का नहीं होगा .
रूचि और मधु की नज़रें तो उस'के लौऱे से हट ही नहीं रही थी. जब'की मा के मूँ'ह में पानी आ गया था, इतना बऱ लंड देख के. गजजू के लौऱे का आकार भी अच्च्छा था. 9' का तो होगा ही पर मुन्ने का लंड ख़ौफ़'नाक था. मैने कहा की,
सेयेल नाम तो मुन्ना है और लंड घोरे का है. वह बोला,
क्या करूँ यार कभी कभी होता है ऐसे भी फिर दोनों रूचि और मधु की तरफ बढ़े गजजू'ने मधु को पाक'रा और मुन्ना'ने रूचि को और दोनों'ने उन्हें वहीं पे लिट दिया. मुन्ना'ने रूचि की चूत की छूसा करनी शुरू कर दी. जब'की गजजू'ने अपना लंड मधु के मूँ'ह में दे दिया.. कौशल अपनी बहनों को देख रहा था. खुद को आज़ाद कर'ने की कौशीष कर रहा था. चाची अब भी मेरे कदमों मैं बैठी थी. अपनी बेटियों को देख रही थी. जब'की रूचि अब सिसक रही थी. मुन्ना से कह रही थी..
खूब चूसो मेरी चूत. बहुत मज़ा आ रहा है. ओई और मधु किसी कुतिया की तरह गजजू के लौऱे को चूस रही थी. यह सब देख कर चाची भी गरम हो गयी. उस'ने मेरा लंड आप'ने मूँ'ह में ले लिया और छूसा चालू कर दी. साली अपनी बेटियों के मुक़ाबले मैं थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने चाची का सर आप'ने हाथों मैं लिया और आप'ने लौऱे को उस'के मूँ'ह में घुसेऱ'ने लगा अब मैं उस'के मूँ'ह को चोद रहा था. मैं आप'ने लौऱे को जितना हो सके उस'के मूँ'ह में दे रहा था. मैने मुन्ना को देखा उस'ने अब रूचि की चूत में अपनी जीभ डेडी. उसे अपनी जीभ से चोद रहा था. जब'की रूचि के मूँ'ह से कामुक सिस'कारी जारी थी. वह उसे और ज़ोर से कर'ने का कह रही थी. गजजू मधु के मूँ'ह में लंड दिया हुआ था. साथ ही उस'की चूत को अंगुल कर रहा था. मधु भी जोश मैं थी..
मैने चाची के मूँ'ह से लंड निकाला और उसे वहीं कुतिया की तरह होने को कहा और मैं उस'के पीच्चे आ गया. आप'ने लौऱे को उस'की चूत के होठों पर रख के एक ज़ोर का झट्क दिया. मेरा लंड आधे से अधिक उस'की चूत में चला गया. उस'ने एक ज़ोर की चीख मारी सब हमारी तरफ देख'ने लगे. जब'की गजजू बोला की,
यार क्या मा की चूत फाऱ के छोऱेग, साली को दर्द कर रहा है. मैं तो जोश मैं था. मैने एक और झट्क दिया. मेरा पूरा लंड उस'की चूत में घुस गया. उस'ने एक और चीख मारी अब मैं उस'की चूत धुंवा धार तरीके से चोद रहा था. अब वह सिसक रही थी. दर्द से नहीं यारो अब उसे मज़ा मिल रहा था. साथ ही उसे अपनी बेटियों को भी आक्षन मैं देख रही थी. जब'की अब गजजू'ने मधु के मूँ'ह से लंड निकाला और उसे 69 पोज़िशन मैं ले गया. अब वह एक दूसरे की छूसा कर रहे थे.
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