RE: Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा
दीपक चंपा की खोली मे घुसा चंपा खोली के कोने मे बैठी खाना बनाने की तैयारी
कर रही थी ..चंपा दीपक को देख कर खड़ी हुई.
दीपक: घर गयी थी.
चंपा: हां साहेब अभी थोड़ी देर पहले ही आई हू .
दीपक: मा कैसी है .
चंपा: साहब मा जी अब पहले से ठीक है खाना भी टाइम से खा रही है.
दीपक: (ये सुन के दीपक को रिलीफ हुआ) चंपा दुबारा पोलीस तो नही आई थी.
चंपा: आज तो नही पर शाम को दो हवलदार आए थे कुछ सवाल किए और चले गये.
दीपक: तुमने मेरे बारे मे तो..
चंपा: नही साहेब अगर आपके बारे मे कुछ बोलू तो ज़बान कट जाए मेरी .
चंपा: साहेब मुझे बहुत दुख है कि जागया भी उनलोगो के साथ मिला हुआ था .
दीपक: चंपा तुम जागया के कोई करीबी दोस्त को जानती हो जो हर वक्त उसके साथ
रहता हो.
चंपा: साहेब यहा तो वो अकेला आता था पर एक लड़का है जिसका नाम वो बार-2
लेता था .
दीपक: कौन ?
चंपा: मदन .
दीपक: ह्म्म. तुम कुछ जानती हो इस मदन के बारे मे.
चंपा: साहेब ज़यादा तो नही पर यही इन गलियो मे जागया के साथ घूमते हुए देखा
है उसी ने मुझे बताया था के ये मदन है
दीपक: चंपा अब मुझे जाना है अगर तुम्हे मदन के बारे मे कुछ भी चले मुझे
ज़रूर बताना .
चंपा: जी साहेब .
दीपक चंपा की खोली से बाहर हुआ थोड़ा आगे बढ़ा मेन रोड पर दीपक कोने से जा
रहा था उसे ऐसा लगा मानो कोई उसका पीछा कर रहा है.
होटेल के रूम मे घुसा बाथरूम का दरवाज़ा खोला बाथरूम की खिड़की से नीचे
मैनरोड पर नज़र मारी दीपक ने बड़े ध्यान से नीचे खड़े एक एक इंसान पर नज़र
डाली .
बाथरूम से बाहर आया होटेल के रिसेप्षन पे फोन करके लंच का ऑर्डर दिया .
लंच ख़तम किया घड़ी पर नज़र डाली शाम के 5:00 बज चुके थे . फिर बाथरूम मे
घुसा खिड़की से नीचे नज़र मारी एक आदमी काली कमीज़ पहने काला चश्मा लगाए
अभी भी वही खड़ा था . दीपक ने सोचा ये आदमी 2घंटे से खड़ा हे पर गया नही
उसे लगा के कुछ तो गड़बड़ है.
रात की 9:00 बज चुके थे और आदमी वही खड़ा था
दीपक ने फिर से नीचे देखा वो अभी भी वही खड़ा था. दीपक ने सोचा अगर वो इस
आदमी को पकड़ ले तो शायद उसे कुछ पता चल सकता है
दीपक को ये तो पता था के ये पोलीस वाला नही है अगर ये पोलीस वाला होता तो
अब तक वो जैल मे होता
दीपक होटेल की पीछे वाली सीडियो से नीचे उतरा पीछे की गली से छिपते हुए आगे
को आया पर उसने दीवार के आड़ ली हुए थी ताकि वो उसे देख ना सके
सामने खड़े आदमी ने जेब से सिग्ग्रेट निकाली और पीने लगा .दीपक ने ध्यान से
उसकी पूरी जाँच की कही उसके पास कोई हथियार तो नही
वो आदमी पिशाब करने के लिए होटेल के पीछे आया जहा दीपक छुपा हुआ था .दीवार
पे पिशाब करने के बाद जैसे ही वो आदमी मुड़ा दीपक को सामने खड़ा देख कर
घबरा गया
दीपक ने अपने हाथ मे पहले ही पत्थर लिया था.दीपक ने पूछा कौन है तू वो आदमी
भागने लगा पर दीपक उसे आज कही भागने नही दे सकता था ज़ोर से पत्थर उसके
सिर पे मारा .वो आदमी नीचे गिरा दीपक उसके पास गया और ज़ोर से पेट मे लात
मारी बोला बता कौन है तू.
उस आदमी ने दीपक की लात पकड़ी और उसे गिरा दिया
जैसे ही दीपक नीचे गिरा वो आदमी भागने के लिए खड़ा हुआ दीपक ने पीछे उसकी
गर्देन पकड़ ली और गला दबाने लगा उस आदमी ने अपनी जेब से कुछ निकाला और
दीपक के आँखों मे स्प्रे कर दिया दीपक की आँखों मे जलन हुई और वो चीखने लगा
.
उस आदमी ने इस का फ़ायदा उठाया और दीपक को ज़ोर से धक्का दिया दीपक नीचे
ज़मीन पर गिरा जब तक हल्की सी आँखें खुलती सामने कोई नही था वो भागने मे
कामयाब हो चुका था.
दीपक जल्दी से अपने कमरे मे गया अपनी आँखें सॉफ की पर अभी तक उसको जलन हो
रही थी . होटेल के काउंटर पे आया पेमेंट की और रात मे ही होटल छ्चोड़ दिया
उसको पता था कि ये जो भी था उसे अब डर लग रहा होगा .
...
सुबह -2 राणे थाने पहुचा सामने टेबल पर 9एमेम पिस्टल के ओनर्स के रिपोर्ट
पड़ी थी राणे ने हवलदार को चाइ के लिए बोला ओर फाइल खोल के देखने लगा
.हवलदार 2 मिनट बाद चाइ ले कर आया .
राणे: बाबू राम तुम्हरे फॅमिली मे कोई ऐसा है जो तुम से जलता हो .
हवलदार: साहेब एक हो तो बताउ , मेरी बीवी इतने अछी है इतने प्यारी इतने
खूबसूरत ,इतनी न्यारी है..
राणे: बाबू राम हम समझ गये तुम जाओ .
हवलदार: जी साहेब.
राणे ने फोन उठाया और कमिशनर को फोन किया गुड मॉर्निंग सर इनस्पेक्टर राणे
स्पीकिंग सर.
कमिशनर: या राणे केसे हो .
राणे: सर एक दम फिट न्ड फाइन .
कमिशनर : पर मुझे नही लगता ,तुम्हारे इलाक़े मे 3 खून हो चुके हे पीछे 1
महीने मे कोई पकड़ा गया .
राणे: सर उसी केस के सिलसिले मे ही फोन किया है आपको ,कुछ क्लू मिले हैं पर
..
कमिशनर: पर क्या राणे आइ वॉंट रिज़ल्ट ,.
राणे: सर मुझे ये काम प्राइवेट लोगो से कराना पड़ेगा .
कमिशनर : ओके राणे जो करना है करो बट रिज़ल्ट जल्दी .
राणे ने फोन रखा दुबारा फोन उठाया और किसी को फोन करके पोलीस स्टेशन आने को
बोला .
.....
दीपक ने पिछली रात एक दूसरे होटल मे बिताई ,अब वो और ज़यादा चोकन्ना हो
चुका था हर किसी पर नज़र रखने लगा था .दीपक चंपा के घर की तरफ हुआ .
खोली के बाहर पहुचा दीपक अंदर जाने लगा चंपा नहा रही थी उसकी खोली मे ही एक
पर्दे के पीछे लेकिन परदा बड़ा बारीक था और चंपा का आध नंगा शरीर सॉफ देखा
जा सकता था ...
ये नज़ारा देखते ही दीपक खोली के बाहर आ गया उसको लगा के चंपा उसी की तरफ
देख रही थी .थोड़ी देर वही खड़ा रहा चंपा ने दीपक को अंदर बुलाया दीपक
थोड़ा झिझक रहा था
चंपा: साहेब आपने नाश्ता किया
दीपक: नही अभी नही किया
चंपा: मे बनाती हू आप बैईठये
दीपक को भूक तो बहुत तेज़ लगी थी 2 दिन पहले केदार अंकल के घर पे ही ठीक से
खाना खाया था. पिछली रात तो खाना ही नही खा पाया था
चंपा ने बेड के उपर नाश्ता रखा दीपक को इतने तेज़ भूक लगी थी के उसको स्वाद
का तो कुछ पता ही नही चला जल्दी से नाश्ता ख़तम करने के बाद दीपक ने हाथ
धोए
दीपक: चंपा मदन के बारे मे कुछ पता चला
चंपा: साहेब मेने कल यहा आस पास के लोगो को बोल दिया था जिसको भी उसके बारे
मे पता चलेगा वो मुझे बता देगा .
दीपक: आज घर गयी थी तुम
चंपा: आज मालकिन ने छुट्टी दी है आज घर पे कोई काम नही था इसलिए
चंपा ने अपने बालों से तोलिया खोला और वही कोने मे अपना बालों को सुखाने
लगी उसके हाथ से तोलिया छूटा और ज़मीन से तोलिया उठाने के लिए झुकी ....
चंपा जैसे ही झुकी उसने ब्रा नही पहना हुआ था दीपक की आँखों के सामने दोनो
गोलाइयाँ थी निपल्स सॉफ देखे जा सकते थे दीपक ने जल्दी से अपनी नज़र वाहा
से दूर की खड़ा हुआ और चंपा को बोला के वो शाम को भी आएगा कौशिश करना अगर
मदन का कुछ पता कर सको ये बोलता हुआ खोली से बाहर हो गया .
चंपा की खोली से थोड़ा दूर गया था के कोई छोटी सी गली से निकल कर आया और
दीपक को पकड़ लिया एक ने दीपक के हाथ उसकी कमर पर कर दिए दूसरे ने एक
ज़ोरर्र से घूँसा दीपक के मुँह पर मारा दीपक की आँखों के आगे अंधेरा हुआ वो
नीचे को गिरा .
दूसरा आदमी बड़े गुस्से मे बोला साले हरामजादे तेरे वजह से मेरा दोस्त मारा
गया ये बोलते ही उसने एक लात दीपक के पैट मे मेरीयी दीपक के मुँह से
घूटीघुतती आवाज़ निकली वो एक पल के लिए बेहोश हो चुका था वो दोनो उसको वही
छ्चोड़ कर वाहा से भागे .
5मिनट बाद दीपक केसे भी कर के खड़ा हुआ और मैन रोड पर पहुचा एक ऑटो को रोका
उसमे बैठा और अपने होटेल की तरफ चल दिया
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