RE: Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा
सुबह 6:00 बजे दीपक के आँख खुली. नहाने के लिए बाथरूम गया फिर बिना बताए घर
से निकल गया .
दीपक चंपा की खोली के बाहर खड़ा था .धीरे से चंपा को आवाज़ दी .
चंपा धीरे से) अंदर आ जाइए साहेब जी
दीपक: चंपा मे तुम्हे बहुत परेशान कर रहा हू पर ये कुछ दिन के लिए ही है .
चंपा: साहेब जी ऐसा ना बोले आप . बड़े साहेब ने मेरी मरती मया को जीवन दान
दिया था .ओपरेशन के सारे पैसे उन्होने ही दिए थे .
दीपक: मुझे तुम्हारी मदद चाहिए . हमारे घर मे जो भी उस दिन गया था वो बड़ा
शातिर था बिना लॉक तोडे घर मे घुसा था.
दीपक: ऐसा काम तो कोई पुराना चोर ही कर सकता हे. पर मुझे नही पता के मे उस
तक केसे पहुचूँगा.
चंपा: साहब जी मे एक आदमी को जानती हू जो छोटी मोटी चोरी चाकरी करता है .
दीपक: कौन?
चंपा: जागया नाम है उसका दो बार छोटे जुर्म मे अंदर भी जा चुका है . पर आज
कल 6महीने से बाहर ही है . अभी थोड़ी देर मे आने वाला होगा यहा .
दीपक थोड़ी देर वही बैठा रहा 3 घंटे बाद . चंपा के दरवाज़े पर दस्तक हुई .
चंपा ने दरवाज़ा खोला जागया बाहर खड़ा था .
चंपा: अंदर आ. खींचते हुए अंदर ले आई.
जागया ने सामने खड़े दीपक को देखा उसको ऐसा लगा मानो पहले उसने उसे कही
देखा हो.
चंपा: ये हमारे दीपक साहेब है इनको तुझ से कुछ पूछना हे .सॉफ -2 जवाब दे
दियो समझा .
जागया:गले मे पड़े रुमाल को हिलाते हुए बोला कोई पोलीस वाला है क्या .
दीपक: नही मे पोलीस वाला नही हू . मुझे तुम से कुछ जानकारी चाहिए .
जागया: बावा अपुन से इच तुमको क्या माँगता है अपुन कोई गूवरमेंट थोड़ी ना
है जो तुम को आज़ादी दिलवा देगा .
चंपा: सीधा -2 जवाब दे ( गुस्से मे )
जागया: पूछो
दीपक: क्या तुम किसी ऐसे आदमी को जानते हो जो सेक्यूरिटी सिस्टम का लॉक
बिना अलार्म बजे खोल देता हो.
जागया : बावा ये तो अपुन के बाए हाथ का खेल है .आज कल तो छोटा बच्चा भी ऐसे
ताले को चुटकी मे खोल दे.पर तुम अपुन से ये सब क्यू पूछ रहा है क्या कही
चोरी करवानी है?
चंपा: अरे ये अपने बगीचे के पीछे वाले बंगलोव वाले बड़े साहेब के बेटे है
जिनका कुछ दिन पहले किसे ने कतल कर दिया था .
जागया के ये बात सुन के पसीने छूटने लगे उसका खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा
था .
चंपा: ये सिर्फ़ तुझ से ये जान ना चाहते है के तूने कुछ सुना क्या पिछले
दीनो किसी ने ऐसा काम किया हो.
दो मिनट के लिए जागया के होश ही उड़ गये थे .
जागया: साहेब मैं तो छोटा मोटा चोर हू मे कहा इन खूनियो के बारे मे बता
पाउन्गा .
दीपक: अछा ठीक है पर अगर कुछ पता चले तो ज़रूर बताना.
जागया: जी साहेब ज़रूर बता दूँगा .चंपा मे चलता हू मुझ कुछ काम है .
जागया खोली से बाहर को हुआ . कुछ सेकेंड बाद ही ज़ोर की आवाज़ आई जैसे किसे
ने गोली चलाई हो . दीपक और चंपा दोनो खोली से बाहर आए ....
जैसे ही दोनो बाहर आए खोली से थोड़ी ही दूर जागया नीचे गिरा पड़ा था. दीपक
थोड़ा आगे को हुआ . एक गोली और चली पर दीपक के हाथ को छू कर निकल गयी.
दीपक: (ज़ोर से बोला) चंपा अंदर जाओ.
दीपक भी घबरा गया था .चंपा भागती हुई अंदर खोली मे गयी . दीपक ने सामने जीप
मे बैठे दो लोगो को दूर से देखा पर उसे उनकी शक्ल नही दिख पाई .
दीपक वाहा से भागा उसको पता था के ये लोग पोलीस से ज़यादा चालक है .उसको
मारने की कौशिश फिर करेंगे . करीब आधा घंटा दीपक उन गलियो मे घूमता रहा वो
जीप भी इधर उधर घूम रही थी.
अचानक से दीपक मेन रोड पर जीप को थोड़ी दूर खड़ा देखा दीपक ने इरादा पक्का
किया के इनको आज पकड़ के रहेगा वो गलियो से होता हुआ जीप के पास पहुचा जीप
बिल्कुल सामने खड़ी थी .जीप के काले शीशे उपर चढ़े हुए थे अंदर बैठे लोग
नज़र नही आ रहे थे .
दीपक आराम से आगे बड़ा तभी जीप मे बैठे आदमी ने दीपक को देखा और से बोला
"भगा गाड़ी" इंजन स्टार्ट हुआ जीप आगे बड़ी दीपक ज़ोर से भागा गाड़ी का
शीशा हल्का सा नीचे हुआ.
हल्का सा गाड़ी का सीसा नीचे हुआ दीपक गाड़ी के नज़दीक आ गया था के तभी
शीशे से बाहर हाथ आया जिसमे बंदूक थी दीपक नीचे ज़मीन पर झुका गोली चली
ठाआआआ दीपक का हाथ पहले ज़ख्मी हो चुका लॅकिन फिर भी वो हिमत करके खड़ा हुआ
जब तक गाड़ी थोड़ा आगे जा चुकी थी दीपक ने पास मे पड़ा पत्थर उठाया और लगा
दिया निशान गाड़ी पर .
गाडी काफ़ी आगे चली गयी थी पत्थर गाड़ी के पिछले शीशे पर लगा और कुछ ही देर
मे गाड़ी आँखों से ओझल हो चुकी थी .इस बार दीपक को ही नही बल्कि उन कातीलो
को भी डर लगा था कही वो पकड़े ना जाए .
दीपक चंपा के घर की तरफ हुआ . चंपा जागया की लाश के पास ही बैठी थी और
ज़ोर-2 से रो रही थी .दीपक ने पीछे से जाकर चंपा के कंधे पर हाथ रखा .
चंपा: साहेब ये जागया ने ही आपके घर का ताला तोड़ा था (रोते हुए बोली) .
दीपक: क्याआअ?
चंपा: (रोते हुए) हां साहेब जब आप यहा से गये तो वो गाड़ी भी चली गयी मैं
धीरे से इसके पास आई तो ये बेहोश था और इसके सीने से खून निकल रहा था मेने
इसका नाम लिया तो इसने आँखें खोली .
जागया: चॅम....पा चंपा .
चंपा: (बदहवासी मे) हां जागया .
जागया: चंपा मेने ही दीपक साहेब के घर का ताला खोला था .
चंपा: क्या .... वो लोग कौन थे जिसने तुझ पर गोली चलाई
जागया ने अपनी 3 उंगलिया उपर उठाई और बस यही बोल सका कि " वो ...वो तीन लोग
है " इतना कहते ही जागया की साँसे बंद हो चुकी थी ..
आसपास्स मे लोगो का झुंड इकठ्ठा हो चुका था किसी ने पोलीस को फोन कर दिया
था .
पोलीस की जीप का साइरन सुनते ही .
दीपक: चंपा अब मुझे जाना होगा .. पर तुम पोलीस को ये मत बोलना के मैं यहा
था और जागया ने तुम्हे कुछ भी नही बताया .
चंपा ने हां मे सिर हिलाया .
दीपक भागता हुआ काफ़ी दूर तक आ चुका था जहा उसे पोलीस से कोई ख़तरा नही था .
दुपहर के 4बज रहे थे और उसे भूक लगी थी .
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